लापरवाही दीदी की चुदाई कहानी – Didi Ki Chudai, Hindi Sex Story
लड़की शादी के बाद अपने बदन के प्रति लापरवाह हो जाती है विशेषकर मायके में । क्योकिं शादी के बाद उसका लाज शर्म संकोच सब खत्म हो जाता है । क्योकिं वह पति साथ नंगी सोकर कई बार चुदवा ली रहती है और पति के साथ नंगी ही सोती है तो बिना कपड़ों के बिल्कुल नंगी सोने की उसकी आदत सी हो जाती है और बिल्कुल नंगी सोने में वह आरामदेह और सहज महसूस करने लगती है ।
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फिर मायके में किस बात का डर और किस बात की शर्म । इसलिए शादी के बाद मायके में वह पूरी नंगी तो नहीं सोती है लेकिन वह मायके में पूरी तरह लापरवाह होकर सोती है । क्या होगा अधिक से अधिक स्तन और योनि ही दिख जाएगी। यही ना , तो मायके में कौन ऐसा है कि उसपर चढ़ जाएगा । इसलिए वह हर तरह से डर भय से मुक्त बेपरवाह होकर सोती है और अगर भाई ने बहन को नंगी देख ही लेगा के क्या कर लेगा ? कुछ नहीं । यह वह भी जानती है ।
शादी के बाद सभी लड़कियां जब पति के साथ हनीमुन मना लेती है तो उसका लाज शर्म संकोच सब खत्म हो जाता है और वह अपने यौन अंगों के प्रति एकदम लापरवाह हो जाती है । विशेष कर मायके में ।
मेरी मौसी की लड़की मेरी सबसे घनिष्ठ सहेली है । हम लोग सैक्स से लेकर हर तरह की बात खुल कर करते हैं । जब वो शादी होकर ससुराल गयी और जीजाजी के साथ तीन महिने हनीमुन मनाकर आयी । मैं उससे मिलने मौसी के घर गयी । पूरे महिने भर के लिए मैं मौसी के घर आयी थी । बहुत मिलने का मन था ।शादी और हनीमुन के बाद पहली बार मिल रही थी तो पूरी तरह अच्छे से मिलना था शादी से लेकर हनीमुन तक सब बात करनी थी । रात मैं और मौसी की लड़की एक साथ ही सोती थी और उस कमरे में केवल हम दोनों सोते थे । इसके साथ एटेजड बाथरूम भी था l रात को हम दोनों लेट लेट कर बातें करने लगे । जीजाजी ने उसे बहुत सारी सैैक्सी सैक्सी हनीमुन नाईट ड्रैस और शॉट ड्रेस खरीद दी थी मायके में ज्यातर वही पहनती थी ।
शॉट ड्रैस जो घुटनों से काफी उपर था , जांघे आदि सबकुछ ओपन रहता था और उपर भी केवल एक पतली डोरी रहती थी जिसके आधे से ज्यादा स्तन बाहर ही रहते केवल चूसक और उसके आसपास के थोड़े से क्षेत्र को ढकते थे और गाउन जिसमें बटन आगे कोई बटन आदि था ही नहीं और आगे से पूरा खुला था बस बांधने के लिए आगे एक डोरी जिसे खोल देने पर वह उपर से नीचे तक पूरी ओपेन और नंगी हो जाती थी । सोते समय वह डोरी हमेशा खोल देती थी और फ्री होकर सोती थी । वैसे भी मायके में उसका था कौन ? बस मम्मी पापा और एक छोटा भाई जो उससे एक साल छोटा था । मम्मी पापा तो अपने रूम में रहते थे l बस भाई ही इस रूम में ज्यादा आता था । और हां तो वह देख देगा तो क्या होगा ? हमें नंगी देख लेगा तो देख लेगा , देखने दो ।
मैं भी यहां शॉट नाईट ड्रेस ही पहन लेती थी हल्का रहता है । वैसे भी अपना ही घर था । वैसे भी हम दोनों आपस एकदम खुली हुई थी । क्योंकि पहले भी हम लोग एक दूसरे के योनि और स्तनों से खुब छेड़छाड़ करते थे और बाथरूम एक साथ ही नंगी होकर देर तक नहाते भी थे और नहाते समय एक दूसरे के योनि और स्तनों से खुब छेड़छाड़ किया करते थे ।
उसने बताया कि तुम्हारे जीजाजी ने इन तीन महिने में मेरी पूरी बैंड बजा दी । आगे से , पीछे से , मुंह में , 69 , डॉगी स्टॉईल , मुख मैथुन , गुदा मैथुन यानी हर तरह का मैथुन किया । कुछ भी बाकि नहीं रहा । शादी से लेकर सुहागरात और सुहागरात से लेकर हनीमुन तक एक एक बात वह वर्णन कर करके बहुत ही सैक्सी अंदाज में बताने लगी ।
वह बताने लगी कि तुम्हारे जीजाजी ने इन तीन महिने में कभी कपड़ा पहनने ही नहीं दिया । इन तीन महिने तो सोंचों मैं घर में बिल्कुल ही नंगी रहती थी और तुम्हारे जीजाजी भी नंगें ही रहते थे और उनका लिंग ज्यादातर उत्तेजित ही रहता और अपने खड़े लंड के लेकर वे दिन भर घर में घुमते रहते थे और मुझे छेड़ते रहते थे और मैं भी हमेशा पूरी नंगी ही रहती । यहां तक कि किचन में काम करते करते भी हमेशा चोदने लगते थे । घर की सफाई करते करते चोदने लगते थे । मैंं झूक कर कोई काम करती तो पीछे से ये मेरी योनि या गुदा में अपना उत्तेजित लिंग घुसेड़ देते थे और वहीं संभोग करने लगते थे । स्तनों का तो चूस चूस कर और दबा दबा कर , मसल मसल कर बुरा हाल कर देते थे । योनि चुसने के मामले में तो ये सबसे आगे थे । मैं किचन में काम करती रहती थी ये नीचे मेरी योनि चूसते रहते थे । मेरी योनि चूसने से इनका मन ही नहीं भरता था । सोते जागते हर समय मेरी योनि में मुंह लगाये रहते थे और अपना लिंग भी मुझे चूसाते थे और मुझे भी इनका लिंग चूसने में बड़ा मजा आता था ।मैं भी इनको चैन लेने नहीं देती थी । हर समय इनका लिंग मुंह में लेकर चूसती रहती थी ।
जब मन किया तुम्हारे जीजाजी अपना लिंग मेरे मुंह में डाल देते थे । जब मन किया पटक कर चोद दिया । किचन वैगराह काम भी नंगी ही करती थी और मेरी सैक्सी योनि और दोनो खड़ी खड़ी गोल गोल चुचियां उनके लंड को सलामी देते रहती थी ।
अब तो एकदम नंगी रहने की इतनी आदत हो गयी है कि कपड़ा पहनने का एकदम मन नहीं करता है । लगता है कि उसी तरह पूरी नंगी होकर घर में फिरती रहूं , कपड़ा पहनती हूं तो कपड़ा काटने लगता है असहज लगता है । लगता है कि हर समय कोई मुझे चोदता रहे , मेरी योनि को चाटते रहे , मेरे मुंह में लिंग डाले रहे , मेरी योनि में अभी भी इतनी सुरसुरी हो रही है कि लगता है बैगन या बेलना ही डाल लूं । मैं अभी भी अपनी योनि में उनका लिंग महसूस कर रही हूँ । औह … काश …कहकर वह अपनी योनि सहलाने लगी । शादी के बाद वह एकदम से पूरी बेशरम और बोल्ड हो गयी थी ।
मैं भी सुनकर सुनकर पूरा उत्तेजित हो रही थी मुझसे रहा नहीं जा रहा था मैने भी उसकी योनि और स्तनों से छेड़छाड़ शुरू कर दी वह भी कहां रूकने वाली थी वह भी मेरी योनि और स्तनों को मसलने लगी और अपनी योनि मैथुन से मुख मैथुन की पूरी कहानी बताने लगी । कैसे जीजाजी ने उसेे पहली बार चोदा , कैसे उसने अपना लिंग उसके मुंह मे डाल दिया । कैसे मुंह लगाकर जीजाजी उसकी योनि चूसते है , तब कितना मजा आता है , जीभ योनि के कितना अंदर तक जाता है l कैसे वह 69 के पोजीशन में एक दूसरे के योनि और लिंग को चूसते हैं । कैसे जीजाजी उसकी योनि में केक और आईसक्रिम डाल कर खाते हैं l कैसे जीजाजी ने उसे पीछे से चोदा और चोदते चोदते गांड़ के अंदर अपना लिंग घुसा दिया सब बताने लगी । मैं भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गयी थी वैसे भी हम दोनों तो होमोसैक्स पहले भी करते थे हम दोनो बाते करते करते एक दूसरे की योनि और स्तनों को चूसना शुरू कर दिया फिर हम दोनों कई बार स्खलित हुई फिर हम एक दूसरे के बदन को सहलाते हुए छेड़़छाड़ करते हुए बाते करने लगे । बातें करने लगी बातें करते करते कब नींद लग गयी पता ही चला । मौसी की लड़की का छोटा भाई जो उससे एक साल छोटा था । बहन के शादी केे बाद इसी कमरे शिप्ट हो गया था इसलिए उसकी जरूरत की सारी चींजे इसी कमरे में थी ।
इसलिए सुबह मौसी का लड़का तैयार होने के लिए हमारे कमरे में आया । हम सो रही थी ,भाई ने टयुब लाईट जलाया । मौसी की लड़की बेसुध सो रही थी l गाउन पूरा खुला हुआ था । उपर से नीचे तक पूरी नंगी थी । वह बहुत सुन्दर तो थी ही और साथ में काफी सैक्सी बॉडी थी । शादी और हनीमुन मनाने के बाद के बाद बदन और निखर गया था । कली से एकदम खुबसूरत फूल बन गयी थी । भाई ने टूयुब लाईट जलाया तो अपनी नंगी सोई बहन के पूरे सुन्दर नग्न रूप के दिव्य दर्शन हुए । मेरी मौसी की बेटी उपर से नीचे तक बिल्कुल नंगी सोई हुई थी । उसके स्तन , योनि , नितंब सब कुछ एक दम उसके भाई के सामने थी । योनि के अंदर का गुलाबी छेद भी दिख रहा था ।
ट्युब लाईट जलाने से मेरी नींद भी थोड़ी खुल गयी थी । मैं आँखों को बंद किये सोने का नाटक करने लगी और आँखों को एकदम हल्का खोलकर भाई को देखने लगी ।
मौसी का बेटी का भाई शायद जीवन में पहली बार अपनी बहन को पूरी नंगी इतने करीब से देख रहा था । वह एकटक देखता रहा । वह एकदम हमारे बिस्तर के एकदम करीब आ गया और बहुत ध्यान से अपनी बहन को देखने लगा । ऐसा लग रहा था कि वह सुध बुध खो बैठा है । उसकी बहन भी इस तरह सोई थी उसकी योनि का गुलाबी छेद तक दिख रहा था । मैं उसके चेहरे के आते जाते भावों को देख कर मजे ले रही थी । मुझे भी शरारत सूझी । मैने भी अपने पैरो को मोड़कर पैरों को इस तरह फैला लिया जिससे मेरा नाईट ड्रैस नीचे से पेट तक उघड़ गया और मेरी नितंब और योनि पूरी नंगी हो गयी । मेरी भी योनि एकदम ओपन हो गयी और योनि के अंदर का छेद तक दिखाई देने लगा । वह एकदम से सकपकाया फिर बड़े ध्यान से मेरी योनि को भी देखने लगा । इसका मन हमारी योनि को छूने का हो रहा था शायद । लेकिन वह हिम्मत नहीं हो रहा था शायद । वह बिना पलक झपकाए एकटक अपनी बहन के नंगे बदन को आँखे फाड़ फाड़ कर देख रहा था और मेरी योनि को देख रहा था और मैं जानबुझ कर दिखा रही थी । बहुत देर तक देखने के बाद वह अपनी नंगी पड़ी बहन के उपर झुका । मैं सांस रोके देख रही थी वह करता क्या है ? मैने देखा कि उसने अपनी बहन का गाउन को ठीक किया और बहन के नंगे बदन को ढक दिया । फिर मेरी ओर आया और मेरे कपड़ों को ठीक कर दिया और बिस्तर पर पड़ी चादर को हमें ओढ़ा दिया उसके बाद अपनी जरूरत का सामान लेकर चला गया ।
फिर मैं भी सो गयी । फिर जब कुछ एक दो घंटे बाद जब हम दोनों उठी तो मैने अपनी मौसी की बेटी को पूरी कहानी सुनाई । सुनकर वह मुस्कुराई और बोली – तो क्या हुआ ? मैं बहुत प्यार करती हूँ उससे । बहुत प्यारा है मेरा भाई । क्या हुआ जो उसने मुझे नंगी देख लिया तो । देख लिया तो देख लिया । देखने दो ,आखिर अपने बहन का ही तो देखा ।
मैने पूछा – मान लो तुम्हें नंगी देखकर उसका लंड तो खड़ा हो ही गया था और वह तुम्हें चोद लेता तो । वह हँसते हुए बोली – क्या हुआ चोद लेता तो चोद लेता । मैं तो बहुत मजे ले लेकर चुदवाती । आखिर अपना भाई ही तो चोद रहा है तो इसमें क्या दिक्कत है ? अब तो इतना चुदवा ली हूँ तुम्हारे जीजाजी से तो भाई से भी एक दो बार चुदवा लूगीं तो क्या हुआ ? कहकर वह हंसने लगी ।
फिर बोली – अपनी बहन पर भाई का पूरा हक बनता है । तुम बोलती हो तो जरूर चुदवा लुँगी बाबा , अब खुश । वैसे भी उसका लंड बहुत तगड़ा है , मोटा और लम्बा है तुम भी चुदवा लेना कहकर वह हंस पड़ी ।
मैने पूछा कि तुमने कब देखा उसका लंड । तो वह बोली – जब वह इस कमरे में सोता था तो सुबह जब मैं इस कमरे में आती थी तो उसका मूसल सा मोटा और लम्बा लंड उसके ढीले ढाले पैट के साईड से एक बाहर निकला रहता था और 90° के कोण पर एकदम उत्तेजित होकर खड़ा रहता था । मैं तो रोज देखती थी । वैसे भी इसको सोने के बाद कोई होश नहीं रहता है । मुझे इसपर बड़ा प्यार आता था । मुझे भी उसका लंड देखकर बड़ा अच्छा लगता था और मजा आता था । जी चाहता था कि प्यार से उसके होठों को चुम लूं मुंह में लेकर चूस लूं । जब यह छोटा था तो तेल लगाते समय या नहलाते समय मम्मी इसका लंड मुंह में ले लेती थी और चूसने लगती थी । मुझे भी इसका मोटा मूसल लंड मुंह में लेने का मन करता था लेकिन थोड़ा संकोच होता था । एक दो बार नहीं रह पायी तो इसे हाथ में लेकर होठों से चूम लिया और थोड़ा सा चूसा भी था । बड़ा मजा आया । लेकिन वह जाग नहीं जाय इस डर से छोड़ देती । फिर मैं इसके लंड को रोज ढक देती थी । यह मेरा रोज की ड्युटी सी थी । क्योंकि सुबह सबसे पहले मैं ही उसके कमरे में जाती थी ।
मैने कहा – हां मुझे आज देखकर तुम्हारे भाई पर बहुत प्यार आ रहा था और मुझे उसके चेहरे के भावों को देखकर मुझे भी बहुत मजा आ रहा था इसलिए मैं जान बुझ कर उसे अपनी बुर और सबकुछ दिखा रही थी । उसकी घबराहच देखकर मुझे बहुत मजा रहा था । कहकर मैं हंस पड़ी ।
फिर मेरी मौसी की बेटी बोली – अरे शादी हो जाने के बाद सब लड़की वैसे भी पूरी फ्री और ओपन हो जाती है । जो भी लाज शर्म और संकोच रहता है वह शादी के पहले रहता है । अब तो शादी भी हो गयी है और चुदवा भी चुकी हूँ । अब काहे का लाज शर्म और यहां किससे लाज शर्म करूं ?
फिर हम उठकर मुंह हाथ धोकर ड्रांईंग रूम में आ गये । मौसी ने नास्ता तैयार कर दिया था । मौसा ड्युटी जा चुके थे । हम दोनों ने मौसी और भाई को गले मिलकर गुड मार्निंग कहा और हम दोनों भाई को तंग करने और छेड़ने के उद्देश्य से अपने दोनों स्तनों को उसके चेहरे पर दबा दिया ।
फिर अच्छे से गले मिलकर गुड मांर्निंग कहा । बेचारा झेंप गया । सुबह हम दोनों को नंगी देखकर वैसे भी उसकी हालत खराब थी । वह बात बात हकला रहा था और हम दोनों जान बुझकर उसे छेड़ छेड़कर मजे ले रही थी । फिर हम दोनों तैयार होकर उसके साथ मोटर साईकिल पर बैठ कर मार्केट गयी । जाते समय उसकी दीदी बीच में बैठी तो उसकी दोनो चुची उसके पीठ पर एकदम से दब रही थी और वह अपने भाई को पकड़कर एकदम चिपक कर बैठी थी और उसके पीठे मैं बैठी l फिर आते समय मैं बीच मैं बैठी और उसी तरह चिपक कर बैठी । हम दोनों जान बुझकर अपनी चुचियां उसके पीठ पर दबाते थे और उसे कसकर पकड़ते थे । उसे तंग करने में हमें बड़ा मजा आ रहा था । बेचारा घबड़ाहट के मारे हकलाने लगा था । फिर दम दोनों देर तक उसके साथ खुब मार्केट घुमी उसे नास्ता कराया ।
और उसकी एक दोस्त थी रिया उसे लेकर खुब छेड़ा । फिर उसे आईसक्रिम खिलाया और घर आ गयी । आते समय मैं बीच में बैठी और रास्ते भर अपनी चुचिंयाँ उसके पीठ पर दबाते रही । हांलाकि अब वह थोड़ा सामान्य हो गया था ।
फिर रात को हमनें साथ बैठकर यानी ढेर सारी इधर उधर की बातें की । फिर हम खाना खाकर अपने अपने कमरें में सोने चली गयी और उसी तरह सैक्सी सैक्सी बातें करने लगी । मौसी की बेटी की चुदाई की बातें करने लगी और वह अपनी चुदाई की स्टोरी सुनाने लगी , फिर हमने सुबह वाली घटना और भाई को तंग करने की बात को लेकर खुब चुस्की ली और खुब हंसी । हमें भाई पर बहुत दया आ रही थी हमने उसे इतना तंग किया । लेकिन हमें मजा भी खुब आया ।
सुबह मैनें फिर अपनी मौसी के बेटी का गाउन को उखाड़ कर उसे उपर से नीचे तक पूरी नंगी कर दिया वैसे भी वो डोरी खोलकर ही सोती है तो मैने गाउन दोनो और फैलाकर उघाड़ किया और सर्वागिंन नंगी कर दिया । सुबह उसका भाई फिर आया और मैने भी जान बुझकर अपनी नाईटी पेट तक उघाड़ ली । सुबह उसका भाई फिर तैयार होने आया तो फिर आज आज भी अपनी बहन को उपर से नीचे तक पूरी नंगी देखा ।
लेकिन आज उसमें उतनी घबडाहट नहीं थी । वह आराम से सामने आकर अपनी बहन के नंगे बदन को ध्यान से और इतमीनान से देखने लगा और मेरी भी योनि को बड़े ध्यान से देखा । काफी देर देखने के बाद फिर वह अपनी बहन के कपड़े को ठीक करने लगा और ठीक करने के क्रम में अपनी बहन की योनि को भी छू लिया और हल्का सहला भी दिया फिर उसने मेरी योनि को हल्के से छुआ मैं जगी हुई थी मैं सिहर गयी लेकिन प्रकट होने नहीं दिया फिर वह हम दोनों के कपड़ों को ठीक किया और अपना सामान लेकर चला गया । अब ये मेरा रोज का नियम हो गया । सुबह उसे अपनी बहन की नग्न रूप का दिव्य दर्शन कराती अपनी योनि दिखाती और उसे दिन भर तंग करती । वैसे भी मेरी मौसी की लड़की अब पूरी फ्री हो गयी थी ।
रात को हम बातें कर रहें थे । मेरी मौसी की बेटी बोली – अभी मैं करीब छ: महिने के लिए आयी हूँ । क्योकिं तुम्हारे जीजाजी की अभी नये जगह ट्रांसफर हुआ है और वहाँ अभी रहने की उचित व्यवस्था नहीं हुआ है ।
मैने मौसी की बेटी से पूछा – रेनू तुमको तो इन तीन महिने में आगे से ,पीछे से , उपर से , नीचे से करवाकर तो दिनरात चुदवाकर और नंगी रह कर आदत हो गयी है । अभी अब जीजाजी भी छ: महिने से पहले आने वाले नहीं है । तुम्हारी बुर में तो आग लग रही होगी । कैसे बुझाओगी ये आग ? और कौन बुझाएगा ये आग ? कैसे रह पाओगी इतने दिन ? यहाँ तो एक दिन भी काटना मुश्किल है ।
और फिर यहां किसी से चुदवाओगी और किसी को पता चल गया तो कितनी बदनामी हो जाएगी । हो सके जीजाजी भी तुम्हें तलाक दे दें ।
मौसी की बेटी बोली – हां सो तो है । अब मुझे हर समय चुदवाने की इतनी आदत सी हो गयी कि बिना रोज चुदवाये मैं काफी बैचैन हो जाती हूँ । लगता है बुर में हर समय असहनीय खुजली और सुरसुरी हो रही है । कम से कम रोज दो से तीन बार चुदाये बिना तो मैं रह ही नहीं सकती हूँ ।
मैं बोली – देखो तुम्हारा भाई मस्त है ? क्यों नही उसी को सेट कर लेती हो । वो तो तुम्हे रोज नंगी देखता ही और रोज मुझे भी और बेचारा देर तक बड़ा ध्यान से मेरी और तुम्हारी योनि देखता है । उस बेचारे का मन तो करता ही होगा । वो जरूर मुठ मारता होगा रोज ! ऐसे में उसका शरीर भी बर्बाद हो जाएगा हो सके नपुसंक भी हो जाए । उससे अच्छा है जब तक तुम यहाँ है उस बेचारे को भी थोड़ा सुख दे दो । आखिर बहन किस दिन काम आएगी ?
चलो ऐसा करते हैं हम दोनों मिलकर उसका शिकार करते हैं । मिशन – ” दो बहनों द्वारा अपने भाई छोटे भाई शिकार ” कहकर हम दोनों हँसने लगी ।
पहले तो वह तैयार नहीं हुई लेकिन काफी समझाने के बाद वो तैयार हो गयी । फिर मैने उससे कहा – तुम फिकर मत करो । तुम चुपचाप जैसा मैं कहती हूँ वैसा करते रहना । वैसे भी बहन की चुत पर भाई का पहला हक होता है और शादी के पहले तुम उसे चोदने ही नहीं दी यही तुम्हारी गलती थी । लेकिन देखना अब मैं कैसे उसका शिकार करती हूँ । बस जैसा मैं कहती हूँ करते जाना ।
मेरी मौसी की बेटी बोली – हाँ बिल्कुल करूँगी , तुम जो जो बोलोगी , सब करूँगी ।
फिर हमने योजना बनाई कि उसे अधिक से अधिक अपनी योनि और स्तनों के दर्शन कराना है । कैसे कराना यह भी मैने उसे समझा दिया ।
मेरी मौसी की बेटी ब्रा पैंटी तो कभी पहनती ही नहीं थी । जब भी सेंटर टेबल पर पैर चढाकर बैठती उसके निंतंब और योनि पूरी की पूरी नंगी सामने आ जाती झुकती तो आधे से ज्यादा स्तन बाहर आ जाते लेकिन उसे कोई फर्क नहीं पड़ता था । बैठती भी वो इस तरह से कि सामने उसके भाई रहता और सब कुछ उसकी आँखों के सामने रहता ।
फिर हम दोनों ने उसे अपने रूम में बुलाकर बाते करती । उसकी मैं और उसकी दीदी इस तरह बिस्तर पर लेट कर मोबाईल चलाते रहती कि हमारी ड्रैस घुटनों तक की ड्रैस का नीचे का भाग नीचे गिर जाता और उसकी बहन की और मेरी पूरी की पूरी नंगी योनि ठीक उसके आँखों के सामने आ जाती तब हम बोलती – अमित बहन की सेवा करनी चाहिए । चलो हम दोनों का पैर दबाओ l बेचारा पैर दबाने लगता । हमारी खुली योनी देखकर उसका मुंह वैसे ही सुखने लगता ।
काफी शरमाते हुए बस घुटनों तक दबाता । तो हम कहती – क्या पैर दबाने भी नहीं आता है पैर एड़ी से लेकर कमर तक दबाना चाहिए , चलो दबाओ । फिर वो हिम्मत करके घुटनों से जांघ तक किसी तरह दबाता तो हम उसका उत्साह बढ़ाते – हाँ अब ठीक है , थोड़ा और उपर थोड़ा और करते करते उसके हाथ जब हमारी योनि तक पहुँचते तो वह सिहर जाता फिर हमारे पैरों को मोड़कर जांघों के अंधरूनी हिस्सों को सहलाने लगता , हम उसका उत्साह खुब बढ़ाती और उसके मसाज करने की तारीफ करती । बहुत अच्छा लग रहा है और अंदर तक मालिश करो , थोड़ी देर और सहलाओ । विशेष कर जब वह जांघों और योनि के आस पास करता तब हम और ज्यादा उसका उत्साह बढ़ाती ।
इतना करते करते उसका लंड सलामी देने लगता और दोनोंं जान बुझकर उसकी दोस्त का नाम ले लेकर उसे छेड़ने लगती ।
पहले तो उसे संकोच होता था लेकिन दो तीन बार पैर दबाने के बाद वो भी सामान्य हो गया और मन लगाकर पूरे अच्छे से हम दोनों के पैर , जांघों , नितंबों , कमर आदि को पूरा मन लगाकर अच्छे दबाने सहलाने लगा दबाते सहलाते योनि को भी सहला देता । वह भी बहुत देर तक । अब तो खुद आकर पूछता – दीदी पैर दबा दूं । तो हम प्यार कहते हां दबा दे । फिर बहुत देर तक हम दोनों अपने पैरों , जांघों , जांघों के अंधरूनी हिस्सों , योनि के आस पास , नितंबो को दबवाने सहलाने के बाद उसकी खुब तारीफ करती और उसे अपनी और खींचकर उसके ओठों को चुम लेती । अब वो भी हम लोगों से बहुत खुल चुका था । रात को खाना खाने के बाद वह हमारे रूम में आ जाता और हम दोनों के पैर और पूरे शरीर को दबाकर और सेवाकर के ही सोता । इस तरह से उससे अपने शरीर की सेवा करवाने की दोनों को आदत सी हो गयी थी और हम दोनों खुलकर इससे हर तरह मजाक करते रहती और उसे तंग करती रहती ।
फिर एक दिन हम दोनों रात को उससे सेवा कराने के बाद आपस में बातें कर रही थी । मौसी की बेटी बोली – सच कहूं तो जब अमित पैर , जांघ और शरीर दबाता है तो लगता है कि उसका कड़क लिंग जबरजस्ती अपनी योनि में घुसा लूं । लेकिन साला इतना करने के बाद भी हिम्मत ही नहीं करता है बहन को चोदने का । कहकर उत्तेजना से मुझे कसकर चूम ली ।
फिर हमने तय किया । ऐसे कुछ नहीं होगा उसे अपने साथ ही सुलाया जाय । रात को अमित हमारी सेवा कर वापस जाने लगा तो हमने उसे कहा – अमित ऐसा करो आज तुम यहीं हमारे साथ ही सो जाओ । पहले तो वह मना किया लेकिन थोड़ा मनाने पर वो मान गया । हमने उसे अपने बीच में सुला लिया ।
और कमरे का लाईट बंद कर दिया और रूम का दरवाजा भी । फिर अंधेरे में ही हम दोनों अपने कपड़े खोल कर बिल्कुल नंगी हो गयी और अपने भाई को हम दोनों ने अपने बीच में सैंडविच की तरह दबा कर उससे लिपट गयी । हम दोनों ने अपने अपने स्तनों को उसके सीने में दबा लिया और अपनी जांघों से उसकी जांघों को दबा लिया और बातें करने लगी । बातें करते करते उससे प्यार भी करने लगी और प्यार से चुमने लगी । गर्ल फ्रैंड से लेकर बातें सैक्स तक जा पहुँची । कैसी लड़की पसंद है ? कितनी लड़की को किस किया है ? गर्ल फ्रैंड के साथ अभी तक सैक्स किया है कि नहीं ? आदि आदि । साथ साथ उसे छेड़ने भी लगी । साथ साथ अपने स्तनों , योनि और जांघों को भी उसके शरीर से रगड़ने लगती और उसके गालों और होठो को चूम भी लेती । अब उसे भी मजा आने लगा था ।
मैं बोली – अरे केवल सोये हुआ है थोड़ा कमर उमर भी सहला दो । सुनकर वह हमारे कमर , पीठ, निंतंबों को सहलाने लगा । हमें भी मजा जाने लगा । उसका लिंग उत्तेजना के मारे एकदम फूलकर डंडे की तरह फहराकर सलामी दे रहा था ।
हम दोनो अपने से उसे चिपका लिया और वह रात भर हमारे पूरे बदन को प्यार से सहलाते रहा और हम दोनों और ज्यादा उससे चिपक जाती । अब वह रात भर हमारे योनि और स्तनों को भी सहलाने और दबाने लगा था । लेकिन हम नींद का बहाना किये रहती और मजा लेते रहती ।
दूसरे दिन भी हमने उसी तरह उसे अपने बीच सुला लिया और लाईट बंद कर दिया फिर और हम दोनों बिल्कुल नंगी होकर उससे लिपट गयी । वह उसी तरह हमारे पूरे बदन को सहलाने लगा । हमने कहा गर्मी लग रही है तो गंजी खोल दो । तो उसने गंजी खोल दिया । अब उसके बदन पर केवल एकदम पतला मुलायम और ढिला ढाला सूती का बरमुदा था । अब हमारे शरीर का घर्षण और स्पर्श सीधे सीधे उसके बदन से हो रहा था । हमने उसे अपने बदन से चिपका लिया और वह हमारे नितंबों और पीठ को सहलाने लगा ।
मैं कहने लगी – अरे तुम्हारा भाई तो एकदम बुद्धु है , कैसा लड़का है ? अभी तक एक भी लड़की नही पटा पाया । क्या करेगा आगे चलकर ? लगता है हमें ही इसे सबकुछ सिखाना पड़ेगा । नहीं होता है तुम्ही सब कुछ सिखा तो । तुम्हारी तो शादी हो ही गयी है तो तुम सब कुछ जान ही गयी है । थोड़ा बहुत अपने भाई को भी सिखा दो ।
पता नहीं तुम्हारा भाई लड़का है भी कि नहीं ? कहते हुए मैने अपना हाथ उसके पैंट डालकर उसके लिंग को बाहर लिकाल दिया और हाथों से मसलते हुए बोली — लड़का जवान तो हो गया है । एकदम मोटा और लम्बा हो गया है l अब उसको भी लड़की चाहिए । देखो तुम्हारी कोई ननद उनद है तो इस बुद्धु को भी सेट कर दो , देख लो । कहते हुए मैं उसके लिंग को मसलने लगी और उसके भाई का लिंग अपनी मौसी की बेटी के हाथ में दे दिया ।
मौसी की बेटी बोली – हाँ हो तो गया है मेरा भाई भी जवान । अब इसके लिए कुछ करना ही पड़ेगा । वैसे भी मैं इससे बहुत प्यार करती हूं । अपने भाई के लिए नहीं करूंगी तो किसके लिए करूंगी । कहते हुए अपने भाई का लिंग अपने हाथों में लेकर सहलाने और मसलने लगी । फिर मेरी मौसी की बेटी ने बताया कि – जब ये छोटा था तो इसकी लूल्ली एक दम छोटी सी थी और मम्मी जब इसको तेल लगाती थी तो इसकी लूल्ली मम्मी अपने मुंह में ले लेती थी और खुब चूसती थी । अब देखो कितना बड़ा हो गया है । अब तो मुंह में भी नहीं अंटेगा ।
मैने कहा – ऐसा क्या ? अच्छा मुंह में लेकर देखो तो । कहते हुए मैने उसकी बहन का सिर पकड़कर इसके भाई का लिंग उसके मुंह में डाल दिया । वह भी मजे से चूसने लगी । बेचारा बेहाल हो गया । उसकी बहन ने उसकी पैंट खोल कर फैंक दी और वह पूरा निवस्त्र यानी नंगा हो गया । उसकी हालत उस तरह हो गयी थी जैसे दो चालाक शिकारी के चंगुल में फंसे शिकार की । ऐसा लग रहा था जैसे उसने अपने शरीर को बिल्कुल छोड़ दिया है कि जो मर्जी करना है करो । मेरी मौसी की बेटी अपने भाई का लिंग अपने मुंह में लेकर चूसने लगी तभी मैने अपना एक स्तन मौसी के बेटी के भाई के मुंह में दे दिया । वह मेरे स्तनों को मुंह में लेकर चूसने लगा तो मैने उसका हाथ पकड़कर अपनी योनि में डाल लिया । वह मेरी योनि को सहलाने लगा l वह उत्तेजना से कांप रहा था । उससे बर्दाशत करना मुश्किल हो रहा था । तभी मैने अपनी मौसी की बेटी के कान में फुसफुसाया । तो इशारे को समझ कर मेरी मौसी की बेटी ने अपने भाई का उत्तेजित लिंग अपनी योनी में घुसेड़ लिया और आराम से अपने भाई को चोदने लगी और इधर मैं अपने दोनों स्तनों को अमित से चुसवा रही थी । बहुत देर तक अपने भाई को चोदने के बाद आखिर झड़ गयी और अपने भाई के उपर से उतर गयी और अपने भाई के होठों को चुम लिया और पूछी – क्यों मजा आया ना ? उसका भाई भी अपनी बहन को चूम कर बोला – हां दीदी बहुत ……..
उसके भाई को भी आज पहली बार स्वर्गीय आनंद की प्राप्ति हुई थी । उसे लग रहा था स्वर्ग मिल गया और वह अपनी बहन से लिपट गया । फिर दोनों एक दूसरे को चूमने लगे । मेरी मौसी की बेटी ने अपने भाई को उपर से नीचे तक चूमना और सहलाना शुरू कर दिया । कुछ देर बाद उसका भाई फिर तैयार हो गया और उसने फिर अपने भाई के उपर चढ़कर चुदवाने लगी ।
मैने सोंचा – सारी मेहनत मैने की और ये साली मजे ये ले रही रही है । मैने जान बुझकर कर लाईट जला दी l दोनों चौंक पड़े । लेकिन लेकिन मेरी मौसी की बेटी जोश में थी और बेशरम भी हो गयी थी । वो चुदवाना नहीं रूकी और अपने भाई को चोदते रही । उसका भाई भी दो मिनट बाद सामान्य हो गया और मजा लेने लगा । दोनों भाई बहन के बीच संकोच और शर्म की दिवार हट चुकी थी और दोनों मजे ले रहे थे । वो भी उजाले में । मैं भी उसके भाई के मुंह पर बैठ गयी और अपनी योनी उसके मुंह पर टिका दी । वह मेरी योनि चूसने लगा और हाथों से मेरे स्तनों को सहलाने और दबाने लगा । वह बहुत अच्छे से अंदर तक जीभ घुसाकर मेरी योनी को चूस रहा था । मैं अपनी पूरी योनी उसके मुंह में दबा रही थी । देर तक अपनी योनि चुसाने के बाद मैं झड़ गयी उधर वो दोनों भाई बहन भी झड़ गये ।
मैं बोली – साली अमित को मैने पटाया और चुदवा तुम रही हो । मौसी की बेटी बोली – आखिर भाई भी तो मेरा है । तो मेरा पहला हक बनता है कि नहीं ? बोलो ? मैं बोली – हाँ वो तो है । भाई पर पहला हक बहन का ही होता है । लेकिन मैं भी तो बहन ही हूँ ना । तो मेरा भी हक बनता है कि नहीं ? मौसी की बेटी बोली – ठीक है बाबा , मैं कहां तुम्हारा हक छिन रही हूँ । हम दोनों बहनों का बराबर हक बनता है अपने भाई पर । कल तुम करवा लेना । मैं तुम्हें कहां मना कर रही हूँ l वैसे भी कल से दो तीन मम्मी पापा नहीं रहेगें । यानी फूल इंजोयमेंट !!! कहते हुए चहक उठी । अच्छा अब सो चाहो और बेचारे को भी सोने दो । अब जो करना है कल करेंगें । फिर हम तीनों एक दूसरे को पकड़कर नंगे ही सो गये । दूसरे दिन मौसा मौसी किसी रिस्तेदार के यहां शादी में चले गये । घर में केवल हम तीनों यानी मैं , मौसी की बेटी और उसका भाई रह गया था । अब पूरा एक हफ्ता हमारा था । हमने मौसा मौसी के जाते ही रूम बंद किया और अपने कपड़े उतार दिये और सबसे पहले अमित ने मुझे चोदा फिर अपनी बहन को फिर हम नंगे ही रहे । फिर किचन हमने नंगे ही खाना बनाया और उसके बाद खाना खाने के बाद थोड़ी देर आराम किया और फिर हम तीनों ने कई राउंड थ्रीसम सैक्स किया और इन एक हफ्तों में हम दिनों ने एक बार भी कपड़ा नहीं पहना यानी हक हफ्ते तक हम तीनों पूरे नंगे रहे । बहुत मजा आया । एक हफ्ता में हम दोनों बहनों ने मिलकर कर भाई को सैक्स की हर कला में पारंगत कर दिया । योनि चूसने से लेकर 69 , और हर तरह के मैथुन में ।
अब कोई चीज की दिक्कत नहीं थी मौसा मौसी के आने के बाद भी रात को मेरे मौसी के बेटी का भाई हमारे कमरे में आ जाता और हम जम कर थ्रीसम सैक्स का आनंद लेते । जब तक मैं वहां रही सैक्स का जम कर आनंद लिया खैर मैं तो एक डेढ़ महिने बाद चली आयी । लेकिन मेरी मौसी की बेटी ने छ: महिने साल भर बाद तक जब तक जीजाजी उसे आकर ले कर गये तब तक अपने भाई से खुब चुदती रही और मायके का खुब लुफ्त उठाया ।
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अभी भी जब मायके आती है तो खुब मजा लेती है और मेरा खुब शुक्रिया अदा करती है ………यह कहानी आपको कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताये मेरा पता है: nisharani1163@gmail.com.