ट्रेन में मां के साथ कश्मकश (भाग 2)

ट्रेन में मां के साथ कश्मकश ( भाग 2)

Train Me Maa ko Choda Bete Ne Train Me Ki Apni Maa Ki Chudai. Train me maa ko ajnabi ne choda

नमस्कार दोस्तो मैं आपके लिए हाजिर हूं अपने दूसरे भाग में. जी हां यह कहानी ट्रेन में मां ने लिए मेरा लंढ का अगला भाग है. गांव आते वक्त हमारे साथ जो भाई बहन थे रात को उनकी चूदाई देख मैं  अपनी मां पर हावी हो गया और वो भी हवास का शिकार बन गई. उस रात ट्रेन से गांव जाने तक मैने मां को 3 बार चोदा अखरी बार तो दिन के उजाले में घमासान चूदाई की. मां भी पागल हो गई मेरा स्टैमिना देख कर. मां ने मुझे ट्रेन में ही समझा दिया था के ट्रेन के बाहर जाने के बाद अगर मैने मां को उस नजर से भी देखा तो मां मुझे घर से निकल देगी. जो हुआ सो हुआ यह बात सिर्फ हम दोनो में रहेगी. सो हम गांव पहुंच गए वहां मां का सारा खानदान था  सो कोई गुंजाइश ही नहीं थी किसी चीज की. लेकिन मैंने अब सेक्स का मजा चख लिया था जो मेरे अंदर से जाना ना मुमकिन था . मैं रात को मां की पैंटी जो मैने चुराई थी उसे सूंघ सूंघ कर गुजारा कर रहा था.   अब मुझे लगा मां कभी नई देगी. हमारे पास बस 3  4 दिन बचे थे इसके बाद हम घर वापिस जाने वाले थे .  सो मैं सब भूल कर छुट्टियों के मजे लेने लगा छुट्टियों की एक रात छत पर खाने का कार्यक्रम रखा था सब रिश्तेदार आए हुए थे. बहुत मजा आया . उस दिन मैं मां को देख भी नहीं रहा था. सब खत्म होने के बाद मैं छत पर अपने कॉलेज के दोस्त से बात कर रहा था के मां आई. मां ने पूछा कोन है मैने कहा दोस्त है. तो मां बोली अच्छा यह बता तू तो सब कुछ भूल गया, आज मैने देखा तूने मुझे देखा भी नहीं और ना ही मेरे पास आया , ना ही मुझसे बात की. मैने कहा ऐसा नहीं है मां आपको देखता हु तो सब याद आ जाता है अंदर एक बिजली सी दौड़ जाती है, भूल नहीं पता इस लिए आपको इग्नोर कर रहा था , अच्छा मेरा प्यारा बेटा सुन मैं क्या कहने वाली हूं अभी हम वापिस अपने घर जाने वाले हैं.  तो तू टिकट बुक करवा वैसे वाले ही इस बार 4 सीट बुक करवाना हमें प्राइवेसी मिल जाए, में खुशी से पागल हो गया मां को जोर से हग किया और चूमने वाला था तो मां ने कहा अरे पागल है क्या कोई देख ले गा, घर लोगों से भरा पड़ा है जो करना है ट्रेन में कर लेना, चल अब नीचे पर उस रात तो मुझे नींद ही नहीं आई खुशी के मारे , आखिर वो दिन आ ही गया,। हम स्टेशन पर आए मां सजधाज के आई,। आज मां का ब्लाउज कहर ढा रहा था,  घर वाले आए थे हम छोड़ने के लिए इस लिए मैं शांत बैठा था,

फिर जब गाड़ी चालू हुई में मां के ऊपर लपक गया,  मां को चूमने लगा मां भी साथ दे रही थी, मां ने कहा रुक थोड़ा सब्र रख मैं आती हु कह के मां बाथरूम चली गई,  फिर मां आई दौड़ते हुए और दरवाजा बाद कर लिया,   मां ने गुलाबी रंग की जो मां के सिर्फ जांघों तक थी और उपरसे जो मां के मम्मों पर जाली और मां की गांढ पर जाली वाली नाइटी पहनी थी,।  मैं मां को ही देख रहा था उपरके जाली वाले हिस्से में मां के मम्मे साफ दिख रहे थे. नीचे मां ने गुलाबी चड्डी पहनी हुई थी मां को देख कर तो नई दुल्हन भी शर्मा जाए. मां 25  28 साल की लड़की लग रही थी मैने मां से पूछा यह सब कहां से लिए मां बोली तुम्हारी मामी का है, उनकी शादी के वक्त का है ऐसे बोलते बोलते मां मेरी गोदी में बैठ गई और बोली उस दिन तो बहुत हाथ घूम रहे थे तेरे बच्चू आज क्या हुआ सांप सूंघ गया क्या, मां ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने मम्मे पर रखा.

मां मेरे कपड़े उतारने लगी मैं मां की गर्दन पर किस कर रहा था और काट भी रहा था, मम्मी ने मुझे नंगा किया मेरी छाती पर किस करने लगी काटने लगी और मेरे निप्पल चाटने लगी, मैंने मां की नाइटी उतार दी मां चड्डी में थी मैने मां को अपनी गोद में सुलाया और उल्टा कर दिया, में मां के चूतड़ों पर थप्पड़ मरने लगा मां मजे से चिलाने लगी offff ohhh ohhh बेटा जोर से और जोर से लाल कर दे, मैने मां की गांढ में उंगली डाली तो मां तीतर बितर हो गई, अंगूठे से उनकी चूत सहला रहा था और गांढ में उंगली डाल रखी थी, मैने वैसे ही मम्मी को उठा कर सामने की सीट पर कुत्ते की था बिठाया मां ने हाथों से गांढ फैला रखी थी मैं अपनी जीब डाल कर चाटने लगा, मां मजे ले रही थी aaahh haa aaahhh मैं कैसे इस मजे से दूर रह सकती हूं बेटा, जब मैं जीब थोड़ी और अंदर घुसता तो मां मजे से कांप उठती और कहती शरीर में करंट जैसी गुदगुदी महसूस होती है,  मां ने मुझे नीचे सुलाया और मेरे ऊपर चढ कर अपनी चूत मेरे मुंह पर घिसने लगी और मेरा लंढ चूसने लगी और मेरे टट्टों को भी चाटने लगी, फिर मम्मी उठी और सामने की सीट पर टांगे फैला कर अपने चूत रगड़ते हुए बोली मत तरसा मेरा राजा बेटा अब रहा नई जाता, में उठ कर गया और अपना लंढ  उनकी चूत में डाला और धक्के मरने लगा मां मजे से कराह रही थी और ऊपर को सरकी जा रही थी मैं मां को नीचे खींच लेता और धक्के मरता,  मां मस्ती में चिल्ला रही थी ahh ahh बेटा हाय ohh ssshhh बेटा मैने मां के हाथ पकड़ रखे थे, मुझे मां गोदी में अपने पैरों से जकड़ कर खुद नीचे से उछल उछल चुदवा रही थी, मां कह रही थी बेटा अंदर झड़ जा लेकिन मैं कह रहा था नहीं मां आपके ऊपर झडूंगा,

मैं लंढ बाहर निकल हिला रहा था मां चूत में उंगली कर रही थी मम्मी के मुंह पर चरम सुख का आनंद दिख रहा था, में मम्मी के ऊपर झड़ गया उनके मंम्मौं पर लिप्स पर आंखों पर गालों पर और माथे पर मेरे माल की बूंदें गिरी, मां ने उंगली से सारी बूंदें चाट ली और बाकी नाइटी से साफ की, फिर हम इसे ही नंगे लेटे रहे एक दूसरे के ऊपर एक दूसरे की बाहों में मां मेरा सर सहला रही थी, मां बोली बेटा यह बात गलती से भी किसी को पता नहीं चलनी चाहिए ना दोस्तों को ना रिश्तेदारों को, तुमने उस रात मेरा जोबन मुझे लौटा दिया उस रात की चूदाई ने मेरा औरत होने का ऐहसास दुबारा जगा दिया, वरना मैं और तेरे पापा तो न जाने कितने सालों से खैर छोड़ो, तुझे याद है बेटा मैने तुझे क्या कहा था हम जब कहीं बाहर हों जहां हमे कोई जाने पहचाने वाला ना हो तब तू जो चाहे मेरे साथ कर सकता है, लेकिन यहां से उतरने के बाद हमारे शहर में बिल्कुल नहीं, मुझे रिस्क नहीं लेना,  तू अपनी हवस को गांठ बांध ले थोड़े दिन, और मेरे माथे पर किस किया,

तभी tc की आवाज आई मां ने नॉर्मल सी नाइटी पहन ली, tc ticket चेक कर चला गया, फिर मां आई और मेरे ऊपर चढ़ कर सोई हम इसे ही एक दूसरे को चुम्मा चाटी करके सो गए, मां मुझसे चिपक कर सोई हुई थी, जब मुझे होश आया मैं वहां से उठ सामने वाली सीट पर गया, में मूतने चला गया मां आराम से सो रही थी मैने सोने की कोशिश की लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी बगल में सोई हुई मां की गांढ मुझे बुला रही थी, और यही लास्ट टाइम था शायद इसके बाद घर पे मुझे मां कभी चोदने नहीं देती,  में उठ कर गया मां की सीट पे मां की नाइटी ऊपर उठाई उनकी गोल फूली हुई गांढ देख कर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया, में उनकी गांढ चाटने लगा मां नींद में ही थी और नींद में ही aahh oohhs सोने दो ना बेटा बोलने लगी,  मुझे गांढ मारनी थी कुछ भी कर के में उनकी गा गांढ में दो उंगली डाल दी मां दर्द से उठ खड़ी और बोली बेटा मत कर दर्द होता है,  मैने कहां मां प्लीज करने दो ना यहां से निकलने के बाद तो आप कुछ देने वाली नहीं हैं, आप सो जाओ आराम से मुझे करने दो जो में करना चाहता हु,  मां नहीं मान रही थी लेकिन मैं फिर भी कर रहा था मेरी दोनो उंगलियां आराम से जा रही थी, मम्मी ने अपनी गांढ थोड़ी ऊपर उठाई हुई थी और थोड़ी फैला कर मेरा साथ दे रही थी, मैने मौका देख अपना लंढ निकाला मां छेद को थूक से भर दिया और लौड़ा अंदर घुसने लगा मां को लगा 3 उंगलियां है, मां बोली बेटा 2 ही ठीक थी अब  जादा  उंगलियां मत डाल, मां को क्या पता था वो मेरा लंढ है, जैसे ही मैंने सुपाड़ा अंदर डाला मां दर्द से कराह उठी और जैसे ही वो पीछे मुड़ कर देख मेरा आधा लंढ उनकी गांढ में घुस चुका था, वो मुझे लंढ बाहर निकलने को बोल रही थी,

मैं थोड़ा थोड़ा कर के अंदर डाले जा रहा था अब मैं पूरा लंढ मां की गांढ में घुसा चुका था, मां को  बहुत दर्द हो रहा था में लंढ बाहर निकाला तो मां देख कर चिल्लई, uuii मां आउच सो मैं वापिस अंदर डाला मां oofff क्या कर रहा है नालायक बेटे तो मैने मां के हाथ पकड़ लंढ अंदर बाहर करने लगा और एक हाथ से उनका मुंह ढक लिया ता के वो चिल्लाए ना, अब मां ने मेरे हाथ पकड़ अपने मम्मौं पर रखे और मसलने लगी अब मां को भी मजा आ रहा था, मां उठी और घोड़ी बनकर बोली तू नहीं सुधरेगा बदमाश अपनी मां की ही गांढ फाड़ दी, चल अब ले मजे ऐसा कह कर मां ने अपनी गांढ फैलाई  मैं लंढ अंदर डाल मस्त मजे से गांढ चोदने लगा, मां उछल उछल के लंढ ले रही थी और एक हाथ से अपनी चूत सहला रही थी,  अब मैं मां की गांढ में झड़ गया लेकिन मां शांत नहीं हुई थी मैं जीभ पीछे जांघों से उनकी चूत में घुसाई और चाट चाट कर मां को ठंडा किया,  और फिर वैसे ही मां के साथ सो गया सुबह उठा तो हमारा स्टेशन आने में अभी आधा घंटा बाकी था, मां साड़ी पहन कर तैयार बैठी थी मैने उनकी की साड़ी उठाई और उनकी गुलाबी चड्डी निकली और लंढ डाल चोदने लगा मां बोली जल्दी कर स्टेशन आने वाला है तेरा पेट नहीं भरता क्या कितना स्टैमिना है तुझ में कल से चोद रहा है, तू थकता नहीं है क्या haann बोल, अब मैं नीचे लेटा हुआ था और मां मेरे ऊपर साड़ी उठा कर लंढ चूत में उछल उछल कर ले रही थी,

मैं झड़ने वाला था मेरी मां भी चरम सीमा पर थी  मां लंढ को अंदर रगड़ रगड़ कर लिए जा रही थी, अचानक चिल्लाई aaaaahhhhh ooooosssshhhh वोह मेरे ऊपर गिर गई और बोली बेटा तूने तो आज जन्नत की सैर करा दी है और मुझे चूमने लगी,  ट्रेन रुकी स्टेशन पर पापा खड़े थी मुझे मेरा यह रंगीन हवशी पल यहीं खत्म होता दिख रहा था, मैने अपने अंदर से मां को बाए बोला और हम दोनो ने वापिस आकर अपनी मर्यादा नहीं छोड़ी, आज 3   4 महीने हो गए हैं घर पे चाहे मैं और मां अकेले होते हैं फिर भी हम एक दूसरे को छूते नहीं हैं,  में उनकी चद्दिओं की खुशबू पर दिन गुजर रहा था, लेकिन किस्मत मुझे फिरसे  मौका देने वाली थी मुझे यह नहीं पता था, आगे पढ़िए कैसे शिमला की ठंड में मां की गर्मी का सहारा बना।ट्रेन में मां के साथ कश्मकश ( भाग 2)

नमस्कार दोस्तो मैं आपके लिए हाजिर हूं अपने दूसरे भाग में. जी हां यह कहानी ट्रेन में मां ने लिए मेरा लंढ का अगला भाग है. गांव आते वक्त हमारे साथ जो भाई बहन थे रात को उनकी चूदाई देख मैं  अपनी मां पर हावी हो गया और वो भी हवास का शिकार बन गई. उस रात ट्रेन से गांव जाने तक मैने मां को 3 बार चोदा अखरी बार तो दिन के उजाले में घमासान चूदाई की. मां भी पागल हो गई मेरा स्टैमिना देख कर. मां ने मुझे ट्रेन में ही समझा दिया था के ट्रेन के बाहर जाने के बाद अगर मैने मां को उस नजर से भी देखा तो मां मुझे घर से निकल देगी. जो हुआ सो हुआ यह बात सिर्फ हम दोनो में रहेगी. सो हम गांव पहुंच गए वहां मां का सारा खानदान था  सो कोई गुंजाइश ही नहीं थी किसी चीज की. लेकिन मैंने अब सेक्स का मजा चख लिया था जो मेरे अंदर से जाना ना मुमकिन था . मैं रात को मां की पैंटी जो मैने चुराई थी उसे सूंघ सूंघ कर गुजारा कर रहा था.   अब मुझे लगा मां कभी नई देगी. हमारे पास बस 3  4 दिन बचे थे इसके बाद हम घर वापिस जाने वाले थे .  सो मैं सब भूल कर छुट्टियों के मजे लेने लगा छुट्टियों की एक रात छत पर खाने का कार्यक्रम रखा था सब रिश्तेदार आए हुए थे. बहुत मजा आया . उस दिन मैं मां को देख भी नहीं रहा था. सब खत्म होने के बाद मैं छत पर अपने कॉलेज के दोस्त से बात कर रहा था के मां आई. मां ने पूछा कोन है मैने कहा दोस्त है. तो मां बोली अच्छा यह बता तू तो सब कुछ भूल गया, आज मैने देखा तूने मुझे देखा भी नहीं और ना ही मेरे पास आया , ना ही मुझसे बात की. मैने कहा ऐसा नहीं है मां आपको देखता हु तो सब याद आ जाता है अंदर एक बिजली सी दौड़ जाती है, भूल नहीं पता इस लिए आपको इग्नोर कर रहा था , अच्छा मेरा प्यारा बेटा सुन मैं क्या कहने वाली हूं अभी हम वापिस अपने घर जाने वाले हैं.  तो तू टिकट बुक करवा वैसे वाले ही इस बार 4 सीट बुक करवाना हमें प्राइवेसी मिल जाए, में खुशी से पागल हो गया मां को जोर से हग किया और चूमने वाला था तो मां ने कहा अरे पागल है क्या कोई देख ले गा, घर लोगों से भरा पड़ा है जो करना है ट्रेन में कर लेना, चल अब नीचे पर उस रात तो मुझे नींद ही नहीं आई खुशी के मारे , आखिर वो दिन आ ही गया,। हम स्टेशन पर आए मां सजधाज के आई,। आज मां का ब्लाउज कहर ढा रहा था,  घर वाले आए थे हम छोड़ने के लिए इस लिए मैं शांत बैठा था,

फिर जब गाड़ी चालू हुई में मां के ऊपर लपक गया,  मां को चूमने लगा मां भी साथ दे रही थी, मां ने कहा रुक थोड़ा सब्र रख मैं आती हु कह के मां बाथरूम चली गई,  फिर मां आई दौड़ते हुए और दरवाजा बाद कर लिया,   मां ने गुलाबी रंग की जो मां के सिर्फ जांघों तक थी और उपरसे जो मां के मम्मों पर जाली और मां की गांढ पर जाली वाली नाइटी पहनी थी,।  मैं मां को ही देख रहा था उपरके जाली वाले हिस्से में मां के मम्मे साफ दिख रहे थे. नीचे मां ने गुलाबी चड्डी पहनी हुई थी मां को देख कर तो नई दुल्हन भी शर्मा जाए. मां 25  28 साल की लड़की लग रही थी मैने मां से पूछा यह सब कहां से लिए मां बोली तुम्हारी मामी का है, उनकी शादी के वक्त का है ऐसे बोलते बोलते मां मेरी गोदी में बैठ गई और बोली उस दिन तो बहुत हाथ घूम रहे थे तेरे बच्चू आज क्या हुआ सांप सूंघ गया क्या, मां ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने मम्मे पर रखा.

मां मेरे कपड़े उतारने लगी मैं मां की गर्दन पर किस कर रहा था और काट भी रहा था, मम्मी ने मुझे नंगा किया मेरी छाती पर किस करने लगी काटने लगी और मेरे निप्पल चाटने लगी, मैंने मां की नाइटी उतार दी मां चड्डी में थी मैने मां को अपनी गोद में सुलाया और उल्टा कर दिया, में मां के चूतड़ों पर थप्पड़ मरने लगा मां मजे से चिलाने लगी offff ohhh ohhh बेटा जोर से और जोर से लाल कर दे, मैने मां की गांढ में उंगली डाली तो मां तीतर बितर हो गई, अंगूठे से उनकी चूत सहला रहा था और गांढ में उंगली डाल रखी थी, मैने वैसे ही मम्मी को उठा कर सामने की सीट पर कुत्ते की था बिठाया मां ने हाथों से गांढ फैला रखी थी मैं अपनी जीब डाल कर चाटने लगा, मां मजे ले रही थी aaahh haa aaahhh मैं कैसे इस मजे से दूर रह सकती हूं बेटा, जब मैं जीब थोड़ी और अंदर घुसता तो मां मजे से कांप उठती और कहती शरीर में करंट जैसी गुदगुदी महसूस होती है,  मां ने मुझे नीचे सुलाया और मेरे ऊपर चढ कर अपनी चूत मेरे मुंह पर घिसने लगी और मेरा लंढ चूसने लगी और मेरे टट्टों को भी चाटने लगी, फिर मम्मी उठी और सामने की सीट पर टांगे फैला कर अपने चूत रगड़ते हुए बोली मत तरसा मेरा राजा बेटा अब रहा नई जाता, में उठ कर गया और अपना लंढ  उनकी चूत में डाला और धक्के मरने लगा मां मजे से कराह रही थी और ऊपर को सरकी जा रही थी मैं मां को नीचे खींच लेता और धक्के मरता,  मां मस्ती में चिल्ला रही थी ahh ahh बेटा हाय ohh ssshhh बेटा मैने मां के हाथ पकड़ रखे थे, मुझे मां गोदी में अपने पैरों से जकड़ कर खुद नीचे से उछल उछल चुदवा रही थी, मां कह रही थी बेटा अंदर झड़ जा लेकिन मैं कह रहा था नहीं मां आपके ऊपर झडूंगा,

मैं लंढ बाहर निकल हिला रहा था मां चूत में उंगली कर रही थी मम्मी के मुंह पर चरम सुख का आनंद दिख रहा था, में मम्मी के ऊपर झड़ गया उनके मंम्मौं पर लिप्स पर आंखों पर गालों पर और माथे पर मेरे माल की बूंदें गिरी, मां ने उंगली से सारी बूंदें चाट ली और बाकी नाइटी से साफ की, फिर हम इसे ही नंगे लेटे रहे एक दूसरे के ऊपर एक दूसरे की बाहों में मां मेरा सर सहला रही थी, मां बोली बेटा यह बात गलती से भी किसी को पता नहीं चलनी चाहिए ना दोस्तों को ना रिश्तेदारों को, तुमने उस रात मेरा जोबन मुझे लौटा दिया उस रात की चूदाई ने मेरा औरत होने का ऐहसास दुबारा जगा दिया, वरना मैं और तेरे पापा तो न जाने कितने सालों से खैर छोड़ो, तुझे याद है बेटा मैने तुझे क्या कहा था हम जब कहीं बाहर हों जहां हमे कोई जाने पहचाने वाला ना हो तब तू जो चाहे मेरे साथ कर सकता है, लेकिन यहां से उतरने के बाद हमारे शहर में बिल्कुल नहीं, मुझे रिस्क नहीं लेना,  तू अपनी हवस को गांठ बांध ले थोड़े दिन, और मेरे माथे पर किस किया,

तभी tc की आवाज आई मां ने नॉर्मल सी नाइटी पहन ली, tc ticket चेक कर चला गया, फिर मां आई और मेरे ऊपर चढ़ कर सोई हम इसे ही एक दूसरे को चुम्मा चाटी करके सो गए, मां मुझसे चिपक कर सोई हुई थी, जब मुझे होश आया मैं वहां से उठ सामने वाली सीट पर गया, में मूतने चला गया मां आराम से सो रही थी मैने सोने की कोशिश की लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी बगल में सोई हुई मां की गांढ मुझे बुला रही थी, और यही लास्ट टाइम था शायद इसके बाद घर पे मुझे मां कभी चोदने नहीं देती,  में उठ कर गया मां की सीट पे मां की नाइटी ऊपर उठाई उनकी गोल फूली हुई गांढ देख कर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया, में उनकी गांढ चाटने लगा मां नींद में ही थी और नींद में ही aahh oohhs Sone दे ना बेटा बोलने लगी,  मुझे गांढ मारनी थी कुछ भी कर के में उनकी गा गांढ में दो उंगली डाल दी मां दर्द से उठ खड़ी और बोली बेटा मत कर दर्द होता है,  मैने कहां मां प्लीज करने दो ना यहां से निकलने के बाद तो आप कुछ देने वाली नहीं हैं, आप सो जाओ आराम से मुझे करने दो जो में करना चाहता हु,  मां नहीं मान रही थी लेकिन मैं फिर भी कर रहा था मेरी दोनो उंगलियां आराम से जा रही थी, मम्मी ने अपनी गांढ थोड़ी ऊपर उठाई हुई थी और थोड़ी फैला कर मेरा साथ दे रही थी, मैने मौका देख अपना लंढ निकाला मां छेद को थूक से भर दिया और लौड़ा अंदर घुसने लगा मां को लगा 3 उंगलियां है, मां बोली बेटा 2 ही ठीक थी अब  जादा  उंगलियां मत डाल, मां को क्या पता था वो मेरा लंढ है, जैसे ही मैंने सुपाड़ा अंदर डाला मां दर्द से कराह उठी और जैसे ही वो पीछे मुड़ कर देख मेरा आधा लंढ उनकी गांढ में घुस चुका था, वो मुझे लंढ बाहर निकलने को बोल रही थी,

मैं थोड़ा थोड़ा कर के अंदर डाले जा रहा था अब मैं पूरा लंढ मां की गांढ में घुसा चुका था, मां को  बहुत दर्द हो रहा था में लंढ बाहर निकाला तो मां देख कर चिल्लई, uuii मां आउच सो मैं वापिस अंदर डाला मां oofff क्या कर रहा है नालायक बेटे तो मैने मां के हाथ पकड़ लंढ अंदर बाहर करने लगा और एक हाथ से उनका मुंह ढक लिया ता के वो चिल्लाए ना, अब मां ने मेरे हाथ पकड़ अपने मम्मौं पर रखे और मसलने लगी अब मां को भी मजा आ रहा था, मां उठी और घोड़ी बनकर बोली तू नहीं सुधरेगा बदमाश अपनी मां की ही गांढ फाड़ दी, चल अब ले मजे ऐसा कह कर मां ने अपनी गांढ फैलाई  मैं लंढ अंदर डाल मस्त मजे से गांढ चोदने लगा, मां उछल उछल के लंढ ले रही थी और एक हाथ से अपनी चूत सहला रही थी,  अब मैं मां की गांढ में झड़ गया लेकिन मां शांत नहीं हुई थी मैं जीभ पीछे जांघों से उनकी चूत में घुसाई और चाट चाट कर मां को ठंडा किया,  और फिर वैसे ही मां के साथ सो गया सुबह उठा तो हमारा स्टेशन आने में अभी आधा घंटा बाकी था, मां साड़ी पहन कर तैयार बैठी थी मैने उनकी की साड़ी उठाई और उनकी गुलाबी चड्डी निकली और लंढ डाल चोदने लगा मां बोली जल्दी कर स्टेशन आने वाला है तेरा पेट नहीं भरता क्या कितना स्टैमिना है तुझ में कल से चोद रहा है, तू थकता नहीं है क्या haann बोल, अब मैं नीचे लेटा हुआ था और मां मेरे ऊपर साड़ी उठा कर लंढ चूत में उछल उछल कर ले रही थी,

मैं झड़ने वाला था मेरी मां भी चरम सीमा पर थी  मां लंढ को अंदर रगड़ रगड़ कर लिए जा रही थी, अचानक चिल्लाई aaaaahhhhh ooooosssshhhh वोह मेरे ऊपर गिर गई और बोली बेटा तूने तो आज जन्नत की सैर करा दी है और मुझे चूमने लगी,  ट्रेन रुकी स्टेशन पर पापा खड़े थी मुझे मेरा यह रंगीन हवशी पल यहीं खत्म होता दिख रहा था, मैने अपने अंदर से मां को बाए बोला और हम दोनो ने वापिस आकर अपनी मर्यादा नहीं छोड़ी, आज 3   4 महीने हो गए हैं घर पे चाहे मैं और मां अकेले होते हैं फिर भी हम एक दूसरे को छूते नहीं हैं,  में उनकी चद्दिओं की खुशबू पर दिन गुजर रहा था, लेकिन किस्मत मुझे फिरसे  मौका देने वाली थी मुझे यह नहीं पता था, आगे पढ़िए कैसे शिमला की ठंड में मां की गर्मी का सहारा बना।

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