अजनबी के साथ सेक्स चुदाई की कहानियाँ अजनबी के साथ चुदाई Strangers Sex Stories
मुझे ये कहानी मेरी एक ख़ास दोस्त ने बताई , ये उसकी लाइफ की सच्ची घटना है और बोली सब लिखो पर मेरा नाम मत लिखना तो मैंने सिर्फ़ नाम बदल दी हूँ आगे की कहानी मेरी दोस्त की ज़ुबानी मेरा नाम सुप्रिया है …समझ नही आता की इस बारे मे किसी को क्या बोलू…
माफ़ करिये मुझे कहानी बनाना नही आता पर सच को भी शब्द देना कभी कभी आसान नही होता जिंदगी कभी कभी इस तरह का खेल खेलती है की बोलना सही नही लगता.. वैसे तो मेरी शादी हो गयी है ससुराल मे सब लोग मुझे बहुत प्यार और सम्मान देते है पर 8 साल पहले की घटना मुझे अंदर तक तोड़ दी थी.. किसी भी लड़की का सबसे बुरा सपना उसका बलात्कार होता है पर अगर हक़ीकत हो तो वो जान दे कर भी ये सब भूल नही सकती| आप के लिए ये सिर्फ़ एक कहानी होगी पर दिल से आप भी महसूस करिएगा की जिंदगी ये दर्द किसी को ना दे मैं तोड़ा पीछे से अपनी कहानी शुरू करती हूँ |
हमारा परिवार कानपुर के अमीर फॅमिली मे से था बहुत से नोकर काम करते थे हमारे वहाँ के नेपाली मैड थी उसका नाम बिंदु था | बिंदु जब भारत आई तो उसने एक नाइग्रो आदमी से शादी कर ली थी कैसे की क्यू की मुझे पता नही पर इतना पता था की उसका पति एक अच्छा आदमी था वो पास के चमड़े के कारखाने के काम करता था| 1 साल मे ही बिंदु ने एक बेटा जन्मा जब उसका बेटा 6 साल का था तो बिंदु का पति बीमार हो कर चल बसा बिंदु उसके बाद से ही हम लोगो के घर पर मैड जैसे काम करने लगी उसका बेटा छोटू बहुत प्यारा और अच्छा था जब छोटू घर मे आया तब मैं पैदा हुई|
बिंदु छोटू को 10 साल की उमर मे हम लोगो के पास छोड़ कर वापस नेपाल चली गयी क्यूकी उसका दिल यहा लगता नही था धीरे धीरे छोटू पूरे फॅमिली का हिस्सा बन गया वो घर के छोटे मोटे काम करता पापा छोटू को बहुत बहुत मानते उसको सब कुछ देते| धीरे धीरे समय बिता और मैं 19 की हो गयी और छोटू 25 का हो चुका था और हम अब कानपुर से नोएडा आ गये थे पापा ने नोएडा मे एक 3 बेडरूम सेट वाला बांगला खरीद लिया था पापा हमेशा से एक बंगले चाहते थे |
वैसे छोटू अपनी मा से मिलने हार साल जाता था पर इस बार छोटू लंबे समय के लिए नेपाल गया था क्यूकी बिंदु बहुत बीमार थी और कुछ दिन बाद छोटू ने बताया की बिंदु जी भी नही रही | छोटू पूरे 2 महीने बाद नेपाल से वापस आता मैं भी कॉलेज मे पहुच चुकी थी| लोग बोलते थे की मैं किसी पंजाबन जैसी सुंदर दिखती हूँ | 5 फिट 5 इंच लंबी काले लंबे बाल , मैं बहुत गोरी और आखे बड़ी बड़ी है और कुछ दोस्त मुझे उस टाइम ईश्वर्या राय जैसा चहरा बोलते थे ( जानती हूँ आप साइज़ भी जानना चाहते होंगे तब मैं 34 26 30 थी) सुंदरता बहुत तेज़ी से निखार रहा था कॉलेज ने बहुत से लड़के दोस्ती करते फिर प्रोपोस भी करते पर दिल से मैं आज भी कानपूरिया था |
कोई काम इसा नही करती जिससे मा पापा को नाराज़ होने का मोका मिले| सच बोलू तो मुझे भी अपनी सुदरता पर बहुत नाज़ था | कहानी पर आती हूँ .. छोटू पूरे 2 महीने बाद आया पापा ने उसको हमेशा जैसे प्यार किया और वापस जाने से माना किया साथ ही साथ अगर कोई काम करना चाहे तो पापा ने बोल दिया की उनके बिज़नस मे कोई काम दिलाने को बोला छोटू ने सॉफ माना कर दिया और बोला की वो घर पर ही पहले जैसे काम करना चाहता है | पापा मान गये और छोटू वापस हम लोगो के साथ रहने लगा पापा को बिज़नस के काम से दुबई जाना था वो भी कम से कम 1 महीने के लिए पापा ने मा से ऑफीस के काम को देखने को बोला क्यूकी मा पहले भी ऑफीस का काम करती थी तो उसको कोई प्राब्लम नही थी| पापा के जाने के बाद मा रोज सुबह ऑफीस चली जाती और रात मे 9-10 तक वापस आ पाती |
नेपाल से छोटू जबसे वापस आया था उसका मुझसे बात करने का इंदाज़ बदल गया था पर मेरे दिमाग़ मे कभी ये बात आई ही नही| वैसे तो लड़किया आखो को देख कर जान जाती है की देख कैसे रहा है कोई पर घर पर मेरा धयन नही गया| मुझे याद है सोमवार था सुबह से सर मे दर्द था मेरे छोटू ने नाश्ता दिया साथ मे एक गिलास दूध दिया मैं नाश्ता की दूध पी और दवा खा कर रूम मे आराम करने चली गयी |
जब नींद खुली तो देखी रात हो गयी थी मुझे बहुत अजीब लगा की मैं इतना लंबा कैसे सो गयी पर फिर मेरा ध्यान मेरे नाइटी पर गया.. मुझे नाइटी के अंदर अपनी ब्रा कुछ ढीली और पैंटी भी कुछ ठीक नही लग रही थी मैं तुरंत बाथरूम मे गयी अपने कपड़े निकली और ठीक से खुद को देखी चूत एकदम चिकनी पर लाल इस दीख रही थी और मैं ध्यान दी की मेरे स्तन पर दाँत के निशान थे पर ये पक्का था की मैं चुदि नही हूँ पर दिमाग़ मानो पूच रहा था की ये किसने किया होगा मैं बाहर आती तो मा खाना खा रही थी और छोटू मा से बाते कर रहा था उसका चहरा एकदम शांत .. मैं सोच मे पद गयी की ये किया किसने होगा .. छोटू : आरे दीदी आप जाग गयी पूरे दिन सोई चलो खाना खा लीजिए मैं: आज दिन मे कोई आया था क्या? छोटू : हाँ बिजली वाला आया था
एसी सही करने और फिर माली आया था क्यू दीदी? मैं : आरे कुछ नही मेरे रूम का डोर पर आवाज़ हुआ था इसी लिए पूछी मा ने खाना खा लिए और उसके बाद मा भी सोने चली गयी मा ने जैसे मेरे बातो पर ज़्याद ध्यान नही दिया मैं खाना खाई और तोड़ा सा दूध पी कर वापस अपने कमरे मे चली गयी | मुझे फिर से तोड़ा नींद फील होने लगी मुझे अजीब लगा की अभी तो सो कर जागी हूँ फिर से नींद क्यू आ रही है,,,मैं अपना रूम बंद की और सोने चली गयी|