शिमला में मां के साथ कश्मकश (भाग 3)

शिमला में मां ने सुहागरात का मजा दिया

शिमला में मां के साथ कश्मकश (भाग 3)

नमस्कार दोस्तो मैं फिर से आप लोगों की गुजारिश पर यह किस्सा बयान कर रहा हूं, यह कहानी से पहले मैने इस से जुड़े दो भाग पहले लिख दिए हैं, जिसम मैने कैसे मां को गांव जाते वक्त ट्रेन में चोदा और उसी छुट्टियों से वापिस आते वक्त मां ने मुझसे चूदवाया,

अब मैं इंट्रो करवाता हूं मेरी मां का नाम निर्मला हैं उम्र 40 की है मगर कम लगती है गदरीले बदन की है और हाउस वाइफ होने के कारण  जादा चूदी नहीं है, चूत में अभी भी वो कसाव बरकरार है में जब भी मां को चोदता था किसी कुंवारी लड़की को चोदने जैसा लगता था, खैर मेरा नाम विकी है 21 साल का हूं कॉलेज में पढ़ता हूं और  मेरे पापा स्कूल में प्रिंसिपल हैं उनकी उम्र 50 होगी, पापा के स्कूल प्रिंसिपल होने के कारण हमारी समाज में बोहोत इज्जत है, इस लिए मां ने मुझसे समझोता कर लिया था मां ने मुझे उसी दिन ट्रेन में कह दिया था जब हमारा कोई दूर दूर तक पहचानने वाला ना हो तभी मैं तुझे मेरे साथ चूदाई करने दूंगी नहीं तो भूल जाना के तुझे कुछ करने को मिलेगा ऐसा सोचना भी मत, अब उस ट्रेन वाले हादसे को करीब 6 से 7 महीने हो गए थे घर पर में और मां अपनी मर्यादा में रहते, मां मेरे साथ बच्चे जैसा ही बर्ताव करती और में उनसे मां जैसा रिस्पेक्ट देता, चाहे घर में हम अकेले होते थे और कितना भी माहोल बन जाए लेकिन फिर भी हम एक दूसरे को टच नहीं करते थे,  एक दिन मैं और मां बैठे इंग्लिश मूवी देख रहे थे उसमे एक लड़का अपनी आंटी पटा लेता है और उसे से चूदाई करता है, इस सेक्सी सीन के 10 मिनट में न तो मैं वहां से उठा और ना मम्मी हम दोनो की आंखों में हवस दिख रही थी, उसके बाद हमने एक दूसरे को देखा और अपने अपने कमरे में चले गए मैने मम्मी की पैंटी निकली जो मैने चूदाई के वक्त छिपा ली थी और उन्हें अपने हाथ में लेकर मुठ मरने लगा शायद मम्मी भी चूत में उंगली कर खुद को शांत कर रही थी, 

मुझे सर्दी लग रही थी क्यों के क्रिसमस की छुट्टियां आने वाली थी और मम्मी पापा की शादी की सालगिराह भी, पापा को पता नहीं क्या सूझा उन्होंने 25 डिसेंबर से 1 जनवरी तक शिमला की पारिवारिक तीनों की टिकेट करवाई, पापा 24 तारीख को घर आकर बोले पैकिंग करलो हम तीनो शिमला घूमने जा रहे हैं, मम्मी बोहोत खुश हुई मुझे मन ही मन लग रहा था के शायद मेरा नसीब खुलने वाला है, रात को हम तीनो खुशी खुशी खाना खा रहे थे तभी पापा को फोन आया के कल उनके स्कूल inspection के लिए अफसर आ रहे हैं पापा को जाना जरूरी था, अब हमें लगा के ट्रिप कैंसल लेकिन सारी बुकिंग हो गई थी पापा ने कहा तुम पहले चले जाओ मैं बाद में निपटा कर आ जाऊंगा, तो अगली सुबह हम निकले पापा ने फ्लाइट की टिकेट कराई हुई थी मां की खुशी नहीं संभाल रही थी क्यों के हम पहली बार फ्लाइट का सफर कर रहे थे, तो हम शाम को वहां पोहंचे मां बोहोत खुश नजर आ रही थी और मैं भी मूड बना रहा था आज 25 की शाम थी और पापा कल शाम आने वाले थे तो मेरे पास एक रात ही थी,  जब हम होटल में पहुंचे तो रूम हनीमून के स्टाइल में सजाया हुआ था शायद पापा ने कहा था और मेरा रूम मां पापा के बगल वाला था, मां रूम में गई और मैं मन ही मन सोच रहा था के तभी वहां रखे हुए फोन पर कॉल आया मैने फोन उठाया तो मां बोली बेटा वहां क्या कर रहे हो मैने कहा आपके फोन का इंतज़ार मेरी जान तो मां ने कहां जान तैयार है आ जाओ, मैं रूम में गया मां फूलों से सजे बेड पर घूंघट लिए बैठी थी, में ने मां का घूंघट उठाया उनका मुंह ऊपर उठाया तो मां बोली आज रात हमारी सुहागरात है आज मैं तुम्हारी बीवी हूं,

 कमरे में गुलाब की खुशबू महक रही थी, मैंने मां को बेड पर लीटाया और उनके ब्लाउस का हुक खोलने लगा मां ने रेड कलर की ब्रा पहनी हुई  थी फिर मैने मम्मी की साड़ी खोली और पेटीकोट का नाडा खोला मां ने रेड कलर की पैंटी पहनी हुई थी, मुझे लग रहा था के में किसी गुलाब को नंगा कर रहा हु मैं मां के पूरे शरीर को चूमने लगा ऊपर से नीचे तक, मां ooohhh oooofffff कर रही थी सिसकारियां ले रही थी और मैं मां की चड्डी के ऊपर उंगलियां घुमा रहा था, मैने मम्मी की ब्रा का हुक खोला और उनके मममों को नंगा कर मुंह में भर लिए और चूसने काटने लगा,  मां चीख रही थी oooohh aaaahhh जान लोगे क्या आराम से कर बेटा मैं आज रात तुम्हारी बीवी हु,  मैने मां के बालों में हाथ डाला और उनके मुंह को अपने मुंह के पास खीच के कहा अरे जान तु देख आज तुम्हे असली मर्द का मजा दूंगा एसी, सुहागरात तो तुमने पापा के साथ भी नहीं मनाई होगी ऐसा कह कर  मां की गांढ पर थप्पड़ मारा और उनके होंठों को चूसने लगा मां मेरे मुंह में जीव डाल कर मुझे चूसने लगी, ऐसा करते मैं मां के मम्मे बड़ी बेरहमी से मसलने लगा और चड्डी में हाथ डाल कर चूत सहलाने लगा,  मां ने शेव की हुई थी चूत बोहोत चिकनी थी मैने पूछा यह कब किया मां बोली कल जब तेरे पापा की बातें सुनी, अब बातों में टाइम खराब मत करिए जी आपकी बीवी भूखी है उसकी भूख मिटाओ कह कर मां ने मुझे नंगा किया और मेरे लंढ से खेलने लगी, 

   अब मां ने मुझे अपने ऊपर खींचा और मैं उनकी छाती को काटने लगा और मां मुझे चूमते हुए नीचे आती आती  मेरे लंढ को पकड़ कर अपने मुंह में भर लिया,  फिर मैं मां को घुमाया मां घूम कर अपनी गांढ मेरे मुंह के पास ले आई और मैं उनकी गांढ को चूमना शुरू कर दिया, मैने मां को लिटाया और उनकी चूत में अपना मोटा खड़ा लंढ ढाल दिया मां ने अपनी टांगें खोली और लंढ अंदर लिया ohhh ohhh क्या लंढ है तुम्हारा मेरे पति मेरी तो जान ही निकल देता है, तुम्हारे लंढ की दासी बन चुकी हु मैं तो आज यह चूत और गांढ सब आपके हवाले है मेरे राजा, मैने कहा मां आज तू मेरी बीवी है मुझे तेरे जैसी बीवी बोहोत ढूंढने पर भी नहीं मिलेगी जी क्या मस्त चूत है तेरी जी करता है तुझे बस दिन रात चोदता रहू, मां और मैं सब कुछ भूल चुके थे माहोल रोमांटिक हो चुका था कमरे में  पच पच की आवाजें गूंज रही थी, मां गांढ उछाल उछाल कर लंढ ले रही थी aaah aaahh oofff मारो ऐसे ही रुको मत करते रहो प्लीज रुकना मत सच् में आज मुझे मेरी मां मेरी बीवी लग रही थी,

   धक्के मारते मारते मैं मां के अंदर झड़ गया मम्मी लंबी सांसें ले ले कर हाफ रही थी और मैं भी थक चुका था, मां ने मेरे लंढ को हाथ में लिया और चूम कर बोली वाह लंढ हो तो मेरे बेटे जैसा, अब हम इसे ही लेटे हुए थे मां मुझे बोली क्या हुआ थक गया क्या मेरे लाल चलो नहाते हैं,  हम बाथरूम गए बाथटब में भी गुलाब की पंखुड़ियां डाली हुई थी मां ने मुझे मेरे लंढ से पकड़ा और बाथटब में ले गई वहां हम एक दूसरे से चिपक कर बैठ गए जगा कम होने के कारण मां मेरी गोद में बैठी थी, अब मां मुझे नहलाने लगी हम एक दूसरे को झाग से भर रहे थे और मां मेरे लंढ पर बैठ कर घिस रही थी इतने में मैंने मां को खड़ा किया झाग से उनकी गांढ को भर दिया और अपने लंढ को उनकी गांढ में डाला और धक्के मार मार मां की गांढ चोदने लगा झाग की वजह से लंढ आसानी से आ जा रहा था,  मां मजे लेकर चुदवाने लगी मैंने पूछा कैसा लग रहा है मेरी जान मां बोली मैं बयां नहीं कर सकती aaahhhh aaahhh ऐसे ही मारते रहो फाड़ दो मम्मी की गांढ  मेरे राजा, धक्के मारते हुए में मां की गांढ अपने सफेद माल से भर दी, हम थक कर बाहर आए और ऐसे ही नंगे बेड पर सो गए,

     सुबह जब मेरी आंख खुली तो देखा मां मेरा लंढ चूस रही थी मुझे चूदाई के लिए तैयार कर रही थी और मुझे देख कर बोली बेटा बाद में सोना उठ जाओ, अब मां मेरे लंढ के ऊपर बैठ गई और उछलने लगी मैंने मां के चूतड़ों को पकड़ा और उनको जोर जोर से चोदने लगा मैने इस बार  मां  की गांढ और चूत दोनो एक साथ मारी, कुछ देर बाद हमारा नाश्ता आया उसमे ब्रेड और जैम आया था, मैने जैम मम्मी की चूत और गांढ पर लगाया और चाटता गया मम्मी ने भी मेरे लंढ पर जैम लगाकर चाटा और चूसा, मां बोली ऐसी सुहागरात तो मैं ने आजतक तुम्हारे पापा के साथ भी नहीं मनाई, फिर हम रेड़ी हुए और बाहर घूमने गए शाम को जब हम वापिस आए तो पापा भी आ चुके थे, फिर मम्मी उनकी बीवी बन गई, अब में समझ गया के ऐसे ही मम्मी के साथ बाहर घूमने का प्लैन बनाकर चूदाई  की जा सकती है, 

ये कहानी यही तक थी जल्दी ही मिलते है अगली कहानी में तबतक में लिए बाये अपना ख्याल रखिये दोस्तों और अगर आप भी कहानी साझा करना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करके भेज सकते है:  https://www.sexstorian.com/submit-your-story

कहानी कैसी लगी हमें मेल करके जरूर बताये और आगे आप कौन सी कहानी पढ़ना चाहते है हमें बताये हम जरूर आपकी कहानी को लिखने का प्रयत्न करेंगे  : gurpreet59318@gmail.com.

4.5/5 - (43 votes)

error: Content is protected !!