बड़ी साली की चुदाई की कहानियाँ – २

Jija Sali Sex Story – Sister In Law Fuck Story, Hindi Sex Stories

Jija Sali Sex Story ka mjaa len free sali ki chudai ki Hindi kahani
जीजा साली की इंडियन चुदाई कहानी

बड़ी साली २

बड़ी साली से आगे

मैं और कृपा बेड पर चढ़ गएमैने उसे अपनी बाहों मे भर लिया और उसके होंठ पर होंठ रख कर चूसने लगा।उसकी जीभ से जीभ लड़ाने लगा।उसकी चूचियां मेरे सीने में दब रही थी।मैने अपना शरीर उसके शरीर के साथ घिसने लगा। आसित कुमार ने भी नितुदिदी को भी अपनी बाहों में भर लिया था और किस कर रहे थे।कृपा ने ड्रेस पहना हुआ था। मैने उसका टॉप और पायजामा उतार दिया।वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी।आसित कुमार ने भी नितुदिदी के कपड़े उतार दिए और अपने कपड़े भी निकाल दिया।दोनो नंगे हो गए और एक दूसरे से लिपट गए।मैने भी अपने कपड़े उतार दिए और कृपा से लिपट गया और फिर से किस करने लगा।मैने कृपा से पूछा कि कैसा लग रहा हैं।उसने कहा कि ऐसे किस मात्र टीवी पर फिल्मों में ही देखी थी,क्रूपेश,उसके पति ने,जो मेरा साला भी है,ने कभी किस नही की।मैने उसकी ब्रा और पैंटी उतार दी और उस के पेट पर बैठ गया और दोनो हाथों से उसकी दोनो चूंचियां मसलने लगा।कभी कभी उसकी निप्पल को दो अंगुली के बीच लेकर मसलने लगा और नाखून से कुरेदने लगा।आसित कुमार ने भी नीतू दीदी के पेट पर बैठ कर चूंचियां मसलने लगे।मैने भी हाथ लंबा कर के नीतू दीदी की चूंचियां मसलने लगा तो आसित कुमार ने भी कृपा की चूंचियों पर हमला बोल दिया।इस से दोनो स्त्रियां एकदम उत्तेजित हो गई।मैने कृपा की चूंचियों को बारी बारी मुंह में ले कर चूसने लगा और निपल को काटने लगा जिस से कृपा मचलने लगी।उसने भी मेरा लन्ड पकड़ लिया और बोली आपका लन्ड क्रूपेस से थोड़ा मोटा है।उसने मेरा लन्ड पकड़ लिया और मसलने लगी।मैने उसकी चूत पर हाथ रखा और दबाना शुरू किया।थोड़ी देर बाद मैंने चूंची को छोड़ कर चूत पर आ गया।उसकी चूत गीली हुई थी।मैने उस से पूछा लन्ड मुंह में लेगी?उसने ना बोल दिया।बाद में मैं उसके दो पांव के बीच में आ गया और उसकी चूत पर मुंह रख कर जीभ अंदर डाल दी और चूत की दीवारों को कुरेदने लगा और अंगूठे से चूत के दाने को रगड़ ने लगा।वो एकदम उत्तेजित हो गई और मछली की तरह मचल रही थी।वो बड़ बड़ाने लगी की क्या कर दिया आपने, मैं तो आकाश में उड़ने लगी, बादलों पर तैरने लगी, हाय हाय क्या कर दिया,बहुत मजा आ रहा हैं ऐसे करते ही रहिए।थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसने चीस भरी आवाज में कहा हाय हाय मैं गई,क्या हुआ हैं मुझे,मैने उसकी चूत का पानी चाट दिया।बाजू में नीति दीदी चौंक कर बोली कि कितना मजा आया उसे।मैने कहा उसे जिंदगी का पहला सच्चा स्खलन हुआ।आसित कुमार भी नीतू दीदी की चूत में लन्ड अन्दर बाहर करने लगे थे।मैने कृपा के पांव अपने कन्धे पर रख दिए और उसकी चूत पर लन्ड रख कर धीरे धीरे उसकी चूत में पूरा लन्ड अन्दर डाल दिया।में कृपा पर लेट गया।

थोड़ी देर ऐसे ही लन्ड चूत में डाल कर कृपा पर लेटा रहा।फिर धीरे धीरे उसकी चूचियां मसल ने लगा और चूसने लगा।उसकी निपल्स को भी बारी बारी हल्के से काटने लगा।वो फिर से उत्तेजित होने लगी और कमर हिला ने लगी।मैने अपना लन्ड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया।धीरे धीरे गति बढ़ा ने लगा। उस की सिसकारियां बढ़ने लगी और उसकी चूत ने फिर से पानी छोड़ ना शुरू किया।वो बोली मेरी चूत में कुछ हो रहा हैं,अब मैं फिर से उड़ने लगी,और जोर से हांफ ने लगी।मैने जोर से धक्का लगा ने जारी रखा।वो चिल्लाने लगी मुकेश कुमार मुझे छोड़ दीजिए मेरा हो गया,में गई।और उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया।मैने भी दो तीन धक्के लगा कर उसकी चूत में अंदर तक लन्ड डाल कर पानी छोड़ दिया और उसके ऊपर लेट कर उसके अंदर सामने का प्रयत्न करने लगा।उसने भी मुझे अपने ओर खींचा और मेरी कमर ऊपर पांव लपेट दिया।पता नहि कितने घंटे हम चारों ऐसे ही सोते रहे।

आसित कुमार ने मुझे जगा दिया और बोला कि रात के ग्यारह बजे हुए हैं।में भी कृपा पर से उतर गया।नीतू दीदी को भी जगा दिया।मैने पूछा कि अब आगे क्या करना है।आसित कुमार ने कहा कि मुझे कृपा भाभी को चोदना हैं।कृपा ने बताया कि वो घर जाके बच्चो को समाल्हना चाहती है।नीतू दीदी ने कहा कि हम सब लोग वहीं चलते हैं।और कृपेश के सामने ये सब करेंगे और उसको भी इसमें शामिल करले तो कृपा को शांति हो जाए।हम दोनो सहमत हो गए और कृपेश के घर चले गए।उसका घर एक बेड रूम और एक हॉल और कीचन का था।

वहां जा के नीतू ने बोला की बच्चो के साथ में सो जाति हूं और आप लोग हॉल में सो जाइए।वहां सब लोग गद्दे बिछा के सोने लगे।जगा कम थी।सब लोग थोड़ी जगा में सोने लगे जिससे एक दूसरे से चिपक कर लेट ना पड़ा।पहले मैं और भाविका,बाजू में कृपा और क्रुपेश और अंत में आसित और डोली सोए हुए थे।थोड़ी देर बाद भाविका बोली के रूम में गिर्दी की वजह से गर्मी लग रही हैं तो हमें हमारे इनर वियर निकालने है तो आप लोग थोड़ी देर बाहर जाइए।हम तीनो ने लुंगी पहनी थी इसी लिए हम बाहर नहीं निकल सकते थे,तो क्रुपेश ने कहा कि लाइट बंद करके अंधेरा कर दो और आप एक कोने में जाकर निकल दीजिए।वो तीनो एक कोने में गए और सिर्फ इनर वियर में ही आ के से गए और हम लोगो की बोला कि लाइट बंद ही रखो और आप लोग अपनी जगह पर आकर सो जाओ।मेरे साथ डोली थी,भाविका क्रुपेश के साथ और आसित कुमार और कृपा साथ थे।

जैसे ही क्रुपेश लेट गया तो भाविका ने उसे अपने सीने में लगा दिया और उसके होंठ पर होंठ रख दिए।भाविका ने फिर क्रुपेश के हाथ को अपनी चूंची पर रख दिया और उसने क्रुपेश का लन्ड पकड़ लिया।उसने क्रुपेश की लुंगी भी निकाल दी। क्रुपेश कुछ बोल नहीं सकता था क्योंकि भाविका ने उसका मुंह अपने मुंह से बंध कर दिया था।इतने में नीतू दीदी हमारे रूम में आई और उसने लाइट चालू कर दी। क्रुपेश ने देखा कि उसके साथ कृपा नहीं भाविका थी।कृपा आसित कुमार की बाहों मे थी और डोली मेरे सीने से लगी हुई थी।कृपेश ने जबरन अपना मुंह घुमाया और गुस्से से बोला की ये सब क्या हो रहा हैं और तुम लोग ऐसे कैसे कर रहे हो।मगर अभी भी उसका लन्ड खड़ा होने लगा था और भाविका के हाथ में था और उसका हाथ भाविका की चूंची पर था।और सब नंगे थे।भाविका बोली,देख यहां सब नंगे हैं और सब को चूदाई करनी है।आज दिन भर चूदाई का सिसिला चालू रहा।तेरे बहनोई मुकेश ने तेरी बड़ी बहन नीतू दीदी को कल रात चोद के उसको डिप्रेशन में से बाहर लाए।ये सुन कर तेरी छोटी बहन डोली ने भी मुकेश से चुदवा लिया और मैने आसित को इसी तरह चोदना सिखाया।फिर आसित ने भी नीतू दीदी को चोद दिया और मुकेश ने कृपा को,जब हम यहां थे।तेरी बीवी कृपा ने बिनती की, की क्रुपेश को आप इसी तरह चोदना शिखाए वर्ना में प्यासी रह जाऊंगी।तेरी बीवी तो अच्छी है कि वो कहीं भागी नहीं वर्ना बड़े भैया की हालत देख,उनकी दो बार शादी हुई और दोनो ने उनसे तलाक ले लिया।तो अभी जो हो रहा हैं उसे होने दे और उसमे तु भी सामिल हो जा,और कुटुम्ब में सुख शांति बनाए रख।भाविका ने लंबा चौड़ा भाषण क्रुपेश को से दिया।क्रुपेश ये सब सुनके भौचक्का हो गया।उसके लिए ये सब कल्पना के बाहर था।नीतू दीदी ने उसे पकड़ कर बोला,क्या करना है ये तो बोल,कोई किसी को मजबूर नहीं कर रहा हैं।भाविका ने उसके लन्ड को पकड़ कर अपने मुंह में डाल दिया और चूसने लगी।उसने उसके लन्ड की अग्र भाग की चमड़ी को पीछे ले जाकर अग्र भाग पर जीभ फिराने लगी जिस से क्रुपेश के मुंह में से आह निकल गई।उसने भाविका की दोनो चुन्चिओ को पकड़ लिया।मैने उसे कहा कि भाविका अब वो मान गया हैं और अब सब लोग चूदाई चालू कर दीजीए।

मैने डोली को लिटा दिया और उस से पूछा की अब तो वो लन्ड चुसेगी न,उसने हां कहा,हम दोनों ६९ पोजीशन में आ गए।मैने उसे पूछा कि दोपहर जैसा हाल करना है,वो गुन गुना ने लगी की 

वो हसीन दर्द दे दो जिसे मैं गले लगा लूं वो सुहागरात दे दो जिसे जिंदगी बना लूं।

में हस पड़ा और वो बोली कि जीजू अब चोद भी डालो की मै खड़ी भी न हो शकु।फिर हम दोनों ने धुआं दार चूदाई की,उसकी चूत में अंत में लन्ड डाल कर पड़ा रहा और वो भी मुझसे लिपट कर सो गई।

भाविका ने भी कृपेश को चूत चाटना, चुंचिया मसलना, निप्पल मसलना, काटना,किस करना,चूत के दाने को रगड़ना ये सब शिखा दिया और अब रूपेश अपना लन्ड भाविका की चूत में डाल कर उसकी बड़ी बड़ी चूचियां पर रख कर लेट गया था।मैने क्रुपेश को पूछा,कैसा रहा,वो बोला बहुत मजा आया,मेरा शरीर हल्का हो गया।चूदाई में इतना मजा दोनो को मिलता है ऐसा मैने कभी सोचा नहीं था।मैने कहा इसी लिए उसे संभोग भी कहते हैं। तुझे पता चला की तूने अपनी बड़ी बहन को चोद दिया है। नहीं ना,यही सच्ची चूदाई हैं,उसमे सिर्फ लन्ड और चूत का मिलन होता हैं,दोनो की मर्जी से।उसमे कोई लहू के संबंध मायने नहीं रखते हैं। उस से सामाजिक संबंध पर असर नहीं पड़ना चाहिए।कृपा तेरी बीवी है वो तेरी ही रहेगी,मेरे चोदने से उसमे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए तोही ऐसे संबंध रखने में मजा आएगा। नीतू दीदी ने बोला की सही कहा मुकेश कुमार,और ऐसे संबंध समाज की नजरों में जायज नहीं है इसलिए ये सब अनजान लोगो को पता नहीं चलना चाहिए।

नीतू दीदी ने बोला कि क्रुपेश अब तक जो तूने शिखा वो मेरे ऊपर आजमा ले और मुझे चोद डाल।अब ये मत सोच के मै तेरी बड़ी बहन हूं।कृपेश ने हां बोला।भाविका बोली कि आसित कुमार को मुझे चोदने का मन है।तो मैं उनसे चुदवाऊ।कृपा बोली मुकेश कुमार मुझे फिर से एक बार चोद दीजीए।डोली बोली के मुकेश कुमार मुझे चोद चोद कर थका दिया है तो मै बच्चों के पास जाके आराम करती हूं।

भाविका दौड़के आसित कुमार के गले लग गई और चूमने चाटने लगी।कृपा मुझसे लिपट गई और मैने भी उसे अपनी बाहों में समा लिया जैसे जन्मों जन्म के प्यासे हो।क्रुपेश नीतू दीदी की गोद में बैठ गया और उसने नीतू दीदी को अपने गले लगाया।और रूम में फिर से चूदाई का माहोल हो गया।बीच में नीति दीदी को लेता दिया और क्रुपेश ने उनके सारे कपड़े निकाल दिए और वो खुद तो नंगा था ही,तो उसने भी शर्म छोड़ के नीतू दीदी को अपने शरीर के साथ भींश दिया और इतना जोर दिया कि नीतू दीदी के मुंह में से आह निकल गई।उसने पहले नीतू दीदी को चुम्बन किया और फिर उसके पेट पर बैठ कर चूंचियां मसलने लगा जैसे वो रोटी के लिए लोट गुंदता हो।बाजू में भाविका पर आसित कुमार चढ़े हुए थे।उसको भाविका की चूंचियां बहुत पसंद थी इसीलिए वो उसके साथ खेल रहे थे।उसकी निपल्स को बारी बारी चूस रहे थे काट रहे थे।भाविका भी उसका मजा लूट रही थी और सिसकारियां निकाल रही थी।मैने भी कृपा की चूंचियों को मुंह में लेकर चूसने लगा और दूसरी निप्पल को उंगलियां के बीच लेकर मसलने लगा और नाखून से कुरेदने लगा जिस की वजह से कृपा के मुंह में से भी सिसकरियां निकल ने लगी।ऐसे तीनो को हम चोदने लगे।तीनो की चूत में से दो दो बार पानी निकल चुका था फिर भी हमारे लन्ड में से पानी निकल नही रहा था क्योंकि आज दिन भर चूदाई ही चलती रही।पहले कृपेश नीतू दीदी की चूत में झड़ गया और वो उसपर पड़ा रहा।दूसरे आसित कुमार ने भाविका की चूत में लन्ड अन्दर तक डाल कर पानी छोड़ कर झड़ गए और भाविका की चूंची मुंह में लेकर लेट गए।मैने भी कृपा की चूत में लन्ड अन्दर तक डाल कर पानी छोड़ दिया और कृपा तृप्त हो गई और बोली कि

दुरी न रहे कोई आज इतने करीब आओ तुम मुझ में समा जाओ मैं तुजमे समा जाऊं।

Submit Your Story : https://www.sexstorian.com/submit-your-story

हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर सो गए।आधे घंटे के बाद सब उठ कर खड़े हो गए और अंगो की सफाई करके कपड़े पहन कर सो गए जिस से बच्चे जाग जाए तो कोई समस्या न हो।नीतू दीदी बच्चो के पास जाके सो गए और हम तीनो अपनी अपनी बीवियों के साथ ही सो गए।सुबह होते ही मैं और भाविका हमारे बच्चों के साथ हमारे शहर चले गए।कभी सामाजिक प्रसंग पर या छुट्टियों में मिलते हैं तो साथ में मिलकर बदल बदल कर चूदाई कर लेते थे।

End of story

4.3/5 - (17 votes)

error: Content is protected !!