शादी वाले घर मे साली की चूदाई – Hindi Sex Story
मेरा नाम अंशु है। मै 25 साल का हुं और खुद का बिजनेस करता हूं। मेरी शादी एक साल पहले हो चुकी है। मेरी पत्नी बहुत सुन्दर है मै उसे बहुत प्यार करता हूं और दोनो खूब चोदा चोदी करते हैं।
अपनी कहानी भेजे : https://www.sexstorian.com/submit-your-story
ये कहानी तब शुरू हुई जब मेरे चचेरे साले की शादी थी, उससे मेरी अच्छी बनती थी तो उसने मुझे कार्ड दिया और शादी मे 10 दिन पहले आने को बोला की आना पड़ेगा और सारा काम करना पड़ेगा। मै भी ठीक बोल दिया क्योंकि शादी गांव से होनी थी और मेरा नेटिव घर भी गांव मे था।
मै मेरी फैमिली 15 साल से शहर मे रह रहे थे।
मै काफी खुश था किसी नए गांव मे जाकर कुछ दिन गुजारने को मिलेंगे गांव की शान्ति देखने को मिलेगी, गांव की शादी और ढेर सारे सालियां, मजा आएगा।
अब शादी मे कुछ 7 दिन बचे थे तो मेरे ससुर ने मुझे अपने घर बुला लिया जो शहर मे ही था मेरे ससुराल मे सास ससुर मेरी बीबी 23 साल मेरा साला 21 साल मेरी साली दिया 19 साल और एक और साली रिया थी।
मै अपनी बीबी और गाड़ी ले ससुराल पहुंच गया। अब अगले दिन हम मेरी गाड़ी से ही गांव के लिए निकल पड़े जो 400 केएम दूर था। ससुरजी के पास भी गाड़ी थी लेकिन वो हचबक थी मेरी 7 सीटर थी तो उसी से जा रहे थे।
अब पिछे तो सारा सामान ही रखा गया तो बैठने मे दिक्कत तो होनी ही थी। ठंड का मौसम था तो कपड़े कुछ ज्यादा ही ले जाना पड़ रहा था।
गाड़ी मेरे ससुर चला रहे थे उनके बगल मे मेरी सास रिया के साथ एडजस्ट कर बैठ गई।
बाकि बचे हम चार बीच मे बैठ गए।
एक खिड़की साईड मै बैठा मेरे बगल मे मेरी बीबी अब दिया और उसका भाई खिड़की साईड बैठने के लिए झगड़ा करने लगे तो मै अपनी जगह दिया को बैठा दिया।
कुछ देर मे दिया बाहर देखते हुए नींद लेने लगी तो मै खिड़की साईड आ गया और उसे अपने कन्धे पर सर रख सुला दिया।
शहर की भागदौड़ खत्म हो अब गांव की हरियाली और शान्ति आ गई थी मै दिया को उठाने लगा।
सासू मां: गांव देखने के लिए ही दोनो लड़ रहे थे अब देखो दोनो सो गए।
मेरा साला भी सो गया था।
मै: दिया उठो देखो कितनी हरियाली है।
दिया उठने जैसा करती है पर फिर कंधे पर सर रख सो जाती है।
मै उसकी ओर देखता हूं खिड़की थोड़ी सी खुली थी हवा आ रही थी वो मेरे कन्धे पर सर रख सो रही थी बड़ी ही मासूमियत से उसके सर्द होंठ एक दम लाल हो रखे थे उसके बाल उड़ रहे थे।
मुझे अब शरारत सूझी मै दिया के कमर सहलाने लगा और पेट भी थोड़ा गुदगुदी करने लगा।
वो मेरा हाथ हटा दी।
मै: उठो देखो गांव आ गया उतरो।
ससुर जी: अभी कहां अभी तो आधा रास्ता ही आए हैं।
मै: हां पता है।
अब चादर मै अपने दिया और मेरी बीबी के पैर पर डाल देता हूं मेरी बीबी भी सोई हुई थी।
मै अब अपना हाथ दिया के जांघ पर रख सहलाने लगा।
दिया मेरा हाथ बार बार हटा देती मै फिर रख देता।
मै धीरे से उसके कान मे बोला कि जब तक नही उठोगी तब तक ऐसा ही करता रहूंगा।
वो मुस्कुरा कर कुछ देर मेरे हाथ को अपने कमर पेट जांघों पर फिराने दी फिर उठ गई।
दिया: लो उठ गई दिखाओ क्या नजारा दिखाना है।
मै उसके गाल खींचते हुए बाहर दिखाने लगा वो मुस्कुरा कर थोड़ा गुस्सा वाला फेस दिखाई फिर मुस्कुरा कर मेरे गोद से होकर बाहर देखने लगी।
अब मै उसके कमर पर हाथ रख सहलाने लगा कुछ देर हमने बाहर के नजारों के बारे मे बात की वो मेरा हाथ हटा देती थी बीच बीच मे मै उसके गान्ड पर हाथ रख दिया वो मेरी ओर गुस्से वाले नज़रों से देखी मै उसे मुस्कुरा कर देखा वो हाथ हटा दी।
मै: यार कहीं तो रहने दो उसको।
सासू: क्या रहने दो।
मै: कुछ नही।
दिया मुझे गुस्से वाले नजर से देखी फिर मुस्कुरा दी मै अपना हाथ उसके कमर पर रख दिया उन्ही बात करते हुऐ हम लगभग दो बजे गांव पहुंचे।
गांव पहुंच हम सभी से मिले चाय नाश्ता किया। बहुत सारे साली साले थे बहुत रिश्तेदार थे और बहुत सारे आने वाले थे कुछ ही देर मे मै सब से घुलमिल गया कुछ को तो मै अपनी शादी मे मिला था कुछ नए थे।
हमारी शादी शहर वाले घर से हुई थी।
मेरे ससुर तीन भाई थे और दो उनके बहनें थीं गांव मे सभी भाइयों के घर आस पास मे ही थे।
अब मेरा चचेरा साला बोला चलो जीजू आप हमारे घर चलो।
मै: अरे घर तो चलुंगा पहले अपना गांव तो घुमा दो।
एक साली जो उसकी बहन थी: पहले घर चलो गांव घुमाने का काम कल से हम सालियों पर छोड़ दो।
मै: ठीक है।
हम नीचे आने लगे जैसे ही मै घर से बाहर गली मे गया दरवाजे के सामने ही एक बाइक सवार ने मुझे टक्कर मार दी। जो मेरा अपना साला ही था जो बुआजी के बेटे को स्टेशन से लाने गया था।
मै सोचा हो गया मेरा गांव घूमना।
सभी लोग आए दौड़ कर आए मुझे उठाया साले को उठाने लगे उन दोनो को तो कुछ नही हुआ लेकिन टक्कर जोर दार लगने की वजह से मेरे दाहिने जांघ मे बहुत चोट आई। उधर साले को पिटने के लिए मेरे ससूर लाठी खोजने लगे। मुझे उठाकर सीढ़ियों से ऊपर के कमरे मे लाया गया।
डॉक्टर बुलाया गया, कुछ टूटा तो नही था लेकिन दर्द बहुत हो रहा था थोड़ा जहां तन्हां खंरोच भी आ गई थी। जिससे खून निकल रहा था।
डाक्टर मरहम पट्टी कर चला गया अब शाम तो हो ही गई थी सब लोग मिलने हाल चाल पूछने आने लगे अब रात को खाना खाया और दवाई खा सोने गया।
बीबी:(बहुत उदास थी) ये सब कैसे हो गया ज्यादा दिक्कत तो नही है।
मै: अरे कोई बात नही हो जाता है।
बीबी: मै ही आपको शादी मे आने के लिए फोर्स की थी मेरी वजह से ही हुआ है ये सब।
वो रोने लगी।
मै उसे वाहों मे भर लिया।
मै: पागल है क्या जो होना होता है वो होकर ही रहता है। देख कुछ नही हुआ है बिल्कुल ठीक हूं।
मै उसे चुप कराता हूं और सो जाता हूं।
अगले दिन तिलक आना था चलने मे बहुत दिक्कत थी ऊपर से बाथरूम के लिए बार बार सीढ़ी उतरो ऊपर से किसी की मदद लो बहुत दुख हो रहा था।
अब दोपहर तक मै बोर हो गया तो किसी के सहारे से नीचे आया । मेरे एक चाचा ससुर पास ही एक घर मे ले गए जो एक दालान था बगल मे बहुत सारे खेत थे पेड़ पौधे थे हरियाली ही हरियाली एक दम शान्ति कुछ देर वहीं धूप मे खाट पर बैठ कर बात हुई।
कुछ देर मे कोई उन्हें बुलाने आ गया वो मुझे घर चलने को बोलने लगे मै बोला यहीं ठीक हुं।
अब मै एक वहीं पड़ी एक लाठी ले घूमने लगा ये पुराना घर था लेकिन साफ किया हुआ था शायद मेहमानो के लिए।
तीन कमरे और बरामदे थे सभी मे नीचे जमीन पर पुयाल बिछी थी और गद्दे थे रजाई थी।
एक कमरे मे छोटा सा चौंकी भी था।
चाचा घर जा कर मेरी बीबी और मेरी सास को बोल आए।
दोनो यहीं आ गए। कहने लगे घर चलिए।
मै: अरे नही वहां सीढ़ी चढ़ने उतरने दिक्कत होती है बीबी थोड़ी समझ गई दरअसल मुझे बैठने मे भी बहुत दिक्कत हो रही थी इंडियन टॉयलेट मे।
मेरी सास अब चली गई।
बीबी: ज्यादा दिक्कत है तो घर चलते हैं।
मै: कोई दिक्कत नही है , बस लैट्रिन बैठने पर दर्द होता है।
मै उसे चलकर दिखाता हूं उसे समझा कर घर भेजता हूं कि वो जाकर शादी एन्जॉय करे मेरी टेंशन ना ले।
तब वो जाती है कुछ देर मे मेरा एक साला और दिया रिया कुछ बहनों के साथ आती हैं।
साला एक पुरानी कुर्सी मे होल बना देता है।
साला: क्या जीजा ये बन गया आपका वेस्टर्न टॉयलेट अब कहीं भी खेत मे उस साईड कुर्सी लगाकर बैठ जाओ इधर कोई नही आता।
मै बैठकर चेक किया।
सभी सालियां हंसने लगी। जिनको बड़े साले साहब ने डांटा।
मै: कोई दिक्कत नही।
बड़ा साला: अरे दिक्कत कैसे नही आप हमारे मेहमान हैं पहली बार गांव आए हैं और आपको ठोक दिया। मुझे तो दोनो कल से नजर ही नही आ रहे हैं नही तो दोनो को पीटता मै।
रिया: अरे नजर कैसे आएंगे भईया दोनो फरार हैं बाइक लेकर पास के कस्बे मे पार्लर गए हैं।
कुछ देर यूंही बात हुई फिर सब चले गए कुछ देर मे दिया कपड़े लेकर आ गई ।शाम हो गई थी तो मै कमरे मे चौंकी पे बैठ गया वो मुझे तैयार होने बोली।
मै: मै क्या करूं यार तैयार हो कर चलने मे नही बन रहा है।
दिया:तैयार हो जाइए ना सब तिलक देखेंगे आप भी चलेंगे और इतना सा चोट मे इतना नखरा मत दिखाइए।
मै थोड़ा नखरा करता हूं फिर मान जाता हूं इस शर्त पर कि तुम्ही को मुझे सहारा देकर चलाना होगा।
दिया: ठीक है।
अब मै कपड़े बदलने लगा। सुबह नहाने के बाद तो बीबी ने कपड़ा पहना दिया था लेकिन अब पहनने मे बन नही रहा था तो दिया ने पहले सारा कपड़ा उतारा अंडरवियर छोड़ कर फिर पहनाने लगी।
मै: तुम्हारा भाई किधर है कल से दिखा नही है।
दिया: अरे दोनो आपके डर से घर भी नही आया है उधर छोटे चाचा के घर पर ही है कल से।
मै: बुलाओ तो किसी बहाने से।
दिया:क्यों! डांटना है।
मै: अरे डाटूंगा क्यूं, ये सब तो होता रहता है।
दिया दोनो को फोन कर बहाने से दालान मे बुलाती है दोनो कमरे मे मुझे देख डर जाते हैं और माफी मांगने लगते हैं।
मै: अरे कोई बात नही इतना टेंशन मत लो शादी एन्जॉय करो ये सब तो होता रहता है।
दोनो अब नोर्मल हो गए थे कुछ देर बात करते हैं और चले जाते हैं।
दिया मुझे मुस्कुरा कर देख रही थी।
मै: ऐसे क्यों देख रही हो।
दिया: कुछ नही अब चलिए अंधेरा हो गया है मुझे भी तैयार होना है।
मै: पहले एक चुम्मा दोगी तब चलुंगा।
दिया: नौटंकी मत करिए,चलिए।
मै: पहले चुम्मा दो तब नही तो नही जाऊंगा।
दिया: इतना गुस्सा दिला रहे हो ना आप, चलिए ना जल्दी तिलक वाले आ जाएंगे और मुझे भी तैयार होना है।
मै: नही तुम जाओ।
दिया कुछ देर सोचती है फिर मुझे गाल पर चूम लेती है और खड़ा करती है।
दिया: लीजिए हो गया अब चुप चाप चलिए।
वो मेरा हाथ कन्धे पर रखती है और धीरे धीरे मुझे तिलक वाले घर ले जाती है फिर मुझे एक साले के सहारे छोड़ चली जाती है मुझे बड़े साले साहब एक टेंट मे ले जाते हैं जहां कुर्सी पर सभी बैठ कर कुछ बाते करते हैं।
अब 9 बजे के करीब तिलक शुरू हो गया कुछ देर मे सब मुझे तिलक देखने ले गए दिया मुझे मिली वो लहंगा चोली पहने थी काफी भीड़ हो गई थी मै एक कुर्सी पर बैठा था भीड़ मे मुझे थोड़ी चोट लग गई। मै कराह उठा
दिया: क्या हुआ चोट लग गई।
मै: हां। लेकिन कोई दिक्कत नही।
अब दिया तिलक होने तक मेरे साथ ही रही फिर खाना हुआ।
दिया: चलिए आपको घर पहुंचा देती हूं आराम करिएगा।
मै: अरे सीढ़ी चढ़ने मे दिक्कत होती है मै दालान मे ही रह लूंगा।
दिया: नही वहां कैसे। मै दीदी को बुलाती हूं।
अब सभी मुझे घर पर रहने को बोलते हैं लेकिन मै दालान मे ही रहने को बोलता हूं तो कुछ देर मे मेरा साला मुझे दालान मे पहुंचा जाता है।
कुछ देर ही हुआ था कि दिया दवाई और तेल लिए खड़ी थी।
दिया: दवाई खा लिजिए।
वो दवाई खिलाती है मेरे कपड़े चेंज करती है।
दिया: घर पर चलते तो ठीक रहता ना।
मै: क्यों:?
दिया: वहां दीदी तेल लगा देती।
मै: तुम भी तो लाई हो, लगा दो।
दिया: खुद लगाना पड़ेगा मै ना लगाने वाली।
मै:ठीक है।
दिया: घर पर दीदी के साथ सोते, यहा अकेले सोना पड़ेगा।
मै: तो क्या हुआ।
मै अब बेड पर लेट गया रजाई के अंदर वो भी दीवार से पीठ लगा बैठ गई और मेरा मोबाईल चलाने लगी।
मै: लहंगे चोली मे एक दम माल़ लग रही हो।
दिया:(शरमाते हुए) ज्यादा फालतू बातें ना करिए।
मै अब रजाई के अन्दर उसके जांघों और कमर को सहलाने लगा।
दिया: क्या कर रहे हो जीजू ज्यादा इधर उधर मत हाथ लगाओ गाड़ी मे पहले ही बहुत हाथ लगा चूके हो।
मै: तो क्या अब उधर हाथ लगाऊं जहां नही लगाया है।
मै उसके पेडू पर हाथ लगाते हुए बोला।
वो मेरा हाथ हटा दी मुस्कुरा कर।
मै: ठंड नही लग रही है। अंदर आ जाओ।
दिया: नही आप सो जाओ, मै घर जाऊंगी।
मै: तो चली जाओ।
दिया: गली मे अंधेरा है फोन कर देती हूं, किसी को।
मै: ठीक है।
मै कुछ देर उसके जांघों कमर को सहलाता हूं।
दिया: जीजू ऐसा करना बन्द करो ना। सो जाओ।
मै; नींद नही आ रही है।
दिया: लाइए तेल लगा देती हूं तब आपको नींद आएगी।
वो मेरे पीठ सर मे तेल लगा देती है अब शर्ट खोल सीने पेट पर तेल लगाती है।
मै: अब रहने दो, सो जाओ।
दिया: बस पैर मे लगाने दीजिए।
वो ट्राउजर उतार पैर मे तेल लगाती है।
अब वो रजाई के अंदर आ जाती है मै बाई करवट था वो मेरे सामने चेहरा कर लेट जाती है ।
मै अपना हाथ बाहर निकाल अलमारी से तेल लगता हूं और उसकी नाभि पर रखता हूं उसकी नंगी कमर पर पेट पर तेल मलता हूं वो एक लम्बी सांस भरती है और मेरी ओर मुस्कुरा कर देखती है।
मै: ऐसे क्या देख रही हो।
दिया: देख रही हूं कि आप कितने बदमाश हैं, टांग टूटी है पर बदमाशी नही छूटी है।
मै: मैने कौन सी बदमाशी की।
दिया: हाथ से क्या कर रहे हैं।
मै: अरे मुझे आदत है तेरी दीदी के साथ ऐसा करने की, तो सोचा की।
दिया: क्या सोचा हूं।
मै: कुछ नही।
मै अपना हाथ हटा लिया और थोड़ी देर चुप रहा।
दिया: अच्छा नाराज मत हो लो रखो।
वो मेरा हाथ अपने कमर पर रखती है। मै सहलाने लगता हूं।
दिया: दाईं जांघ पर चोट है ना।
वो हाथ मे तेल ले रजाई के अन्दर से ही मेरी दाईं जांघ पर लगा रही थी वो घुटने से जांघ तक तेल मलती।
मै सिर्फ शॉट्स मे था।
मै उसके और करीब हो गया और उसके पीठ पर हाथ फेरने लगा और उसे बाहों मे भरने लगा।
दिया:(शर्माते हुए) दीदी के साथ भी ऐसे ही करते हैं।
मै: हां।
अब उसके मम्मे मेरे सीने से लग गए थे उसकी धड़कन तेज हो गई थी सांसें दोनो की तेज हो गई थी।
मै अपना नाक उसके नाक से सताता हूं। कुछ देर मे उसके माथे पर चूम लेता हूं।
उसके होंठ फड़क रहे थे मै उसे अपने होंठ मे भर चूसने लगा।
कुछ देर मे मै अलग हुआ।
दिया: ये क्या कर रहे हैं जीजू आप?
मै उसके होंठ फिर चूसने लगा उसके मुंह मे अपनी जीभ डालने लगा फाइनली उसने मुंह खोला और मै उसकी जीभ चूसने लगा अब वो भी स्मूच कर रही थी।
अब हम दोनो एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे।
मै उसके गले गर्दन कान सीने को चूसने लगा अब हाथ पीछे ले जा उसकी चोली की डोरी खोल दिया।
दिया: आह जीजू छोड़ो अब हद से आगे मत बढ़ो।
वो मुझसे थोड़ा दूर हुई और उठने लगी लेकिन लहंगे मे पैर फंसने से मेरी जांघ पर ही गिर गई जिससे मुझे काफी दर्द होने लगा।
दिया: आह देखिए लग गया ना फिर चोट।
वो मेरी जांघ रजाई के बाहर से ही सहलाने लगी मै काफी दर्द मे था।
अब वो रजाई के अंदर आई और तेल ले मेरी जांघ को सहलाने लगी और मेरी आंखों मे देखने लगी मै दर्द से कुछ बोल नही रहा था और मेरी आंखों के किनारों से आंसू निकल आए थे।
वो मुझे बाहों मे भर ली और मेरे होंठ चूसने लगी।
मेरे गाल माथे और आंख पर चूमी अब फिर होंठ चूसने लगी। मेरा हाथ उसकी कमर पीठ से होता हुआ उसके ब्रा तक पहुंच गया और उसे खोल दिया।
उसने अपने बाएं हाथ से अपने सीने से चोली को लगा रखा था और दाए हाथ से मेरे जांघ को सहला रही थी।
वो स्मूच करना बन्द नही कर रही थी मै भी स्मूच कर रहा था।
मै अब उसकी ब्रा और चोली उसके कन्धे से निकालना चाह रहा था तो हाथ से खींचा।
दिया:(स्मूच करते हुए ही) क्या कर रहे हो जीजू, आह रहने दो ना इसे।
वो स्मूच कर रही थी और ना भी कर रही थी।
मै: दिखाओ ना अपने मम्मे।
दिया: जीजू आप बड़े गन्दे हो,। मै नही दिखाऊंगी मुझे शर्म आती है।
थोड़ी देर बाद लाइट चली गई एक दम अंधेरा हो गया।
मै: अब तो खोल दो अब तो अंधेरे मे मै कुछ देख भी नहीं सकता।
वो मेरे से चिपकी हुई थी।
थोड़ी देर मे मै उसका चोली और ब्रा हटाने मे सफल रहा।
हम रजाई के अंदर ही थे।
उसके 32 के मम्मे मेरे सीने से लग रहे थे। मै मम्मे छूने लगा तो वो मेरा हाथ पकड़ ली।
दिया: आह जीजू मत करो ना।
मै: यार देख तो नही पा रहा हूं कम से कम छुने तो दो।
कुछ देर नखरे दिखाने के बाद वो मुझे स्मूच करने लगी।
मै उसके गर्दन कान गले को चूसने लगा अब सीने पर उसके मम्मे चूसने लगा वो सिहर गई और सीत्कार भरने लगी।
मै उसके मम्मे चूस रहा था वो आह आह करने लगी। मेरे बाल नोचने लगी।
कुछ देर मे मै उसके होंठ चूसने लगा। और उसके लहंगे को अपने पैरों से सरकाते हुए उसकी कमर तक ला दिया जब उसकी चिकनी गान्ड को छुआ तो वो हड़बड़ा गई और दूर हुई।
दिया: आह जीजू ये सब मत करो मुझे डर लग रहा है।
मै: किससे डर लग रहा है पागल।
दिया: पता नही पर थोड़ा अजीब लग रहा है।
मै: ठीक है अब सोते हैं।
मै उसे वैसे ही बाहों मे भर लिया और सोने लगा।
कुछ देर में मैं करवट बदला तो मुझे दर्द हुआ। दिया मुझे वापस वैसे ही सुलाने लगी और मेरे होंठ चूसने लगी और एक हाथ से मेरी जांघ सहलाने लगी।
मै अब अपने हाथ मे तेल ले उसके हाथ मे दिया।
दिया:(हंसते हुए) अब कहां लगाना है।
मै अपना शॉट्स नीचे किया और उसका हाथ अपने कड़क लन्ड पर रख दिया।
दिया:(जल्दी से हाथ हटाते हुए) आह जीजू ये क्या कर रहे हो, आप बहुत गन्दे हो।
वो बोल भी रही थी लेकिन मेरे होंठ चूस भी रही थी।
मै उसका हाथ पकड़ लन्ड पर रखा, दो तीन बार उसने हटा लिया लेकिन फिर वो सहलाने लगी और लन्ड मे तेल लगाने लगी।
दिया: आह जीजू कितना गन्दा काम करवा रहे हो मुझसे।
मै: ये तो अंधेरी रात मे दिया तेरे हाथ मे हो गया।
वो हंसने लगी।
मै अब उसका लहंगा उठाने लगा उसकी चूतड सहलाने लगा वो ना नूकर करती रही लेकिन मना नही करी।
दिया: आप मानोगे नही ना जीजू, अपनी मन की करोगे ही ना।
मै उसकी पैन्टी उतार दिया रजाई मे ही और हाथ मे तेल ले सीधा उसकी बूर पर रखा वो सिहर गई उसकी चिकनी बूर एकदम गीली हो चुकी थी।
दिया: आह जीजू रहने दो ना मत करो ना।
मै उसे स्मूच करता रहा और उसकी बूर सहलाता रहा वो भी स्मूच कर रही थी और मेरा लन्ड सहला रही थी।
अब मै उसकी एक टांग उठा अपनी कमर पर रख दिया जिससे मेरा लन्ड उसकी बूर से जा लगा वो सिसक उठी।
दिया: आह जीजू ये क्या कर रहे हो मत करो ना।
वो ना नुकर कर रही थी लेकिन मुझे बाहों मे और दबोच रही थी। वो बुरी तरह मदहोश हो गई थी।
मै: दिया डाल दूं अपना लन्ड तुम्हारी प्यारी बूर मे।
दिया:(मदहोशी मे) आप बिना करे मानोगे क्या जीजू।
मै: आई लव यू साली।
दिया: ठीक है लेकिन आराम से करना।
मै अब धीरे से अपना चिकना लन्ड उसकी बूर से लगाता हूं और उसकी गान्ड को अपनी ओर खींचता हूं तो लन्ड आधा चला जाता है लेकिन उसे दर्द होता है
वो रोने लगी तो मै उसे चुप कराया।
कुछ देर वैसे ही उसे चूमा चूसा तो उसे अच्छा लगने लगा वो अपनी कमर इधर उधर करने लगी।
अब मै भी धीरे धीरे उसकी गान्ड सहलाते हुए उसे चोदने लगा अबकि बार उसके होंठ अपने होंठों से पकड़ एक धक्का दिया और पूरा लन्ड घुसा दिया वो मेरे सीने पर मारने लगी और मेरे पीठ नोचने लगी।
मै उसे बाहों मे भर पड़ा रहा और प्यार करता रहा कुछ देर मे वो नॉर्मल हुई तो उसे अच्छा लगा।
मै: ज्यादा दर्द हो रहा है क्या?
दिया: (सिसकते हुए) अब पुछ रहें हैं कितने बेदर्द हो आप।
मै: ठीक है तो रहने देते हैं।
दिया: जान ले लूंगी आपकी।
वो अब ठीक थी अब हम स्मूच करते हुए कमर चलाने लगे।
चौंकी की चर चर की आवाज आ रही थी बहुत टाईट बूर थी साली की।
वो अब हांफने लगी मै उसे बाहों मे कस कर दबोच लिया और स्मूच करते हुए धक्के लगाने लगा कुछ 10 मिनट बाद वो झड़ गई। और उसकी बूर की गर्मी से मै भी झड़ने को हो गया तो मैने जल्दी से लन्ड निकाला और उसकी बूर जांघ पर झड़ गया।
कुछ देर हम वैसे ही पड़े रहे उसके बाद जब उसे पिसाब लगी तो वो उठी।
मै: क्या हुआ।
दिया: सूसू जाना है हटिए।
मै हटा। लाइट अभी भी नही आई थी वो अंधेरे मे कपड़े पहनने लगी तो मै मोबाइल की लाइट जलाने लगा तो उसने रोक दिया।
मै भी अपना शॉट्स सही किया और शर्ट पहना।
वो दरवाजा खोली बाहर काफी अंधेरा था। दालान था तो यहां बाथरूम नही था सामने बरामदे के उस पार खाली जगह थी वहीं करना होता था।
दिया: काफी अंधेरा है ।
मै: मै भी चलूं साथ मे।
दिया कुछ सोच कर हां बोल दी।
अब हम बाहर आए, वो मुझे सहारा देकर ले गई,वो सूसू करी मै भी बगल मे किया और वापस कमरे मे आ गए।
हम बेड पर लेट गए मै उसे बाहों मे भरने लगा।
दिया: अगर किसी को बताया ना जीजू ये सब तो जान से मार दूंगी आपको।
मै: पागल है क्या मै क्यूं बताऊंगा।
कुछ देर मे हमे नींद आ गई ।
मेरी नींद खुली जब मुर्गे ने बांग दी। मुझे शौच जाना था लाइट आ गई थी बाहर अभी अंधेरा ही था मैने सोचा ठीक है अभी ही सही रहेगा फिर दिन उग जाएगा तो कहां करुंगा।
मैने दिया को देखा वो मासूमियत से सो रही थी मै उसके माथे पर चूमा और गाल पर भी। जाने के लिए उसे उठाना चाहता था लेकिन उसे मासूमियत से सोता देख उसे नही जगाया।
मै किसी तरह उठा बाहर लाठी के सहारे गया और टॉर्च जला पानी ले खेत की तरफ चला गया कुर्सी की तरफ और फ्रेश हो वापस आया।
देखा तो दिया जाग उठी थी।
दिया: शौच जाना था तो उठाया क्यों नही।
मै: तुम अच्छे नींद में थी।
दिया: अंधेरे मे गिर जाते तो।
मै देखा बेडशीट मे खून लगा है जिसे वो साफ करने के लिए छुपा दी थी।
मै:(उसे बाहों मे भरते हुए) दर्द कर रहा है क्या।
वो शर्मा गई और बेडशीट ले बाहर चली गई थोड़ी देर मे वापस आई।
मै रजाई मे लेटा था।
दिया: मै जा रही हूं थोड़ी देर मे आती हूं काफी लेकर, कहीं जाना मत।
वो शर्माते हुए मेरे होंठ चूम भाग गई।
कुछ देर मे आ गई नहा कर।
धूप निकल गई थी मै भी दातुन कर चूका था और धूप मे लाठी के सहारे टहल रहा था।
वो मुझे सहारा दे कमरे मे लाई।
एक कप कॉफी थी एक सिप मै पीता एक वो।
मै उसे देख मुस्कुरा रहा था और वो भी।
मै: ऐसे क्यों देख रही हो।
मै उसे बाहों मे भरने लगा वो छूट कर भाग गई।
कुछ देर मे मेरी बीबी आई और मुझे नहला कर कपड़े पहना धुप मे तेल मालिश करने लगी।
कुछ देर बाद मेरा साला मुझे घर ले गया जहां खाना खाया वापस दालान पर आ दिन भर सोया।
उस दिन कुछ नही था तो रात का खाना दिया लेकर आई।
मै: क्या हुआ दिन भर दिखी नही।
मै उसे बाहों मे भरने लगा।
दिया: छोड़िए, बार बार ये सब अच्छा नही लगता। जो हो गया वो हो गया अब उसे भूल जाइए।
वो खाना खाने बोली लिकिन मै नही खा रहा था तो वो मुझे अपने हाथ से खिलाने लगी।
मै खाता और उसकी ऊंगली चूम लेता वो भी खाना नही खाई थी तो मै उसे अपने हाथ से खिलाने लगा।
खाना खत्म कर मै बेड पर लेट गए।
मै: क्या हुआ नाराज हो कल रात के लिए। अगर कुछ गलत कर दिया मैने तो बोलो आज के बाद कभी अपनी शक्ल तुम्हें नही दिखाऊंगा।
दिया: इमोशनल ब्लैकमेल करने मे आप माहिर हो।
वो मेरे गाल पर चूम ली।
अब कुछ देर हम इधर उधर की बात करते हैं।
मै: अच्छा बताओ आज दिन भर ना तुम्हारी दीदी आई एक भी बार ना तुम, क्या कर रही थीं दोनो।
दिया: मै तो दर्द की दवाई खा सो रही थी, दीदी का पता नही शायद अपनी सहेलियों के साथ होगी। क्या सच मे एक भी बार नही आई।
मै: नही यार, तुम्हारी दीदी तो मेरा ख्याल ही नही रखती।
दिया: अच्छा, अब से मै ख्याल रखुंगी।
मै: कहां तुम भी नही रख पाओगी।
दिया: अब रखूंगी ना बाबा।
मै: अच्छा ऐसा है तो एक बार अपने हुस्न के दर्शन कराओ।
दिया:(नखरे करते हुए) जीजू ये सब अच्छी बात नही है मेरे से ये सब मत कहा करो करने को।
मै: अच्छा ठीक है नही कहता, लेकिन एक पप्पी तो देगी।
वो थोड़ा नखरा कर गाल पर चूमती है।
कुछ देर मे बीबी का फोन आता है।
बीबी: हेलो जान कैसे हो।
मै: कैसा रहूंगा, ठीक हूं।
बीबी: सोरी मै आपको टाईम नही दे पा रही हूं।
मै: अरे कोई बात नही, शादी मे आई हो तो एन्जॉय करो मेरी टेंशन ना करो।
बीवी: आप अकेले हैं ना!
मै:(दिया की ओर देखता हूं, वो मुझे हां बोलने का इशारा करती है) हां।
बीबी: अच्छा तबियत कैसी है आपकी, पैर का दर्द कैसा है।
मै: सब ठीक है। तू चिन्ता मत कर।
बीबी: और आपका वो ठीक है?
मै: हां एक दम ठीक है।
बीबी: तो मै आ जाऊं।
मै: ये भी पुछने की बात है, लेकिन रात हो गई है अकेले कैसे आएगी।
बीबी: रचना दीदी आधे रास्ते तक छोड़ देगी।
मै: वो भी वहीं हैं क्या?
बीबी: नही वो छत पर हैं।
मै: अच्छा आ जा।
अब फोन रख देता हूं।
दिया: हे भगवान दीदी आ रही है मुझे यहां देखेगी तो क्या सोचेगी। मै जाती हूं।
मै: कहां जाएगी, अकेली रात मे, और वो रास्ते मे मिल जाएगी। ऐसा कर दुसरे कमरे मे सो जा।
दिया: अरे नही उन दोनो रूम का दरवाज़ा कमजोर है, कोई आ गया तो और अकेले मुझे डर भी लगेगा।
मै: अच्छा तो ऐसा कर ये पुआल चौंकी के नीचे भी बिछा ले और ये रजाई ले चुप चाप सो जा मै बेडशीट चौंकी से लटका देता हूं नही दिखेगा।
दिया: ठीक है।
दिया वैसा ही कर लेट गई।
दिया: जीजू, प्रोमिस ना दीदी को कुछ नही ना बताओगे।
मै: प्रोमिस बाबा,, लेकिन पहले वादा कर अपना ये हुस्न मुझे दिखाएगी वो भी दिन के उजाले मे।
इतने मे दरवाजे पर नाक हुई मै उठा और दरवाजा खोला।
बीबी आई और दरवाजा बन्द कर मुझे सहारा दे बेड पर ले गई।
मै: और तूने रचना दीदी को तो सब बता दिया होगा।
बीबी: अरे नही उन्ही का आईडिया था। की अभी घर मे मेहमान कम हैं जा करवा ले, फिर मण्डप के दिन से बहुत लोग आ जायेंगे।
मै: तो क्या वो भी गई करवाने।
बीबी:(हंसते हुए) नही उनका तो 9 महीने के लिए बुक है।
अब हम बेड पर आ गए। उसके नीचे दिया चुपचाप सो रही थी।
हम रजाई मे थे एक दूसरे के अंगों को सहला रहे थे।
मै: और खूब एन्जॉय कर रही हो ना शादी।
बीबी: हां।
मै: घर मे सब कैसे हैं सारे सो गए अच्छे से।
बीबी: अरे घर मे है ही कौन सिर्फ मम्मी और रिया हैं।
मै: क्यूं कहां गए सब।
बीबी: भाई तो बूआ के बेटे के साथ मंझले चाचा के घर हैं, पापा भी समधी के साथ वहीं हैं, दिया छोटे चाचा के घर और मै यहां आपके साथ।
मै: तू क्यों है यहां?
बीबी: आपको प्यार करने।
मै: कैसे प्यार करेगी।
वो मुझे चूमती है।
अब हम एक दुसरे को चूमने चूसने लगे मै उसके गले कान होंठ सब जगह चूसने लगा।
वो ब्लाउज खोल दी।
मै उसके 34 के सफेद रसदार चूंचे पीने चूसने लगा।
मै: आह कितने रसदार चूंचे हैं तेरे।
बीबी: आह और जोर से पियो, निप्पल चूसो आह।
अब मै उसके कमर पीठ पेट सब चूसने लगा। वो आह आह सी सी करने लगी।
मै: इतनी आवाज क्यों कर रही हो।
बीबी:बहुत मजा आ रहा है। बूर चाटो ना।
मै: धीरे बोलो यार, और ये सब क्या करवा रही हो।
बीबी: ओफो क्या हो गया है तुम्हे तो बूर चाटना बहुत पसन्द है ना।
मै: हां है तो लेकिन थोड़ा धीरे बोलो।
बीबी: अच्छा तुम्हें ऐसे लेटने मे दर्द तो नही होगा।
मै साड़ी उठा उसकी टांग फैला रजाई मे घूस गया और बीबी की रसदार बूर चाटने लगा।
मै: पायजामा नही पहनी हो कितना ठंडी है तेरी जांघ।
मै उसकी बूर चूस रहा था और वो आह आह कर मेरे बाल सहला रही थी।
बीबी अब मुझे लिटा दी और स्मूच करने लगी मेरे शर्ट का बटन खोल मेरे सीने पर चूसने लगी मेरे निप्पल काट ली मेरी आह निकल गई। वो मेरे पेट चूमते हुए मेरे पेडू चूसने लगी और ट्राउजर के साथ शाट्स भी उतार दी और कड़क लन्ड को पकड़ सहलाने लगी।
बीबी; क्या खुद सेव कि है आपने।
मै: हां।
बीबी: अरे मुझे बोलते ना मै कर देती हूं ना अच्छे से, कहीं काट वाट तो नही लिया।
मै: अरे उस दिन तुम शॉपिंग गई थी तो खुद कर लिया।
बीबी: आह कितना कड़क हो गया है।
वो मेरे होंठ चूसते हुए मेरे लन्ड को सहलाने लगी।
बीबी: ऐसे बन जाएगा या दर्द होगा।
वो मुझे सामने से बाहों मे भर बोली। और लन्ड अपनी बूर से लगा कुछ देर सहलाती हुई मजे लेती रही।
अब धीरे से बूर मे घुसा ली।
मै उसे बाहों मे भर जांघों को सहलाते और गान्ड दबाते हुए चोदने लगा।
वो आह आह कर मजे लेती रही।
बीबी: चौंकी आवाज कर रहा है, नीचे पुआल पर चलते हैं।
अब हम प्वाल पर लेट गए रजाई ओढ़ कुछ दूर ही दिया लेटी थी बेडशीट चौंकी से लटका था तो दिख नही रहा था।
हम घचा घच चूदाई करने लगे।
वो कुछ देर बाद झड़ गई।
मै भी झड़ने वाला था।
मै: आह कहां निकालू, आने वाला हूं।
बीबी: आह रचना दी के बच्चे कितने प्यारे हैं ना।
मै: तो तुम्हे भी मम्मी बना देता हूं।
बीबी: हूं, आई लव यू अंशु, मुझे मम्मी बना दो, डाल दो मेरे अंदर, आह।
मै उसके गले कान को चूसते हुए चार धक्के मारता हूं और झड़ जाता हूं उसके अंदर।
कुछ देर वैसे ही पड़ा रहता हूं उसे बाहों मे लिए।
बीबी: आई लव यू अंशु,।
मै: आई लव यू जानू।
कुछ देर बाद हम फिर गर्म हो चूदाई करते हैं और सो जाते हैं नीचे ही।
सुबह जब अंधेरा ही होता है तो मै बीबी को उठाता हूं।
वो सहारा दे मुझे फ्रेश होने ले जाती है।
बीबी: अभी अंधेरा ही है आप जा कर आराम कीजिए मै चलती हूं घर,।
मै अब बीबी के जाने के बाद चौंकी के नीचे जा दिया को बाहों मे भर लेता हूं।
दिया नींद मे सिमट कर पूरी तरह मेरी बाहों मे आ जाती है। कुछ देर मे मै उसके होंठों को चूसने लगा।
दिया: आह छोड़िए, कितने गन्दे हो जीजू आप, इसी होंठ से पता नही कहां कहां चूम रहे थे अब हमको चूम रहे हैं।
मै: अरे तेरी दीदी ने बोला था ना।
दिया: आप तो गन्दे हैं ही दीदी को भी बना दिए। दूर हटिए।
मै: अच्छा वो सब छोड़ तू ये बता कि घर पर तू बोल रखी है कि तू छोटे चाचा के घर है लेकिन तू है यहां, क्या बात है।
दिया: वो तो मै सोची की चलो टांग टूटी है तो थोड़ा ख्याल रख लूं, लेकिन आप तो।
मै: तो अधूरा ख्याल रखेगी।
मै उसके होंठ चूमते हुए बोला।
दिया: अच्छा अब हटिए मै जाती हूं नही तो दिन उग आएगा।
मै: अच्छा आज क्या है।
दिया: आज मटकोर है।
वो चली गई।
अब दिन भर थोड़ा लाठी के सहारे घुमा फिरा अब थोड़ा दर्द कम था आराम भी था।
अब रात को खलिहान मे ही मतकोर का रस्म होने आया तो दालान मे 10 बजे तक भीड़ रही फिर सभी चले गए।
मै अकेला लेटा था खाना खा कर, दिया दवा लेकर आई।
हम कुछ देर लेटे रहे मै दिन भर सोया नही था तो जल्दी नींद आ गई।
अगले दिन हल्दी थी तो सब जबरदस्ती दूल्हे के घर ले गए, खूब जम कर सबने हल्दी लगाई मै भी हल्दी लगाया और साईड कुर्सी पर बैठ गया। खूब हंसी मजाक चला।
दोपहर तक नहा लिया और शाम के खाने तक वहीं रहा सच मे आज गेस्ट सभी आ गए थे।
अब मुझे तो सीढ़ी चढ़ने मे दिक्कत हो रही थी तो मै दालान मे ही सोने जाने की सोचने लगा, लेकिन सभी बहुत बोल रहे थे की घर पर सो जाइए उधर अब बाकि गेस्ट सोएंगे। लेंकिन मै नही माना तब सभी ने कहा कि चलो हम भी वही सोते हैं।
अब बाकि के दो रूम मे चाचा पापा फूफा सब सो गए और इस रूम मे मै मेरी बीबी, दिया, बूआ की बेटी, और एक चाचा की बेटी सो गई।
सभी हम उम्र ही थे मै बेड पर सोना चाहता था लेकिन सभी ने कहा तो नीचे ही सो गए सब।
दीया एक दिवाल साईड सो गई क्योंकि उसे किनारे मे सोना था मै उसके बगल दाई ओर मेरी दाईं मेरी बीबी और बाकि दो उसके बगल सो गई।
अब रात हुई तो मै आदत अनुसार अपनी बीबी के बाहों मे चला गया और सो गया।
अब अगले दिन कुछ नही था बस गांव वालों को खिलाना था उसके अगले दिन बारात जाना था।
मुझे मेहंदी लगानी आती है ये बात मेरी बीबी ने सबको बता दी तो सब सालियां आ गई मुझसे मेहंदी लगवाने।
मै भी लगाने लगा सब एक दूसरे को थोड़ा थोड़ा लगा रहीं थीं।
कुछ के पैर पर तो कुछ के हाथ पर लगाया।
दिया किसी से नही लगवा रही थी और बहुत गुस्से मे दिख रही थी।
शायद उसे मेरा सबको मेहंदी लगाना पसन्द नही आ रहा था। उस पर से हो गया ये की बुआ की ननद की बेटी मेट्रो सिटी से थी तो उसने मेहंदी लगवाने के बाद थैंक्यू बोलते हुए मेरे गाल पर किस कर लिया।
दिया का चेहरा एक दम लाल हो गया वो उठ कर चली गई।
अब शाम हो गई तो सब चले गए। अब मै दालान मे बिल्कुल अकेला रह गया था रात हुई तो गांव वालों को खिलाने का काम शुरु हुआ।
थोड़ी देर मे दिया मेरे लिए खाना लेकर आई।
मै: तुम खाना खा ली।
वो कुछ नही बोली।
मै: क्या हुआ, नही बोलोगी, नाराज हो तो जाओ मै भी नही खाता।
दिया; चुप चाप खा लिजिए नौटंकी मत करिए दिन भर नौटंकी किए तो मन नही भरा।
मै: तुम नही खाओगी तो मै भी नही खाऊंगा।
मै उसका हाथ पकड़ बेड पर बैठाया और खिलाने लगा उसे, वो खाने लगी मै भी खा लिया।
मै: क्या हुआ तुम मेहंदी क्यों नही लगवाई।
दिया: आपको दूसरों से फुर्सत मिले तब ना।
मै: लाओ मै लगा देता हूं।
कुछ देर मनाने पर वो लगाने देती है। बड़ा गांव था तो खाते हुए 12 बज गए इधर दिया के दोनो हाथों और पैर मे मै मेहंदी लगा दिया।
कुछ देर मे सब सोने के लिए आने लगे और सो गए।
अगले दिन बारात थी मेरा तो उतना मन नही था जाने का क्यूंकि बिना सहारे के चलना मुश्किल था अभी भी लेकिन सबके जोर देने पर मै जाने के लिए तैयार हो गया।
शाम को सभी निकलने के लिए थे मेरी गाड़ी बड़े साले चला रहे थे और कुछ सालियों के साथ मै भी बैठा था।
कुछ देर मे हम पहुंच गए।
सब जहां बाराती ठहरना था वहां जाने लगे, मै गाड़ी मे ही बैठा था।
कुछ देर मे दिया मुझे खोजते हुए आई।
दिया: क्या हुआ चलिए।
मै: यार चलने मे दिक्कत हो रही है कहां भटकते हुए जाऊंगा।
दिया: वो सब मै नही जानती सब शादी मे रहेगें आप यहां अकेले रहेगें चलिए।
मै: यार जिद्द मत करो।
दिया: मै हूं ना मै हमेशा आपके साथ रहूंगी।
मै: नही यार रहने दो।
दिया: आप ऐसे नही मानेंगे।
अब वो गाड़ी के अंदर आ गई और दरवाज़ा लगा ली ।
वो मेरा चेहरा थाम ली और मेरे होंठ चूसने लगी मेरे मूंह मे जीभ डाल दी और जीभ चूसने लगी।
वो जबरदस्त स्मूच कर रही थी।
दिया:( शर्माते हुए) अब चलिए।
वो मुझे सहारा दे बारात मे सामिल की और बिल्कुल भी मुझे नही छोड़ी मुझे सहारा दे घूमती रही।
कुछ देर बाद सबने खाना खाया रात हो गई तो कुछ देर जयमाला हुआ फिर कुछ देर मे हम सारी लड़कियों और बच्चों को वापस घर ले आए।
बड़े साले साहब मेरी गाड़ी ले वापस चले गए।
सब घर सोने चले गए। दिया मुझे दालान पर ले आईं वहां कोई नही था।
अब हम बेड पर लेट गए।
कुछ देर उन्ही पीठ के बल लेटा रहा।
दिया: क्या बात है आज कुछ बोल नही रहे हैं, आपका हाथ भी शान्त है।
मै अब उसकी करवट हुआ और उसकी कमर पर हाथ रख सहलाने लगा।
मै उसे बाहों मे भर लिया वो स्मूच करने लगी मै उसके अंग को सहलाने लगा उसकी कमर उसकी गान्ड उसकी पेट। उसकी आह निकल गई।
अब उसके गले गर्दन कान को चूसने लगा वो सिसकारी भरने लगी
उसने खुद अपनी चोली के ऊपर के 2 बटन खोल अपने मम्मे बाहर निकाले।
उसने अपने मम्मे के ऊपर मेरा नाम लिख रखा था मेहंदी से। मै उन्हें चूम लिया और उन्हें पीने लगा । उसके निप्पल चूसने लगा वो आह आह ओह ओह करने लगी।
अब उसके कान गले गर्दन सब जगह चूसने लगा वो मदहोश हो गई थी,उसके पीठ चूसा कमर चूसा।
अब उसके पेट चूसने लगा उसकी नाभी मे जीभ फिराने लगा उसके पेडू चूसने लगा।
अब उसके लहंगे की डोरी खोलने के लिए हाथ बढ़ाया तो उसने एक बार भी नही रोका और खोलने दी ।
अब वो सिर्फ पैन्टी मे थी मै अब उसके पैर चूसने लगा उसके जांघ चूसने लगा।
अब उसकी पैन्टी उतार दी।
वो पैर मोर बड़ी ही अदा के साथ मुझे देख रही थी और एक दम हुस्न की परी लग रही थी।
मै उसके होंठ चूसते हुए उसके गर्दन चूसा उसके मम्मे चूसे उसके पीठ और चूतड चूसा।
मै अब उसके पेडू चूमते हुए बूर पर भी चूमने लगा वो आह आह करने लगी।
दिया: आह जीजू वहां मत करो ना गुदगुदी होती है।
मै: बहुत मजा आएगा, थोड़ा रुको तो।
मै रजाई के अन्दर ही उसकी टांगें खोलने लगा और उसकी चिकनी गीली बूर पर जीभ फिरा दिया वो सीत्कार उठी।
दिया: आह जीजू सी क्या कर रहे हो।
मै उसकी जांघ चूसता उसकी बूर की होंठों को चूसता कभी उसे पूरा मुंह मे भर लेता।
वो आह आह करते हुए बाल सहला रही थी।
कुछ देर की बूर चुसाई मे वो कमर उचकाने लगी और झड़ गई।
दिया: आह जीजू आपने तो मुझे पागल कर दिया, आई लव यू।
मै: आई लव यू साली।
वो मुझे स्मूच करने लगी मेरे गाल चेहरे को चूमने लगी।
वो अब मेरा कपड़ा खोल दी अब हम दोनो बिल्कुल नंगे थे रजाई के अन्दर।
हम एक दुसरे को बाहों मे भर स्मूच कर रहे थे।
उसकी बूर एक दम गीली थी मेरा लन्ड कड़क था वो अपनी टांग मेरी कमर पर रख दी मै धीरे धीरे लन्ड बूर मे घुसाने लगा वो कसमस्ती हुई लन्ड घुसवा ली अब उसकी गान्ड सहलाते हुए चूदाई करने लगा।
मै उसकी कमर पकड़ अपनी कमर चला रहा था वो स्मूच कर रही थी और आह आह कर रही थी।
बूर बहुत टाईट थी लेकिन गीली भी उतनी ही थी, कुछ देर मे वो झड़ गई और उसकी गर्मी से मै भी झड़ गया बाहर निकल कर।
उसकी सासें कुछ नॉर्मल हुई हम दोनो को हल्का पसीना आ गया था मै उसके गाल गले को चूमते हुए उसे रिलैक्स कर रहा था।
दिया: आह जीजू आई लव यू।
मै: आई लव यू मेरी प्यारी साली।
मै अब टॉवेल से मेरे लन्ड और उसकी बूर को साफ करता हूं।
हम वैसे ही एक दूसरे को प्यार करते रहते हैं।
मै: एक बात बता ये नाम लिखा किसने?
मै उसके मम्मे पर अपने नाम को चूसते हुए बोला।
दिया:(शर्माते हुए) किसी से नही।
मै: झूठ मत बोल,बता ना।
दिया: आपकी कसम जीजू मै खुद से लिखी हूं।
वो मेरे गर्दन को चूमते हुए बोली।
मै: (उसकी बूर सहलाते हुए) आह कितनी चिकनी बूर है तेरी।
दीया: अच्छा एक बात बताओ, आप अपने इस जगह दीदी से सेव करवाते हो।(वो मेरे लन्ड के ऊपर सहलाते हुए बोली)
मै: क्यों?
दीया: बताओ तो!
मै: अरे नही मै तो खुद कर लेता था, लेकिन एक दिन ना थोड़ा कट गया था, और खून निकल रहा था तो तभी से तेरी दीदी ही सेव करती है।
दीया:(हंसते हुए) क्या ये कट गया था।
मै: नही रि इधर पेडू पर।
हम एक दूसरे के अंगों को छेड़ और सहला रहे थे।
मै उसके दोनो चूचों को चूसने लगा उसके गाल कान होंठ उसके कांख सब जगह चूसे उसके चूतड प्यार से सहलाया उसकी बूर सहलाया तो वो गीली हो चुकी थी और कमर को मेरे से टच करा रही थी।
मेरा लन्ड भी खड़ा हो चुका था मै धीरे धीरे से लन्ड बूर मे घुसा देता हूं वो उह आह करते हुए लन्ड ले लेती है और अपनी टांग मेरी कमर पर चढ़ा देती है ।
हम वापस चूदाई मे लीन हो गए थे। मै अपनी कमर पीछे करता तो वो भी पीछे करती फिर हल्के से आगे करते।
35 मिनट की चूदाई मे वो 3 बार झड़ चुकी थी अब मै भी झड़ने वाला था तो लन्ड निकाल झड़ गया।
हम दोनो एक दूसरे को सहला रहे थे और प्यार कर रहे थे।
मै टॉवल से दोनो को साफ करने लगा।
दीया: जीजू ये मेरे अन्दर रह जाता तो क्या होता।
मै: (हंसते हुए) तू मां बन जाती पागल।
दीया:(शर्माते हुए) अच्छा मुझे मासी कब बना रहे हो।
मै: बहुत जल्द।
कुछ देर हमने यूंही बात करी और कपड़े पहन सो गए।
अब अगले दिन बारात वापस आई 10 बजे।
सब दुल्हन के स्वागत मे लगे थे।
मै दिन भर आराम किया शाम को थोड़ा घूमा, अब मेरा पैर थोड़ा ठीक था।
अब रात को खाना खा सो गए।
अब अगले दिन हम घर वापस आ गए।
मेरे साले का एडमिशन के चक्कर मे कहीं जाना था तो मेरे ससुर चले गए उसके साथ और मुझे कुछ दिन घर पर ही रुकने को कहा।
अब रात मे एक कमरे मे मै मेरी बीबी और दिया सो गए और रिया अपनी मम्मी के साथ।
हम लेट कर यूंही बात कर रहे थे।
बीबी: मेरे पैर पर पैर क्यों रखी है।
शायद दिया ने अपना पैर अपनी दीदी के पैर पर रखा था। जो बीच मे थी।
दिया: आप भी तो शादी के बाद आई थीं तो मेरे पैर पर रख सोती थी।
बीबी: अरे वो तो तेरे जीजू ने आदत लगा दी थी।
कुछ देर और बात कर सो जाते हैं।
दो दिन ऐसे ही बीत गए।
एक शाम सभी मार्केट गई थी बस मै और रिया ही थे।
मै लैपटॉप पर काम खत्म कर सीढियों के सहारे ऊपर छत पर जा रहा था रिया आई और मुझे सहारा दे छत पर ले गई।
रिया: जीजू एक बात बोलूं।
मै: हां बोलो ना।
रिया: आप क्या सिर्फ दीदी को प्यार करोगे मुझे नही करोगे।
मै: अरे प्यार करता हूं तो तुम से।
रिया: और दीदी से।
मै: उससे तो मै बहुत प्यार करता हूं।
रिया: (मुसकुराते हुए) मै दीया दीदी के बारे मे पूछ रही हूं।
मै चौंक गया और उसकी तरफ सवालिया निगाहों से देखा।
रिया:(हंसते हुए) चौंकिए मत, मुझे सब पता है।
मै: क्या पता है।
मै हंसते हुए बोला।
रिया: बारात मे गाड़ी के अंदर आप दोनो किस कर रहे थे, मै देखी थी।
मै: अरे वो तो ऐसे ही कर लिया था। तूने किसी को बताया तो नही या किसी और ने तो नही देखा।
रिया: घबराइए मत मै किसी को नही बताई हूं।
मै:(हंसते हुए) अच्छा तो ये बता मुझे क्यों बता रही है।
रिया: बस ये कहना चाहती हूं कि मुझे कब वैसे प्यार करोगे।
मै: पहले बड़ी तो हो जा।
रिया:(कुर्सी से उठ मेरे सामने घूमती है) बड़ी तो हो गई हूं।
मै:(हंसते हुए) पागल, और बड़ी हो जा।
मै उसे बाहों मे भर उसे गले लगाता हूं और उसके गाल पर हल्के से काट लेता हूं।
मै: अच्छा ये बात किसी को बताएगी तो नही ना।
रिया: नही बताऊंगी बस मुझे खूब प्यार करना होगा।
मै: अच्छा बाबा पहले बड़ी हो जा।
मै उसे कुछ पप्पी देता हूं।
मै: मेरा ना इतना प्यार आ रहा है तुम पर कि अगर मेरा पैर ठीक होता तो मै तूझे गोद मे उठा घूमा देता।
रिया: अच्छा जी। सच मे।
इतने मे दरवाजे की घंटी बजी रिया दरवाजा खोल ऊपर आई और मुझे नीचे ले गई।
अब कुछ दिन मे हम अपने घर आ गए।
ठंडी काफी बढ़ गई थी।
एक शाम मेरी बीबी किचेन मे थी।
मै: ये क्या इतनी ठंड मे तू खाली पैर है, फर्श कितना ठंडा है।
मै उसे गोद मे उठा बेड रूम मे लाता हूं और गर्म पाजामा पहनने को बोलता हूं।
बीबी: रहने दीजिए ना रात को खोलना ही पड़ेगा।
वो आंख मार कर बोली। मै समझ गया चूदाई होगी आज।
मै फिर भी उसे बेड पर लेटा पायजामा पहनाने लगा और साड़ी उठा बूर चूम लिया अब मोजा भी पहना दिया।
अब रात मे हमने जम कर दो बार चूदाई करी।
दो तीन दिन बाद ससुराल से फोन आया कि रिया नाराज है कल से खाना नही खाई है सास मुझे बुलाई है।
अब अगले दिन मुझे जाना पड़ा मेरी बीबी नही आई।
मै पहुंचा तो पता चला वो मोबाइल के लिए रूठी है।
मै दोपहर मे पहुंचा। ठंड बहुत थी तो मै दिया और रिया और रिया रजाई मे बैठे थे।
मै: क्यों रूठी है रिया।
रिया: सबके पास घर मे मोबाइल है मेरे पास नही है।
मुझे मोबाइल चाहिए।
मै: क्या करेगी मोबाइल लेकर, ब्वॉयफ्रेंड से बात करेगी या नेट पर उल जलूल वीडियो देखेगी।
रिया: मै ये सब कुछ नही करूंगी।
मै: खा मेरी कसम, अगर मोबाइल दिला दूंगा तो ये सब नही करेगी।
वो रोते हुए कहती है मै ये सब नही करूंगी।
मै: अच्छा चल आज बाहर ही खाते हैं और तेरा मोबाइल भी ले देते हैं।
वो खुश हो गई।
अब हम तीनो बाहर जा उसके लिए अच्छा सा मोबाइल खरीदते हैं और खाना खा वापस आ जाते हैं।
अब रात को कमरे मे हम तीनो ही थे रिया मोबाइल मे कुछ कर रही थी।
मै: क्या कर रही है ब्वॉयफ्रेंड से चैट।
रिया: क्या जीजू आप भी ना, मेरे ब्वॉयफ्रेंड तो आप ही हो।
मै: अच्छा जी।
रिया: हां जी।
मै: नही जी मै तो आपकी बड़ी दीदी का पति हूं।
रिया: हां वो तो हो, लेकिन मेरे और इसके ब्वॉयफ्रेंड हो।
दिया: नही मेरे कोई ब्वॉयफ्रेंड नही हैं ये मेरे तो प्यारे जीजू हैं, ब्वॉयफ्रेंड होगें तेरे।
दोनो हंसते हुए बोली।
हम कुछ देर हंसी मजाक कर लेट जाते हैं रजाई मे।
रिया: इसका कैमरा बहुत अच्छा है, आगे से किसी को गाड़ी मे किस करते हुए देखूंगी ना तो फोटो खींच लूंगी।
वो हंसते हुए बोली।
दिया शर्माते हुए रजाई मे मूंह डाल ली।
मै: (रिया के कान पकड़ते हुए) तूने क्या सबको बता दिया है।
रिया: मै किसी को नही बताई हूं दीदी ने ही मुझे सब बता दिया है।
मै: तूने क्या क्या बताया, दीया।
दीया: मै तो कुछ नही बताने वाली थी जीजू लेकिन इसने ना मुझसे खोद खोद कर सब पुछ लिया।
मै: पागल तूने सब बता दिया।
दीया शर्माते हुए रजाई से हंस रही थी।
रिया:(हंसते हुए) पता है जीजू, मै सिर्फ कार वाला देखी थी और उतना ही जानती थी, मै इसे थोड़ा सा बस छेड़ी और इसने ना सब बता दिया।
दीया:कमिनी, तू तो बोली थी तू सब जानती है और कितना मुझको डराई थी। मै तो चार दिन सदमे मे थी।
मै:(रिया को गुदगुदी करते हुए) अपनी बहन को खूब सताया तूने।
रिया:( मेरे गले लगते हुए)। सताऊंगी नही, आपका प्यार अकेले अकेले हड़प रही थी।
मै उसके गाल पर चूम लेता हूं।
मै: अच्छा खा मेरी कसम की अब किसी को नही बताएगी।
रिया: कसम खाती हूं कि अब किसी को नही बताऊंगी।
मै रिया को बाहों मे भर थोड़ा प्यार करता हूं और दिया को भी।
उसके बाद दिया मेरे लिए तेल ले कर आ जाती है और पैर मे लगाने लगती है।
रिया: लाओ मै भी थोड़ा लगा देती हूं आखिर मुझे मोबाइल दिलाए हैं।
मै उन्हें मना करता हूं फिर भी वो दोनो मेरे एक एक पैर मे तेल लगाने लगती हैं फिर पीठ मे तेल लगाती हैं और दबाती है जिससे मुझे नींद आने लगती है मै उन्हें रोकता हुं।
रिया मेरे साथ सो जाती है जबकि दिया बाथरुम जाती है उसके आने से पहले मुझे नींद आ गई थी।
अब देर रात मेरी नींद खुलती है तो मै बीच मे सोया था मै उठकर पानी पीता हूं और वापस रजाई मे आता हूं।
दिया जाग गई थी। वो मेरी तरफ सरकती है मै अब किनारे मे था।
अब दिया और मै एक दुसरे को बाहों मे भर लेटे थे और एक दूसरे को सहला रहे थे।
वो मेरे माथे पर चूम ली तो मै भी माथे पर चूमा, अब वो अपने चेहरे को मेरे चेहरे से रब करने लगी। अब वो गाल गले कान नाक होंठ सब जगह चूस चूम रही थी।
मै भी उसे हल्के से चूमा। अब वो मेरे होंठ चूसने लगी। वो काफी देर होंठ चूसी। हम रजाई मे फ्रेंच किस कर रहे थे।
मै उसे रोका और इशारे से पूछा क्या इरादा है लेकीन वो स्मूच करती ही रही।
मै: रिया बगल मे है! किसी और रूम मे……..
दिया: सबसे सेफ यही है।
वो अब और जोर से स्मूच करने लगी और मेरे बदन पर हाथ फेरने लगी। मै भी कपड़े के ऊपर से ही उसके मम्मे सहलाने लगा।
मै उसका कपड़ा उतारना चाहता था लेकिन उसने मना कर दिया क्यूंकि सर्दी ज्यादा थी।
अब सिर्फ इनर उठा इसका पेट चूसा और थोड़ा सा मम्मा चूसा और नीचे कर दिया और वापस होंठ चूसने लगा।
उसके कान गले गर्दन को चूसने लगा। अब सलवार खोलने के लिए नाड़ा खोलने लगा तो उसने हाथ पकड़ लिया और उसे अपनी बूर के पास लगा दी मेरे थोड़ा टटोलने पर लगा की वहां एक छेद था जिसमे मेरा हाथ जा सकता था। और उसने पैन्टी नही पहनी थी।
मै: सब इंतजाम कर रखा है तूने।
वो शर्मा कर मेरे होंठ चूसने लगी।
मै छेद से हाथ डाल उसकी बूर सहलाने लगा जो गीली हो चू रही थी। दिया मेरे ट्राउजर में हाथ डाल मेरा लन्ड पकड़ ली और सहलाने लगी।
मेरा लन्ड पहले से ही कड़क हो गया था।
मै: बहुत आराम से करना होगा।
दीया: हूं।
मै अब उसका अपने नीचे किया थोड़ा टांग उसका फैलाया और लन्ड छेद से डाल उसके बूर पर रगड़ने लगा।
वो सिसकती इससे पहले ही मेरे होंठ चूसने लगी।
मै अब सुपाड़ा अन्दर बाहर करने लगा तो वो मुझे बाहों मे जोर से दबा दी।
मै उसके ऊपर लेटा था। अब धीरे धीरे चोदते हुए पूरा लन्ड घुसा दिया वो सिसकते हुए पुरा लन्ड झेल गई।
अब हल्के हल्के चूदाई करने लगा एकदम हल्के हल्के चोदना पड़ रहा था जैसे स्लो मोशन मे।
अब मै उसे अपने ऊपर किया वो दोनो टांग मेरी कमर के ओर कर मेरे पर लेट गई और लन्ड बूर मे घुसा ली।
अब धीरे धीरे स्लो मोशन मे गांड़ ऊपर नीचे करने लगी। इतनी स्लो चूदाई से हुआ ये कि हम दोनो ही बहुत देर बाद झड़े करीब एक घण्टे बाद।
मै उसके बूर मे ही झड़ गया क्योंकि उसने बताया कि उसका सेफ टाईम है।
अब बहुत देर हम वैसे ही सोए रहे।
अगले दिन मै वापस अपने घर आ गया।
अब अगले साल लॉकडॉन मे मेरा बेटा हुआ। और 2021 के नवम्बर मे दीया की शादी हो गई। शहर वाले घर पर ही।
अब 2022 दिसंबर मे गांव की एक और साली की शादी मे गांव गया सभी परिवार सहित।दीया के ससुराल से उसकी ननद और ससुर भी हमारे साथ ही गए।
अब रिया भी काफ़ी जवान हो गई थी और मुझ पर फिदा तो थी ही। वो मुझसे इसी मौके पर चूदाई करवाना चाहती थी क्यूंकि 3 साल पहले उसने वादा लिया था और घर मे कभी मौका नही मिल सका था।
अब दिया तो और गदरा गई थी शादी के बाद।
दिया अब खुलकर मजाक करती थी हालांकि हमने उस रात के बाद कुछ किया नही था।
गांव पहुंचा तो इस बार सालों ने खूब काम करवाया गाड़ी चलवाई सामान मंगवाए ढोलवाए। पिछली बार का सारा कसर पूरा कर लिया।
काम तो किया लेकीन मन भी खूब लगा खूब सारे साले सालियों से।
हल्दी वाले दिन तो इतना मजा आया कि बता नही सकता सारी सालियों ने हल्दी और रंग से नहला ही दिया। ऐसा लग रहा था होली चल रहा है दिया तो ज्यादा ही मुझसे मस्ती कर रही थी।
अब रात को खाना खाते टाईम दिया नही दिख रही थी वैसे सब साथ ही खाते थे।
खाना खा कर सब सोने चले गए तो रिया मेरे मोबाइल पर मैसेज करी की छत पर आओ। मै जाना नही चाहता था लेकिन चला गया।
रिया सीढ़ी पर मिली।
मै: क्या हुआ।
रिया: दिया दीदी ऊपर रो रही है जाइए देखिए।
मै ऊपर गया ठंड काफी थी दिया एक खाट पर बैठी थी और सुबक रही थी। मुझे देखते ही अपने आंसू पोंछने लगी।
मै: क्या हुआ। रो क्यों रही है।
वो कुछ नही बोली, मेरे दो तीन बार जोर देने पर वो रोने लगी।
मै खाट पर बैठ उसे चुप कराया और रोने की वजह पूछी।
दिया: दीदी ना मुझे आपसे ज्यादा मजाक नही करने को बोली।
वो रोते हुए सब बात बताई की मेरी बीबी उसे डांट लगाई है।
मै: अरे इतनी सी बात पर रो रही है, उसे लगा होगा की तेरी ननद, ससुर और बाकि लोग गलत समझ लेंगे हमारे मजाक को।
मै अपनी बीबी का बचाव किया।
लेकीन दिया अब भी कपस कर रो रही थी।
दिया: क्या मेरा आप पर इतना भी हक नही रहा कि मै आपसे मजाक कर सकूं, अब आप भी मुझसे दूर ही रहते हो।
मै उसे चुप कराया और बाहों मे भर लिया और उसके होंठ चूसने लगा कुछ देर मे वो भी साथ देने लगी।
कुछ देर किस करने के बाद।
मै: चल अब सोने जा और अपनी बहन से डरने की जरूरत नही है तेरा मुझ पर पूरा हक है।
मै उठने लगा तो वो मुझे वापस खींच ली और स्मूच करने लगी। और अपने ऊपर लिटा ली।
धीरे धीरे हम आगे बढ़ते गए मै उसके गले गाल कान चूसा वो भी चूसी मम्मे ब्लाउज के ऊपर से चूसा अब साड़ी उठाई और पैन्टी उतारी और बुर चुसने लगा साड़ी के अंदर जा वो सिसकारी भरने लगी।
उसकी बुर और रसदार हो गई थी।
अब वो मुझसे ऊपर खींच स्मूच करने लगी और मेरा ट्राउजर नीचे कर लन्ड निकाली अब मै लन्ड बुर मे घुसा दिया और चूदाई करने लगा वो आह आह कर हर धक्के का साथ दे रही थी।
कुछ आधे घण्टे चूदाई करी और अंदर ही झड़ गया।
अब उसे मना कर नीचे लाने लगा तो सीढ़ी पर ही रिया थी।
रिया:( मुसकुराते हुए) हो गया काम अब कल मुझे कैसे भी करवाना है, नही तो हल्ला कर दूंगी।
दिया तो उसे देख कर ही शर्मा गई और साईड से निकल कर चली गई।
मै रिया को समझाने लगा की फिर कभी अभी कहां जगह मिलेगी लेकिन वो मान नही रही थी मै उसके मम्मे सहलाया और होंठ चूसे और सोने जाने बोला।
अब अगले दिन कुछ नही था उसके अगले दिन शादी थी रिया दिया को बार बार सुबह से ही कह रही थी कि जीजू को बोलो। ये बात दिया मुझे बोल रही थी।
मै उसे मना कर रहा था।
अंत मे दिया मुझे कुछ शॉपिंग कराने के लिए बाजार चलने को बोली मै बोला ठीक है गाड़ी की चाभी लेकर आओ।
मै दिया और रिया मेरी गाड़ी से जाने लगे बाजार।
गाड़ी का दरवाजा खोल अंदर बैठा तो एक अजीब सी बदबू आई कुछ जानी पहचानी।
मै: कौन गाड़ी ले गया था अभी दिया।
दिया: मुझे क्या पता, मै चाभी तो आपके साले से लेकर आई हूं।
मै: बहंचोद ने गाड़ी मे ही किसी की चूदाई की है।
मै गाड़ी निकाल सड़क पर चलाने लगा पीछे दिया और रिया बैठी थीं।
दिया: कुछ भी मत बोलिए।
मै: खुशबू से पता नही चल रहा है कि यन्हा चुदाई हुई है तुम तो अनजान मत बनो तुम्हारे लिए तो ये गन्ध अनजान नही है।
दिया: (हंसते हुए) हां महक तो वैसा ही रहा है लेकीन मेरे भाई पर इलजाम मत लगाइए, आप सबको गाड़ी बांट रहे हैं। सिर्फ वही थोड़े चला रहा है।
मै: अरे वहीं होगा नही तो तुम्हारा फुफेरा भाई होगा, लेकिन साला लड़की कौन है किसको चोदा होगा।
रिया: इसकी ननद होगी वो ही सुबह से गायब है।
दिया: ये फालतू मत बात कर।
रिया: अरे सच मे मै उसे खोज रही थी सब जगह छोटे चाचा के यहां भी नही थी।
मै: अच्छा ठीक है अब बताओ कहां चलना है।
दिया: किसी होटल मे लेलो या यहीं किसी सुनसान जगह गाड़ी लगा लो, आपकी छोटी साली को चुदाई करवानी है अब खुजली बर्दास्त नही होती इससे।
मै: अच्छा इसलिए ये बाजार का बहाना करी।
दिया: हां।
मै: लेकीन गांव मे होटल कहां मिलेगा, बाद मे करते हैं ना।
रिया: बाद मे बाद मे करते करते 3 साल निकाल दिए। मेरे यहां सब करने लगे सिर्फ मै आपकी वजह से कुंवारी बैठी हूं, कहीं रोकिए नही तो अब कभी आप दोनो से बात नही करूंगी।
दिया: आगे उधर लगा दीजिए इधर जंगल वाले रास्ते मे।
मै उधर गाड़ी लगा दिया और पीछे आ गया।
मै: चलो बोलो क्या करना है।
रिया मुझपर किसी भूखे शेरनी की तरह टूट पड़ी मेरे होंठ गाल चूसने लगी।
मै: थोड़ा रूक।
मै उसके चेहरे को थाम लिया उसके होंठ कांप रहे थे मै उसे चूमा धीरे धीरे चूसना शुरू किया उसकी सिसकारी निकल गई।
दिया हंसने लगी।
मै: अपनी दीदी के सामने तू चूदवा लेगी, शर्म नही आएगी तूझे।
रिया: और कल रात मुझसे निगरानी करवाई थी सीढ़ी पर तब आपको शर्म नही आई थी।
मै: मुझे लगा तू चली गई होगी।
रिया: हां, बहुत लग गया आपको।
मै अब उसके गाल गर्दन कान चूसने लगा उसके जैकेट की चेन खोली और टी शर्ट ऊपर कर दी उसने ब्रा पहन रखी थी जिसे उतार दिया अपने पर्स मे रख दी।
अब रिया के छोटे मम्मे चूसने लगा जो मौसमी जैसे थे उन्हें पूरा मूंह मे भर लेता वो सीत्कार उठी। दिया मंद मंद मुस्कुरा रही थी।
रिया अब बूरी तरह मदहोश हो गई थी।
मै: अब कैसे करेगी।
दिया; मै मेरी गोद मे सर रख लेती हूं इसका आप जींस उतारो।
मै रिया का जींस उतार दिया वो दिया के गोद मे सर रख लेट गई अब उसकी पैन्टी भी उतार दी।
रिया मम्मे से नीचे तक नंगी थी उसकी सपाट पेट पतली कमर और छोटी सी बुर मेरे सामने थी जिसे वो शर्मा कर छुपा रही थी।
अब मै थोड़ा एडजस्ट कर नीचे झुका और पेट नाभि चूसते हुए बुर पर चूमने लगा।
रिया आह आह करने लगी तो दिया उसके मूंह पर हाथ रख दी।
मै: तेरा पति बुर चाटता है दिया।
दिया: (हंसते हुए) हां, पहले तो नही चाटते थे लेकिन एक दिन मै बहाने से चटवाई तब से रोज चाटते हैं जब घर होते हैं।
मै रिया की छोटी सी बुर को पूरा मूंह मे भर कर चाट रहा था जिससे वो कुछ देर मे ही झड़ गई।
कुछ देर बुर चाटा तो वो फिर गर्म हो गई अब दिया बोली की जल्दी करो तो मै अपना पैजामा नीचे कर लन्ड बुर पर घिसने लगा।
कुछ देर मे थोड़ा अंदर डाला रिया की आंखें बारह आ गई थोड़ा चीखने लगी तो उसके होंठ चूसने लगा।
अब हल्के हल्के से दबाया और सहलाते हुए लन्ड पूरा उतार दिया।
उसकी बुर से खून निकलने लगा जिसे रूमाल से पोंछ साफ किया।
कुछ देर उसके मम्मे चूसने सहलाने से वो दोबारा गर्म हुई तो चुदाई शुरू करी हल्के हल्के चोदते चोदते आधा घंटा से ज्यादा हो गया वो दो बार झड़ी थी अब मै भी झड़ने वाला था तो गाड़ी से बाहर आ झड़ गया।
रिया शर्मा रही थी उसकी बुर को साफ कर मै उसे जींस पहनाया।
उसे चलने मे दर्द हो रहा था तो दवाई ली दर्द की कुछ समान खरीदा और गाड़ी धुलवा घर आ गए।
अब अगले दिन बारात आई और शादी हो गई।
उसके अगले दिन शाम को सभी आराम कर रहे थे कुछ रिश्तेदार चले गए कुछ बचे थे।
आज रात कुछ नही था उसके अगले दिन रिसेप्शन मे जाना था तो उस शाम खाना खा कर सभी सालियां एक हॉल मे बड़े चाचा के घर पर थे मुझे भी खींच लिया देर रात तक नाच गाना चला।
अब रात मे हॉल मे ही पुआल बिछा था तो सभी लेट रहे थे मुझे भी लिटा लिया वहीं पर।
मेरे एक बगल दिया थी पीछे रिया थी उसके पीछे दीवाल था।
दिया के बाएं दो तीन सालीयां और थीं।
मेरी बीबी और दिया की ननंद मेरे ससुर के घर पर ही थीं।
कुछ देर अंतरा छड़ी खेलती रही सब। इधर दिया अपनी गान्ड मेरे लन्ड पर सटाए जा रही थी सब गले तक कंबल मे थे।
अब दिया अपनी साड़ी पीछे से पुरी उठा दी मै उसे मना किया लेकिन वो नही मानी उसने पैन्टी नही पहनी थी अब कम्बल मे ही अंदर हाथ डाल मेरे लन्ड को पकड़ ली जो पहले से ही खड़ा था।
अब ट्राउजर नीचे सरका लन्ड को अपनी बुर मे हल्के से पीछे से घुसा ली।
मै आगे हाथ कर कभी मम्मे सहलाता कभी बुर। ऐसे ही बहुत देर तक गाना गाते हुए चुदाई चलती रही अब सारे सो गए तो मै उसके अंदर ही झड़ गया।
अब दिया और रिया की रेगुलर चुदाई चलती है।
मेरे साले की शादी अगले साल दिया की ननद से होनी है। तब देखते हैं जिन्दगी और क्या मोड़ लेती है।
अपनी कहानी भेजे : https://www.sexstorian.com/submit-your-story
कहानी पूरी पढ़ने के लिए धन्यवाद। अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई तो मुझे मेल करके जरूर बताये मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा: lovesingh171099@gmail.com