Sali Romance Jija Kahani – लंड लेने की चाहत, Hindi Sex Story

Sali Romance Jija Kahani – लंड लेने की चाहत, Hindi Sex Story

मैं भूमेश,उम्र 25 साल,कद काठी सामान्य,मेरी बीवी भवीना,उम्र 25,ऊंचाई 5फुट से कम थी,वजन भी कम था।शादी के दो साल हुए थे।हम दोनों सेक्स मे ज्यादा मज़ा लेते थे।हम टाउनशिप एरिया में रहते थे और उस जमाने मे टीवी नही था सिर्फ रेडियो था,वो भी 9.30 बाद कोई कार्यक्रम आता नहीं था।मेरे कॉलेज के चार पांच दोस्त थे उसमे मेरा एक दोस्त था।उसका नाम उर्विश था और उसकी शादी मेरी शादी से पहले हो गई थी और उसकी बीवी का नाम उर्वशी था।उसकी छोटे गांव में खेती बाड़ी थी।वो खेती करने में उसको कोई दिलचस्पी नहीं थी।उसको बिजनेस करना था।तो वो ज्यादातर दिन में बाहर ही घूमता था। मैं एक रूम और किचन वाली जगह मे रहते थे।कभी कभी हमारे रूम पर वो लोग आते थे।उसकी बीवी कद में मेरी बीवी की तरह ही थी मगर उसकी चूचियां मेरी बीवी से बड़ी थी।तो कभी चोदते वक्त मेरी बीवी को बोलता की उसकी चूचियां मसल ने को मिल जाए तो मजा आ जाए।मेरी बीवी पहले तो गुस्से हो जाती थी मगर कई समय बाद में हस देती थी।वो जान गई के वो मेरी कल्पना ही हैं, मैं वैसे कुछ नहीं करूंगा।

एकदीन रात को खाना खाने के बाद मैं और मेरी बीवी बाते करते थे तब उर्विष और उर्वशी आ गए।घर में आने के बाद उर्वशी रोने लगी।मैने उर्विष को पूछा की क्या हुआ,तेरी बीवी क्यों रो रही हैं।तो उर्विश बोला कि भुमेश तू ही पूछ ले,या भवीना तू पुछ ले।तो उर्वशी मुझे बताने लगी की क्या आप आपके दोस्त के करतूत जानते हैं?मैने बोला,मेरा दोस्त कोई ऐसा बड़ा गुनाह नहीं कर सकता,या तो कोई उसे लफड़ा नहीं है और वो न तो नशे बाज हैं न तो वो किसी का पैसा खा सकता हैं,तो फिर आपके साथ क्या किया?वो उसकारते हुए मेरी नजदीक आई, और बोली उसने मुझसे पाप करवाया है और फिर से वो पाप करवा ने के लिए प्रयत्न करते हैं।में बोला कि अभी भी मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा हैं।उर्वशी बोली कि कुछ महीने पहले मैंने अबॉर्शन करवाया है। मैं और मेरी बीवी आश्चर्य मे पड़ गए।मैने उर्विष से पूछा?क्यों ऐसा किया?वो बोला मैं अभी बच्चे का खर्च उठा नहीं सकता।में पहले अपना बिजनेस ज़माना चाहता हूं।तो मैने उसे अबॉर्शन करवाने का बोला।मैने कहा कि ठीक है जो हुआ सो हुआ,मगर अब क्या है?तो उर्वशी बोली की आपका दोस्त प्रोटेक्शन बिना सेक्स करना चाहता है।तो मैने उर्वीश से पूछा की क्यूं ऐसा करना चाहता है।तो उसने कहा की कॉन्डम में मुझे और उर्वशी को मजा नहीं आता तो गोली लेने से उर्वशी को बैचेनी होती हैं,तो तु ही बता अब क्या करूं? उर्वशी बोली कि मैं उसे महीने में दस दिन के लिए सेक्स से दूर रहने के लिए बोलती हूं।३ दिन पीरियड्स के और सात दिन में गर्भ ठहर सकता हैं उसके तो उसमे गलत क्या है?

मैने उर्विष के सामने देखा,वो बोला दस दिन में अब बिना चूदाई के नही रह सकता।मैने उसको बोला की चूदाई?उरविश बोला हम सब दोस्त हैं और शादी शुदा हैं तो सेक्स बैक्स छोड़ चूदाई बोल गया।उसमे गलत क्या है भाविना?हम चारों हस पड़े।बातों बातों में उर्विश मेरे पास आया और उर्वशी को हाथ से पकड़ कर ले जाने के लिए खड़ा हो गया।मगर उर्वशी इनकार करते हुए मेरे पास आ गई और बोली मैं उसके पास नहीं जाऊंगी।फिर भी उर्विश आगे बढ़ रहा था तो उर्वशी मेरी गोद में चढ़ गई।मैने भविना को उर्विश को दुर ले जाने को बोला और भविना ने उसका हाथ पकड़ कर दूर ले जाकर बिठाया। उर्विश फिर से खड़ा होने लगा तो भविना उसकी जांघ पर बैठ गई जिससे वो खड़ा न हो सके।ऐसी खींच तान आधे घण्टे तक चली। उर्विश चूदाई के लिए बेकरार था।शायद उसपर चूदाई का भूत सवार था।

थोड़ी देर बाद दोनो शांत हो गए तो मैं और भविना खड़े हो रहे थे तो उर्विष खड़ा होने लगा और बोलने लगा कि आज चूदाई तो करनी ही पड़ेगी और फिर्से वो खड़ा हो चुका था मगर भविना ने उसके कंधे पकड़ कर बिठाने लगी तो उसने धक्का लगा ने के लिए कमर पर हाथ रखा और जोर से धक्का दिया मगर भविना ने भी उर्विश को जोर से धक्का मारा जिससे दोनो बेड पर गिर गए।नीचे उर्विश था और ऊपर भविना।इधर मुझे भी पकड़ कर बिठाने के लिए उर्वशी ने मेरे कंधे पकड़ कर अपनी ओर खींचा जिस से उर्वशी बेड पर गिर गई और में उनपर गिर गया।उर्वशी मेरे नीचे दब गई।उधर उर्विश खड़ा होने के लिए भाविका से जबरजस्ति करने लगा इसी लिए भविनाने अपने शरीर का पूरा वजन उन पर डाल दिया तो उर्विश ने भी जोश में आके उसको बाहों में भींच लिया।उर्वशी ने डर के मारे मुझे भींच लिया।अब ये हाल था कि दोनो जोड़ियां जोश में आकर एक दूसरे की बाहों मे थी।
कभी हम ने ऐसा नहीं सोचा था।हमारी बाहों मे एक दूसरे की बीवियों होगी वो भी आमने सामने।उर्वशी बोली की उर्विश आज तुझे चोदना ही हैं तो तू भविना को चोद दे और मैं भूमेश से चुदवा लूंगी जिस से हिसाब बराबर रहेगा।तो भविना बोल उठी नहीं ऐसा ठीक नहीं है। उर्विश बोला,तो तु भूमेश से प्रेगनेंट नहीं होगी?तो उर्वशी बोली हां भूमेश के स्पर्म काउंट कम हैं इसी लिए वो मुझे प्रेग्नेंट नहीं कर सकता।और तु भविना को प्रेग्नेंट नहीं कर सकता क्योंकि उसकी नली में कोई तकलीफ है जिससे वीर्य बाहर निकल जाता हैं।तो मैने उर्वशी से पूछा कि तुझे कैसे पता?तो भवीना बोली कि मैंने उसे बताया था।तो उर्वशी बोली की भविना, प्लीज,मेरी खातिर,मुझे गर्भपात के पाप से बचाने के लिए,इतना तो तू मेरे लिए कर सकती हैं और वो भवीना से मिन्नते करने लगी।मैने कहा हम दोनों कल से ही इसकी दवाई के लिए जाने वाले थे मगर अब हम बाद में जाएंगे।मैने कहा कि भविना क्या करना है?तो उसने कहा मैं उर्वशी के लिए उर्विश से चूदवाने के लिए तैयार हूं?मैने कहा अगर तुम दोनो स्त्री राजी हो तो मुझे और उर्विश को कोई फर्क नही पड़ता।हम को तो चूदाई करनी है।क्या कहता हैं उर्विश?उर्विश बोला हम दोनों भाई को नई चूत मिलेगी और आप लोगो को नया लन्ड।

तो उर्वशी उर्विश को बोली कि हां हां अब आपकी भी इच्छा पूरी होने वाली है।मैने उर्विशी को पूछा क्या इच्छा थी तेरे पति की?वो बोली कि तेरी बीवी का पिछवाड़ा उसको अच्छा लगता हैं।तो मैं बोला की मेरी भी इच्छा पूरी होगी तो उर्वशी ने पूछा कौनसी?तो भवीना ने कहा की तेरी चूंची दबाने की,क्योंकि तेरी चूंचियां मुझसे ज्यादा बड़ी हैं।मैने जोर से उर्वशी को मेरे सीने से लगा लिया और उर्विश ने भवीना को दबा दिया और एक नया दौर शुरू हुआ।मैने उर्वशी को पूछा कि तुम
लोग प्लानिंग कर के आए थे?वो बोली नहीं नहीं,जो कुछ हुआ वह आप लोगो के सामने ही हुआ।

मैने उर्वशी के होंठो पर होठ रख कर चूसने लगा और गरमा गर्म चुम्बन करने लगा।उसके मुंह में जीभ डाल कर जीभ से जीभ घुमाने लगे। हाथों से उसकी चूचियां मसल कर दबाने लगा।मैने चुंबन तोड़ कर उसकी साड़ी और चोली उतार दी और उसका पेटीकोट भी उतार दिया।वो सिर्फ पैंटी और ब्रा में आ गई। उर्विश ने भी भविना को अपने शरीर से चिपका दिया उस से भविना की आह निकल गई और उर्विश उसको चुंबनों से नहलाने लगा।उसने भी भविना की साड़ी ब्लाउज और पेटीकोट निकाल दिया और उसको बेड पर लिटा कर उस पर लेट गया और उसको शरीर पर हर जगह चुम्बन करने लगा।थोड़ी देर बाद वो नीचे आ गया और भवीना को अपने ऊपर खींच लिया और उसका पिछवाड़ा अपने दोनो हाथों से दबाने लगा।

मैंने भी उर्वशी की ब्रा पेंटी निकाल कर मैं भी नंगा हो गया।मैने उर्वशी की चूंची को मुंह में ले लिया और दूसरी को हाथ से पकड़ कर मसलने लगा।तो दो उंगली के बीच में निपल ले जाकर उसे नाखूनों से कुरेदने लगा जिससे उर्वशी छट पटाने लगी।कभी निपल को चूसते चूसते काटने भी लगा।जिस से उर्वशी की सिसकारियां बढ़ने लगी।उसने मेरा लन्ड पकड़ कर मसलने लगी और कहने लगी कि हाय हाय कितना चिकना है।थोड़ा उर्विश से बड़ा भी है।आज एक नए लन्ड का स्वाद मिलेगा मेरी चूत को।तुम भविना को कितनी बार चोदते हो?मैने बोला रात को सोते समय,सुबह में उठते और छूटी के दिन दो पहर को भी। मैं तो भवीना को पीरियड्स में भी चोदता हूं।उसमे उसको बहुत मजा आता है।कभी तू भी चुदवाना, हां उर्विश को पसंद आना चाहिए।क्या कहती हो?वो बोली कि देखूंगी।

उधर भवीना और उर्विश भी बाते करने लगे। भविना बोली तुम ने और उर्वशी हम दोनों को फसा दिया।दोस्ती के नाम पर समाज की मान्यता से विरूद्ध जाकर काम करना पड़ रहा हैं।मगर मैं उर्वशी को भ्रुण हत्या के पाप से बचाना चाहती हूं।ये सिर्फ तुम्हारी ज़िद की वजह से हुआ है।उर्विश बोला कि अब भी तू नाराज हैं? भविना ने कहा की दोस्ती के आगे वो नाराजगी भी छोड़ चुकी हूं।चल अब दिल खोल कर चूदाई करते हैं।देख वो दोनो नंगे हो चुके हैं।उर्विश ने भी भविना को नंगा कर दिया और खुद नंगा हो गया। भविना ना को उर्विश ने बेड पर लिटा दिया और उसपर लेट गया और भविना ने भी उर्विश को अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसे चूमने लगी और अपने हाथ से लन्ड को पकड़ कर मसलने लगी। उर्विश भी उसकी चूचियां दबाने लगा और मसलने लगा।कभी कभी चूंचियां बदल बदल कर चूसने लगा और निप्पल को काटने लगा।लगभग दस मिनट बाद वो उल्टा लेट गया और उर्विश का लन्ड भविना ने मुंह में ले कर चूसने लगी और उर्विश उसकी चूत चाट ने लगा।

दूसरी ओर मैने उर्वशी ऊपर से उतर कर दो पांव चौड़े कर के बीच में आकर बैठ गया और लन्ड हाथ में लेकर उसके पांव मेरे कंधे पर रख कर लन्ड उसकी चूत के मध्य में रखा।उसकी चूचियों को मसल ने से उसकी चूत पानी बहा रही थीं इतनी रसीली उसकी चूत थी।मैने एक ही बार में पूरा लन्ड उसकी चूत में घुसा दिया जिस से उसके मुंह से सिसकारियां निकल गई।में भी उसके शरीर पर लेट गया।उसने भी अपने पांव मेरी कमर पर रख कर आंटी लगाने की कोशिश कर ने लगी जैसे वो मुझे खींच अपने मे समाने लगी।हम वैसे ही पड़े रहे।

उधर उर्विश ने भी अपना लन्ड भवीना की चूत में डाल दिया था और वो दोनो भी एक दूसरे में समाने की कोशिश कर रहे थे।मैने उर्वीश को पुछा कि कैसा लग रहा हैं,वो बोला स्वर्ग लोक में सैर कर रहे हैं।शायद तेरा भी यही हाल है।मैने कहा कि सही बात करते हैं,शायद दूसरे की बीवियों चोदने की वजह से ज्यादा मजा आता है।तो उर्वशी बोली कि हमारा भी यही हाल है,क्या कहती हो भविना? भविना ने भी कहा कि तू मेरे दिल की बात कह रही हैं।हम को भी नया लन्ड अच्छा लगता हैं।मगर कुटुम्ब में एक सलामती का एहसास मिलता है ऐसा एहसास मिले तो ही आज जैसी चूदाई करनी चाहिए। मैं और उर्वशी मित्र के साथ साथ बहने जैसे रहते है।हम चारों एक दूसरे से लिपट कर ऐसी बातें करते थे।

थोड़ी देर बाद मैने उर्वशी की चूत में लन्ड धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा।उधर उर्विश भी भविना की चूत में लन्ड अन्दर बाहर करने लगा।उसने गति बढ़ा दी और तेज़ी से चोदने लगा।जिस से भविना की सिसकारियां बढ़ने लगी ,मैने भी गति बढ़ा ते हुए चोदने लगा।उर्वशी की रस भरी चूत से फच फच की आवाज आने लगी और उर्विश की थप थप की आवाज गूंजने लगी। भविना बड़ बड़ाने लगी की जोर से चोद मुझे उर्विश,तेरे मे जितना जोर हो वो लगा ले, हाय मैं उड़ रही हूं।उर्विश भी बोला मैं भी उड़ रहा हूं,मेरा भी होने वाला है ओर दोनो साथ साथ झर गए और उर्विश भविना पर जोर से सांस लेते हुए ढल गया। मैं भी आखिर में उर्वशी के साथ साथ झर गया और उर्वशी ऊपर लेट कर उसके चुचियों के बीच मुंह रख कर सो गया।

करीब करीब पांच मिनट तक हम आनंद का एहसास करने लगे।हमारे स्वास लेने की आवाज सिर्फ सुनाई देने लगी।मैने और उर्विश ने चूत में से लन्ड बहार निकाले नही थे। मैं फिर से उर्वशी को चुम्बन करने लगा।और उर्वशी की चूत में ही लन्ड खड़ा होने लगा।उधर भविना भी बोल उठी की उर्विस तेरा लन्ड मेरी चूत में खड़ा हो गया है।

थोड़ी ही देर में मैंने उर्वशी को चूदाई के बोला तो उसने ना बोलते हुए कहा कि वो अब सोना चाहती हैं।बाजू में लेटी भविना बोली बस तुम दोनो को चूदाई के बिना कुछ सूझता ही नहीं अब हम को सोने दो।मैं और उर्विश उतर गए और बाथरूम में जाकर साफ सफाई करके वापिस आ गए। मैं भविना के साथ सोने के लिए जाने लगा और उर्विश उसकी बीवी उर्वशि के साथ।मगर उर्वशी ने न बोल दिया और कहा कि हम दोनों बीच में सो जाते हैं और उर्विश भविना के साथ और भूमेष मेरी बाजू में।मुझे उर्विश पर भरोसा नहीं है।रात को मुझे चोद भी दे। मैं जोखम लेना नही चाहती।अभी भी हम चारों नंगे ही थे।दोनो स्त्रियां एक दूसरे से लिपट कर सो गई और मैं और उर्विश जागते हुए लेटे रहे।थोड़ी देर बाद मैने उर्विष को आंख से इशारा किया और मैं धीरे से उर्वशी की पीठ पर हाथ फिराने लगा और उर्विश भविना की पीठ पर।थोड़ी देर बाद भविना ने उर्विश की तरफ अपना मुंह किया उसकी ओर घूंम गई।उर्वशी भी मेरी ओर घुम गई।मैने तुरंत ही उसकी चूचियों को पकड़ लिया और दबाने लगा और उसके होंठ चूसने लगा और उसे अपनी बांहों में भींच लिया। उर्वशी ने भी अपनी बाहों में भर कर मेरे होंठ पर होंठ रख दिया।उर्विश और भविना का भी यही हाल था दोनो एक दूसरे मे समाने की कोशिश में लगे हुए थे। मैं और उर्वशी भी एक दूसरे में समाने की कोशिश में लगे हुए थे। मैं खड़ा हो गया और मेरा लन्ड भी लोहे जैसा हो गया।में उर्वसी के पांवों बीच आकर उसकी चूत के दाने पर अपनी जीभ घुमाने लगा उस से वो उत्तेजित हो गई और बोली की हाय हाय भुमेश आज तुम मुझको मार ही डालोगे।उर्विश ने भविना की चूत में जीभ कर चूत की दीवारों पे घिसने लगा और भविना भी चिल्लाने लगी की क्या कर डाला मेरी चूत को,थोड़ी ही देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उर्विश उसके दो पांव बीच में आकर लन्ड चूत पर रख कर एक ही बार में पूरा अंदर डाल दिया और उस पर लेट गया।मैने भी जब उर्वशी की चूत ने पानी छोड़ दिया तो लन्ड चूत में डाल कर उस पर लेट गया।थोड़ी देर बाद मैने उर्वशी को चोद दिया और उसकी चूत में लन्ड डाल कर लेता रहा और उसने मुझे बाहों में भींच कर रखा। भविना और उर्विश भी ऐसे चूदाई खतम कर के एक दूसरे से लिपट कर सो गए।

सुबह तक ऐसे ही हम लोग सोते रहे। भविना उठ गई और उठ कर सब को जगा दिया। उर्विश और उर्वशी तैयार हो कर अपने घर चले गए और मैंने उर्वीस को रात को जब तक जरूरत हो तब तक आने को बोल दिया।ऐसी चूदाई दस दिन तक चली और ऐसा सिलसिला छे महीने तक चला।

फिर उर्विश धंधे में स्थाई हो गया और मेरी भी ट्रांसफर दूसरे शहर में हो गई।आज भी कभी कभी हम लोग मिलते ही मगर कभी एक दूसरे से पुरानी बातों का जिक्र तक नहीं करते हैं।

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