बड़ी साली की चुदाई की कहानियाँ – Badi Sali ki Chudai, Hindi Sex Story

बड़ी साली की चुदाई की कहानियाँ – Badi Sali ki Chudai, Hindi Sex Story

मैं मुकेश,उम्र ४५,साधारण शरीर,५ ft १० in,चौड़ी छाती,मजाकिया अंदाज,मेरी बीवी भाविका,उम्र ४५,शरीर थोड़ा छोटा,बच्चे शादी करके अपने अलग घर में रहते,जरूरत पड़ने पर वो हमारी देखभाल के लिए आ जाते।

मेरी बीवी कि बड़ी बहन हैं, नीतू,वो उस से ७ साल बड़ी हैं।उनके पति का नाम हरेश हैं।और एक साली हैं वो दस साल छोटी है।उनका नाम डोली हैं और उनके पति का नाम आसित हैं।दोनो की शादी हो चुकी है और बड़ी साली को दो लड़के हैं और छोटी को एक लड़का और एक लड़की।मेरे दो में से एक लड़का और एक लड़की हैं। मेरे और मेरी छोटी साली के बच्चे पढ़ते हैं तो मेरी बीवी और छोटी साली ज्यादा बाहर नहीं निकल सकती।हमारे दो साले भी है इन ने एक की शादी हो गई हैं और उसको दो बच्चियां है और दूसरे का डाइवोर्स हो गया हैं।

बड़ी साली के बड़े लड़के की शादी हो गई हैं।उसके साथ नीतू,मेरी बड़ी साली, के साथ बनता नहीं था और वो कभी अपनी मां की खबर नहीं लेता था। नीतू के पति हरेश का छे महीने पहले ही मौत हो गई थी और नीतू और उसका छोटा लड़का जो कॉलेज में था वो साथ रहते थे।दिवाली के समय पर खबर आई कि नीतू के छोटे लड़के ने आपघात करनेकी कोशिश की है और उसको हॉस्पिटल में ऐडमिट किया है।हम लोग उसे मिलने गए और नीतू को सांत्वना दी की वो बच जाएगा। उस लड़के को प्यार मे एक लड़की ने धोखा दिया इसलिये उसने जहरीली दवाई खाली। हॉस्पिटल की सार संभाल के बाद भी वो बच नहीं पाया और वो मर गया।

में उसे नितूदीदी बोलता था।मेरे साले ने उसको संभाला और थोड़े दिन उसके घर रहने लिए तैयार हो गई।मगर नितूदीदी बहुत ही स्वाभिमानी थी तो वो अकेली रहने लगी।उसके पास मास्टर डिग्री थी उसने ट्यूशन पढ़ाने का शुरू कर दिया।उसके लड़के की वार्षिक तिथि आई और मेरे साले का फोन आया कि नितूबेन रो रही हैं तो आप थोड़े दिन आ जाइए तो उसका मन हल्का हो।मेरे बच्चो की परीक्षा की वजह से मेरी बीवी के बगैर मै वहां गया।मुझे देख कर फिर से रोने लगी।मेरा साला थोड़ी देर बाद अपने घर गया और बोल के गया कि वो खाना भिजवा देगा।

में उनके पास गया और बोलने लगा कि नितुबेन ये सब बातें याद करने से क्या फायदा।आपके दोनो लड़कों ने आपके बारेमे नही सोचा इसीलिए आपका ये हाल है।वो एक पलंग पर बैठी थी।रूम में सिर्फ एक और कुर्सी थी उसके अलावा कोई फर्नीचर नहीं था।वो बोली मुकेशकुमार,क्या करूं,मुझे कुछ सूझता नहीं।मैने कहा आप बहादुर हो और हुसियार भी है,और हम लोग सब आपके साथ है।वो रोते रोते बोल उठी की भगवान ने मेरे साथ कितना गलत किया,दो दो लड़के थे आज एक भी मेरे साथ नहीं।और जोर जोर से रोने लगी।में खड़ा हो गया और उसके लिए पानी ले आया और उसको पिलाने लगा।पानी पिलाते वक्त उसके नजदीक बैठ गया और उसकी पीठ पर हाथ फिराने लगा।थोड़ी देर बाद मैने ग्लास ले लिया और उसे दूर रखने के लिए खड़ा होने लगा तब पानी थोड़ा बचा था वो उसपर छिड़क दिया और जल्दी से जाने लगा।मेरी ऐसी बचपना हरकत से उसके मुंह पर खुशी की लहर दौड़ गई। मै वापस आ रहा था तब वो खड़ी हो रही थी जिस से उसके पैरो की वजह से गिर पड़ा।मेरे साथ मजाक कर ने की आप को सजा मिल गई नीतू बोली।मैं बोला नितुदीदी आपने गिराया तो सही,अब हमे खड़ा तो कीजिए।उन्होंने मुझे हाथ दिया खड़ा होने के लिए,मैने उसे जोर से अपनी और खींचा और उसे अपने पर गिरा दिया और मैं हस्ते हस्ते कहने लगा कि मेरा बदला पूरा हो गया।वो मेरे पर लेटी रही और गुस्से में मेरे गाल को काट दिया।वो खड़ी हो गई और वो बेड पर बैठ गई। मैं भी खड़ा हो गया और उसके साथ बैठ गया। मैं बोल उठा,अब तो आप को संतोष हुआ कि नहीं।आप इतनी देर आपका दुःख भूल गई ये अच्छी बात है,अभी आपको एक और सारवार देनी है। कोनसी?वो बोल उठी।में खड़ा हो गया और उसके पास जाकर उस से लिपट कर बोला मुन्ना भाई वाली जादूकी झप्पी।वो एकदम दंग रह गए और उसको कुछ सूझता नहीं था कि वो क्या करे।मैने उसकी कमर पर गुद गुदी की ओर वो हस पड़ी। मै बोला कि हां भगवान ने मेरी सुनली,आप गुस्सा नही हुई।चलो इतनी देर ही सही मगर आप अपना गम भूल गई वोही मेरे लिए बहुत हैं।दिनभर में उसके पास बैठ कर बातें करता रहा और उसको गम भुलाने में कामयाब रहा।रात होने वाले थी।मैने कहा कि मैं डोली के घर चला जाता हूं।तो नीतू बोली कि रहने दो आप को कहीं जाने की जरूर नहिं आप यहीं सो जाओ।मेरे पास एक चद्दर और गद्दा हैं मैं नीचे सो जाऊंगी और आप ऊपर बेड पर सो जाइए। मैं ने कहा कि जैसा आप ठीक समझे।मैने अपना ट्राउजर निकल कर लूंगी पहनली और बेड ऊपर सो गया और नीतू नीचे गद्दे पर लेट गई।बाते करते करते कब सो गए वो पता नहीं चला।

रात के बारह बजे मुझे लगा कि कोई मुझे उठा रहा है,मैने देखा की नितुदिदी मुझे जगा रही थीं,मैने पूछा क्या हुआ,तो वो बोली कि उसको ठंड लग रही हैं,में खड़ा हो गया और उसके शरीर पर हाथ रख कर बोला कि आप को बुखार है।एक काम करो,आप ऊपर सो जाओ और मैं आपके ऊपर ये गद्दा डाल दूं जिससे आप को ठंड कम लगे।वो बेड पर लेट गई और मैने उसपर गद्दा डाल दिया।मैने कहा की आप के पास विक्स हैं? में आपको शरीर पर लगा दूं जिससे ठंड कम हो जाएगी।मैने उसने बताया वहां से विक्स की डब्बी ला दी और निकल कर गद्दा हटा कर उस के सर पर,गले पर विक्स लगाने लगा।अब मैं खचकाने लगा कि बाकी के शरीर पर कैसे विक्स लगाऊं।उसने कहा मैं आपकी आधी घरवाली हूं,मेरे शरीर पर विक्स लगाई।उसने अपने ब्लाउज के बटन खोल दिए और मैने उसे पूरा खोल के विक्स लगाने लगा।उसकी चूचियों को देख कर मेरी हालत खराब होने लगी।मेरा लन्ड खड़ा होने लगा।मैने चूंची पर विक्स मलने लगा।नीतू भी उत्तेजित होने लगी।मैने उसके पेट पर,पीछे,उसका पेटी कोट ऊंचा कर के उसकी जांघों पर,पैर पर चूत के नजदीक सब जगह विक्स लगाई और उसका शरीर दबाने लगा।उसकी चूत देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया।वो देख कर बोल उठी आखिर आप भी पुरुष हैं।शर्माने की जरूरत नहीं।मुझे नीचे टाइल्स पर सोने से ठंड लग रही थी।तो आप भी मेरे साथ सो जाइए।नितुदिदि लोग क्या कहेंगे? मे बोल पड़ा?आप नही सोएंगे तो भी बोलने वाले बोल सकते हैं।तो आप मेरे पास आकर सो जाइए।में भी उसके साथ जाकर सो गया।हम ने गद्दा हमारे ऊपर डाल दिया।थोड़ी देर बाद हम दोनों को पसीना होने लगा और हम ने गद्दा हटा लिया।

मैने अपना मुंह नीतू ओर किया और पूछा अब कैसा लग रहा हैं।उसने कहा अब बेहतर लग रहा हैं।अभी भी उसका ब्लाउज खुला था।मैने उसकी चूचियों में अपना मुंह छुपा लिया।उसने मेरा सिर अपने सीने से दबा दिया जिसे मुझे मजा आने लगा।मैने भी हिम्मत करके उसके होठ पर मेरे होंठ रख दिए और चूसने लगा।उसके मुंह में मैने मेरी जीभ डाल दी और उसकी जीभ से जीभ घुमाने लगा।थोड़ी देर बाद चुम्बन तोड़ के पूछा की नितुदिदी कैसा लगा?वो बोली मुकेशकुमार मैने जिंदगी में पहली बार ऐसा किया।बहुत अच्छा लगा।मैने पूछा हरेश कुमार?वो बोली वो तो लन्ड चूत में डाल कर मजा कर दिया करते थे।आज इतने साल गुजर गए।मैने उसकी चूचियां मसल कर दबाने लगा और वो मचलने लगी।उसकी चूचियों को मुंह में ले कर चूसने लगा और निपल्स को बारी बारी काटने लगा।वो अपना सर इधर उधर घुमाने लगी।मैने लूंगी निकाल दी और अंदर वियर भी निकाल कर नंगा हो गया।में उस के पेट पर बैठ गया और दोनो हाथों से उसकी चूचियां दबाने मसल ने लगा।मेरा लन्ड देख कर बोली आप का लन्ड हरेश के लन्ड से बड़ा है। नितुदीदी आप ने लन्ड तो मुंह में लिया नहीं होगा।वो बोली नहीं कभी नहीं लिया।मैने थोड़ी देर चुन्चिओ को मसल ने के बाद उसके पांव के बीच में जाकर बैठ गया और मैं मुंह झुका कर उसकी चूत को चाटने लगा।चूत थोड़ी गीली तो हो ही गई थी।फिर चूत में जीभ डाल कर अंदर बाहर करने लगा और कई बार चूत की दिवारे पर जीभ फिराने लगा।जिस से नीतू ने अपनी कमर हिलाने लगी।मैने पूछा कैसा लग रहा हैं नितुदिदी,मुझे तो पता ही नहीं था अभी भी चूदाई में ऐसा मजा मिल सकता हैं,वो बोल उठी। हां उससे ज्यादा मजा मिल सकता हैं,कहके मैने उनकी चूत के दाने को मसलने लगा उस पर जीभ फिराने लगा।वो एकदम मचल उठी और मुंह में से सिसकारियां निकालने लगी।थोड़ी देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू किया।वो बोल उठी हाय हाय मैं उड़ रही हूं,आपने मुझे चोद के सोलह साल की लड़की बना दिया।क्या आप भाविका को भी ऐसा मजा कराते हैं?मैने कहा हां ज्यादातर इस तरह ही हम मजा करते हैं।मैने बातों बातों में लन्ड उसकी चूत पर रख कर धीरे धीरे लन्ड अन्दर डाल दिया।कई दिनों से उनचुदी चूत थी उसकी वजह से थोड़ी कसी हुई लग रही थी। मैं पूरा लन्ड चूत में डाल कर उसके ऊपर लेट गया।फिर उसकी चूचियां चूसने लगा और निपल्स काटने लगा।वो फिर से उत्तेजना में आने लगे,उसने अपनी कमर हिलाना शुरू किया।मैने भी लन्ड चूत में अंदर बाहर करने लगा और गति बढ़ा ने लगा।उसकी चूत ने एक बार पानी छोड़ दिया था उसी वजह से फ़च फच आवाज गूंज उठी और मुंह से सिसकारियां भी बढ़ने लगी।मैने भी जोर से धक्का लगा कर चोद ने लगा।नीतू ने अपने शरीर का कंट्रोल को दिया और हाथ पैर उछलने लगी तो मैं भी आखिर में लंबा जोर का धक्का लगा कर झड़ गया और उस पर लेट गया और मेरा पानी भी उसकी चूत में निकल गया।उसने मेरे शरीर को अपने सीने से दबा दिया और नाखून से काट ने लगी।में भी उसपर पड़ा रहा और सो गया।वो भी मुझे बाहों में भर कर सोने लगी।

करीब दो घंटे की नींद के बाद मैं जाग गया और उसकी चूचियां चूसने लगा।मेरा लन्ड भी उसकी चूत में खड़ा हो गया था। मैने कहा नितुदीदी हो जाए चूदाई एक बार और।वो हंसकर बोली इस बूढ़ी औरत को फिर जवान बना दिया।फिर मैने उनको चोदना शुरू किया और उसकी जोरदार चूदाई की।चूदाई के बाद मैं भी उसपर पड़ा रहा चूत में लन्ड डाल कर।सुबह हो गई,अभी भी हम दोनों एक दूसरे की बाहों में थे।मैने नितुदिदी को जगा दिया।

नहा धोकर हम तैयार हो गए और चाय नाश्ता कर रहे थे तब मेरी छोटी साली डोली और मेरी बीवी भाविका आ गई। दोनों ने बच्चो को उनके भाई यानी मेरा साले कृपेश और उसकी बीवी कृपा के यहां छोड़ आए थे।डोली ने नीतू को देख कर बोली कि आज आप बहुत अच्छे लगते हैं।चहरे पे चमक हैं और खुश खुशाल लग रही हो।नीतू बोली कि डोली रात को मुझे बुखार आया था और बहुत ठंड लग रही थी।फिर मुकेश कुमार ने मुझे ट्रीट किया और अब मुझे अच्छा लगता हैं।कल से आज आप अच्छा लगता हैं,तो मुकेश कुमार हमे भी वो ट्रीटमेंट देना जिस से मेरी भी तबियत ठीक रहे। नितुदिदी हसने लगी और बोली की क्यूं आसित कुमार तुझे ये ट्रीटमेंट नहीं देते? मैने बोला दीदी देते तो होंगे मगर उसकी रीत अलग होगी।ये सुनके डोली गुस्से हो गई और बोली मेरे आसित को सब कुछ आता है।तो भाविका बोली, डोली तु जानती नहीं, मैं समझ गई मुकेश की ट्रीटमेंट।आसित कुमार तुझे ये ट्रीटमेंट देंगे।शांत हो जा।मैने आसित कुमार को बोला ,बुरा मत मानना,आप से थोड़ी देर बात करनी है,आप मेरे साथ आओ।में उन्हें एक कोने में ले गया और समझाया कि नितुदिदी को अच्छी तरह रातको चोद दिया है।में मानता हूं की डोली भी गुस्से में रहती हैं नितुदिदी की तरह,तो उनको अच्छी चूदाई की जरूरत है, और मैं बाहर दूसरे शहर में तो आपको नितुदिदी को भी चोदना होगा और संतुष्ट करना होगा।इतने में दोपहर होने लगी तो सभी लोग क्रूपेश के घर गए और खाना खाने के बाद हम लोग नितुदीदी के एकरूम वाले रूम पर आ गए।

मैने डोली से कहा,तूझे नितुदिदी वाली ट्रीटमेंट चाहिए?वो में तूझे दूंगा।डोली ने हा बोल दिया।मैने फिर पूछा कि आसित कुमार को ट्रीटमेंट की रीत शिखनी हैं वो भाविका शिखायेगी,उसने हां बोल दिया।अब जान ना हैं ये कौनसी ट्रीटमेंट है?सुनकर न नही बोलना। नितुदिदी हसने लगी। मैने बोला ये ट्रीटमेंट चूदाई हैं।मैने बोला,डोली अब भी तेरी हिम्मत नहीं होती हैं तो ना बोल दे।आसित कुमार ने बोला कि मैं भाविका दीदी से शिखूंगा,और डोली, तू भी एकबार एक्सपर्ट से ये ट्रीटमेंट ले ले।डोली मान गईं।मैने उसे मेरे पास खींच लिया और भाविका ने असित कुमार को अपने पास।आसित कुमार ने भाविका को पकड़ कर अपने सीने से दबा दिया और उसे लिटा कर उस के ऊपर चढ़ ने लगे।भाविका ने उन्हें रोक दिया और कहा ऐसे नहीं। भाविका ने उसे अपने सीने से लगा कर उस के होंठ पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगी।फिर उसने अपनी जीभ आसित कुमार के मुंह में डाल दी और उसकी जीभ से खेलने लगी,जिस से आसित कुमार को मजा आने लगा।मैने भी डोली को अपनी ओर खींच के उसके होंठ पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा और उसको मेरे सीने से दबा दिया।मैने उसके मुंह में जीभ डाल कर उसकी जीभ से जीभ घुमाने लगा।नितुदिदी बोल उठी क्या सीन है दोनो बहनोई एक दूसरे की बीवियों को चोद रहे हैं।मैने कहा आप भी हमारे दोनो के बीच में आ जाइए,थोड़ा मजा आपको दिया करेंगे।वो बोल उठी नहीं नहीं मुझे नही आना मैं यहां ही ठीक हूं।मुझे थोड़ा नहीं पूरा मजा चाहिए।

फिर मैंने डोली को लन्ड चुसाया,उसकी चूत चूसी और उसकी चूत का पानी निकाल दिया,और फिर उसकी चूत में लन्ड डाल कर जोरदार धक्का लगा के चूदाई की और उसकी आंखो में आंसुओ ला दिए तब तक चोदा।आखिर में उसकी चूत में लन्ड अन्दर तक डाल कर में झड़ गया और उसकी चूत में समाने का प्रयत्न करने लगा।उसने भी मुझे बाहों में जकड़ लिया और मुझे उसके अंदर लेने में लगी रही।आखिर में में उसपर पड़ा रहा।उधर भाविका का यही हाल था।उसपर भी उसकी बड़ी बड़ी चूचियां पर आसित कुमार पड़े रहे और लन्ड भी भाविका की चूत में घुसा रखा था।मैने पूछा कैसा रहा भाविका और आसित कुमार?आसित कुमार बोले कि मैंने ऐसी चूदाई कभी नहीं की हैं।भाविका दीदी की बड़ी बड़ी चूचियां दबाने और मसलने मैं मजा आ गया।चूत चुसने में और चूत का दाना रगड़ ने में इतना मजा आता है ये आज देखा।मजा आ गया।भाविका को पूछा कि तुझे कैसा लगा?उसने बताया कि मेरा भी दो बार पानी निकला और आसित कुमार को भी शिखा दिया।डोली को पूछा तो उसने बताया कि मेरी चूत के चीथड़े निकाल दिए आपने।पहले आपने ऐसा क्यूं नहीं बताया।बेचारी मेरी भाभी कृपा।वो बेचारी प्यासी ही रहती होगी।उसको भी आप चोद डालो और मजा कराओ।

नितुदिदी बोली,डोली और भाविका तुम घर जाओ और बच्चो और क्रूपेश को सम्हालो और कृपा को इधर खाना लेके भेजो।और मुकेश कुमार और कृपा भी यहीं आज रात रुकेंगे।मैने बोला ठीक हैं।डोली खड़ी हुई और लंगड़ा के चलने लगी।हम सब हसने लगे।कृपा और भाविका दोनो कृपेश के घर चली गई।और रात को कृपा खाना लेकर आ गई।हम ने खाना खाया और कृपा को पूछा तुझे पता है कि आज यहां रुकना हैं।वो बोली हां पता है।डोली दीदी ने सब बता दिया।कृपेश को कुछ मालूम नहीं।नीतू दीदी बोली ठीक हैं।मैने पूछा तुमको चूदाई करवाने में कोई तकलीफ तो नहीं?अगर तुझे ये पसंद नहीं तो तुम वापस जा सकती हो।नहीं वो बोली,मुझे भी मज़ा करना है।में कृपेश से थक गई हूं।वो भी मुझसे थक गया है।में ने कहा कि मैं और कृपा नीचे करते हैं और नितुदिदी और आसित कुमार ऊपर बेड पर करे।नीतू दीदी ने कहा आप लोग भी ऊपर आ जाओ कम जगह में मजा आए गा। नितुदीदी ने हमारे लिए

बड़ी साली

मैं मुकेश,उम्र ४५,साधारण शरीर,५ ft १० in,चौड़ी छाती,मजाकिया अंदाज,मेरी बीवी भाविका,उम्र ४५,शरीर थोड़ा छोटा,बच्चे शादी करके अपने अलग घर में रहते,जरूरत पड़ने पर वो हमारी देखभाल के लिए आ जाते।

मेरी बीवी कि बड़ी बहन हैं, नीतू,वो उस से ७ साल बड़ी हैं।उनके पति का नाम हरेश हैं।और एक साली हैं वो दस साल छोटी है।उनका नाम डोली हैं और उनके पति का नाम आसित हैं।दोनो की शादी हो चुकी है और बड़ी साली को दो लड़के हैं और छोटी को एक लड़का और एक लड़की।मेरे दो में से एक लड़का और एक लड़की हैं। मेरे और मेरी छोटी साली के बच्चे पढ़ते हैं तो मेरी बीवी और छोटी साली ज्यादा बाहर नहीं निकल सकती।हमारे दो साले भी है इन ने एक की शादी हो गई हैं और उसको दो बच्चियां है और दूसरे का डाइवोर्स हो गया हैं।

बड़ी साली के बड़े लड़के की शादी हो गई हैं।उसके साथ नीतू,मेरी बड़ी साली, के साथ बनता नहीं था और वो कभी अपनी मां की खबर नहीं लेता था। नीतू के पति हरेश का छे महीने पहले ही मौत हो गई थी और नीतू और उसका छोटा लड़का जो कॉलेज में था वो साथ रहते थे।दिवाली के समय पर खबर आई कि नीतू के छोटे लड़के ने आपघात करनेकी कोशिश की है और उसको हॉस्पिटल में ऐडमिट किया है।हम लोग उसे मिलने गए और नीतू को सांत्वना दी की वो बच जाएगा। उस लड़के को प्यार मे एक लड़की ने धोखा दिया इसलिये उसने जहरीली दवाई खाली। हॉस्पिटल की सार संभाल के बाद भी वो बच नहीं पाया और वो मर गया।

में उसे नितूदीदी बोलता था।मेरे साले ने उसको संभाला और थोड़े दिन उसके घर रहने लिए तैयार हो गई।मगर नितूदीदी बहुत ही स्वाभिमानी थी तो वो अकेली रहने लगी।उसके पास मास्टर डिग्री थी उसने ट्यूशन पढ़ाने का शुरू कर दिया।उसके लड़के की वार्षिक तिथि आई और मेरे साले का फोन आया कि नितूबेन रो रही हैं तो आप थोड़े दिन आ जाइए तो उसका मन हल्का हो।मेरे बच्चो की परीक्षा की वजह से मेरी बीवी के बगैर मै वहां गया।मुझे देख कर फिर से रोने लगी।मेरा साला थोड़ी देर बाद अपने घर गया और बोल के गया कि वो खाना भिजवा देगा।

में उनके पास गया और बोलने लगा कि नितुबेन ये सब बातें याद करने से क्या फायदा।आपके दोनो लड़कों ने आपके बारेमे नही सोचा इसीलिए आपका ये हाल है।वो एक पलंग पर बैठी थी।रूम में सिर्फ एक और कुर्सी थी उसके अलावा कोई फर्नीचर नहीं था।वो बोली मुकेशकुमार,क्या करूं,मुझे कुछ सूझता नहीं।मैने कहा आप बहादुर हो और हुसियार भी है,और हम लोग सब आपके साथ है।वो रोते रोते बोल उठी की भगवान ने मेरे साथ कितना गलत किया,दो दो लड़के थे आज एक भी मेरे साथ नहीं।और जोर जोर से रोने लगी।में खड़ा हो गया और उसके लिए पानी ले आया और उसको पिलाने लगा।पानी पिलाते वक्त उसके नजदीक बैठ गया और उसकी पीठ पर हाथ फिराने लगा।थोड़ी देर बाद मैने ग्लास ले लिया और उसे दूर रखने के लिए खड़ा होने लगा तब पानी थोड़ा बचा था वो उसपर छिड़क दिया और जल्दी से जाने लगा।मेरी ऐसी बचपना हरकत से उसके मुंह पर खुशी की लहर दौड़ गई। मै वापस आ रहा था तब वो खड़ी हो रही थी जिस से उसके पैरो की वजह से गिर पड़ा।मेरे साथ मजाक कर ने की आप को सजा मिल गई नीतू बोली।मैं बोला नितुदीदी आपने गिराया तो सही,अब हमे खड़ा तो कीजिए।उन्होंने मुझे हाथ दिया खड़ा होने के लिए,मैने उसे जोर से अपनी और खींचा और उसे अपने पर गिरा दिया और मैं हस्ते हस्ते कहने लगा कि मेरा बदला पूरा हो गया।वो मेरे पर लेटी रही और गुस्से में मेरे गाल को काट दिया।वो खड़ी हो गई और वो बेड पर बैठ गई। मैं भी खड़ा हो गया और उसके साथ बैठ गया। मैं बोल उठा,अब तो आप को संतोष हुआ कि नहीं।आप इतनी देर आपका दुःख भूल गई ये अच्छी बात है,अभी आपको एक और सारवार देनी है। कोनसी?वो बोल उठी।में खड़ा हो गया और उसके पास जाकर उस से लिपट कर बोला मुन्ना भाई वाली जादूकी झप्पी।वो एकदम दंग रह गए और उसको कुछ सूझता नहीं था कि वो क्या करे।मैने उसकी कमर पर गुद गुदी की ओर वो हस पड़ी। मै बोला कि हां भगवान ने मेरी सुनली,आप गुस्सा नही हुई।चलो इतनी देर ही सही मगर आप अपना गम भूल गई वोही मेरे लिए बहुत हैं।दिनभर में उसके पास बैठ कर बातें करता रहा और उसको गम भुलाने में कामयाब रहा।रात होने वाले थी।मैने कहा कि मैं डोली के घर चला जाता हूं।तो नीतू बोली कि रहने दो आप को कहीं जाने की जरूर नहिं आप यहीं सो जाओ।मेरे पास एक चद्दर और गद्दा हैं मैं नीचे सो जाऊंगी और आप ऊपर बेड पर सो जाइए। मैं ने कहा कि जैसा आप ठीक समझे।मैने अपना ट्राउजर निकल कर लूंगी पहनली और बेड ऊपर सो गया और नीतू नीचे गद्दे पर लेट गई।बाते करते करते कब सो गए वो पता नहीं चला।

रात के बारह बजे मुझे लगा कि कोई मुझे उठा रहा है,मैने देखा की नितुदिदी मुझे जगा रही थीं,मैने पूछा क्या हुआ,तो वो बोली कि उसको ठंड लग रही हैं,में खड़ा हो गया और उसके शरीर पर हाथ रख कर बोला कि आप को बुखार है।एक काम करो,आप ऊपर सो जाओ और मैं आपके ऊपर ये गद्दा डाल दूं जिससे आप को ठंड कम लगे।वो बेड पर लेट गई और मैने उसपर गद्दा डाल दिया।मैने कहा की आप के पास विक्स हैं? में आपको शरीर पर लगा दूं जिससे ठंड कम हो जाएगी।मैने उसने बताया वहां से विक्स की डब्बी ला दी और निकल कर गद्दा हटा कर उस के सर पर,गले पर विक्स लगाने लगा।अब मैं खचकाने लगा कि बाकी के शरीर पर कैसे विक्स लगाऊं।उसने कहा मैं आपकी आधी घरवाली हूं,मेरे शरीर पर विक्स लगाई।उसने अपने ब्लाउज के बटन खोल दिए और मैने उसे पूरा खोल के विक्स लगाने लगा।उसकी चूचियों को देख कर मेरी हालत खराब होने लगी।मेरा लन्ड खड़ा होने लगा।मैने चूंची पर विक्स मलने लगा।नीतू भी उत्तेजित होने लगी।मैने उसके पेट पर,पीछे,उसका पेटी कोट ऊंचा कर के उसकी जांघों पर,पैर पर चूत के नजदीक सब जगह विक्स लगाई और उसका शरीर दबाने लगा।उसकी चूत देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया।वो देख कर बोल उठी आखिर आप भी पुरुष हैं।शर्माने की जरूरत नहीं।मुझे नीचे टाइल्स पर सोने से ठंड लग रही थी।तो आप भी मेरे साथ सो जाइए।नितुदिदि लोग क्या कहेंगे? मे बोल पड़ा?आप नही सोएंगे तो भी बोलने वाले बोल सकते हैं।तो आप मेरे पास आकर सो जाइए।में भी उसके साथ जाकर सो गया।हम ने गद्दा हमारे ऊपर डाल दिया।थोड़ी देर बाद हम दोनों को पसीना होने लगा और हम ने गद्दा हटा लिया।

मैने अपना मुंह नीतू ओर किया और पूछा अब कैसा लग रहा हैं।उसने कहा अब बेहतर लग रहा हैं।अभी भी उसका ब्लाउज खुला था।मैने उसकी चूचियों में अपना मुंह छुपा लिया।उसने मेरा सिर अपने सीने से दबा दिया जिसे मुझे मजा आने लगा।मैने भी हिम्मत करके उसके होठ पर मेरे होंठ रख दिए और चूसने लगा।उसके मुंह में मैने मेरी जीभ डाल दी और उसकी जीभ से जीभ घुमाने लगा।थोड़ी देर बाद चुम्बन तोड़ के पूछा की नितुदिदी कैसा लगा?वो बोली मुकेशकुमार मैने जिंदगी में पहली बार ऐसा किया।बहुत अच्छा लगा।मैने पूछा हरेश कुमार?वो बोली वो तो लन्ड चूत में डाल कर मजा कर दिया करते थे।आज इतने साल गुजर गए।मैने उसकी चूचियां मसल कर दबाने लगा और वो मचलने लगी।उसकी चूचियों को मुंह में ले कर चूसने लगा और निपल्स को बारी बारी काटने लगा।वो अपना सर इधर उधर घुमाने लगी।मैने लूंगी निकाल दी और अंदर वियर भी निकाल कर नंगा हो गया।में उस के पेट पर बैठ गया और दोनो हाथों से उसकी चूचियां दबाने मसल ने लगा।मेरा लन्ड देख कर बोली आप का लन्ड हरेश के लन्ड से बड़ा है। नितुदीदी आप ने लन्ड तो मुंह में लिया नहीं होगा।वो बोली नहीं कभी नहीं लिया।मैने थोड़ी देर चुन्चिओ को मसल ने के बाद उसके पांव के बीच में जाकर बैठ गया और मैं मुंह झुका कर उसकी चूत को चाटने लगा।चूत थोड़ी गीली तो हो ही गई थी।फिर चूत में जीभ डाल कर अंदर बाहर करने लगा और कई बार चूत की दिवारे पर जीभ फिराने लगा।जिस से नीतू ने अपनी कमर हिलाने लगी।मैने पूछा कैसा लग रहा हैं नितुदिदी,मुझे तो पता ही नहीं था अभी भी चूदाई में ऐसा मजा मिल सकता हैं,वो बोल उठी। हां उससे ज्यादा मजा मिल सकता हैं,कहके मैने उनकी चूत के दाने को मसलने लगा उस पर जीभ फिराने लगा।वो एकदम मचल उठी और मुंह में से सिसकारियां निकालने लगी।थोड़ी देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू किया।वो बोल उठी हाय हाय मैं उड़ रही हूं,आपने मुझे चोद के सोलह साल की लड़की बना दिया।क्या आप भाविका को भी ऐसा मजा कराते हैं?मैने कहा हां ज्यादातर इस तरह ही हम मजा करते हैं।मैने बातों बातों में लन्ड उसकी चूत पर रख कर धीरे धीरे लन्ड अन्दर डाल दिया।कई दिनों से उनचुदी चूत थी उसकी वजह से थोड़ी कसी हुई लग रही थी। मैं पूरा लन्ड चूत में डाल कर उसके ऊपर लेट गया।फिर उसकी चूचियां चूसने लगा और निपल्स काटने लगा।वो फिर से उत्तेजना में आने लगे,उसने अपनी कमर हिलाना शुरू किया।मैने भी लन्ड चूत में अंदर बाहर करने लगा और गति बढ़ा ने लगा।उसकी चूत ने एक बार पानी छोड़ दिया था उसी वजह से फ़च फच आवाज गूंज उठी और मुंह से सिसकारियां भी बढ़ने लगी।मैने भी जोर से धक्का लगा कर चोद ने लगा।नीतू ने अपने शरीर का कंट्रोल को दिया और हाथ पैर उछलने लगी तो मैं भी आखिर में लंबा जोर का धक्का लगा कर झड़ गया और उस पर लेट गया और मेरा पानी भी उसकी चूत में निकल गया।उसने मेरे शरीर को अपने सीने से दबा दिया और नाखून से काट ने लगी।में भी उसपर पड़ा रहा और सो गया।वो भी मुझे बाहों में भर कर सोने लगी।

करीब दो घंटे की नींद के बाद मैं जाग गया और उसकी चूचियां चूसने लगा।मेरा लन्ड भी उसकी चूत में खड़ा हो गया था। मैने कहा नितुदीदी हो जाए चूदाई एक बार और।वो हंसकर बोली इस बूढ़ी औरत को फिर जवान बना दिया।फिर मैने उनको चोदना शुरू किया और उसकी जोरदार चूदाई की।चूदाई के बाद मैं भी उसपर पड़ा रहा चूत में लन्ड डाल कर।सुबह हो गई,अभी भी हम दोनों एक दूसरे की बाहों में थे।मैने नितुदिदी को जगा दिया।

नहा धोकर हम तैयार हो गए और चाय नाश्ता कर रहे थे तब मेरी छोटी साली डोली और मेरी बीवी भाविका आ गई। दोनों ने बच्चो को उनके भाई यानी मेरा साले कृपेश और उसकी बीवी कृपा के यहां छोड़ आए थे।डोली ने नीतू को देख कर बोली कि आज आप बहुत अच्छे लगते हैं।चहरे पे चमक हैं और खुश खुशाल लग रही हो।नीतू बोली कि डोली रात को मुझे बुखार आया था और बहुत ठंड लग रही थी।फिर मुकेश कुमार ने मुझे ट्रीट किया और अब मुझे अच्छा लगता हैं।कल से आज आप अच्छा लगता हैं,तो मुकेश कुमार हमे भी वो ट्रीटमेंट देना जिस से मेरी भी तबियत ठीक रहे। नितुदिदी हसने लगी और बोली की क्यूं आसित कुमार तुझे ये ट्रीटमेंट नहीं देते? मैने बोला दीदी देते तो होंगे मगर उसकी रीत अलग होगी।ये सुनके डोली गुस्से हो गई और बोली मेरे आसित को सब कुछ आता है।तो भाविका बोली, डोली तु जानती नहीं, मैं समझ गई मुकेश की ट्रीटमेंट।आसित कुमार तुझे ये ट्रीटमेंट देंगे।शांत हो जा।मैने आसित कुमार को बोला ,बुरा मत मानना,आप से थोड़ी देर बात करनी है,आप मेरे साथ आओ।में उन्हें एक कोने में ले गया और समझाया कि नितुदिदी को अच्छी तरह रातको चोद दिया है।में मानता हूं की डोली भी गुस्से में रहती हैं नितुदिदी की तरह,तो उनको अच्छी चूदाई की जरूरत है, और मैं बाहर दूसरे शहर में तो आपको नितुदिदी को भी चोदना होगा और संतुष्ट करना होगा।इतने में दोपहर होने लगी तो सभी लोग क्रूपेश के घर गए और खाना खाने के बाद हम लोग नितुदीदी के एकरूम वाले रूम पर आ गए।

मैने डोली से कहा,तूझे नितुदिदी वाली ट्रीटमेंट चाहिए?वो में तूझे दूंगा।डोली ने हा बोल दिया।मैने फिर पूछा कि आसित कुमार को ट्रीटमेंट की रीत शिखनी हैं वो भाविका शिखायेगी,उसने हां बोल दिया।अब जान ना हैं ये कौनसी ट्रीटमेंट है?सुनकर न नही बोलना। नितुदिदी हसने लगी। मैने बोला ये ट्रीटमेंट चूदाई हैं।मैने बोला,डोली अब भी तेरी हिम्मत नहीं होती हैं तो ना बोल दे।आसित कुमार ने बोला कि मैं भाविका दीदी से शिखूंगा,और डोली, तू भी एकबार एक्सपर्ट से ये ट्रीटमेंट ले ले।डोली मान गईं।मैने उसे मेरे पास खींच लिया और भाविका ने असित कुमार को अपने पास।आसित कुमार ने भाविका को पकड़ कर अपने सीने से दबा दिया और उसे लिटा कर उस के ऊपर चढ़ ने लगे।भाविका ने उन्हें रोक दिया और कहा ऐसे नहीं। भाविका ने उसे अपने सीने से लगा कर उस के होंठ पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगी।फिर उसने अपनी जीभ आसित कुमार के मुंह में डाल दी और उसकी जीभ से खेलने लगी,जिस से आसित कुमार को मजा आने लगा।मैने भी डोली को अपनी ओर खींच के उसके होंठ पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा और उसको मेरे सीने से दबा दिया।मैने उसके मुंह में जीभ डाल कर उसकी जीभ से जीभ घुमाने लगा।नितुदिदी बोल उठी क्या सीन है दोनो बहनोई एक दूसरे की बीवियों को चोद रहे हैं।मैने कहा आप भी हमारे दोनो के बीच में आ जाइए,थोड़ा मजा आपको दिया करेंगे।वो बोल उठी नहीं नहीं मुझे नही आना मैं यहां ही ठीक हूं।मुझे थोड़ा नहीं पूरा मजा चाहिए।

फिर मैंने डोली को लन्ड चुसाया,उसकी चूत चूसी और उसकी चूत का पानी निकाल दिया,और फिर उसकी चूत में लन्ड डाल कर जोरदार धक्का लगा के चूदाई की और उसकी आंखो में आंसुओ ला दिए तब तक चोदा।आखिर में उसकी चूत में लन्ड अन्दर तक डाल कर में झड़ गया और उसकी चूत में समाने का प्रयत्न करने लगा।उसने भी मुझे बाहों में जकड़ लिया और मुझे उसके अंदर लेने में लगी रही।आखिर में में उसपर पड़ा रहा।उधर भाविका का यही हाल था।उसपर भी उसकी बड़ी बड़ी चूचियां पर आसित कुमार पड़े रहे और लन्ड भी भाविका की चूत में घुसा रखा था।मैने पूछा कैसा रहा भाविका और आसित कुमार?आसित कुमार बोले कि मैंने ऐसी चूदाई कभी नहीं की हैं।भाविका दीदी की बड़ी बड़ी चूचियां दबाने और मसलने मैं मजा आ गया।चूत चुसने में और चूत का दाना रगड़ ने में इतना मजा आता है ये आज देखा।मजा आ गया।भाविका को पूछा कि तुझे कैसा लगा?उसने बताया कि मेरा भी दो बार पानी निकला और आसित कुमार को भी शिखा दिया।डोली को पूछा तो उसने बताया कि मेरी चूत के चीथड़े निकाल दिए आपने।पहले आपने ऐसा क्यूं नहीं बताया।बेचारी मेरी भाभी कृपा।वो बेचारी प्यासी ही रहती होगी।उसको भी आप चोद डालो और मजा कराओ।

नितुदिदी बोली,डोली और भाविका तुम घर जाओ और बच्चो और क्रूपेश को सम्हालो और कृपा को इधर खाना लेके भेजो।और मुकेश कुमार और कृपा भी यहीं आज रात रुकेंगे।मैने बोला ठीक हैं।डोली खड़ी हुई और लंगड़ा के चलने लगी।हम सब हसने लगे।कृपा और भाविका दोनो कृपेश के घर चली गई।और रात को कृपा खाना लेकर आ गई।हम ने खाना खाया और कृपा को पूछा तुझे पता है कि आज यहां रुकना हैं।वो बोली हां पता है।डोली दीदी ने सब बता दिया।कृपेश को कुछ मालूम नहीं।नीतू दीदी बोली ठीक हैं।मैने पूछा तुमको चूदाई करवाने में कोई तकलीफ तो नहीं?अगर तुझे ये पसंद नहीं तो तुम वापस जा सकती हो।नहीं वो बोली,मुझे भी मज़ा करना है।में कृपेश से थक गई हूं।वो भी मुझसे थक गया है।में ने कहा कि मैं और कृपा नीचे करते हैं और नितुदिदी और आसित कुमार ऊपर बेड पर करे।नीतू दीदी ने कहा आप लोग भी ऊपर आ जाओ कम जगह में मजा आए गा। नितुदीदी ने हमारे लिए

बड़ी साली

मैं मुकेश,उम्र ४५,साधारण शरीर,५ ft १० in,चौड़ी छाती,मजाकिया अंदाज,मेरी बीवी भाविका,उम्र ४५,शरीर थोड़ा छोटा,बच्चे शादी करके अपने अलग घर में रहते,जरूरत पड़ने पर वो हमारी देखभाल के लिए आ जाते।

मेरी बीवी कि बड़ी बहन हैं, नीतू,वो उस से ७ साल बड़ी हैं।उनके पति का नाम हरेश हैं।और एक साली हैं वो दस साल छोटी है।उनका नाम डोली हैं और उनके पति का नाम आसित हैं।दोनो की शादी हो चुकी है और बड़ी साली को दो लड़के हैं और छोटी को एक लड़का और एक लड़की।मेरे दो में से एक लड़का और एक लड़की हैं। मेरे और मेरी छोटी साली के बच्चे पढ़ते हैं तो मेरी बीवी और छोटी साली ज्यादा बाहर नहीं निकल सकती।हमारे दो साले भी है इन ने एक की शादी हो गई हैं और उसको दो बच्चियां है और दूसरे का डाइवोर्स हो गया हैं।

बड़ी साली के बड़े लड़के की शादी हो गई हैं।उसके साथ नीतू,मेरी बड़ी साली, के साथ बनता नहीं था और वो कभी अपनी मां की खबर नहीं लेता था। नीतू के पति हरेश का छे महीने पहले ही मौत हो गई थी और नीतू और उसका छोटा लड़का जो कॉलेज में था वो साथ रहते थे।दिवाली के समय पर खबर आई कि नीतू के छोटे लड़के ने आपघात करनेकी कोशिश की है और उसको हॉस्पिटल में ऐडमिट किया है।हम लोग उसे मिलने गए और नीतू को सांत्वना दी की वो बच जाएगा। उस लड़के को प्यार मे एक लड़की ने धोखा दिया इसलिये उसने जहरीली दवाई खाली। हॉस्पिटल की सार संभाल के बाद भी वो बच नहीं पाया और वो मर गया।

में उसे नितूदीदी बोलता था।मेरे साले ने उसको संभाला और थोड़े दिन उसके घर रहने लिए तैयार हो गई।मगर नितूदीदी बहुत ही स्वाभिमानी थी तो वो अकेली रहने लगी।उसके पास मास्टर डिग्री थी उसने ट्यूशन पढ़ाने का शुरू कर दिया।उसके लड़के की वार्षिक तिथि आई और मेरे साले का फोन आया कि नितूबेन रो रही हैं तो आप थोड़े दिन आ जाइए तो उसका मन हल्का हो।मेरे बच्चो की परीक्षा की वजह से मेरी बीवी के बगैर मै वहां गया।मुझे देख कर फिर से रोने लगी।मेरा साला थोड़ी देर बाद अपने घर गया और बोल के गया कि वो खाना भिजवा देगा।

में उनके पास गया और बोलने लगा कि नितुबेन ये सब बातें याद करने से क्या फायदा।आपके दोनो लड़कों ने आपके बारेमे नही सोचा इसीलिए आपका ये हाल है।वो एक पलंग पर बैठी थी।रूम में सिर्फ एक और कुर्सी थी उसके अलावा कोई फर्नीचर नहीं था।वो बोली मुकेशकुमार,क्या करूं,मुझे कुछ सूझता नहीं।मैने कहा आप बहादुर हो और हुसियार भी है,और हम लोग सब आपके साथ है।वो रोते रोते बोल उठी की भगवान ने मेरे साथ कितना गलत किया,दो दो लड़के थे आज एक भी मेरे साथ नहीं।और जोर जोर से रोने लगी।में खड़ा हो गया और उसके लिए पानी ले आया और उसको पिलाने लगा।पानी पिलाते वक्त उसके नजदीक बैठ गया और उसकी पीठ पर हाथ फिराने लगा।थोड़ी देर बाद मैने ग्लास ले लिया और उसे दूर रखने के लिए खड़ा होने लगा तब पानी थोड़ा बचा था वो उसपर छिड़क दिया और जल्दी से जाने लगा।मेरी ऐसी बचपना हरकत से उसके मुंह पर खुशी की लहर दौड़ गई। मै वापस आ रहा था तब वो खड़ी हो रही थी जिस से उसके पैरो की वजह से गिर पड़ा।मेरे साथ मजाक कर ने की आप को सजा मिल गई नीतू बोली।मैं बोला नितुदीदी आपने गिराया तो सही,अब हमे खड़ा तो कीजिए।उन्होंने मुझे हाथ दिया खड़ा होने के लिए,मैने उसे जोर से अपनी और खींचा और उसे अपने पर गिरा दिया और मैं हस्ते हस्ते कहने लगा कि मेरा बदला पूरा हो गया।वो मेरे पर लेटी रही और गुस्से में मेरे गाल को काट दिया।वो खड़ी हो गई और वो बेड पर बैठ गई। मैं भी खड़ा हो गया और उसके साथ बैठ गया। मैं बोल उठा,अब तो आप को संतोष हुआ कि नहीं।आप इतनी देर आपका दुःख भूल गई ये अच्छी बात है,अभी आपको एक और सारवार देनी है। कोनसी?वो बोल उठी।में खड़ा हो गया और उसके पास जाकर उस से लिपट कर बोला मुन्ना भाई वाली जादूकी झप्पी।वो एकदम दंग रह गए और उसको कुछ सूझता नहीं था कि वो क्या करे।मैने उसकी कमर पर गुद गुदी की ओर वो हस पड़ी। मै बोला कि हां भगवान ने मेरी सुनली,आप गुस्सा नही हुई।चलो इतनी देर ही सही मगर आप अपना गम भूल गई वोही मेरे लिए बहुत हैं।दिनभर में उसके पास बैठ कर बातें करता रहा और उसको गम भुलाने में कामयाब रहा।रात होने वाले थी।मैने कहा कि मैं डोली के घर चला जाता हूं।तो नीतू बोली कि रहने दो आप को कहीं जाने की जरूर नहिं आप यहीं सो जाओ।मेरे पास एक चद्दर और गद्दा हैं मैं नीचे सो जाऊंगी और आप ऊपर बेड पर सो जाइए। मैं ने कहा कि जैसा आप ठीक समझे।मैने अपना ट्राउजर निकल कर लूंगी पहनली और बेड ऊपर सो गया और नीतू नीचे गद्दे पर लेट गई।बाते करते करते कब सो गए वो पता नहीं चला।

रात के बारह बजे मुझे लगा कि कोई मुझे उठा रहा है,मैने देखा की नितुदिदी मुझे जगा रही थीं,मैने पूछा क्या हुआ,तो वो बोली कि उसको ठंड लग रही हैं,में खड़ा हो गया और उसके शरीर पर हाथ रख कर बोला कि आप को बुखार है।एक काम करो,आप ऊपर सो जाओ और मैं आपके ऊपर ये गद्दा डाल दूं जिससे आप को ठंड कम लगे।वो बेड पर लेट गई और मैने उसपर गद्दा डाल दिया।मैने कहा की आप के पास विक्स हैं? में आपको शरीर पर लगा दूं जिससे ठंड कम हो जाएगी।मैने उसने बताया वहां से विक्स की डब्बी ला दी और निकल कर गद्दा हटा कर उस के सर पर,गले पर विक्स लगाने लगा।अब मैं खचकाने लगा कि बाकी के शरीर पर कैसे विक्स लगाऊं।उसने कहा मैं आपकी आधी घरवाली हूं,मेरे शरीर पर विक्स लगाई।उसने अपने ब्लाउज के बटन खोल दिए और मैने उसे पूरा खोल के विक्स लगाने लगा।उसकी चूचियों को देख कर मेरी हालत खराब होने लगी।मेरा लन्ड खड़ा होने लगा।मैने चूंची पर विक्स मलने लगा।नीतू भी उत्तेजित होने लगी।मैने उसके पेट पर,पीछे,उसका पेटी कोट ऊंचा कर के उसकी जांघों पर,पैर पर चूत के नजदीक सब जगह विक्स लगाई और उसका शरीर दबाने लगा।उसकी चूत देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया।वो देख कर बोल उठी आखिर आप भी पुरुष हैं।शर्माने की जरूरत नहीं।मुझे नीचे टाइल्स पर सोने से ठंड लग रही थी।तो आप भी मेरे साथ सो जाइए।नितुदिदि लोग क्या कहेंगे? मे बोल पड़ा?आप नही सोएंगे तो भी बोलने वाले बोल सकते हैं।तो आप मेरे पास आकर सो जाइए।में भी उसके साथ जाकर सो गया।हम ने गद्दा हमारे ऊपर डाल दिया।थोड़ी देर बाद हम दोनों को पसीना होने लगा और हम ने गद्दा हटा लिया।

मैने अपना मुंह नीतू ओर किया और पूछा अब कैसा लग रहा हैं।उसने कहा अब बेहतर लग रहा हैं।अभी भी उसका ब्लाउज खुला था।मैने उसकी चूचियों में अपना मुंह छुपा लिया।उसने मेरा सिर अपने सीने से दबा दिया जिसे मुझे मजा आने लगा।मैने भी हिम्मत करके उसके होठ पर मेरे होंठ रख दिए और चूसने लगा।उसके मुंह में मैने मेरी जीभ डाल दी और उसकी जीभ से जीभ घुमाने लगा।थोड़ी देर बाद चुम्बन तोड़ के पूछा की नितुदिदी कैसा लगा?वो बोली मुकेशकुमार मैने जिंदगी में पहली बार ऐसा किया।बहुत अच्छा लगा।मैने पूछा हरेश कुमार?वो बोली वो तो लन्ड चूत में डाल कर मजा कर दिया करते थे।आज इतने साल गुजर गए।मैने उसकी चूचियां मसल कर दबाने लगा और वो मचलने लगी।उसकी चूचियों को मुंह में ले कर चूसने लगा और निपल्स को बारी बारी काटने लगा।वो अपना सर इधर उधर घुमाने लगी।मैने लूंगी निकाल दी और अंदर वियर भी निकाल कर नंगा हो गया।में उस के पेट पर बैठ गया और दोनो हाथों से उसकी चूचियां दबाने मसल ने लगा।मेरा लन्ड देख कर बोली आप का लन्ड हरेश के लन्ड से बड़ा है। नितुदीदी आप ने लन्ड तो मुंह में लिया नहीं होगा।वो बोली नहीं कभी नहीं लिया।मैने थोड़ी देर चुन्चिओ को मसल ने के बाद उसके पांव के बीच में जाकर बैठ गया और मैं मुंह झुका कर उसकी चूत को चाटने लगा।चूत थोड़ी गीली तो हो ही गई थी।फिर चूत में जीभ डाल कर अंदर बाहर करने लगा और कई बार चूत की दिवारे पर जीभ फिराने लगा।जिस से नीतू ने अपनी कमर हिलाने लगी।मैने पूछा कैसा लग रहा हैं नितुदिदी,मुझे तो पता ही नहीं था अभी भी चूदाई में ऐसा मजा मिल सकता हैं,वो बोल उठी। हां उससे ज्यादा मजा मिल सकता हैं,कहके मैने उनकी चूत के दाने को मसलने लगा उस पर जीभ फिराने लगा।वो एकदम मचल उठी और मुंह में से सिसकारियां निकालने लगी।थोड़ी देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू किया।वो बोल उठी हाय हाय मैं उड़ रही हूं,आपने मुझे चोद के सोलह साल की लड़की बना दिया।क्या आप भाविका को भी ऐसा मजा कराते हैं?मैने कहा हां ज्यादातर इस तरह ही हम मजा करते हैं।मैने बातों बातों में लन्ड उसकी चूत पर रख कर धीरे धीरे लन्ड अन्दर डाल दिया।कई दिनों से उनचुदी चूत थी उसकी वजह से थोड़ी कसी हुई लग रही थी। मैं पूरा लन्ड चूत में डाल कर उसके ऊपर लेट गया।फिर उसकी चूचियां चूसने लगा और निपल्स काटने लगा।वो फिर से उत्तेजना में आने लगे,उसने अपनी कमर हिलाना शुरू किया।मैने भी लन्ड चूत में अंदर बाहर करने लगा और गति बढ़ा ने लगा।उसकी चूत ने एक बार पानी छोड़ दिया था उसी वजह से फ़च फच आवाज गूंज उठी और मुंह से सिसकारियां भी बढ़ने लगी।मैने भी जोर से धक्का लगा कर चोद ने लगा।नीतू ने अपने शरीर का कंट्रोल को दिया और हाथ पैर उछलने लगी तो मैं भी आखिर में लंबा जोर का धक्का लगा कर झड़ गया और उस पर लेट गया और मेरा पानी भी उसकी चूत में निकल गया।उसने मेरे शरीर को अपने सीने से दबा दिया और नाखून से काट ने लगी।में भी उसपर पड़ा रहा और सो गया।वो भी मुझे बाहों में भर कर सोने लगी।

करीब दो घंटे की नींद के बाद मैं जाग गया और उसकी चूचियां चूसने लगा।मेरा लन्ड भी उसकी चूत में खड़ा हो गया था। मैने कहा नितुदीदी हो जाए चूदाई एक बार और।वो हंसकर बोली इस बूढ़ी औरत को फिर जवान बना दिया।फिर मैने उनको चोदना शुरू किया और उसकी जोरदार चूदाई की।चूदाई के बाद मैं भी उसपर पड़ा रहा चूत में लन्ड डाल कर।सुबह हो गई,अभी भी हम दोनों एक दूसरे की बाहों में थे।मैने नितुदिदी को जगा दिया।

नहा धोकर हम तैयार हो गए और चाय नाश्ता कर रहे थे तब मेरी छोटी साली डोली और मेरी बीवी भाविका आ गई। दोनों ने बच्चो को उनके भाई यानी मेरा साले कृपेश और उसकी बीवी कृपा के यहां छोड़ आए थे।डोली ने नीतू को देख कर बोली कि आज आप बहुत अच्छे लगते हैं।चहरे पे चमक हैं और खुश खुशाल लग रही हो।नीतू बोली कि डोली रात को मुझे बुखार आया था और बहुत ठंड लग रही थी।फिर मुकेश कुमार ने मुझे ट्रीट किया और अब मुझे अच्छा लगता हैं।कल से आज आप अच्छा लगता हैं,तो मुकेश कुमार हमे भी वो ट्रीटमेंट देना जिस से मेरी भी तबियत ठीक रहे। नितुदिदी हसने लगी और बोली की क्यूं आसित कुमार तुझे ये ट्रीटमेंट नहीं देते? मैने बोला दीदी देते तो होंगे मगर उसकी रीत अलग होगी।ये सुनके डोली गुस्से हो गई और बोली मेरे आसित को सब कुछ आता है।तो भाविका बोली, डोली तु जानती नहीं, मैं समझ गई मुकेश की ट्रीटमेंट।आसित कुमार तुझे ये ट्रीटमेंट देंगे।शांत हो जा।मैने आसित कुमार को बोला ,बुरा मत मानना,आप से थोड़ी देर बात करनी है,आप मेरे साथ आओ।में उन्हें एक कोने में ले गया और समझाया कि नितुदिदी को अच्छी तरह रातको चोद दिया है।में मानता हूं की डोली भी गुस्से में रहती हैं नितुदिदी की तरह,तो उनको अच्छी चूदाई की जरूरत है, और मैं बाहर दूसरे शहर में तो आपको नितुदिदी को भी चोदना होगा और संतुष्ट करना होगा।इतने में दोपहर होने लगी तो सभी लोग क्रूपेश के घर गए और खाना खाने के बाद हम लोग नितुदीदी के एकरूम वाले रूम पर आ गए।

मैने डोली से कहा,तूझे नितुदिदी वाली ट्रीटमेंट चाहिए?वो में तूझे दूंगा।डोली ने हा बोल दिया।मैने फिर पूछा कि आसित कुमार को ट्रीटमेंट की रीत शिखनी हैं वो भाविका शिखायेगी,उसने हां बोल दिया।अब जान ना हैं ये कौनसी ट्रीटमेंट है?सुनकर न नही बोलना। नितुदिदी हसने लगी। मैने बोला ये ट्रीटमेंट चूदाई हैं।मैने बोला,डोली अब भी तेरी हिम्मत नहीं होती हैं तो ना बोल दे।आसित कुमार ने बोला कि मैं भाविका दीदी से शिखूंगा,और डोली, तू भी एकबार एक्सपर्ट से ये ट्रीटमेंट ले ले।डोली मान गईं।मैने उसे मेरे पास खींच लिया और भाविका ने असित कुमार को अपने पास।आसित कुमार ने भाविका को पकड़ कर अपने सीने से दबा दिया और उसे लिटा कर उस के ऊपर चढ़ ने लगे।भाविका ने उन्हें रोक दिया और कहा ऐसे नहीं। भाविका ने उसे अपने सीने से लगा कर उस के होंठ पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगी।फिर उसने अपनी जीभ आसित कुमार के मुंह में डाल दी और उसकी जीभ से खेलने लगी,जिस से आसित कुमार को मजा आने लगा।मैने भी डोली को अपनी ओर खींच के उसके होंठ पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा और उसको मेरे सीने से दबा दिया।मैने उसके मुंह में जीभ डाल कर उसकी जीभ से जीभ घुमाने लगा।नितुदिदी बोल उठी क्या सीन है दोनो बहनोई एक दूसरे की बीवियों को चोद रहे हैं।मैने कहा आप भी हमारे दोनो के बीच में आ जाइए,थोड़ा मजा आपको दिया करेंगे।वो बोल उठी नहीं नहीं मुझे नही आना मैं यहां ही ठीक हूं।मुझे थोड़ा नहीं पूरा मजा चाहिए।

फिर मैंने डोली को लन्ड चुसाया,उसकी चूत चूसी और उसकी चूत का पानी निकाल दिया,और फिर उसकी चूत में लन्ड डाल कर जोरदार धक्का लगा के चूदाई की और उसकी आंखो में आंसुओ ला दिए तब तक चोदा।आखिर में उसकी चूत में लन्ड अन्दर तक डाल कर में झड़ गया और उसकी चूत में समाने का प्रयत्न करने लगा।उसने भी मुझे बाहों में जकड़ लिया और मुझे उसके अंदर लेने में लगी रही।आखिर में में उसपर पड़ा रहा।उधर भाविका का यही हाल था।उसपर भी उसकी बड़ी बड़ी चूचियां पर आसित कुमार पड़े रहे और लन्ड भी भाविका की चूत में घुसा रखा था।मैने पूछा कैसा रहा भाविका और आसित कुमार?आसित कुमार बोले कि मैंने ऐसी चूदाई कभी नहीं की हैं।भाविका दीदी की बड़ी बड़ी चूचियां दबाने और मसलने मैं मजा आ गया।चूत चुसने में और चूत का दाना रगड़ ने में इतना मजा आता है ये आज देखा।मजा आ गया।भाविका को पूछा कि तुझे कैसा लगा?उसने बताया कि मेरा भी दो बार पानी निकला और आसित कुमार को भी शिखा दिया।डोली को पूछा तो उसने बताया कि मेरी चूत के चीथड़े निकाल दिए आपने।पहले आपने ऐसा क्यूं नहीं बताया।बेचारी मेरी भाभी कृपा।वो बेचारी प्यासी ही रहती होगी।उसको भी आप चोद डालो और मजा कराओ।

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नितुदिदी बोली,डोली और भाविका तुम घर जाओ और बच्चो और क्रूपेश को सम्हालो और कृपा को इधर खाना लेके भेजो।और मुकेश कुमार और कृपा भी यहीं आज रात रुकेंगे।मैने बोला ठीक हैं।डोली खड़ी हुई और लंगड़ा के चलने लगी।हम सब हसने लगे।कृपा और भाविका दोनो कृपेश के घर चली गई।और रात को कृपा खाना लेकर आ गई।हम ने खाना खाया और कृपा को पूछा तुझे पता है कि आज यहां रुकना हैं।वो बोली हां पता है।डोली दीदी ने सब बता दिया।कृपेश को कुछ मालूम नहीं।नीतू दीदी बोली ठीक हैं।मैने पूछा तुमको चूदाई करवाने में कोई तकलीफ तो नहीं?अगर तुझे ये पसंद नहीं तो तुम वापस जा सकती हो।नहीं वो बोली,मुझे भी मज़ा करना है।में कृपेश से थक गई हूं।वो भी मुझसे थक गया है।में ने कहा कि मैं और कृपा नीचे करते हैं और नितुदिदी और आसित कुमार ऊपर बेड पर करे।नीतू दीदी ने कहा आप लोग भी ऊपर आ जाओ कम जगह में मजा आए गा। नितुदीदी ने हमारे लिए जगह बनाई तो मैं और कृपा बेड पर चढ़ गए।

आगे पार्ट २

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