Family Xxx Chudai Kahani – Xxx Family Kahani, Hindi Sex Story

Family Xxx Chudai Kahani – Xxx Family Kahani, Hindi Sex Story

मेरी बीबी और दिव्या की करस्तानियां

मेरा नाम राजवीर है मेरा घर बिहार है और मै अभी इन्दौर मे रहता हूं।

ये कहानी तब शुरू हुई जब मै बेंगलुरु से इंजीनियरिंग कर रहा था वहां मेरी मुलाकात अथिया नाम की लड़की से हुई मै उस टाईम 20 साल का था और वो भी 19 साल की थी। वो बहुत ही सुन्दर और क्यूट थी।

कुछ दिनो मे हमे प्यार हो गया हम दोनो शादी करना चाहते थे मेरे फैमिली वाले तो मान गए लेकिन उसके फैमिली वाले मान नही रहे थे, फिर उसी दौरान मेरा भाई जो पहले इन्दौर मे जॉब करता था उसकी बीपीएससी मे जॉब हो गई और वो किसी ब्लॉक मे सीओ बन गया।
जब अथिया के पैरेंट्स को ये पता चला तो वे शादी के लिए मान गए। मेरा भी कोर्स पूरा हुआ तो मेरा भी जॉब इन्दौर मे लग गया इन्दौर मे मेरा 3बीएचके का घर है वहीं से मै जॉब करने लगा।
6 महीने बाद हमारी शादी होने वाली थी सारे लोग बहुत खुश थे मेरी मां और भाई को अथिया काफी पसन्द आई थी मेरी भाभी थोड़ी घमंडी है उनकी मेरे भाई से शादी तब हुआ था जब मेरा भाई इन्दौर मे जॉब करता था वो बहुत सुन्दर हैं तो उन्हें सुंदरता का घमण्ड है लेकिन अथिया उनसे भी सुन्दर है।

भाभी मेरी शादी अपनी बहन से कराना चाहती थीं लेकिन मै इधर अपनी लड़की खुद देख लिया तो भाभी जलन से अथिया को देखने नही गई, मैने भी मां, भाई, पापा, और अपने घर के सभी को बोल दिया कि कोई इनको फोटो भी नही दिखाएगा वो तो शान से रहती हीं थीं तो उन्होंने ने भी कभी नही मांगा।

अब हमारी शादी को 4 महीने बचे थे कि तभी एक हादसे मे अथिया के मम्मी पापा की डेथ हो गई।
मै अगली फ्लाइट से बेंगलुरु गया और वहा से उनके किसी गांव पहुंचा। अंतिम संस्कार हो गया था अथिया उस टाईम 20 साल की थी उसका भाई 17 साल का और उसकी बहन निथिया सिर्फ 15 साल की।
वो सभी अनाथ हो गए थे मै कुछ दिन वहा रहा मुझे धीरे धीरे समझ आया कि अथिया के चाचा अथिया के पापा के मरने के बाद जो सरकारी जॉब उनके बेटे को मिलनी चाहिए वो खुद हड़पने की तैयारी मे थे उसके पिता बेंगलुरू मे सरकारी नौकरी करते थे।
अथिया का भाई नाबालिग था उसे कुछ समझ नही आ रहा था तीनो तो बस रोने मे लगे थे उनके ऊपर गम का पहाड़ टूट पड़ा था।

मैने भाग दौड़ कर डॉक्यूमेंट सारे अथिया के भाई के नाम से बनवा दिए वो 17 का था तो उसे जॉब मिल नही सकती थी तो उसने बोला कि दीदी ही कर लेगी मैने कहा कि नही तुम ही करो जब तुम्हारा ग्रेजुएशन हो जाएगा।

मै उधर सब काम निपटा इंदौर आ गया कुछ समय बाद अथिया ने मुझे बताया कि उसके चाचा और बहुत सारे रिश्तेदार परेशान कर रहे हैं मै समझ गया ये नौकरी को लेकर हो रहा है। मै अपनी कम्पनी से रिक्वेस्ट कर 1 साल के लिए बेंगलुरू ही चला गया वहां सभी आ गए मैने  सबका ध्यान पढ़ाई पर लगाने बोला ताकि गम से बाहर निकल सकें।
बेंगलुरु मे मैने 2बीएचके फ्लैट ले लिया एक कमरे मे अथिया और उसकी बहन सो जाते और एक कमरे मे मै उसके भाई के साथ।
एक साल बाद मां ने कहा कि शादी कर लो अब।
इधर अथिया के रिश्तेदार शादी नही होने देना चाहते थे और अब प्रोपर्टी के लिए परेशान करने लगे।

मै अब तीनो को लेकर बिहार अपने घर आ गया और वहीं घूम धाम से शादी कर ली।

शादी के बाद सुहाग रात पर मै अपने कमरे मे जाने लगा भाभी तो मेरी अथिया की खूबसूरती देख जल गई थीं।
मै कमरे मे गया, कमरे मे बेड पर अथिया बैठी थी दिव्या और निथिया कमरे को सजा चुकीं थीं और कुछ फूल लगा रही थीं मेरी कुछ बहने अथिया के आस पास बैठी थीं भाभी भी थीं।
मै: चलो निकालो अब सब।
दिव्या:(हंसते हुए) क्यों निकले अभी देखो तुम्हारा ही काम कर रही हुं।

दिव्या मेरी मां की दोस्त की बेटी है उसके पापा जब दिव्या छोटी थी तब गुजर गए थे और मां जब वो 13 या 14 साल की थी तब, वो मेरे से 2 साल छोटी है और उसी टाईम से हमारे घर पर ही रहती है मेरी मां पापा भाई और मै उसे बहुत प्यार देते हैं।

मै:(भाभी पर टोंड कसते हुए) और दिव्या जलन हो रही है मेरी बीबी को देख कर,।
दिव्या समझ गई मै उसे नही भाभी को बोल रहा हूं।
दिव्या: मुझे क्यों होगी जले तुम्हारे दुश्मन।
भाभी पैर पटकते हुए चली गई।

अब कुछ देर मे सभी चले गए दिव्या मुझे गेट से एक कॉन्डम का पैकेट फेंक कर दी।
दिव्या:(हंसते हुए) ये लो अपनी भाभी को तो तुमने नाराज कर दिया तो वो तो नही देंगी तो मै ही दे देती हूं।

मै गेट बंद कर देता हूं और बेड पर बैठता हूं।
अथिया का घुंघट उठाता हूं वो शर्मा रही थी मै उसका चेहरा ऊपर करता हूं और उसकी आंखों मे देखता हूं।

अब उसका हाथ थाम हाथ चूम लेता हूं अब उसका हाथ चूमते हुए ऊपर जाने लगता हूं और उसके गाल पर चूम लेता हूं इतने दिन उसके साथ रहा था मै लेकिन आज पहली बार किस कर रहा था।
वो शर्मा गई अब उसके चेहरे को पकड़ उसके होंठ पर होंठ रख दिया और चूसने लगा कुछ देर वो शर्माती रही फिर साथ देने लगी।
अब उसके गाल से होते हुए कान गर्दन गले को चूसने लगा उसके नाक के नथ को उतार उसके नाक को चूसने लगा वो काफी मदहोश हो गई हम एक दूसरे को बांहों मे भर लेट गए और किस करने लगे।

अब मै उसके सीने पर चूम लिया उसके ब्लाउज मे दिख रहे क्लीवेज पर मूंह लगा दिया वो मदहोश हो गई अब उसके मम्मे पर हाथ रख सहलाने लगा उसके मम्मे बहुत सॉफ्ट थे।
अब हल्के से ब्लाउज खोलने लगा वो शर्माती रही लेकिन मना नही की।
अब वो ब्रा मे थी और शर्मा रही थी मै उसे किस करते हुए अपना हाथ पीछे ले जा उसकी ब्रा खोल दिया और उसे उसके बांह से निकालने लगा वो थोड़ा रिसिस्ट की शर्माते हुए लेकिन फिर निकालने दी और अपने 32 के चूचों को अपने हाथ ढक ली। मै उसके हाथ चूमत  हुए उसके हाथ हटा दिया।

अब उसके दोनो मौसमी जैसे चूंचे मेरे सामने थे थे मै सीधा ही अपना जीभ फिरा देता हूं। वो सिसक उठी मै उसके मम्मे सहलाने लगा उन्हे चुसने चाटने लगा उसके मम्मे काफी सॉफ्ट , गुलगुल, गोरे और बेदाग  थे। उसके हल्के कैथई कलर के निप्पल मै मुंह मे भर चूसने लगा वो आह आह सी सी करने लगी मेरे चूसने से मम्मे लाल हो गए।
अब मै नीचे आ उसके पेट नाभि को चूसने लगा उसकी गहरी नाभी मे जीभ फिरा चूसने लगा वो आह आह कर उठी।
अब उसके पेडू चूसने लगा।
अब उसका लहंगा उतारने लगा तो वो मना करने लगी मै अब उसके पैर को थाम लिया और सहलाने लगा अब मुझे उसकी पायल देख याद आया कि मां ने मुझे उसे देने के लिए पायल और कमर बंध दिया है।

मै अलमारी खोल निकाला और बेड के पास आया वो बेड पर बैठी थी और अपने को चुन्नी से ढंक ली थी मै उसके कदमों मे बैठ गया।
अथिया: नीचे क्यों बैठे हैं ऊपर आईए ना।
मै:( उसके पैर चूमते हुए) कुछ लाया हूं तुम्हारे लिए पहन कर देखो।
मै उसे पायल और कमर बंध दिखाता हूं।
अथिया: बहुत सुन्दर हैं।
वो कुछ देर उन्हे देखती है।
मै: मै पहना देता हूं।
अथि:(शरमाते हुए) नही मै खुद पहन लूंगी।

मै उसका पायल उतार अभी वाले पायल पहना देता हूं। और उसके पैर चूमने चाटने लगता हूं उसके अंगुली और तलबे चूसने लगा।
अथि:(अपने पैर छुड़ाते हुए) आप पैर क्यों चूम रहे हैं, मूझे अच्छा नही लगता।
मै: पर मुझे अच्छा लगता है।
वो शर्मा जाती है।
अब मै उसे खड़ा करता हूं और घुटनों के बल बैठ उसके नगी कमर को चूम उसपर कमर बंध पहना देता हूं और उसके पेट को चूसने लगा।
वो आह कर उठी अब खड़ा हो उसकी चुन्नी हटा देता हूं। वो अपने हाथ से अपने मम्मे ढकने की कोशिश की मै उसके हाथ चूम उसे बाहों मे भर उसे चूमने लगा अपने हाथ उसके कमर पर रख सहलाने लगा उसने हाथ धीरे से मेरे गले मे डाल दिया।

अब हम काफी चिपक कर स्मूच करने लगे उसके मम्मे मेरे सीने मे चुभ रहे थे।

अब मै उसे बेड पर लिटा उसे बांहों मे भर स्मूच करने लगा और हाथ से कभी उसकी पीठ, कभी पेट और कभी मम्मे सहलाने लगा वो सिसकारियां भरने लगी और मदहोश हो गई उसकी आंखें नशीली हो गई।

अब मै उसे किस करते हुए उसका लहंगा ऊपर सरकाने लगा उसके टांगों को सहलाने लगा जब लहंगा घुटने से ऊपर आ गया तो वो हाथ से थोड़ा रोकने लगी मै उसका हाथ पकड़ चूमने लगा अब लहंगा सरकाने लगा।
अब जांघ सहलाने लगा वो मदहोश हो गई, अब हल्के से पैन्टी को छु दिया वो आह कर उठी।
अब पैन्टी के ऊपर से बूर पर हाथ फेरने लगा वो सिसक जाती और हाथ पकड़ लेती उसकी बूर पानी छोड़ रही थी और पैन्टी गीली हो रखी थी।
मै जल्दी से पैन्टी मे हाथ डाल बूर छु देता हूं वो सिसक जाती है मेरा हाथ गिला हो गया था।
मै: (अपना हाथ दिखाते हुए) लहंगा उतार ही दो देखो नही तो गीला हो जाएगा और गन्दा भी।
मै मुसकुराते हुए उसके बूर के पानी से सने अपने हाथ को चाट लेता हूं।
वो मुस्कराने लगी।
मै अब उसके पेट को चुसने लगा और उसके टांगो के बीच आ उसके लहंगे को उतारने लगा वो शर्माते हुए गान्ड उठाने लगी मै उसका लहंगा उतार दिया वो अब सिर्फ एक सेक्सी पैन्टी मे थी।

वो अपनी पैन्टी पर हाथ रखे थी मै हाथ चूम उसे हटा देता हूं और सीधा उसकी पैंटी के ऊपर से बूर पर मुंह लगा देता हूं ।
अथि: आह टुल्लू क्यों चूम रहे हैं।
मुझे हंसी आ जाती है।
मै: क्या टुल्लू या तुल्लू।
वो शर्मा जाती है।
मेरे होंठ उसके बूर के रस से गिला हो गया था।

मै उसकी पैन्टी पकड़ उतारने लगा वो पैन्टी पकड़ थोड़ा रिजिस्ट करती है।
अथि: मेरा सारा उतार दीजिए और अपना मत उतारिए।(वो शरमाते हुए एक सांस मे बोल देती है)

मै अब अपना सारा कपड़ा उतार सिर्फ चड्डी पर आ जाता हूं। वो मुझे देखने लगी मेरे चौड़े सीने को मेरे एब्स को मेरे चड्डी मे टेंट को।

अब उसके पेट चूमते हुए उसकी पैन्टी उतारने लगा उसकी गोरी और चिकनी बूर मेरे सामने थी मै सीधा अपना मुंह उसके बूर पर लगा देता हूं वो मेरा सर हटाने लगी और आह आह करने लगी।

अथि: आह वो भी कोई चूमने की जगह है।
मै: (बूर चूमते हुए)तो क्या करने की जगह है?
अथि:(सरमाते हुऐ) सुसु करने की।
मै: तो कर दो मै पी जाऊंगा।
अथि: आह आप ना बड़े वो हो।

मै अब बूर पर जीभ फिरा दिया वो सिहर उठी।
मै: तुम्हारी तुल्लु पानी छोड़ रही है।
अथि मेरे बाल सहलाते हुए खिंचती है और शर्मा जाती है।

उसकी बूर पानी पानी हो गई थी वो आह आह कर रही थी।
अब मै उसके ऊपर लेट उसे किस करने लगा और अपनी चड्डी उतार दी मेरा लन्ड उसकी कमर से टच हुआ तो वो सिसक उठी। मै उसका हाथ पकड़ लन्ड पर रख दिया वो हटा ली और मेरे गले मे बांह डाल दी।

मै उससे लिपट गया और उसके कान गले गर्दन को चूसते हुए अपना लन्ड उसकी टांग फैला उसकी बूर पर रख दिया वो सिसक उठी।
अब उसे बेड किनारे लिटा उसके गांड़ के नीचे तकिया लगाया उसकी बूर हल्की उभर गई तो खड़ा हो लन्ड बूर पर रगड़ने लगा वो सिसकारियां भरने लगी।

अब हल्का सा धक्का दिया तो लन्ड फिसल गया वो आह कर उठी दो बार फिर लन्ड फिसल गया।
मै अब सटीक जगह पर लन्ड रखा और हल्का धक्का दिया लन्ड घुस गया लेकिन अथि चीख पड़ी मै उसका मुंह पर हाथ रखा और होंठ सहलाने लगा और नीचे झुक स्मूच करने लगा वो आह कर उठी।

अब उसके होंठ चूसते हुए हल्के हल्के चोदने लगा वो सिसक रही थी कुछ देर मे उसे अच्छा लगने लगा तो वो अपने हाथ मेरे गले मे डाल दी मै हल्का सा धक्का दे दिया उसकी चीख मेरे मुंह मे दब गई और मेरा आधा लन्ड अन्दर घुस गया।

अब हल्के हल्के उसे सहलाते हुए चोदने लगा वो सिसकारियां भरने लगी धीरे धीरे पुरा लन्ड धक्का दे घुसा दिया उसके होंठ मेरे होंठ से बंद थे तो चीख तो सकी लेकिन उसकी आंखों के किनारे से आंसू निकलने लगे।

मै उसके आंसू पीने लगा और उसे चुप कराने लगा उसके गाल गर्दन गले को चुसने लगा उसके कान  को चूसने लगा कुछ देर बाद वो थोड़ी शान्त हुईं तो मै अपने कमर चलाने लगा वो सिसकारियां भरने लगी।
मेरा लन्ड ऐसा लग रहा था जैसे गर्म भट्ठी मे घुस गया हो।।।

मै उसे बांहों मे भर उसके मम्मे चूसते हुए चोदने लगा हर धक्के के साथ उसकी आह निकल जाती ।
वो आह सी करते हुए चुदाती रही मै हल्के हल्के चोदता रहा। करीब 15 मिनट बाद वो हांफने लगी और आह आह करने लगी मेरे लन्ड को लगा कि उसे कुछ खींच रहा है अंदर से।
कुछ झटकों बाद मेरे लन्ड से गर्म लावा जैसा आकार टकराया मेरे मुंह से आह निकल गई वो आह आह करते हुए झड़ गई और उसके गर्म लावे ने मेरे लन्ड को भी पिघला दिया मै भी उसके बूर मे झड़ गया।

हम स्मूच कर रहे थे और हाँफ रहे थे कुछ देर मे हमारी सांसें नॉर्मल हुई तो मै उसके ऊपर से उतर गया मै उसे बांहों मे भर लिया। कुछ देर बाद हम उठ कर बाथरूम जाने लगे तो बेड पर देखा की उसकी बूर से निकला खून और हमारे रस का दाग लगा है। उसे देख वो शर्मा गई।

मै उसे स्मूच करने लगा। कुछ देर मे हम उठे वो अपनी नाइट ड्रेस पहनने लगी मै उसे मना करने लगा तो वो मुझे बांहों मे भर स्मूच करने लगी और मुझे एक पैंट ला कर दी और नीचे बैठ पैंट पहनाने लगी मै भी पहन लिया।
अब उसने भी नाइट ड्रेस पहन लिया उसे चलने मे थोड़ी तकलीफ हो रही थी। वो लंगड़ाते हुए अटैच बाथरुम मे गई और सुसु कर आ गई।
मै बेड सीट बदल दिया बॉथरूम मे खून लगा बेडशीट रख दिया सोचा कल धो दूंगा बाल्टी नही थी तो पानी मे भी नही डाला और बेसिन के नीचे रख दिया।

अब रूम मे आ अथि को बाहों मे भर लिया।
अथि: आज के लिए इतना काफी है अब कल करेगें।

मै उसे बांहों मे भर सो गया।

अब सुबह जल्दी उठा तो सबसे पहले बेडशीट धो दिया और नहा लिया अथि की बूर गर्म पानी से सेंक उसे दर्द की दबा दिया उसे थोड़ा आराम लगा।

7 बजे दिव्या दरवाज़ा पिटने लगी।
मै दरवाज़ा खोला।
दिव्या और निथिया अन्दर आ गए।
दिव्या: बड़ी जल्दी उठ गए दोनों।
मै: हां रोज तो जल्दी ही उठता हूं। हां सुन अब तुम मेरे कमरे मे ऐसे नही आ सकती हमारी प्राइवेसी खत्म हो जाएगी।
दिव्या: तेरा नही मेरा कमरा है तूझे कुछ दिन के लिए मिला है।
मै: ठीक है, जा बाथरूम मे बेडशीट धो कर रखा है धूप मे डाल दे।
दिव्या: इतने सुबह तू नहा लिया और बेडशीट भी धो डाला क्यों?
दिव्या हंस रही थी।
मै: जा ना धूप मे डाल दे।
वो चली गई मै भी बाहर आ शादी मे आए मेहमानो से मिलने लगा उन्हे विदा करने लगा।

दोपहर मे भाभी मेरे रूम मे बैठी थीं अथि के साथ मै अंदर गया।

मै: भाभी आपकी तुल्लू पर चींटी रेंग रही है।
भाभी को समझ नही आता अथिया मेरे तरफ देख मुस्कुराती है और बाथरूम के तरफ इशारा करती है।

अब रात को मै फिर अथिया को बड़े प्यार से चोदता हूं उसे बहुत प्यार करता हूं इस रात मै उसे पुरे कपड़े खोल सोने के लिए मना लेता हूं।

अब अगले दिन मै मेरी बीबी मेरी साली साला और दिव्या कहीं घूमने जाते हैं और शाम को आ जाते हैं।

दिन भर हम थक गए थे तो रात मे हम सो जाते हैं अगले दिन अथिया के पीरियड आ जाते हैं।

कुछ दिन हम बिहार मे अपने घर रहते हैं फिर बंगलुरू आ जाते हैं।

अब उन्हीं रहने लगे एक दिन अथिया के चाचा और रिश्तेदार आ बहुत हंगामा करते हैं मै भी गुस्सा हो गया और मेरा साला भी। वो झगड़ा कर चले जाते हैं।

उनके जाते ही निथिया दहाड़ मार कर रोने लगती है ।
निथिया: हमने क्या बिगाड़ा है उनका हमे चैन से जीने क्यों नही देते।
मै उसे चुप कराता हूं अब अथिया और मेरा साला भी रोने लगे मै सबको चुप कराता हूं।
कुछ देर बाद सभी चुप हो गए।
मै खाना बनाता हूं और सबको खाने को बोलता हूं वो रोने लगते हैं।
मै: अब चुप हो जाओ सब अब कुछ परमानेंट उपाय करना होगा।
मै सबको चुप करा खाना खिलाता हूं।

अब रात मे दोनो बहने एक साथ सो गई और मै और मेरा साला एक रूम मे।
साला: जीजाजी अब ये सब बर्दास्त नही होता अब लगता है सब छोड़ कर चला जाऊं नौकरी पता नही कब होगी नही होगी।
मै: ऐसा नही बोलते ग्रेजुएशन  हो जाएगा तो जॉब हो जायेगा। अभी अच्छे से 12th पास कर लो।

साला: जीजाजी मै सोच रहा हूं यहां से सब बेच कर चला जाऊं।
मै: अभी गुस्से मे कदम नही उठाते कल कुछ सोचेंगे।

अब अगले दिन अथिया भी बोली कि यहां से सब बेच कर निकलते हैं।

कुछ देर मे सभी मिलकर फैसला ले लिए।
अब कुछ महीनो तक हम चुप चाप उसके गांव के उसके हिस्से की प्रॉपर्टी बेच दिए और इन्दौर आ गए

अब अपने साले का ऐडमिशन कॉलेज मे करा दिया और साली का 11th मे।

अब हम यूंही रहने लगे यहां हमे कोई दिक्कत नही थी अपना घर अपना परिवार कोई बोलने वाला नही था।
मै और अथिया अपने रूम मे सोते और साला अपने रूम मे और निथिया अपने रूम मे। कभी कभी अथिया निथिया के साथ सो जाती।

हम बहुत खुश थे और मै और अथिया खूब चुदाई करते मै कॉन्डम यूज करता और सेफ टाइम मे उसकी बूर मे डालता वो बहुत हॉट थी मै मेहनत कर उसके अंग अंग को निखार दिया।
मै अभी बच्चों के बारे मे नही सोच रहा था सोचा कि निथिया की शादी करा दूंगा तब करुंगा।
हमारी शादी की 1St एनवरसरी के
दिन अथिया साउथ इंडियन ड्रेस मे तैयार हुई हमारी शादी बिहार मे हुई थी नॉर्थ इंडियन ड्रेस मे हुई थी साउथ इंडियन ड्रेस मे मै उसे पहली बार देख रहा था वो बहुत ही हॉट लग रही थी।
उसने मुझे भी साउथ इंडियन ड्रेस पहनाया उजला कुर्ता और लूंगी।
मेरा दिल निकल निकल कर हिचकोले मार रहा था मै रात होने का बेसब्री से इन्तजार करने लगा मै बेड रूम मे आते ही उसे बाहों मे भर लिया।

वो शर्मा रही थी मै उसके नाक के नथ को चूसने लगा उसके गले कान सब जगह चूसने लगा वो मेरा शर्ट के बटन खोल मेरे सीने को चूसने लगी और निप्पल काटने लगी मेरी आह निकल जाती।
अब मै उसे बेड पर लिटा उसके बूब्स ब्लाउज के ऊपर से चूसने लगा अब पेट चूमते हुए नाभि और पेडू चूमने चाटने लगा अब बेड पर झुका उसकी साड़ी उठा उसकी चूतड चूसने और मसलने लगा उसकी गान्ड एक दम शेप मे आ गई थी।

अब उसकी पैन्टी उतार उसे बेड पर लिटा दिया और अपने कपड़े खोल उसके ऊपर चढ़ गया वो मुझे बाहों मे भर ली हम स्मूच करने लगे मै अब नीचे आ उसकी बूर चूसने लगा वो सिसकारियां भरने लगी मै पूरा बूर मुंह मे भर लेना चाहता था कुछ देर मे ही वो झड़ गई मै सारा रस पी गया अब उसके ऊपर लेट लन्ड बूर मे घुसा दिया और चोदने लगा।
मै पहले हल्के हल्के चोदा फिर थोड़ा स्पीड बढ़ा दिया।
वो आह आह सी सी करने लगी और मेरे कमर पर अपने पैर लपेट ली मेरे गले मे बाहें डाल मुझे चूमने चूसने लगी।
कुछ देर मे वो झड़ गई मै चोदता ही रहा कुछ देर मे वो फिर गर्म हो गई तो मै उसे डॉगी स्टाइल मे चोदा अब अपने ऊपर बैठा कर कभी गोद मे ले कर कभी दिवाल से लगा कर कभी टांग उठा कर कभी आजू बाजू लेट कर हम सारे आसनों मे चुदाई करते थे।
कुछ देर मे हम दोनों झड़ गए। उस रात हमने 3 बार चुदाई करी।

अब समय गुजरता गया मेरी भाभी के दो बच्चे हो गए साले का ग्रेजुएशन भी होने मे 6महीन  ही बचा था ।
तीन साल कैसे निकल गया पता ही नही चला।
इन तीन सालों मे कभी हम सभी मेरे घर चले जाते कभी मां और दिव्या को इन्दौर बुला लेता हम सभी बहुत खुशी से रह रहे थे। तीन सालों मे मैने अपना बिजनेस खड़ा कर लिया और ऊपर के फ्लोर पर भी 3 बीएचके बना लिया।

एक शाम मां ने फोन किया और बोली कि दिव्या की शादी के बारे मे कुछ सोचा है। दिव्या मां से मोबाईल ले ली।
मै: मां तेरी शादी के बारे मे बोल रही थी।
दिव्या: मै शादी नही करूंगी मै आंटी की सेवा करुंगी तुम दोनों भाई तो चले गए छोड़ कर।
मै: (हंसते हुए) पागल कहीं की सबको शादी करना पड़ता है।
दिव्या:(थोड़ी उदास हो गई) मै तुम सबको छोड़ कहीं नही जाऊंगी।

मै कुछ देर मां से बात करता हूं फिर फोन रख देता हूं।
अब खाने की टेबल पर हम चारों बैठ खाना खा रहे थे।
अथिया: क्या बोल रही थीं मम्मी जी।?
मै: वो दिव्या की शादी के बारे मे सोच रही हैं।
निथिया मेरे पैर मे मार मुझे इशारा करती है अपने भाई की तरफ।
उसका भाई दिव्या की शादी के बारे मे सुन नजरें इधर उधर कर रहा था।।
मै: क्या साले साहब आप बताओ दिव्या के लिए कैसा लड़का ठीक रहेगा।
वो जल्दी बाजी मे शङ्क जाता है निथिया उसे पानी देती है।
साला: मै म मै क्या बोलूं उनसे ही पुछ लीजिए।
वो शर्मा जाता है।

अगले दिन शाम को निथिया और अथिया मुझे कहती हैं कि मेरा साला दिव्या को पसन्द करता है। उनकी शादी करा देते हैं।
मै भी सोचा ठीक रहेगा इससे दिव्या हमारे पास ही रहेगी।

मै शाम को फोन कर मां को चुपके से बता दिया वो भी खुश हो गई की दिव्या इससे हमारे साथ ही रहेगी।
अब रात को खाने के बाद दिव्या को वीडियो कॉल किया।

मै: देख तेरे लिए लड़का देख लिया है।
मै उसे एक टेडी बीयर दिखाते हुए बोला।
दिव्या: ठीक है मै इससे ही कर लुंगी इससे मै सबके साथ रहुंगी।
मै: (अपने साले को दिखाते हुए) इससे शादी करेगी।
मेरा साला शर्मा गया।
दिव्या भी शर्मा गई।
मै: क्या हुआ इससे तू हमारे पास ही रहेगी।
दिव्या: (शर्माते हुए) तू जिससे बोलेगा मै शादी कर लूंगी।
मै: वाह बड़ी जल्दी हां कर दी कहीं तुम दोनों खिचड़ी तो नही पका रहे थे।
दिव्या: ज्यादा मत बोलो और अपनी सुनाओ, भाभी यहां आंटी के कान भरती रहती हैं उनका दो बच्चा है तुम कब करोगे।
मै: तेरी शादी के बाद।
हम कुछ देर बात कर फोन रख देते हैं।

मै भी अब सोचने लगा चलो अब बच्चा लाया जाए।
हम दोनो पति पत्नी ने आंखों मे बात करी और रोज चुदाई करने लगे और बूर मे माल भरने लगे।

अब पापा और भाई भी दिव्या की शादी की सुन खुश हुऐ सबने कहा कि जॉब होते ही शादी करा देगें।

साले के ग्रेजुएशन के 5 महीने बाद थोड़ी भाग दौड़ करने पर उसकी जॉब लग गई उसके पापा वाली।
वो बेंगलुरु मे किसी और फ्लैट मे रहने लगा और जॉब करने लगा 9 टू 5 जॉब उसे धीरे धीरे रास आ गया।

अब इधर हम शादी की तैयारी करने लगे शादी हमने इन्दौर मे ही करने की सोची और साऊथ इंडियन स्टाईल मे।

शादी मे सभी आने लगे दिव्या मां पापा भाभी उनके बच्चे भाई थोड़ा बाद मे आने वाला था।
मै अपने भाई के बच्चों से मिल बहुत खुश हुआ वे सारा दिन घर मे दौड़ लगाते।
अथिया और निथिया दोनो को हमेशा खाना खिलाती रहती या उनसे खेलती।

10 दिन बाद शादी थी साले को भी कुछ दिन बाद छूट्टी मिल गई तो वो भी आ गया शादी नजदीक आई तो और परिवार भी आ गए।
मै मेरा साला और मेरे पापा ऊपर एक रूम मे सोते मां नीचे दिव्या और निथिया के साथ सोती और एक रूम मे भाभी अपने बच्चों को ले अथिया के साथ नीचे के एक रूम मे गेस्ट महिलाएं और ऊपर के रुम गेस्ट जेंस सोते।

अब सभी शादी दिन साउथ इंडियन ड्रेस मे तैयार हुए सबको अथिया और निथिया ने साड़ी पहनाई और मैने और मेरे साले ने सब जेंस को शर्ट और धोती जैसा लूंगी पहनाया।
मेरा भाई बोला कि शादी मे जीजा साले को कपड़े पहनाता है

अब सब तैयार हुए मै दिव्या और मेरी भाभी को पहली बार साउथ इंडियन ड्रेस मे देख रहा था चारों बहुत खूबसूरत लग रही थीं।
मेरी बीबी मुझे आंखों से इशारा करती है और अपने कमर पर काजल का नजर का टीका दिखाती है।
मै उसे फ्लाइंग किस देता हूं।

मै अब साली दिव्या और भाभी के कमर पर नजर का टीका देखता हूं सब ने लगा रखा था सबकी कमर एक दम गोरी और चिकनी थी भाभी दो बच्चों के बाद भी खुद को जबरदस्त मेंटेन कर रखी थीं।

अब शादी धूम धाम से हो जाती है दिन मे ही।
रात को उनकी सुहाग रात थी। लेकिन गेस्ट इतने थे कि सुहाग रात का प्रोग्राम कल के लिए टाल दिया अब रात को सारे मर्द ऊपर फ्लोर पर सो गए और सारे औरतें नीचे हॉल तक भरा था।

अब अगले दिन सारे गेस्ट जाने लगे सिर्फ हमारे अपने परिवार के लोग बचे।

मै ऊपर का एक कमरा दिव्या के लिए सजा दिया कमरा मैने जन्नत जैसा सजाया था।

जबसे मेरा साला आया था दिव्या और उसे मिलने नही दिया था सीधे शादी के मण्डप मे मिले लेकिन दिव्या के फोन से पता चल गया कि वे दोनो महीनो से बात कर रहे हैं।

अब रात हो गई तो मैने साले को रूम मे भेज दिया और दिव्या को आंखों पर पट्टी बांध मै उसके रूम मे ले आया पट्टी खोला तो वो चौंक गई।
मै: देख तुने मेरा कमरा सजाया था तो मै तेरा कमरा सजा दिया।
वो इतनी सजावट देख भावुक हो गई और उसकी आंखों मे आंसू आ गए।
मै: हे क्या हुआ रो क्यों रही है।?
दिव्या भरे हुए गले से कुछ बोलना चाहती थी।
मै: पहले चुप हो जा नही तो तेरा मेक अप खराब हो जायेगा।

वो मेरे सीने से लग जाती है।
मै उसके बाल सहलाते हुए चुप हो जा अब।
दिव्या: थैंक्यू जो तूने मेरे लिए इतना किया।
मै:(उसके कान पकड़ते हुए) क्या बोली तू। अपने परिवार वालों को थैंक्यू बोला जाता है यानि तू हमें अपना नही समझती।(थोड़ा सीरियस होते हुए)
दिव्या: नही सॉरी मै बहुत खुश हूं।
मै:(हंसते हुए) मै तो मजाक कर रहा था।

मै: देख तु हमेशा खुश रहना और अपने पति की हर बात मानना।
मै उसके माथे को चूम लेता हूं।
दिव्या: ठीक है मै वादा करती हूं की अपने पति की हर बात मानूंगी।
मै: चल अब मै चलता हूं।

मै निकलने ही वाला था कि भईया, भाभी , अथिया और निथिया रूम मे आ गई।

सारे लोग आज भी साउथ इंडियन ड्रेस पहनी थीं और गजब सुन्दर लग रही थीं।

भईया: अरे कहां जा रहे हो आओ थोड़ा बैठो।

हम सभी वहीं रूम मे बैठ गए और हंसी मजाक करने लगे।
मै: निथिया बच्ची जाओ अब आप ये बड़ों की महफिल है।
दिव्या: अरे रहने दो ना अब बच्ची नही है वो।
मै: ठीक है अब एडल्ट बातें हो रही हैं तो मैने सोचा कि।
तभी मेरी नजर भाभी के कमर पर नजर के टिके पर गई।
मै: भाभी आप ना गलत जगह नजर का टीका लगा ली हो आपको टुल्लू पर लगाना चाहिए।

मेरे बोलने से निथिया, अथिया और मेरा साला शर्मा गया मै सोचा बस इन तीनो को समझ आएगा लेकिन मेरे भाई को भी समझ आ गया। भाभी और दिव्या को बिल्कुल समझ नही आया।

भाई:(हंसते हुए) क्या बोल रहा है ये।
भाभी: क्या ये टुल्लू टुल्लू लगा रखा है लेकर आओ काजल तुम ही लगा दो टुल्लू पर।
मेरी बीबी मुझे चूंटी कंटती है जिनको समझ मे आया वो शर्मा गए और हंसने लगे जिनको समझ नही आया वे सिर खुजाने लगे।

भाभी अब चलो सोने दो इनको।
हम सभी दिव्या और मेरे साले को छोड़ बाहर आ जाते हैं अब ऊपर के एक रूम मे भईया भाभी सो गए और एक रूम मे पूरा खाने पीने वाला समान भरा था तो मै हॉल मे सो गया ।
मेरी बीबी और उसकी बहन मेरे भाई के बच्चों को ले नीचे चले गए।
नीचे एक रूम मे कुछ गेस्ट जो बच गए थे वो सो गए और एक रूम मे मेरी मां साली मेरी बीबी और बच्चे सो गए नीचे एक रूम मे सामान भरा था।

शादी के चक्कर मे मैने 20,25 दिन से चुदाई नही करी थी ऊपर से अपनी बीबी को साउथ इंडियन ड्रेस मे देख मेरा हालत वैसे खराब हो रहा था मै इंतजार कर रहा था कि कब मै उसे बांहों मे भरूं।

मै एक नींद सो कर 2 बजे उठ गया मेरा लन्ड खड़ा था मै करवट बदल रहा था मुझे नींद नही आ रही थी मै जैसे तैसे रात काटा।

अब अगले दिन उठा तो मै दिव्या से मिलने उसके कमरे मे गया मेरा साला नीचे चला गया था।

दिव्या नहा धोकर नीचे जा रही थी।
मै: अरे कहा जा रही हो।
दिव्या शर्मा जाती है।
मै: कैसी रही रात?
दिव्या:(मेरे सीने पर मारते हुए) जैसी तुम्हारी रही थी, जाओ बेडशीट धो दी है धूप मे डाल दो।
मै:( हंसते हुए) तूने सब याद कर रखा है।
तभी निथिया आ जाती है।
मै:निथिया आओ अपनी भाभी को प्रणाम करो।
वो दिव्या के पैर छूती है।
दिव्या उसे गले लगा लेती है।
मै: हां अब ननद भौजाई लग रही हो।
दिव्या: जाओ पहले बेडशीट धूप मे डाल दो।
निथिया: सारे लोग शादी के बाद बेडशीट क्यों धो देते हैं जबकि वो नई ही होती है।

मुझे हंसी आ गई।
दिव्या: जब शादी होगी तब पता चलेगा।

अब मै बेडशीट धूप मे डाल दोनो को ले नीचे आ जाता हूं। दिव्या नीचे जा सभी से आशीर्वाद लेती है मां उसे गले लगा लेती है।

अब सब खाना खाते हैं और दोपहर में हम सभी गेस्ट को फ्लाइट या ट्रैन पकड़ा देते हैं।
अब शाम को हम सभी जवान लोग ऊपर हॉल मे बैठे थे।

मै: (काजल लेकर आया) लाओ भाभी आपके टुल्लू मे नजर का टीका लगा देता हूं।
भाभी: ज्यादा बकवास ना किया करो, अपनी बीबी को लगाना।
मै समझ गया भाई ने उन्हें बता दिया है दिव्या मुझे एक पाउडर फेंक मारती है सभी हंसने लगे। दिव्या को भी मेरे साले ने बता दिया होगा।

अब सभी बाते करते हैं और नाश्ता करते हैं।
अब रात को फिर मुझे अकेला सोना पड़ा।
मै फोन कर आज अथिया को बुलाता हूं वो आती है तो मै उसे छत पर ले जाता हूं।
मै:(उसे बांहों मे भर लेता हूं) आह कितने दिनों बाद तेरी बांहों मे आया हूं।
दिव्या: आपकी बांहों मे बहुत सुकून मिल रहा है।
मै उसे स्मूच करने लगा उसे छत पर कोने मे ले जा कान चूसने लगा उसके गर्दन चुसने लगा उसे लिटा उसकी साड़ी ऊपर कर बूर चाटने लगा वो आह आह करने लगी अब लन्ड डाल खाचा खच़ चोदने लगा वो सिसकारी भरती हुई चुदवाती रही।

कुछ 30 मिनट मै उसे चोद उसकी बूर मे झड़ गया वो तीन बार झड़ चुकी थी।

अब हम उठे और फाइनल स्मूच कर उसे नीचे भेज दिया और मै हॉल मे सो गया।

अब अगले शाम को भाई, मेरा साला और पापा कहीं प्रोपर्टी देखने गए थे मेरी बीबी और भाभी खाना बनाने की तैयारी कर रही थीं।
हम सब हॉल मे नीचे बैठे थे दिव्या तो मुझसे तू तड़का मे बात करती ही थीं।

मै: मां देख इसे ये अब भी मुझसे तू करके बात करती है समझा इसे की अब ये मेरे साले की बीबी है मुझसे ऐसे बात ना किया करे।
मै हंस रहा था।
दिव्या: तू चाहे जो हो मेरे लिए तो वो लड़का ही रहेगा जो पैंट मे सूसू कर देता था बड़ा होकर भी।
मै उसे चूंटी काटता हूं।
मै: भाभी साले की बीबी को क्या कहते हैं?
भाभी: सलहज कहते हैं साले की बीबी को मगही मे सरहज कहते हैं।
मै: तो भाभी ये मेरी सरहज़ हुई ना?
भाभी: मुझे तुम दोनो का रिश्ता आज तक समझ नही आया।
मै: देखिए सरहज साहिबा अब आप से तमीज की उम्मीद करता हूं मैं।
वो मुझे मारने लगी।
मां: अब भी बच्चों के जैसे लड़ रहे हो तुमलोग मेरे सामने ही। मै कुछ दिन मे चली जाऊंगी तो क्या करोगे तुमलोग, अथिया और निथिया तुम दोनो देखना की ये लड़ाई ना करें और करे तो पीटना दोनों को।

दिव्या कुछ बोलने ही वाली थी की भईया, पापा साले के साथ आ गए।

वो फ्रेस हो बैठे बहुत खुश लग रहे थे।
मै: क्या हुआ बहुत खुश लग रहे हैं?
भाई: मां इसने छोटी उम्र मे बहुत बड़ी जिम्मेदारी उठा ली और उसे पूरा किया।
पापा: तेरा ऑफिस देख कर आ रहा हूं बहुत बड़ा बना लिया।

मै पापा को गले लगा लिया।
मै: ये सब छोड़िए जमीन का क्या हुआ।
भाई: जमीन भी हो गया अगले महीने जा कर अपने साले के नाम करवा देना।
साला: मेरे नाम पर क्यों?
भाई: अरे बहुत सोचते हो तुम साले साहब।

अब सब खाना खा सोने जाने लगीं मेरी भाभी आज भी अपने बच्चों को मेरी बीबी के पास नीचे छोड़ चली गई मेरे भाई के साथ सोने।
मै फिर हॉल मे सो गया मुझे नींद नही आ रही थी मै करवटें बदल रहा था।

2 बजे रात को भाभी बाहर निकली और फ्रिज खोली तो मेरी नींद खुल गई वो पूरी तरह अस्त व्यस्त थीं।
मै सोफे पर सो रहा था।
मै: मेरी बीबी को निचे फंसा कर खुद मजे ले रही हो, मै इधर अकेला सोया हूं, ज्यादा टुल्लू मे आग लगी है तो बर्फ की सिल्ली ले जाओ और रख लो।
वो मेरे ऊपर कुछ बर्फ के टुकड़े फेंक चली जाती हैं।

मै फिर करवटें बदल सोने लगता हूं।

अब कुछ दिन सभी रहते हैं फिर चले जाते हैं मां बहुत दुखी थी दिव्या से अलग हो कर दिव्या भी रो रो कर बुरा हाल कर रही थी मां मुझसे कहती है कि दिव्या का ख्याल रखना।

दिव्या चाहती थी कि मां रुके इसलिए वो बहुत रोई।
मै उसे चुप कराता हूं।
एक दिन बाद वो ठीक हो गई।
अब अगले दिन मेरा साला भी बेंगलुरु जाने वाला था।
मै: दिव्या तू भी चली जा।
दिव्या: नही मेरा वहां मन नही लगेगा।
साला: हां उसे कुछ समझ नही आयेगा और ज्यादा दूर थोड़े है मै आता जाता रहूंगा संडे को टाईम निकाल कर।

अब मेरा साला चला गया अब हम सभी नीचे के फ्लोर पर रहने लगे एक रूम मे मै मेरी बीबी और दूसरे मे दिव्या मेरी साली के साथ।

मै अथिया को जम कर चुदाई करता और सारा माल बूर मे छोड़ता।
कुछ महीने हो गए साला महिने मे दो बार एक दो दिन के लिए आ जाता। मै प्रॉपर्टी और जमीन दिव्या और साले के नाम से खरीद दिया। सब कुछ अच्छा चल रहा था।

एक दिन मेरे मन मे ना जाने कहा से विचार आया।
हम लगभग 8,10 महीने से जम कर कर रहे थे और रस बूर मे डाल रहे थे लेकिन कुछ हो ही नही रहा था।
एक बार मेरा साला हफ्ते भर की छूट्टी मे आया हुआ था तो उसे ले मै अपनी पत्नी के साथ एक डॉक्टर को दिखाया वहां कुछ जांच हुई।

दो दिन बाद रिपोर्ट आना था तो मै अपने साले बीबी के साथ गया।
बीबी बाहर बैठी थी मै मेरे साले के साथ अंदर था।
डॉक्टर ने बोला कि आप बिल्कुल ठीक हैं आपकी पत्नी मां नही बन सकती।
मेरा दिमाग सुन्न हो गया।
डॉक्टर ने कुछ और भी मेडिकल टर्म बोले लेकिन उनकी आवाज़ मेरे कानों तक नहीं आ रही थी मेरे कान मे सिर्फ टी सी आवाज़ गूंज रही थी।

मेरे साले ने मुझे हिलाया तो मेरा ध्यान आया।
डॉक्टर ने कहा कि कुछ ईलाज हो सकता है लेकिन कितना टाईम लगेगा कोई निश्चित नही है।
उन्होने कुछ दवाई लिख दी।

मेरे दिमाग मे पता नही क्या क्या चल रहा था।
हमारी शादी 2013 मे हुई थी अब 2017 आ गया था और अब ये सब। मै सोच रहा था मेरी बीबी को कैसे बताऊंगा वो तो टूट जाएगी।

मुझे कुछ समझ नही आ रहा था।
मै बाहर निकलने से पहले साले को बोल दिया कि अपनी दीदी को मत बताए।
वो मेरी तरफ देखा मेरी आंखों मे आंसू थे उसकी भी आंखें भरी थी।
हमने आंसू पोछे और बाहर आ अथिया को ले घर आ गए।
कुछ और डॉक्टर को दिखाया सभी ने वहीं कहा।
मै अपनी बीबी को नही बताया कुछ लेकिन मेरी उदासी देख उसने एक दिन रात को पुछ ही दिया क्या आया रिपोर्ट मे।
मै घबराया नही और जो सोच रखा था वो बोल दिया कि मेरा स्पर्म काउंट कम है कुछ दिन दवाई खाने बोला है।

अथिया बिल्कुल दुखी नही हुई और मुझे गले लगा बोली मै आपकी इतनी सेवा करूंगी की सब ठीक हो जाएगा।
वो मुझे बहुत प्यार करती थी ।
अगले दिन से उसने मेरा ऑफिस जाने आने का समय फिक्स कर दिया और मेरे मोबाईल लैपटॉप को टेबल से यूज करने को कहा।
मुझे बहुत सारे ड्राई फ्रूट्स ला कर खिलाती मुझे उसका ये प्यार देख बहुत हंसी आई और रोना भी मै उसे ड्राई फ्रूट्स खाने बोलता। मुझे दवाई की जरुरत नही थी तो मेरा दवाई नही लिखा था उसे मै ये कहकर खिलाता की ये फर्टिलाइजेशन को बढ़ाता है।

कुछ हफ्ते तो ये सब चला लेकिन एक रात को मै उसे प्यार कर रहा था उसके होंठ चूस रहा था मेरे आंखों से आसूं निकल उसके गाल पर गिरे।

अथिया : क्या हुआ आप रो क्यों रहे हैं?
मै उसके सीने से लग फफक कर रो पड़ा।
वो पुछती रही मै कुछ नही बोला वो मुझे चुप कराने लगी बोलने लगी कोई बात नही पहले आप चुप हो जाओ मै रोते रोते उसके बांहों मे सो गया।

अगले दिन मै उठ कर खाना खा ऑफिस चला गया। शाम को आया तो सभी उदास बैठी थी। मै रूम मे जा कपड़े बदलने लगा अथिया आ गई और मेरे गले लग गई और रोने लगी।

मै: रो क्यों रही हो अब सब ठीक है कल मेरा कुछ तबियत खराब था तो मै रो रहा था ।
मै उसे चुप कराने लगा।
अथिया: आपने झूठ बोला मुझसे प्रॉब्लम मुझमें है
और आपने बताया कि आपमें प्रॉब्लम है।
मै चौंक गया।
मै: अरे कोई प्रॉब्लम नही है तुम्हे किसने कहा तुम्हें।
अथिया: दिव्या को भाई ने बताया और मुझे दिव्या ने।
मुझे थोड़ा गुस्सा आया।
मै: अरे कोई प्रॉब्लम नही है, तुम टेंशन मत लो।

मै उसे चुप कराया।
अब मै शाम को छत पर टहलने गया कुछ देर मे दिव्या आ गई।
मै:(थोड़ा गुस्सा हो) क्या जरुरत थी उसे बताने की?
दिव्या: बिना उसे बताए उसका ईलाज कैसे निकलेगा।
मै: तुम समझ नही रही हो ये एक बात कितना बड़ा बवाल खड़ा कर सकती है। अगर घर मे समाज मे किसी को पता चल गया कि अथिया मां नही बन सकती है तो क्या होगा तूने सोचा है कितना ताना उसे सहना पड़ेगा। मां तो चलो शायद कुछ ना बोले लेकिन भाभी को तू जानती है। उसका जीना दुस्वार हो जाएगा।
मेरे आंखों मे आंसू आ गए।
दिव्या:(मुझे चुप कराते हुए) मै वादा करती हूं ये बात अब इस घर से बाहर कोई नही जान पायेगा।

मै चुप हो जाता हूं।
मै: अच्छा किया जो तुने बता दिया मेरी तो कभी हिम्मत नही होती बताने की।
दिव्या: चल नीचे रात को खाना खा कुछ सोचते हैं।

अब रात को खाना खा हमने आईवीएफ कराने की सोची।
अगले दिन हम आईवीएफ गए उन्होंने ने कुछ दिन बाद रिर्पोट दी और कहा कि अभी कुछ साल ईलाज करवाइए कुछ मेडिकल प्रॉब्लम है चांस है बनने का।

फिर अथिया ने मना कर दिया आईवीएफ से उसने कहा कि पता नही किसका स्पर्म यूज कर ले।

अब हम ईलाज चलाने लगे। कुछ समय बाद मां का फोन आया कि भाई भाभी का झगड़ा हो गया है अपने भाई से बात कर ले।
मै भाई को फोन लगाया।
भाई बोला कि वो हम दोनो भाई मे झगड़ा करवाना चाहती है मां को भड़का रही थी तुम्हारे खिलाफ की तुम वहीं रहते हों अभी पोता पोती के बारे मे नही सोचते।

मै इधर बहुत टेंशन में था तो उसकी बात समझ नही आया। लेकिन मोटा मोटी समझा यहीं की भाभी मेरी शादी को 4 साल से ज्यादा हो गया है और बच्चा नही हुआ है तो मां से कह रही होगी।

मै ये बात दिव्या को बताता हूं वो कहती है कि ये तो चिंता की बात है ऐसे तो सबको पता चल जाएगा।

अब कुछ दिन बीत गए मेरा साला आता और हम सबको दुखी देख खुद दुखी हो जाता।

एक रात हम सभी बैठे थे निथिया अपने रूम मे पढ़ रही थी।
मै: ऐसा करते हैं कोई बच्चा एडॉप्ट कर लेते हैं।
अथिया: नही।
दिव्या: एडॉप्ट करेगें तो क्या कहेंगे आंटी को की नौ महिने नही लगा अचानक बच्चा हो गया।
मै: इतने सारे तो बच्चे हैं, मै भाई से उसका बच्चा मांग लेता हूं।
दिव्या: क्या भाभी देगी और उसे पता नही चलेगा। वो जान गई तो क्या होगा पता है ना।
मै:(थोड़ा रूआंसा हो गया) तो क्या करूं अब ।
दिव्या: ऐसा नही हो सकता किसी और के भ्रूण से तुम्हारा बच्चा हो।
मै: ऐसे कैसे हो सकता है कौन इसके लिए तैयार होगी और इसमें मां को पता नही चलेगा कि नौ महीने नही लगे बच्चा हो गया।
दिव्या: वो मुझ पर छोड़ दो मै सब देख लूंगी।

अब कुछ दिन यूंही निकल गए एक रात को अथिया मेरे कमरे मे दिव्या को भेज दी और बाहर से बंद कर दी मै हैरान था ये क्या हो रहा है।

मै: ये सब क्या चल रहा है तुम यहां क्या कर रही हो।?
दिव्या: पहले बैठ जाओ आराम से बात करते हैं।
मै: बोलो क्या बात है?
दिव्या: मैने सोचा है कि मै तुम्हारे बच्चे की मां बन जाती हूं और उसे मै अथिया को दे दूंगी इससे किसी को पता नही चलेगा और डिलीवरी तक मै आंटी से नही मिलूंगी तो उन्हें पता नही चलेगा।

मै: पागल हो गई हो क्या?
दिव्या: सोचो इससे कितने लोग खुश होंगे।
मै: दिमाग खराब है तुम्हारा मै ये सब नही करने वाला।

वो मुझे सोने बोलती है।
मै दरवाज़ा खोलने अथिया को बोलता हूं वो नही खोलती है मै दरवाज़ा पिटने लगा मुझे गुस्सा आने लगा तो दिव्या मुझे बांहों मे पकड़ ली मै उसे धक्का दे दूर किया और दरवाजे को धक्का देने लगा 10 धक्के मे दरवाज़ा टूट गया मेरे कंधे मे दर्द हो गया मै ऊपर कमरे मे जा गेट बंद कर सो गया।

सुबह उठा तो अथिया लकडी साफ कर रही थी दिव्या को थोड़ी चोट आई थी मेरे धक्का देने से मै सीधा तैयार हो बिना खाना खाए ऑफिस चला गया।

शाम को आया तो मै किसी से बात नही किया और सीधा ऊपर रूम मे जा सो गया। वो लोग रात को खाने के लिए दरवाज़ा खुलवाने लगे लेकिन मै नही खोला।
अब अगले दिन उठा तो मुझे पूरा दिन नही खाने से कमजोरी सेसी लग रही थी।

मै नहा लिया और ऑफिस के लिए तैयार होने लगा तो दिव्या मुझे ले खाने के टेबल पर बैठ गई और खाना खिलाने लगी मै नही खाने लगा।
अथिया अब खाना खिलाने लगी। मै नही खा रहा था ना किसी से बात कर रहा था।

कुछ देर मे उनके जोर देने पर मै खाने लगा दोनों अपने हाथों से मुझे खाना खिला रही थीं।

मुझे रोना आ रहा था। मै खाना खा आफिस जाने लगा तो उन्होने मुझे नही जाने बोला।

अब कुछ दिन ऐसे ही चला अब सब नॉर्मल हो गया था फिर मेरा साला आ गया। उसने मुझे अपने रूम मे बुलाया वहां दिव्या भी थी।
साला: जीजा जी दिव्या ने कुछ कहा था आप से।
मै: हां, ये औरतें दिन भर घर मे रहती हैं और फालतू दिमाग लगाती रहती हैं। कल से चलना तू ऑफिस।
साला: मैने ही उसे बोला था।
मै: लेकिन क्यों?
साला: मुझसे मेरी बहन का दुख देखा नही जाता ।
मै: तो ऐसा करो तुम दोनों बच्चा कर लो और मुझे दे देना।
साला: मै ऐसा कर तो लूं, लेकिन मेरी बहन का बच्चा मेरा भी बच्चा होगा कैसा अजीब लगेगा।

मै: कुछ अजीब नही लगेगा।
साला: जीजाजी प्लीज आप मान जाओ ना।
मै गुस्सा करने वाला था।
दिव्या: गुस्सा मत करना ठंडे दिमाग से सोचो। मै सब सोच ली हूं किसी को कानो कान खबर नही लगने दूंगी ये वचन देती हूं हम पांच लोगों के अलावा किसी को भनक भी नही लगने दूंगी कि ये हमारा बच्चा है।
मै: यार तो तुमलोग कर लो ना।
दिव्या: ये अजीब लगेगा और चेहरा साउथ इन्डियन जैसा हो गया तो सबको पता चल जाएगा।
दिव्या हंसने लगी।
मै: कुछ पता नही चलेगा अथिया भी तो साउथ से है।
और मामा का चेहरा मिलता है भांजे भानजी से।
दिव्या: अरे अथिया लड़की है साउथ इंडियन मर्द थोड़ा अलग दिखते हैं।
मै: दोनों तो गोरे ही हैं।
साला: जीजाजी प्लीज मान जाओ ना आप।
वो बहुत मनाता है लेकिन मै नही मानता।

रात को मै सोने जाता हूं तो अथिया रूम मे आ जाती है मै उससे बात नही करता हूं।
वो मुझसे चिपक जाती है और बाहों मे भर मुझे मनाने लगी।

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वो मुझे स्मूच करने लगी।
मै: क्या किया था तुमने उस दिन?
दिव्या: छोड़ो वो बात मै आज तुम्हें प्यार करना चाहती हूं।
हम प्यार करने लगे।
मै उसे स्मूच करने लगा उसके मम्मे चूसने लगा उसके कपड़े उतार उसकी बूर चूसने लगा। मै डालने लगा तो वो रोने लगी।
मै: क्या हुआ रोने क्यों लगी।
अथिया: क्या फायदा करने का मै मां तो बन सकती नही।(वो रो रही थी)
मै: पागल हो क्या अभी ईलाज चल रहा है ना।
वो रोए जा रही थी मै उसे चुप कराने लगा वो रोते हुए मेरी बांहों मे सो गई।

अगले दिन मेरे साले और दिव्या ने फिर मुझे मनाने की कोशिश की मै नही माना। फिर मेरे साले ने जाते मुझे बहुत मनाया और रोने लगा मै ठीक है सोचूंगा बोल दिया।

अब रात को दिव्या और अथिया मेरे रूम मे आ गए।
मै: क्या हुआ?
दिव्या: तुमने सुबह हां बोला था।
मै: सोचूंगा बोला था।
दिव्या: हां तो क्या सोचा।
मै: अभी नही सोचा है!
दिव्या: ठीक है सोचो हम यहीं बैठते हैं।

कुछ देर कोई कुछ नही बोला ।
दिव्या : क्या सोच रहे हो इतनी देर से।?
मै: मै तेरे साथ ऐसा नही कर सकता यार।
दिव्या: तू कुछ मत कर मै कर लूंगी।
मै: नही मेरा मतलब मुझे तेरे साथ वो फील नही आएगी।

दिव्या: फील नही आएगी का क्या मतलब किस तो हम कर ही चूके हैं।
मै: अरे पागल गाल पर किस माथे पर चूमना वो तो मै प्यार से कर देता था।
दिव्या: तो प्यार हुआ ना।
मै: अरे वैसा प्यार नही हुआ ना।
दिव्या: वैसे प्यार की क्या जरूरत है?
मै: ठीक है मै करुंगा लेकिन हमारे बीच बिल्कुल लस्ट नही होगा, आइडिया आया मुझे एक ऐसा कर तु कपड़े पहन कर रखना और खुद को पर्दे से ढंक ले मै एजाकुलेट करूंगा और जब क्लाइमैक्स होने को होगा तो इंसर्ट कर दूंगा।

दिव्या:(हंसते हुए) क्या बोल रहा है इससे अच्छा तो पिचकारी से डाल दे।
मै: क्या गलत बोल रहा हूं जब जरुरत सिर्फ बच्चे की है तो लस्ट की क्या जरूरत।
दिव्या: ऐसे बच्चा नही होता है।
मै: ऐसे ही होता है।
दिव्या: मै ऐसा नही करुंगी मुझे चाहिए पूरा प्यार।
मै: तू मेरे लिए लस्ट रखती है।
दिव्या:(हंसते हुए) हां रखती हुं आखिर मै तेरी सरहज़ हुं।
मै: बकवास बंद कर जा अब सो जा।
दिव्या: मै तेरे साथ ही सोऊंगी। देखती हूं तू नारी के सामने कैसे नही पिघलता।
मै: तुझे जो करना है कर मै सो रहा हूं।

दिव्या: अथिया तुम जाओ मै इसे आज देखती हूं बस ये गेट ना तोड़े।
अथिया चली जाती है दिव्या गेट बंद कर बेड पर आ लेट जाती है।

दिव्या: आज तो गेट नही तोड़ोगे ना उस दिन तेरे धक्के से मै गिर गई, मुझे कितनी चोट आई।
मै उसके हाथ को चूम लिया।

दिव्या: यहीं तो प्यार चाहिए मुझे।
मै: भूल जा और चुप चाप सो जा।
दिव्या मुझे कुछ देर रिझाने की कोशिश करती है कभी वो चेहरे पर हाथ फेरती है तो कभी सीने पर कभी कमर पर टांग चढ़ा लेती है और पीठ पर चूमने लगती है मै उसे दूर हटने बोला। कुछ देर मे वो तरह तरह के हथकंडे कर थक जाती है कुछ देर वो मुझे समझाती है मै उसकी बातें सुनते हुए सो जाता हूं।

मै सुबह उठा तो दिव्या मेरे होंठ चूम भाग गई।
अथिया दिव्या को सवालिया निगाहों से देख रही थी वो मना करती है अथिया के चेहरे पर थोड़ी निराशा होती है।

मै उठ कर नहा कर खाना खा ऑफिस चला गया।
अब रात को मै बेडरूम मे गया तो वो दोनों फिर आ गई।
मै: आज फिर आ गई कोई बात नही।
आज दोनों तैयार हो कर आई थी साउथ इंडियन ड्रेस मे। दोनो बहुत सुन्दर लग रही थीं।

मै: रिझाने के लिए इतना सजी हो कोई फायदा नही है।
वो दोनों मेरे आजू बाजू लेट गई।

मेरे सीने को सहलाने लगी।
मै: ऐसा क्यों कर रही हो तुम दोनो?
दिव्या: तुने हमारे लिए कितना कुछ किया है  हम तुम्हारे लिए कुछ करना चाहते हैं तो करने दे और तूने ही तो बोला था अपने पति की हर बात मानना तो मान रही हुं। मै उन्हें वचन दी हुं कि मै तुम्हें बच्चा दुंगी।
तो वचन निभा रही हुं।

मै: ऐसे वचन निभाते हैं।
वो मेरे होंठ पर ऊंगली रख दी दोनो मेरे बाजू पर सिर
रख लेटी थीं और अपने हाथ मेरे सीने पर चला रही थीं।

दिव्या: आपको पता है अथिया मेरी मां की डेथ हुई थी तो इसने ही मुझे सम्हाला था ये मेरे साथ सारा दिन होता था।
मै: बस कर अब।
दिव्या: नही बताने दो अभी, ये मेरे साथ ही सोता मै रात को रोने लगती तो मुझे गले लगा चुप कराता।
वो मुझे गले लगा बताती है।
मै: बस कर अब पहले मै बच्चा था। अब मै बड़ा हो गया हुं।
दिव्या: तू चाहे कितना भी बड़ा हो जाए मेरे लिए तो वहीं रहेगा जो मुझे प्यार करता था मुझे सम्हाला था। और बड़े होने पर भी सुसु कर पैंट गीला करता था।
वो हंसने लगी।
मै : तुझे अब भी लगता है कि वो सुसु से ही गिला होता था।
दिव्या:(शर्माते हुए) मुझे पता है तेरा नाइट फॉल होता था तू रोता था फिर सुबह उठ कर जल्दी नहा लेता था।
मै कितनी बार तेरे कच्छे धोई हूं।
मै: हां तो तेरे भी तो पीरियड शुरु मे हुए थे तो रोती थी मैने ही मां को बताया था कि तेरा ब्लीडिंग हुआ है।
दिव्या: हां उसके बाद आंटी मुझे अपने साथ सोने बोलने लगी लेकिन फिर भी मै तेरे साथ सोती थी।
मै: और कभी कभी ब्लड मेरे पैंट पर लगा देती थी।

दिव्या: तेरा भी तो गिला कच्छा मेरे कपड़े से टच हो गिला कर देता था जब ठंड मे सट कर सोता था।
अथिया ये मेरे बाल बनाता था।
मै: और जुएं भी तो निकालता था।

दिव्या मुझे चूंटी काट ली।
अथिया: मेरे मम्मी पापा के जाने के बाद भी इसने मेरे परिवार को सम्हाला।
दुसरा कोई होता तो शादी के लिए मना कर देता लेकिन आपने मेरे भाई बहन को पढ़ाया मुझे संभाला मेरे भाई को नौकरी दिलवाई आप नही होते तो मेरे लालची रिश्तेदार तो हमे मार ही देते।

उसकी आँखें भर आई।
मै:(उसे चुप कराते हुए) पागल तूने भी तो मुझे इतना अच्छा परिवार दिया है।
अथिया: मेरा भाई तो आपको बहुत मानता है।
दिव्या: हां वो बोल रहे थे कि अगर जीजाजी नही होते तो पता नही उसका क्या होता।

मै:बस करो अब।
दोनों एक साथ: आपने हमारे लिए इतना कुछ किया है अब हमारी कसम आपको हमे भी करने दो।
उनकी आंखों मे आंसू थे।
अथिया को मै चुप कराने लगा वो अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दी मेरी आंखें बन्द हो गई कुछ देर मे मुझे उसके होंठ का टेस्ट चेंज लगा। मै आंख खोल देखा तो दिव्या मेरे होंठ चूस रही थी।
मै उसे हटाने लगा।

मै: क्या कर रही हो तुम?
दिव्या: (मेरे होंठ काटते हुए) कितने रसीले होंठ हैं तेरे।
मै: पहले हटो तुम।
दिव्या: देख मै ना कभी तुझसे नाराज हुई हुं ना रूठी हूं, अब अगर तूने मना किया तो मै कभी तुझसे बात नही करूंगी।
मेरे आंखों मे आंसू आ जाते हैं।
मै: जो करना है तुमलोगों को करो।

दिव्या मेरे होंठ चूसने लगी मै बिलकुल साथ नही दे रहा था।
दिव्या: अथिया तुम किस करो।
अथिया किस करती है तो मै साथ देता हूं।
दिव्या: उसके साथ कैसे अच्छे से किस कर रहा है और मेरे साथ नही। क्या अन्तर है दोनो मे।
मै कुछ नही बोला।
अथिया: प्लीज मान जाओ ना।
उसके आंखों मे आंसू थे।
मै: ठीक है,।

वो दोनो खुश हो गई और मेरे गाल कान गले को साथ मे चूसने लगी।

दोनो मेरे होंठ चुसने लगी अथिया मेरा हाथ पकड़ दिव्या के कमर पर रख सहलाने लगी।
कुछ देर हम किस कर अलग हुए।
मै: लाइट बंद कर दो।
दिव्या: नही चालू रहने दो।
मै: तो क्या दोनों रहोगी।
अथिया जाने लगी।
दिव्या: मत जाओ ये मुझसे लड़ाई कर सो जाएगा।
मै: अरे लेकिन दोनों कैसे?
दिव्या: क्यों तू दो हसीन जवान लड़कियों को खुश नही कर सकता क्या? तुझमे दम नही है क्या?
वो हंस रही थी।
अथिया: (हंसते हुए)दम तो इतना है की 3, 4लड़कियों को खुश कर सकते हैं।
दिव्या: (हंसते हुए)तो निथिया को भी बुला लें।

मै उसके गान्ड पर मारता हूं।
अथिया: एक बात तो मै कभी बताई ही नही मुझे लगता है निथिया को इनपर क्रश है। वो कुछ तो खिचड़ी पका रही है।
दिव्या: हां मुझे भी कुछ कुछ शक होता है उस पर।
मै: फालतू बातें बन्द करो तुम सब।

दिव्या: ठीक है मुद्दे पर आते हैं।

वो मेरे ऊपर चढ़ जाती है मुझे स्मूच करने लगी मै भी साथ देने लगा उसके मम्मे मेरे सीने पर चुभ रहे थे।
वो मेरा हाथ पकड़ अपने कमर पर रखती है।
मै हटा लेता हूं।

अब वो मुझे उठाती है।
दिव्या: चलो खड़े हो जाओ।
मै खड़ा हो जाता हूं वो मेरा चेहरा पकड़ स्मूच करने लगी मेरा हाथ अपने मम्मे पर रख दबा दी मै हटाने लगा लेकिन उसने हटाने नही दिया।

दिव्या: चलो अब सब कपड़े उतारो।
मै: कपड़े उतारने की क्या जरूरत है।
दिव्या:(मेरे गर्दन चूसने लगी) कपड़े उतार करने मे बहुत मजा आता है और अथिया ने बताया कि तूझे भी पूरे कपड़े खोल करने मे मजा आता है।
मै; हम मजे के लिए ये नही कर रहे हैं।
दिव्या मेरा टी शर्ट उतार दी और अथिया मेरा पैंट और चड्डी।

मै अपना लन्ड छुपाने लगा।
दिव्या: आह कितना प्यारा टुन्नी है तेरा ।
मै:(हंसते हुए) क्या बोल रही है।
दिव्या: जिससे तुने मेरी शादी कराई है उसने मुझे सब सिखा दिया है।
दोनों मुस्कुरा रही थीं।
दिव्या मेरे लन्ड को पकड़ ली।
मै: छोड़ इसे।
दिव्या: आह कितना हार्ड हो गया है।
दिव्या: चल अब हमारे कपड़े निकाल प्यार करते हुए।

मै कुछ देर बाद मान गया।
मै पहले अथिया को किस करते हुऐ उसके शरीर को सहलाने लगा उसके कान गले गर्दन को चूसने लगा।
अब उसके सीने को चूसते हुए ब्लाउज खोल दिया उसने ब्रा नहीं पहनी थी उसकी दो शानदार चूंचियां सामने आ गई। उन पर जीभ फिरा मै उसके पेट चूमते हुए नीचे बैठने लगा और नाभि चूसने लगा अब उसकी साड़ी उतार दिया वो अब सिर्फ पेटीकोट मे थी मै उसे भी उतार दिया और पैन्टी को मुंह मे भर उतार दिया।

दिव्या: वाह कितना रोमेंटिक है तू चल अब मुझे भी वैसे ही प्यार करते हुए कपड़े उतार।
मै:(उसके गाल खिंचते हुए) चल खुद उतार।

वो मेरे गाल पर काट लेती है।
अब मै उसे कस कर बांहों मे भर लिया और उसके कान चूसने लगा उसे गुदगुदी होने लगी उसके गर्दन चुसने लगा उसके गले को चूसने लगा उसकी आह निकल गई।
अब उसके सीने को चूसने लगा।
मेरा हाथ उसने ब्लाउज के बटन पर रख दिया मै खोलने लगा अथिया हमे देख रही थी।
मै ब्लाउज खोल दिया उसने भी ब्रा नही पहनी थी उसके दोनों चूंचियां मेरे नजरों के सामने तने हुए थे मै अपनी आंख बन्द कर लिया।

दिव्या मेरे होंठ चूसने लगी और मेरा हाथ अपने चूचों पर रख दी।
दिव्या: आंख खोलो।
मै: (धोरे से आंख खोलता हूं) आह कितनी बड़ी हो गई ये।
दिव्या: क्यों छोटी ही रहने देती इसे।
मै कुछ नही बोला।
दिव्या मेरा सिर अपने चूचों पर झुकाती है। मेरा चेहरा उसके चूचों पर था मै जीभ फिरा देता हूं वो सिसक उठी।

अब नीचे जाते हुए मै उसके पेट पेडू नाभि चूसने लगा वो सिसकारियां भरने लगी और मेरा बाल सहलाने लगी।

मै अब उसकी साड़ी पेटीकोट उतार दिया अब दांत से उसकी पैन्टी उतार दिया। उसकी गीली बूर की खुश्बू मेरे नाक मे भर गई मै आंख बन्द कर लिया।

दोनो ने मुझे बेड पर लिटाया और दोनो तरफ लेट मुझे किस करने लगी मेरे सीने को चूसने लगी मेरे पेट को चूसने लगी। मेरे निप्पल काट लेती।

मै: आह अब तुम दोनों लेटो मै प्यार करता हूं।
अब वो दोनों लेट गई मै दोनों को देखने लगा दोनों गजब की सुन्दर थीं मेरी बीबी की चूंचियां थोड़ी बड़ी थीं क्योंकि मै 4साल से मेहनत कर रहा था उसकी गान्ड भी शेप मे थी।

दिव्या: क्या देख रहे हो?
मै दोनों को बारी बारी चूसने लगा उनके जिस्म से प्यार करने लगा दिव्या के चूंचे कड़क और सख्त थे जबकि अथिया के मुलायम और गुलगुल।
मै दोनों को सहलाते हुए पीने लगा कभी दिव्या के कभी अथिया के। उनके निप्पल चूसता।

अब उनकी नाभि चूसने लगा उनके पेडू चूसने लगा। दोनो आह आह सी सी कर रही थीं।

मै अब अथिया के बूर पर मूंह लगा दिया।
दिव्या:(हैरानी से) उसे भी चूमा जाता है क्या?.
अथिया:(हंसते हुए) क्यों मेरे भाई ने कभी नही चूसा क्या?

दिव्या शर्मा गई।
मै: शर्मा क्यों रही है बोल।
दिव्या: (शर्माते हुए) नही, अगली बार आए तो आप ही बोल देना चूसने को।
अथिया:(हंसते हुए) मै क्यों बोलूंगी तेरा पति है तू बोलना।
सभी हंसने लगे।

मै अब अथिया के बूर को बूरी तरह से चूस रहा था उसके जांघ चूस रहा था उसके क्लिट को जीभ से सहला रहा था वो आह आह करने लगी दिव्या गौर से हमे देख रही थी कुछ देर मे ही अथिया झड़ गई।
मै उसका सारा रस चाट कर साफ कर दिया।

दिव्या: आह कितना मस्ती करते हो तुम लोग।
मै: क्यों तू नही करती क्या?
दिव्या:(शर्माते हुए) करती हूं लेकिन तुमलोग तो अलग लेवल पर हो। अब मेरे साथ भी ऐसा करो।

मै:( हंसते हुए) चल ठीक है।

मै उसके ऊपर लेट उसे स्मूच करने लगा उसके सीने को चूसने लगा अब उसके दोनो कड़क मम्मे को हाथ से सहलाते हुए उन्हें मुंह मे भर लिया और चूसने लगा उसके निप्पल दांत से दबा देता उसकी सिसकी निकल जाती उसके मम्मे चूस मै लाल कर दिया।

अब उसके पेट नाभि को चूसने लगा उसकी सपाट पेट पर नाभि पर जीभ फिराते ही वो आह आह कर उठी।
अब पेडू चूसते हुए जीभ सीधा उसकी चिकनी बूर पर फिरा दिया वो आह कर उठी।
उसकी बूर पानी छोड़ रही थी जिसका टेस्ट मेरे मूंह मे आया उसकी बूर का टेस्ट अथिया से अलग था।

मै उसकी बूर की फांकों को फैला उसमे जीभ फिराने लगा वो सीसी आह आह ओह ओह करने लगी।
उसकी बूर अथिया से थोड़ी अलग थी सबकी बूर अलग अलग होती है ऐसा मुझे लगता था वैसे उस टाईम मै सिर्फ उन दोनो की ही बूर देखा था।
मै बूर जोर जोर से चूसने लगा वो आह आह करते हुए झड़ गई मेरा मुंह गिला हो गया मै उसका सारा रस पी गया।

दिव्या आह आह करते हुए शान्त हुईं।
मै: कैसा लगा?
दिव्या: आह ऐसा लगा मै बादलों मे उड़ रही हुं।

मै: तो कौन पहले करेगी?
दिव्या: पहले तू अपनी बीबी के साथ ही कर।
मै अथिया को चूमने लगा।
अब बेड किनारे उसकी गान्ड कर मै खड़ा हो उसकी टांग फैला दिया और लन्ड बूर पर रख दिया अब उसके तलबे चूसने लगा।
दिव्या: पैर भी चूमता है तू।
मै उसके भी पैर चूसने लगा और अथिया के बूर मे लन्ड घुसा दिया वो सिहर गई आह आह करने लगी अब धीरे धीरे चोदने लगा और पुरा लन्ड घुसा दिया वो आह आह करते हुए चुदाने लगी बहुत दिनो बाद हम चुदाई कर रहे थे।

मै उसे बांहों मे भर स्मूच करते हुए चोदने लगा कुछ देर मे जोर जोर से चोदने लगा।
दिव्या: इतनी जोर से कर रहा है उसे दर्द नही होता?
अथिया: आह नही मजा आता है।
मै जोर जोर से दबा कर चूसने लगा और चोदने लगा करीब 10 मिनट बाद अथिया झड़ गई तो उसने मुझे हटने बोला।

मै उतर कर उसे प्यार करने लगा।
अथिया: अब आप दोनो करो।
मै दिव्या को बेड किनारे करते हुए उसकी टांग फैला बूर चूसा अब लन्ड घिसने लगा।
मै: एक बार और सोच लो क्या सच मे करना है।

दिव्या: आह डालो अब बहुत सोचते हो तुम मै सब सम्हाल लुंगी।

मै अब लन्ड घुसा दिया उसकी सिसकारी निकल गई।
दिव्या: आराम से करना।
मै: क्यों, अभी तो बहुत उछल रही थी।
दिव्या: अबे तुझे मनाने के चक्कर मे मै बहुत दिन से नही चुदाई हूं।

मै हल्के हल्के चोदने लगा धीरे धीरे पुरा लन्ड घुसा दिया। वो लम्बी सिसकारी भरने लगी।
मै अब उसके ऊपर लेट गया और हल्के हल्के चोदने लगा वो सिसकारियां भरने लगी आह आह करने लगी मै उसके गले को चूसते हुए चोदने लगा वो सी सी करती रही।
मै जोर से धक्के मारता तो वो मना करती उसकी बूर एकदम टाईट थी मेरे लौड़े को कसे हुए थी मै हल्के हल्के चोदते रहा कुछ देर मे मेरे लन्ड को उसकी बूर खींचने लगी और मै चोदते हुए उसकी बूर मे झड़ने लगा वो भी उसी टाईम झड़ गई और हमारी चुदाई की आवाज चप चप पट पट होने लगी मै उसकी बूर मे झड़ गया उसने मुझे सीने से लगा लिया मेरे कमर को अपने पैर से लपेट ली।
मै हटने लगा तो वो मुझे जकड़ कर अपने ऊपर करे रही।
दिव्या: ऐसे ही रहो कुछ देर।
मै लन्ड डाले ही कुछ देर पड़ा रहा वो मुझे चूमती रही, अथिया हम दोनो को देख रही थी और मेरे पीठ सहला रही थी।

कुछ देर बाद मै उसके ऊपर से उतर गया मै दोनों के बीच मे लेटा था दोनों मेरे सीने से लगीं थीं।

दिव्या: तेरे सीने पर सर रख मुझे बचपन की याद आ गई, बचपन मे भी हम ऐसे ही सोते जब मै उदास होती।
मै:(हंसते हुए) सिर्फ कपड़े पहने होते थे।

वो दोनो मुझे फिर चूमने लगी।
मै अथिया को चोदने लगा और उसके अन्दर झड़ गया अब दिव्या को एक बार जम कर चोदा और दोनों को बांहों मे भर सो गया।

अगले दिन मै काफी लेट से उठा। वो दोनो उठ गई थीं।
मै उठा तो 9 बजने वाला था।

कुछ देर मे मै नहा लिया और खाना खाने बैठ गए।
निथिया कॉलेज चली गई।
हम तीनो बैठ कर बातें करने लगे।

दिव्या पूरा प्लान बताने लगी।
दिव्या: जब प्रेग्नेंट रह जाऊंगी तो मै घर से नही निकलूंगी और अथिया निकलेगी कभी तो पेट पर कपड़ा लगा कर इससे आस पास वालों को भी शक नही होगा।
मै: और मां को क्या कहेंगे।
दिव्या: घर मे 5वे महीने मे बतायेगे की ,अथिया प्रेगनेंट है  और जब आंटी आने को बोलेंगी तो पहले मना कर देगें फिर जिद करेंगी तो मै उनके आने से पहले बेंगलुरु चली जाऊंगी तुम अथिया उन्हे यहां संभाल लेना।
मै: अगर डिलीवरी तक रहने को बोली या उस टाईम आने को बोली तो।
दिव्या: महीनो को आगे पीछे कर देते हैं उनको डिलीवरी के बाद बुलायेंगे।
मै: देख लो अब सब तुम्हारे हाथ मे है।

अथिया: पहले हो तो जाने दो सब ठीक हो जायेगा।
दिव्या;(मेरा हाथ चूमते हुए) मै सब सम्हाल लुंगी।
तुम बस हम दोनों को प्यार करो।
मै: अब हो तो गया रात को अब क्यों करना।
दिव्या:(हंसते हुए) अबे एक ही बार मे हो जाता है क्या बार बार करना पडता है।

मै: मै अब नही करूंगा।
दिव्या मुझे स्मूच करने लगी।
मै: ठीक है रात को करते हैं अभी आराम करते हैं।

हम रूम मे आ गए वो दोनो मेरे साईड मे लेट गई मै अथिया के तरफ मुंह कर लेटा और उसे बांहों मे भर लिया पीछे से दिव्या ने अपनी टांग मेरी कमर पर चढ़ा दी और मुझे बांहों मे भर लिया उसकी चूंचियां मेरे पीठ मे सटी थीं।

मै: तेरे ये बड़े बड़े मम्मे मुझमें करेंट भर रहे हैं इन्हें दूर हटा।
दिव्या;(मुझसे और चिपक गई) चुप चाप सो जा।

कुछ देर हम बात करते रहे फिर सो गए।

कुछ देर बाद निथिया आ गई तो हम उठ कर कुछ खा कर हॉल मे सोफे पर बैठ बातें करने लगे।

निथिया: भाभी आप रात को कहा चली गई थी मै अकेली थी मुझे कितना डर लग रहा था मालूम है आपको!
दिव्या:(हंसते हुए) मै गई थी तुझे मौसी बनाने के जुगाड मे।
निथिया:(धीरे से) तो बात बनी क्या?
दिव्या: (हंसते हुए) नही यार तेरा जीजा मेरे साथ मान ही नही रहा।
निथिया: अगर आपके साथ नही मान रहे तो मै ट्राई करूं क्या।?
मै: ओए पिटेगी क्या, चल जा अन्दर और पढ़ाई कर।
अथिया और दिव्या हंस रहे थे।
निथिया:(हंसते हुए) और नही तो क्या हमारा तो रिश्ता भी वैसा है मेरे साथ ट्राई कर लो।
मै: रूक तुझे बताता हूं।
वो उठ कर अपने कमरे मे भाग गई।

मै: काफी बदमाशी करने लगी है।
अथिया: मै बोली थी ना कुछ तो वो आपके लिए फिल कर रही है तभी ऐसा मजाक कर रही है।
दिव्या: ये मजाक नही था ये खुला इन्विटेशन था।
दोनों हंसने लगी।

शाम को मां का फोन आया कि भाई भाभी का फिर झगड़ा हो गया है मै क्या बोलता मै कुछ नही बोला।

दिव्या: भाभी बहुत बुरी हैं पता नही किस बात का घमंड है उन्हे।
मै: किस बात का घमंड होता है लड़कियों को?
दिव्या:(हंसते हुए) बूर का घमंड है। उनको भईया कस कर चोदते ही नही हैं मै भईया के जगह होती तो चोद चोद उसकी बूर फाड़ देती।

मै:(हंसते हुए) तो लगवा ले।
दिव्या: तू ना कभी पकड़ कर उसे खूब चोद और सारा घमंड बूर से निकाल दे।

मै: पागल है क्या कुछ भी मत बोल।

अब रात को खाना खा हम फिर चुदाई करते हैं मै दोनों को दो बार चोदता हूं फिर सोने टाईम मै दिव्या को निथिया के पास जाने बोलता हूं तो अथिया चली जाती है दिव्या मेरी बांहों मे सो जाती है।

अगली रात भी ऐसा ही चलता है।

उसके अगली रात मै मना कर देता हूं कि अब वेट करते हैं।

कुछ दिन बाद दोनो फिर कमरे मे आ जाती हैं।
मै: क्या हुआ वेट करते हैं ना कुछ दिन।
दिव्या: यार 5 दिन पहले मेरे पीरियड आ गए अब फिर से करना पड़ेगा।
मै: यार तो तुम्हें पहले कैलकुलेट करना चाहिए था ना।
दिव्या: इस बार करूंगी। चलो करते हैं।
मै: आज करने से कोई फायदा नही है।
दिव्या: यार तुम दिल से नही चाहते हो। एक महीने तक करो फिर देखते हैं।

अब मै मान जाता हूं और महीने तक कभी कभी एक दिन गैप कर दोनों की चुदाई करता हूं।

लेकिन अगले महीने फिर दिव्या के पीरियड आ जाते हैं।

जिस दिन पीरियड आए उस दिन सुबह हम खाना खा कर बैठे थे दोपहर मे निथिया अपने कमरे मे थी हम सोफे पर बैठे थे।

दिव्या मेरे कन्धे पर सिर रख बड़े ही उदास मन से बैठी थी अथिया भी उदास थी।
मै: क्या हुआ दोनों बड़ी उदास हो।
दिव्या: मेरे आज फिर पीरियड आ गए।
मै: तो क्या हुआ?
वो दोनों सुबक सुबक कर रोने लगी।
मै: हे रो क्यों रही हो।
अथिया: लगता है मेरी वजह से ये सब हो रहा है।
मै: पागल हो क्या मै अपना फिर से टेस्ट करवाता हूं।
दिव्या; नही तुझमें प्रॉब्लम नही है, कुछ दिक्कत आई होगी इस बार फिर से ट्राय करती हूं।
मै: अरे यार एक बार तुम अपने पति से ट्राय करो क्या हो जायेगा मेरा बच्चा तुम्हारा बच्चा सब एक ही तो घर के हैं और एक ही घर मे रहेंगे।
दिव्या:(मुझे चूमते हुए) इस बार हम सच्चे दिल से करेगें।

निथिया:(गेट के पास से) आप लोगों से नही हो रहा है तो एक बार मुझे मौका दे कर देखिए।

मै: (उसे घूरते हुए) जाओ यहां से।

दोनो हंसने लगी।
दिव्या:(हंसते हुए) ये सही कह रही है अगली बार नही हुआ तो एक मौका इसे भी दे देगें।
मै दिव्या के गाल काट लेता हूं।

अब अगले एक महीने तक हम खूब चुदाई करते हैं बीच मे मेरा साला भी आता है वो मुझे मान जाने के लिए थैंक्यू बोलता है।

अब अगले महीने दिव्या के पीरियड्स मिस हो जाते हैं हम बहुत खुश होते हैं।

अगले महीने मै दिव्या को टेस्ट करने बोलता हूं।

उस दिन सुबह उठा ही था की निथिया मुझे जगाने आती है।
निथिया: उठ जाइए जीजा जी।
मै उठा देखा उसके हाथ मे एक प्रेगनेंसी कीट थी।
मै: ये क्या है लाओ दिखाओ।
निथिया: पहले एक पप्पी दो तब दिखाऊंगी।

मै उससे छीनने लगा तो वो भाग गई, मै उसके पीछे भागा।
बाहर हॉल मे निथिया टेबल का चारों तरफ भागने लगी।

मै: देखो निथिया दे दो नही तो पकड़ा जाओगी तो बहुत पीटूंगा।
दिव्या:(हंसते हुए) दे दो ना निथिया टुल्लू क्यों तड़पा रही हो।
निथिया: मै तो कबसे देने को तैयार हुं भाभी लेकिन ये लेते ही नही।
मै: अरे यार मै किट मांग रहा हूं।
निथिया: हां तो पहले पप्पी दो और किट ले जाओ।
मै: अभी बताता हूं तुम्हें।

हम भागदौड़ कर रहे थे मै उसे पकड़ लेता हूं वो किट अपने सूट मे ब्रा के बीच डाल देती है।
निथिया: चलो अब निकाल कर दिखाओ।
मै उसे पीछे से पकड़ा था और उसे गुदगुदी कर रहा था ।
मै: चल निकाल कर दो।
तभी अथिया ऊपर से आती है।
अथिया:(हंसते हुए) क्या कर रहे हैं आप दोनों।
मै: देखो ना ये किट नही दे रही है और बता भी नही रही है।
अथिया: जानने के लिए किट की क्या जरूरत।
मै दोनों की आंखों मे देखता हूं दोनो शर्मा रही थीं मै समझ गया कि पॉजिटिव है मै बहुत खुश हुआ, और निथिया को छोड़ दिया।

मै: जाओ तुम मुझे पता चल गया।
उसने मेरे गाल पर कस कर चूम लिया और दांत लगा दी। और किट दे भाग गई।
मै: आह देखो कितनी बदमाशी करने लगी है दांत का निशान बन गया।
अथिया: साली की इतनी सैतानी नही झेल सकते तुम।

वो दिव्या को ला सोफे पर बिठा देती है दिव्या शर्मा रही थी।
हम दोनो उसके गाल चूम लेते हैं।

मै: दिव्या तूने जो किया है हमारे लिए वो कोई किसी के लिए नही करता थैंक यू।
वो मेरे गर्दन पर काट लेती है।
दिव्या: तूने ही मेरी शादी के टाईम बोला था कि कभी परिवार मे थैंक यू मत बोलना खुद भूल गया।
मै:(उसके गाल चूमते हुए) ठीक है मै याद रखूंगा।

हम कुछ देर यूंही प्यार भरी बातें करते रहे।
अब शाम को सभी बैठ कर बातें कर रहे थे।
अथिया: सुनो निथिया किसी को मत बताना की दिव्या प्रेगनेंट है।
अब दिव्या निथिया को सारा प्लान समझाती है।
निथिया: इतना बड़ा राज छुपाने के बाद मुझे क्या मिलेगा।
दिव्या:(हंसते हुए) क्या चाहिए तुझे?
मै: तुझे स्कूटी दिलवा दुंगा।
निथिया: स्कूटी नही चाहिए मुझे मै तो कुछ बड़ा हाथ मारूंगी।

अथिया: ठीक है तुझे जो चाहिए मिल जाएगा।
निथिया: हां लेकिन चेक अप के लिए तो जाना पड़ेगा ना।
मै: हां, उसके लिए मै गाड़ी ही खरीद लूंगा और दूर के हॉस्पिटल मे चेक अप कराऊंगा।

अब सब मिलकर खाना खाते हैं मेरे साले को ये खबर देते हैं वो बहुत खुश हुआ।
सब अब दिव्या का बहुत ख्याल रखते हम कभी कभी चुदाई करते सब बहुत खुश थे कोई पड़ोसन आती तो दिव्या सामने नही जाती और कोई पूछती तो कह देते कि वो बेंगलुरु गई है।

अब कुछ दिन मे मेरा साला आ गया तो हम जा कर एक गाड़ी खरीद लाए। मेरा साला बहुत खुश था दिव्या से वो बहुत प्यार करता था दिव्या भी उससे बहुत प्यार करती।
हम सभी खुशी खुशी रह रहे थे। सब दिव्या का बहुत ध्यान रखते।

घर पर पांचवें महीने मे बता दिया की अथिया 3 महीने की प्रेगनेंट है मां बहुत खुश हुई।
मां आना चाहती थी लेकिन दिव्या ने कहा कि डिलीवरी टाईम आइएगा।

कुछ महीने बाद मां का फोन आया कि भाई भाभी ने फिर झगड़ा किया है और भाई बच्चों को अपने साथ ले गया है भाभी मायके चली गई है मै बोला की तुम भी भाई के पास चली जाओ बच्चों को देखना।

इधर मै सारा सेट कर रखा था डॉक्टर हॉस्पिटल सब।
कुछ महीने बाद दिव्या ने एक बहुत ही सुन्दर बेटे को जन्म दिया हम बहुत खुश हुए।
बहुत मजे किए घर आ कर सबने।

एक महीने बाद मां को बताया की पोता हुआ है तुम्हारा।
मां बोली कि अभी तो टाईम था ना मै बोला की गिनती मे गड़बड़ हो गई होगी दिव्या बोली कि चाची आपके पोते को आने की जल्दी थी तो जल्दी आ गया।
मां अपने पोते को देखने के लिए आना चाहती थी।

मै बोला भाई के बच्चों को छोड़ कैसे आओगी भाभी मायके ही हैं।
मां बोली तू अपनी भाभी को ले जा देख भाल के लिए मै मना कर दिया तो मां बोली तो तू जाकर भाभी को मना ला वो भाई के पास चली जाएगी तो मै तेरे पास आ जाऊंगी।

कुछ देर बाद मै मान गया।
अब कुछ दिन बाद जब मेरा साला छूट्टी पर आया तो मै भाभी के मायके चला गया फ्लाइट से।

उनके घर मे बहुत लोग थे सबने मनाया तो वो मान गई अब मै उन्हे अपने गांव वाले घर बिहार मे ही ले गया वहां सिर्फ पापा थे।
वहां पहुंच मै कल उन्हे भाई के पास ले जाने वाला था।
अब रात को खाना खा मै उन्हे बताने गया कि कल चलना है भाई के पास।
भाभी: तेरा भाई मुझे छोड़ गया था जब तक वो नही आएगा मै नही जाऊंगी।
मुझे गुस्सा आ गया मै अपने बीबी बच्चों को छोड़ इनकी खुशमदगी करने वाला नही था।

मै छत पर जा दिव्या को फोन कर बता दिया कि मै कल आ रहा हूं ये सब पागल हो गई घमंड मे।
दिव्या: अरे बोली तो थी मै उसकी बूर फाड़ दे सारा घमंड उतर जाएगा। ये हमारे परिवार को बर्बाद कर देगी।

मै भाई को फोन किया।
भाई बोला बहुत घमंड है उसे रहने दे उसे घमंड मे मै डाइवोर्स भी नही दुंगा और ना साथ रखूंगा।
मै उसे समझाया कि देख ये सब मत सोच सब मिलकर बैठते हैं और क्या दिक्कत है समझते हैं।
भाई: उसे तुझसे दिक्कत है हमेशा तेरे बारे मे उल्टा सीधा भड़काते रहती है।

मै: अगर मै उनसे अपना सारा दिक्कत सॉल्व कर लूं तो तुम दोनों खुश रहोगे ना?
भाई: अरे ये हो ही नही सकता वो अपनी बहन की शादी तुझसे करना चाहती थी लेकिन तूने किया नही उसी समय से उसके बूर मे जहर चढ़ा है।
मै:(हंसते हुए) मै जा कर सारा जहर उतार देता हूं।

अब मैने नीचे जा कर देखा पापा ग्राउंड फ्लोर पर रूम मे सो रहे थे भाभी सैकंड फ्लोर पर थीं।
मै उनके रूम मे गया।
मै: और बताओ भाभी सोने की तैयारी कर रही हो?
भाभी: हां।
मै: कुछ देर मै यहां बैठ बातें करूं तो आपको कोई दिक्कत होगी।
भाभी: नही आओ बैठो।
भाभी मुझसे अथिया और बच्चे के बारे मे पुछने लगी मै उन्हें बोला की सब ठीक है।

मै: भाभी एक बात बताओ बच्चा होने के कितने दिन बाद चुदाई करना चाहिए?
भाभी: ये कैसी बातें पूछ रहे हो तुम?
मै: भाभी बताओ ना 9 महीने से चुदाई नही किया हूं तुम तो खूब मजे लूट रही हो भाई के साथ।

भाभी: क्या मजे कर रही हुं जब से इन्दौर से आई हूं तब से……
वो चुप हो गई।
मै: छोड़ो वो सब ये देखो।
मै उन्हे अपनी और अथिया की चुदाई के कुछ फोटो दिखाने लगा।
भाभी: हटाओ इसे मुझे ये सब मत दिखाओ।
मै: देखो तो भाभी अथिया की बूर कितनी टाईट है उसके चूंचे कितने परफेक्ट हैं। आप की तो अब जवानी ढल रही है।
भाभी: वो 25,26 की है और मै 32 की दो बच्चो की मां।
मै: देखो भाभी उसकी गान्ड कैसा सुडौल बना दिया हूं मै, आप बोलो तो आपकी भी बना दूंगा।
भाभी: ज्यादा बकवास ना करो जाओ अब मुझे कपड़े चेंज करने हैं।
मै: क्यों आप मेरे सामने चेंज नही कर सकती क्या?

भाभी मेरे सामने ही टॉवेल लपेट साड़ी खोल दी और ब्लाउज खोल दी ब्रा के ऊपर टॉवल लपेट नीचे पेटीकोट उतार दी उनकी मोटी जांघ और बड़ी गांड़ पैन्टी मे कसी थी वो दूसरा टॉवेल कमर पर लपेट ली और अलमारी मे मैक्सी डुंडने लगीं।

मै: दो बच्चों के बाद भी आपने खुद को काफी मेंटेन कर रखा है।
भाभी: अभी तो बोल रहा था जवानी ढल रही है मेरी।
मै: अभी तो आप पीक पर हो एक बार पलटो ना मेरी तरफ।

भाभी पलट गई।
भाभी: नाइट ड्रेस नीचे बैग मे है जाकर ले आओ।
मै: ऐसे ही सो जाओ कौन देखने वाला है यहां।

भाभी: जा कर ले आओ।
मै: अच्छा एक बार टॉवल हटा कर दिखा दो।
भाभी: ज्यादा मत बनो।
मै: दिखाओ ना भाभी ये देखो अथिया कितनी हॉट लगती है ब्रा पैन्टी मे।
मै उन्हे अथिया की एक सेक्सी फोटो दिखाता हूं ब्रा पैंटी मे।

भाभी: देखो
वो टॉवल हटा दी।
मै: वाह भाभी आप तो कमाल लग रही हो मै एक फोटो ले लेता हूं।
भाभी: ले लो मगर किसी को दिखाना मत।

मै: भाभी आपकी प्रेगनेसी फैट कैसे कम हुआ था अथिया को बताना था।
भाभी: मै उसे बता दूंगी।
मै: भाभी आपकी कमर कितनी लचीली है।
भाभी: ज्यादा मक्खन मत लगा जा मैक्सी ले आ।

मै नीचे गया और बैग से एक सेक्सी से मैक्सी ले आया।

भाभी: ला अब।
मै: मै पहना दूं तो कोई दिक्कत?
भाभी: ज्यादा बन मत ला इधर।
मै: मै पहनाऊंगा नही तो नीचे ले जाता हूं।
भाभी: ठीक है।

मै मैक्सी ले बेड पर बैठ गया।
मै: पहले बताओ कब चुदाई कर सकते हैं बच्चे के बाद।
भाभी: जब तेरा मन हो!
मै: अभी करने का मन है।

भाभी: (थोड़ी चुप रही) तेरी बीबी तो है नही तो किसके साथ करेगा।
मै: वो मैने सोच लिया है।
भाभी: ला अब मैक्सी दे।
मै उठा और उनके पास गया और उन्हें बांहों मे भर लिया।

भाभी: ये क्या कर रहा है तू छोड़ मुझे?
मै: भाभी आप अभी तक मेरी शादी को लेकर नाराज हो आपकी बहन की शादी मुझसे भी अच्छे लड़के से हुई है अब तो माफ कर दो मुझे।
भाभी: पहले छोड़ो मुझे।
मै: नही आज सारे गिले सिकवे आपसे दूर कर ही आपको छोडूंगा।

भाभी: आह मार दूंगी छोड़ मुझे।
मै: आज चाहे कितना भी मार लो मै नही छोड़ूंगा।

मै उनके गर्दन पर होंठ रख दिया और चूसने लगा।
भाभी: आह छोड़ मुझे मै तेरे भईया को बोल दूंगी।
मै: भईया ने ही बोला है आपका जहर उतारने को।
भाभी: कैसा जहर?

मै भाभी को पकड़ पलंग पर लेट गया और उन्हें दबोच उनके होंठ चूसने लगा उन्हे काटने लगा अब उनके गाल गले कान गर्दन सब जगह चूसने लगा वो आह आह कर रही थीं और झूठा विरोध भी कर रही थीं।

मै अब उनके ब्रा हटा मम्मे चूसने लगा वो आह आह करते हुए झूठा विरोध कर रही थीं मै कभी उनके मम्मे काट लेता।
अब उनका पेट चूसने लगा उनकी नाभि पेडू चूसने लगा। वो आह आह कर रही थीं और मेरा सिर हटा रही थीं।

अब मै सीधा अपना मुंह उनकी बूर पर लगा देता हूं और पैन्टी दांत से पकड़ उतार देता हूं। बूर पर जीभ फिराते ही वो ज़ोर से आह करती हैं शायद भाई ने कभी उनकी बूर नही चाटी थी।
मै बिना गौर से बूर देखे उनकी टांग फैला बूर चूसने लगा मोटी मोटी जांघों को चूसने लगा वो आह आह कर रही थी मै उनकी बूर को पूरा मुंह मे भर लेता उनकी सिसकी निकल गई।।।

मै जीभ से बूर चोदता कभी दांत क्लिट पर लगा देता वो सिसकते हुए झड़ गई मै चाटता रहा और बूर साफ कर दिया वो फिर गर्म हो झड़ गई मै हटा नही वो हटो हटो करती रहीं मै चूसता रहा वो बार बार आह आह करते हुए झड़ रही थीं।

भाभी: आह अब छोड़ दो  दर्द हो रहा है। वो रोने जैसी हो गई 4 बार झड़ने पर ही।

मै उनके ऊपर लेट उन्हें किस करने लगा।।
मै: उतर गया सारा जहर की और है, और है तो मै सारा आज चूस कर उतार दूंगा।

भाभी: आह नही अब रहने दो।

कुछ देर मै उन्हे किस करता हूं उन्हे सहलाता हूं तो उनकी सांसे नॉर्मल होती हैं।

मै: भाभी एक बात बोलूं।
भाभी: हां बोलो।

मै: कब तक लड़ती रहोगी भाभी अपने घमंड मे आप अपना और अपने बच्चों का जीवन बर्बाद कर रही हो।
भाभी कुछ नही बोली।
मै उन्हे हिलाया तो वो रोने लगी।
मै उन्हे सीने से लगा उन्हें चुप कराने लगा।

भाभी:(रोते हुए) सही कहा तुमने मै अपने बच्चों से दुर इतने दिन से हूं पता नही मेरे बच्चे कैसे होंगे मेरे बिना।
मै उन्हे चुप कराता हूं।

कुछ देर बाद वो सो जाती हैं तो मै भी वहीं सो जाता हूं।

अगले दिन उठा तो मै भाभी से नजरें नही मिला पा रहा था।

मै ऊपर ही रूम मे बैठा था।
भाभी खाने के लिए बुलाने आई।
मै: सॉरी भाभी कल रात के लिए।
भाभी:(मुझे गले लगा लेती हैं) कल कितने महीने बाद किसी मर्द का स्पर्श मिला था मुझे तुझे क्या बताऊं।

मै: सॉरी मुझे माफ कर दो।
भाभी: माफी तो मुझे मांगनी चाहिए मै इतने दिनो से द्वेष पाले बैठी थी।
अब चलो आज मुझे अपने बच्चों से मिलना है।

मै:(हंसते हुए) कल चलूंगा आज आपको जम कर चोदूंगा।
भाभी मेरे सीने पर मारती हैं।

मै अब रात को भाभी को जम कर 4 बार चोदता हूं उनकी बूर सूजा देता हूं उनकी बूर पुए जैसी मुलायम थी। भाभी सालभर बाद चुद रही थीं उनकी सारी गर्मी उतार देता हूं।

सुबह भाई भाभी की फोन पर बात करा देता हूं वो अपने सिकवे गिले दूर कर लेते हैं अब भाभी को ले भाई के पास पहुंचा देता हूं।
भाई के बच्चे अपनी मां से मिल बहुत खुश हुए।

अब मां बोली की चल मुझे अपने पोते को देखना है तो मै बोला की अभी भाभी पहली बार आई है तू एक महीने बाद आना पता चला ये दोनो फिर लड़ने लगे।
मां मान जाती है।

अब मै इन्दौर आ जाता हूं मेरा साला अगले दिन चला जाता है ।
मै अपने बच्चे को ले खूब खुश था। दिव्या और अथिया बच्चे का खूब ख्याल रखती थी।
दोनो बच्चे के साथ एक ही रूम मे सोती मै अलग रूम मे और निथिया अलग रूम मे।

दिव्या को मैने मां के बारे मे बताया।
मै: दिव्या मां अगले महिने आ जाएगी तू अपना पेट का क्या करेगी।
दिव्या:(हंसते हुए) उसे तो मै बेल्ट लगा एक्सरसाइज कर खत्म कर दूंगी लेकिन इसका क्या करें।
वो अपने दूदू की तरफ इशारा कर बताती है।

मै: तू बोली थी ना की सब संभाल लेगी तो संभाल।
दिव्या: इतना सब हो गया तो ये भी हो जाएगा।
बस तू अपने बेटे की मामी का ख्याल रख।

मै: (चौंकते हुए)कौन है बेटे की मामी?
दिव्या: मै हूं और कौन है!
मै:(हंसते हुए) ओ अच्छा।
दिव्या सबको बुलाती है।
दिव्या:एक बात सब दिमाग मे बैठा लो मै इसकी मां सिर्फ दूदू पिलाने तक हूं बाकि मामी हूं। कल से ही सब इसकी प्रैक्टिस करेंगे नही तो आंटी के सामने पोल खुल जाएगी।

निथिया: आंटी दूदू पिलाने बोलेगी तो दीदी क्या करेगी।
दिव्या: वो आंचल से ढंक कर निप्पल उसके मुंह मे देगी। और नही चुप हुआ तो मुझे अकेले मे देगी।
सब अच्छे से तैयार रहेंगे तो पकड़े नही जाएंगे।

अब एक दिन रात को मै अथिया को बुलाने गया उनके रूम मे। मै उसे इशारे से चलने बोल रहा था बहुत दिन से हमने प्यार नही किया था।

दिव्या:(हंसते हुए) अथिया जाओ तेरा पति बुला रहा है।
अथिया:(शरमाते हुए) मै नही जाऊंगी आप चली जाओ।
दिव्या: आज तू चली जा मै कल चली जाऊंगी।
मै: तु अब क्यों आएगी?
दिव्या: बोली थी ना बेटे के मामी का भी ख्याल रखना पड़ेगा उसके मामा की अनुपस्थिति मे।
दोनो हंसने लगे।

अथिया मेरे साथ आ गई मै उसे स्मूच करने लगा।
हम बहुत दिन बाद चुदाई करने वाले थे मै उसे जम कर 2 बार चोदा फिर वो दिव्या के साथ सोने चली गई।

अब अगले दिन दिव्या आ गई।
मै: यार ये गलत नही है अब करना।
दिव्या: कुछ गलत नही है मेरा पति मुझे बोल गया है कि तुम खुश रहना।

दिव्या मुझे किस करने लगी।
दिव्या: अरे तूझे तो मै अपना दूध टेस्ट ही नही कराई ले टेस्ट कर।
मै उसका दुध पीने लगा।
दिव्या: कैसा लगा?
मै: बहुत मीठा है तेरा दूध।
दिव्या:अथिया भी यहीं बोली।
मै: उसने भी टेस्ट किया क्या?
दिव्या: हां मै उसे टेस्ट कराई कल निथिया को भी टेस्ट करा दूंगी।।
मै:(हंसते हुए) पागल है तू एक नम्बर की।

मै अब उसके मम्मे चूसने लगा वो आह आह करने लगी अब उसकी बूर चूसने लगा।
मै: तेरी बूर सॉफ्ट हो गई है और बड़ी भी।

मै उसे चूस चूस झड़ा देता हूं और जम कर दो बार चोदता हूं।

अब हम यूंही रहने लगे।
एक महीने बाद मां आने को बोली तो मै बहाना बना 15 दिन और टाल दिया अब हमारा बच्चा 5  महीने का हो गया दिव्या का पेट भी कम हो गया।

कुछ दिन बाद मां को लेकर आ गया।
मां आकर बहुत खुश हुई पोते को देख खूब प्यार करी उसे अथिया को।
दिव्या तोड़ी दूर ही रहती थी मां से।
अब सब कुछ प्लान के तहत होने लगा।
मां निथिया के साथ सोती, मै अकेले और दिव्या अथिया बेटे के साथ।
मां बोलती की तू अथिया के साथ सोया कर तो मै बोलता की रात को बच्चा रो कर मेरा नींद खराब करेगा।
मां कभी अपने पोते बहु के साथ सोने को चाहती तो मै कह देता की अथिया से बच्चा नही संभल पाता है दोनो मिलकर संभाल लेती हैं। अब तो गाय का दूध भी पिलाना था तो उतनी दिक्कत नही हुई अथिया को भी।

मां को बिल्कुल भी शक नही हो रहा था।

एक दिन दोपहर को खाना खा सभी बैठ कर बातें कर रहे थे। मेरा साला भी आया हुआ था।
मां: दिव्या तू जल्दी बच्चा कर लेना।
दिव्या शर्मा गई।
मां: अब बस निथिया की शादी हो जाए तो मेरी सारी टेंशन खत्म।

मै: हां मै भी सोच रहा था जल्द इसकी शादी करा दी जाए।
मां: दिव्या से मै बहुत प्यार करती थी अच्छा किया तुने जो अपने साले से शादी करा दी,ये हमारे नजरों के सामने ही है हमारी बच्ची।
अब बस निथिया दूर हो जाएगी मेरा एक बेटा होता तो मै इसे भी अपने नजरों के सामने रखती।

निथिया:(अचानक बोल पड़ी) हमारे तरफ एक लड़के से दो लड़कियां शादी कर लेती हैं।

हम सभी चौंक गए और हंसने लगे वो शर्मा कर कमरे मे चली गई।
दिव्या: (हंसते हुए) कुछ समझी चाची क्या बोल कर गई।
मै दिव्या को चुप रहने का इशारा करता हूं।
मां: हां, मै तो चाहती हूं मेरी बच्ची मेरे आंखों के सामने ही रहे।

हम सब बहुत खुश थे और खुब मजे कर रहे थे।
पापा ने मां को बुला लिया कुछ महीने बाद।
मां चली गई उसे बिल्कुल भी शक नही हुआ 3 महीने मे।।

अब सबको अलग अलग सोने मे मजा नही आ रहा था सब अकेले सो कर बोर हो गए थे तो एक दिन मेरा साला आया हुआ था तो हमने नीचे के सबसे बडे़ रूम मे एक बेड और डाल दिया।

ठंड का दिन था तो रात मे खाना खा मै और अथिया एक बेड पर सो गए और मेरा साला अपने भांजे और दिव्या के साथ दूसरे बेड पर लेटा था। सभी बातें कर रहे थे खुश थे कि मां को शक नही हुआ।

कुछ देर मे निथिया आ गई।
निथिया: मुझे अकेला छोड़ आप लोग मजे कर रहे हो।
अथिया: आ जाओ तुम भी थोड़ी देर बैठ जाओ।

वो दिव्या के बेड पर चली गई और बच्चे को प्यार करने लगी वो सो गया था।
मै: हम तुम्हारी ही शादी की बात कर रहे थे।
अथिया: मुझे नही करनी शादी वादी।
मै:(हंसते हुए)  ये भी यहीं बोली थी, अब देखो कितनी खुश है।
दिव्या: मै शादी के लिए हां बोली थी क्योंकि मुझे अपनो के पास रहना था, कहीं और शादी करवाते तो मै कभी नही करती ।

मै:(हंसते हुए) तो फिर जो शादी के मजे ले रही है वो कभी नही मिलता।
वो तकिया मेरे तरफ फेंकती है।
मै: अच्छा मार मत, निथिया की शादी के टॉपिक पर आते हैं।
निथिया:(अपने भाई को गले लगाते हुए) मै आप सब को छोड़ कर कहीं नही जाऊंगी। आप सब यही रहोगे भाभी भी यहीं रह गई तो मै भी यहीं आपके साथ रहूंगी।
साला: ठीक है मेरी प्यारी बहना तु नही जाना।
दिव्या: (हंसते हुए) कोई नही करेगा तो मै तुझसे कर लुंगी शादी।

निथिया शर्मा गई।
अथिया: हम सब रोज ऐसे ही रहेंगे कितना मजा आ रहा है सब परिवार एक साथ सोने मे।
दिव्या: हां, मजा आ रहा है। नही तो कोई उधर अकेला सो रहा है कोई इधर अकेले सो रही है।

साला: निथिया तु उस बेड पर चली जा इधर दिक्कत होगा।
अथिया: हां तू इधर आ जा।
निथिया हमारे बेड पर हमारे बीच लेट गई।

कुछ देर हमने बात की जब रात ज्यादा हो गई तो हम सो गए।
3बजे दिव्या अथिया को उठाती है।
दिव्या: उठो अथिया बच्चे के पास सो जाओ हम थोड़ी देर मे आते हैं।
मेरी और निथिया की भी नींद खुल गई।
दिव्या मेरे साले के साथ दुसरे कमरे मे चली गई मै और अथिया बेटे के बेड पर सोने आ गए।
निथिया: कहां गए दोनो।
अथिया: चुप चाप सो जा।
निथिया: आप क्यों चले गए उधर मै इधर अकेले हुं।

मै चुप चाप सोने का नाटक कर सो गया।

अब हम ऐसे ही सोते किसी को कुछ करना होता तो वो दूसरे कमरे मे चले जाते।

कुछ दिन बाद मेरा साला चला गया ।
अब रात को दिव्या और अथिया बेटे के साथ और मै निथिया के साथ सो गया।

रात को दिव्या मुझे चुपके से उठाई।
मै: क्या हुआ?
दिव्या: (धीरे से) चल ना दूसरे कमरे मे मेरा मन कर रहा है।
मै: यार 4दिन से तु हर रात अपने पति के साथ जाती है मै और अथिया 10 दिन से कुछ नही किए हैं।
दिव्या: अबे चल ना।
वो मुझे दूसरे रूम मे ले आईं और स्मूच करने लगी।
मै: कॉन्डम है।
दिव्या: मै उनके साथ कॉन्डम यूज करती हूं। तु ऐसे ही कर।

मै उसका दुध पीने लगा हम कम्बल मे घुस गए मै उसकी बूर चाट चाट झड़ा दिया अब उसको चूसते हुए उसे चोदने लगा वो सिसकारियां भरते हुए चुदाने लगी और कुछ देर मे झड़ गई।
मै: हो गया तेरा अब चल।
दिव्या: एक बार और।
मै उसे फिर से चूमते हुऐ चोदने लगा वो आह आह करते हुए झड़ गई मै उसके बाहर निकाला झड़ गया और टॉवल से साफ कर कुछ देर उसे चूमता रहा।

मै: दिव्या तु खुश तो है ना।
दिव्या: तु ऐसा क्यों बोल रहा है।
मै: मेरा मतलब तु अपने पति के साथ खुश तो है ना।
दिव्या: (मुझे चूमते हुए) हां बहुत खुश हूं मै और वो भी, बच्चे के आने से तो वो और खुश हैं और मुझे चोदते हुए थैंक्यू थैंक्यू बोलते हैं और मुझे बहुत प्यार करते हैं।
मै: बहुत अच्छे से सम्हाल लिया तूने सब।
दिव्या: अब आगे भी सब ठीक होगा। बहुत दिन से घर नही गई हूं तो बेटे के बर्थ डे पर घर चलना।
मै: ठीक है।

मै उसे बाहों मे भर सो जाता हूं।

सुबह उठ नहा धोकर खाना खा ऑफिस चला जाता हूं।
शाम को निथिया कमरे मे पढ़ाई कर रही थी हम तीनो हॉल मे बैठे थे।

दिव्या:(हंसते हुए) अथिया तेरे भाई को मै बूर चटवा दी।
अथिया:(हंसते हुए) तो कैसा चाटा मेरा भाई।
दिव्या:(हंसते हुए) तेरे भाई का जीभ बहुत लम्बा है!
मै: ओह ये क्या बात ले कर बैठ गई तुमलोग।
इसकी तो प्लानिंग कर लो की घर जा कर कैसे रहेंगे।

दिव्या: अरे हां अथिया हम 🎂 मे घर चलेंगे। बहुत दिन हो गया घर गए।
अथिया: ठीक है लेकिन कैसे मैनेज करेंगे। अब ये भी भूख लगने पर गुरकते हुऐ तुम्हारे पास ही जाता है क्योंकि मेरे पास तो कुछ मिलता ही नही।
दोनो हंसने लगी।
मै: हां ये एक सीरियस प्रॉब्लम है।
दिव्या: मै हमेशा एक बोतल रखूंगी और मेरे पास सबके सामने आएगा तो बोतल से ही पीला दूंगी।
और पिछली बार की तरह ही मै हर घण्टे ब्लाउज बदल लूंगी तो दाग भी नही दिखेगा।

अथिया: ठीक है और मै तुम्हारा ब्लाउज पहन लूंगी।
दिव्या: मां को तो अब शक होगा नही, भईया पापा के सामने तो दुध पीला नही सकते सिर्फ भाभी से थोड़ा सतर्क रहना पड़ेगा, वैसे भाभी अब झगड़ा नही करती है भईया से।

मै:(हंसते हुए) मैने उनका सारा जहर उतार दिया है।
दिव्या: क्या मतलब? तूने उन्हें चोद दिया।
मै; हां तूने ही तो बोला था।
दिव्या: और मुझे बताया भी नही।
मै: अरे अथिया को बताया था।
अथिया:( हंसते हुए) फोटो दिखाओ इसको उनकी।
मै उनकी ब्रा पैन्टी पर फोटो दिखाता हूं।

दिव्या: वाओ यार भाभी दो बच्चों के बाद भी माल लगती है। गान्ड देख उनकी कितनी शेप मे है।
मै: अथिया की देखी है तु उनसे भी अच्छी है।
अथिया शर्मा जाती है।
दिव्या: हां तूने बहुत मेहनत करी है ना, चल अब मेरी भी वैसी बना दे।
मै: (हंसते हुए)अपने पति को बोल।
दिव्या: मै तेरी सरहज हूं और तेरे बेटे की मामी भी इतनी सेवा तो तुझे करनी होगी।
मै: ठीक है तेल ले ले और चल ऊपर।

अथिया:(हंसते हुए) बच के रहना पहले पीछे तेल की मालिश करेंगे फिर……!

दिव्या हंसते हुए तेल लेने चली जाती है।
हम ऊपर आ जाते हैं मै उसे लेटा कर उसके कपड़े उतार देता हूं और उसके मम्मो पर तेल गिरा उसकी मालिश करने लगा वो सिसकारियां भरने लगी उसके दुध निकालने लगा तो मै उसे पी गया। उसके मम्मे मसल मसल चिकने कर दिए।
अब पेट नाभि नाभि पर तेल गिरा मालिश करने लगा उसकी आह निकल गई।
अब उसके पैर और जांघ को दबा कर मालिश किया उसकी हड्डियां चटक गई वो सिसक उठी।
अब उसे उल्टा लिटा उसके कन्धे और पीठ की मालिश किया उसकी कमर की मालिश की।
अब उसकी गान्ड दबा कर तेल लगाया और जम कर उसके चूतड की मालिश की उसकी चीख निकल पड़ी।
दिव्या: आह अब डाल दे।
मै उसकी पेडू और बूर पर तेल गिराया ही था कि वो झड़ गई मै उसकी बूर की मालिश करता रहा।
दिव्या: आह अब डाल दे अब बर्दास्त नही हो रहा है।
अब मै उसके ऊपर लेट गया वो मुझे बांहों मे भर चूमने लगी और अपने पैर मेरे चारों ओर लपेट ली मै अपना पैंट खोल लन्ड उसकी बूर पर रख एक झटके में घुसा दिया उसकी तेल से चिकनी हो चुकी बूर मे लन्ड सनसनाता हुआ तीर की तरह धंस गया।
उसकी आह निकल गई।
मै उसे अब चोदने लगा 20 मिनिट बाद हम झड़ गए।
मै उसे चूमता रहा वो अपनी सांसें समेटती रही।

मै: कैसा लगा?
दिव्या: तूने तो पूरा निचोड़ दिया कहां से सीखा ऐसा मालिश करना पहले क्यों नही किया।
मै: अब कर दिया ना, एक महीने की मालिश मे तेरी गान्ड अथिया की तरह उभर जाएगी।

अब हम नीचे आ गए।
अथिया: (हंसते हुए)कैसा लगा दिव्या?
दिव्या: अथिया तु पहले क्यों नही बताई ये इतनी अच्छी मालिश करता है, पहले बता देती तो डिलीवरी के बाद इससे ही मालिश करवाती बेकार मे तेरे नाजुक हाथों को तकलीफ दी।

हम हंसने लगे।
निथिया:(बाहर आईं) क्या हुआ आप लोग बडे़ हंस रहे हो अकेले अकेले?
मै; कुछ नही ऐसे ही!

निथिया दिव्या के पास सोफे पर बैठ गई।
निथिया: भाभी आपने इतनी तेल क्यों लगा रखी है।
दिव्या: मालिश करवाई हूं अभी।
निथिया: मेरी बहन मुझे भी कभी मालिश कर दिया कर।

अथिया:(हंसते हुए) मै नही की हूं।
दिव्या कुछ बोलने वाली थी लेकिन मै उसे बीच मे रोक देता हूं।।
मै: जा अब जा कर नहा ले।

मै भी ऊपर नहाने चला जाता हूं दिव्या भी उठ कर गीजर ऑन करती है और नीचे नहाने लगती है।

ऊपर गीजर नही था तो मै दिव्या के नहाने का वेट करता हूं।
दिव्या के नहाने के बाद मै भी नीचे गर्म पानी से नहा लेता हूं।
मै नहा कर बाहर निकल अपने रूम मे कपड़े पहन रहा था।

वो तीनो हॉल मे बात कर रही थीं मेरा रुम बगल मे ही था तो आवाज जा रही थी।
निथिया: भाभी किससे करवाई आप मालिश?
दिव्या: अरे तेरे जीजा से बड़ी अच्छी मालिश करता है वो, तू भी कभी करवाना।
निथिया:, रहेने दो भाभी वो कहां मेरी मालिश करेगें।
दिव्या: अरे रात मे तू उसके साथ सोती है तो कभी उसे बाहों मे भर लेना।
मै:(कमरे से निकलते हुए) हां दे दो सब ट्रेनिंग।

निथिया शर्मा गई और अथिया, दिव्या हंसने लगीं।

अब रात को हम खाना खा सो गए। मै रात को उठा और अथिया को गोद मे उठा दूसरे रूम मे ले गया।

रूम मे आते ही वो मुझे चूमने लगी स्मूच करने लगी हम कम्बल मे घुस गए और सारे कपड़े उतार मै उसके चूंचे चुसने लगा उसके कान गले गर्दन सब जगह चूसा वो भी मेरे सीने कान गले को चूसी।
अब मै उसकी बूर चाट उसे पूरी तरह गीली कर दिया अब लन्ड घुसा चोदने लगा वो आह आह करने लगी बहुत टाईट बूर थी उसकी मेरे लन्ड को निचोड़ रही थी। मै हचाक हचाक चोदने लगा वो सिसकारियां भरते हुए चुदवा रही थी करीब 20 मिनट बाद मै उसकी बूर मे झड़ गया वो दो बार झड़ चुकी थी।
कुछ देर हम एक दूसरे को चूमते रहे सहलाते रहे।

फिर हम वापस कमरे मे आ सोने लगे। निथिया जाग गई थी।
निथिया: कहां गए थे आप लोग?
अथिया: ओहो चुप चाप सो जा ना।

मै निथिया के साथ कम्बल मे सो गया वो तीनो दूसरे बेड पर सो गए।

अब ऐसा ही चला रात को हम सो जाते और चुदाई करनी होती तो दूसरे कमरे से कभी दिव्या तो कभी अथिया जा कर चुदवा लेती।

अब बर्थ डे नजदीक आ गया तो मेरे साले ने 10 दिन की छूट्टी ली और हम घर आ गए।
मैने भाई को फोन कर बुलाया तो उसने कहा कि अभी तो 11 महीने ही हुए हैं मै उसे बोला कि नही तुझे याद नही है एक साल हो गया है।

सबको हमने कन्फ्यूज कर दिया फाइनली सब यकीन कर गए की एक साल हो गया है अब भाई भी घर आ गया।
भाई भाभी हमारे बच्चे को देख बहुत खुश हुए।
हम सब घर आ बहुत खुश हुए और पूरी सावधानी से प्लान पर अमल कर रहे थे।

अगले दिन हमने धूम धाम से बर्थ डे मनाया ।
यहां बहुत कमरे थे तो दिव्या अपने पति के साथ एक कमरे मे सोती और मै अपने बीबी बेटे के साथ उसके बगल के कमरे मे।
मां निथिया नीचे के कमरों मे और भईया भाभी भी नीचे के कमरों मे सोते।

रात मे अथिया बेटे को दिव्या के कमरे मे सुला देती।

अब एक दिन शाम को सभी नीचे हॉल मे सभी बैठे थे खाने की तैयारी कर रहे थे।
मां: दिव्या तु जल्दी बच्चा कर लेना।
मै: अभी रुको मां वो भागी थोड़े जा रही है।

मां: तु चुप कर, अब बस निथिया की शादी हो जाए तो मेरी टेंशन खत्म हो जाए।
मां:(भाई से) तूने कोई लड़का देखा अपने सर्किल मे।
भाई: हां एक दो लड़का तो है सब राज़ी हों तो कभी देखने चलूं।
निथिया: मै शादी नही करूंगी, मै आप सब को छोड़ कर कहीं नही जाऊंगी।

मां:(उसे गले लगाते हुए) अरे बेटा मै भी तुझे अपने से दूर नही करना चाहती लेकिन क्या कर सकती हूं मैं हमारे रिश्ते मे कोई लड़का ही नही है शादी की उम्र का।

भाभी: दिव्या तो हमारे साथ ही रह गई बस निथिया ही हमे छोड़ चली जाएगी मेरी प्यारी बहन।
दिव्या:(हंसते हुए) भाभी तो पूरी बदल गई (धीरे से) जहर उतरने के बाद।

मै उसे चुप रहने का इशारा करता हूं।
निथिया: हमारे तरफ ही ठीक होता है दो बहन एक लड़के से शादी कर लेती हैं।
भाई:(हंसते हुए) तुम राजी हो तो मै ही शादी कर लूं तुमसे।

निथिया शर्मा जाती है सभी हंसने लगते हैं।
भाभी भाई को घूर कर देखती हैं।
मै: ज्यादा मत बोलो भाई रात मे भाभी डंस लेंगी देखो जहर चढ़ रहा है।

भाभी मुझे देख शर्मा जाती हैं और किचेन मे चली जाती हैं।
भाई: आप बताओ साले साहब आप क्या सोचते हो।
साला: मै तो चाहता हूं कि मेरी बहन मेरी आंखों के सामने ही रहे।

सब मेरी ओर देखने लगते हैं।
मै: ये सब बातें छोड़ो चलो खाना खाते हैं।

अब सब मिलकर खाना खाते हैं और सो जाते हैं कुछ दिन मे मेरा साला चला जाता है हम घर एक महीना रहते हैं। फिर इन्दौर चले आते हैं।

वापस आ हम सभी रिलैक्स होते हैं।
रात को सोते हुए हम सभी बात कर रहे थे।
मै: चलो अच्छा हुआ किसी को शक नही हुआ सब अच्छे से सम्हाल लिया।
दिव्या: हां, सिर्फ एक बार भाभी मुझे दुध पिलाते देख ली थी।
मै: तो क्या किया तुमने?
दिव्या: दिव्या मै आंचल से ढकी हुई तो थी ही भाभी से बोल दी कि रो रहा था तो झूठ मूठ का ठग रही हुं। भाभी हंसने लगी और बोली कि अच्छा है अपनी मामी का दूध पी रहा है।
हम सभी हंसने लगे।
दिव्या: एक बात माननी पड़ेगी तेरा बेटा भी हमारे प्लान मे शामिल था वहां सबके सामने मेरी गोद मे कम आता था और यहां देखो मेरे निप्पल चूस रहा है छोड़ ही नही रहा है।

अथिया: दांत हो गया है इसका बहुत जोर से काटता है।
दिव्या:(हंसते हुए) बाप पर गया है मुझे भी काटता है।
अथिया: (हंसते हुए)आप तो दुध देती हो तो कम काटता होगा, मेरा तो जब लेता है और दूध नही मिलता है तो बहुत जोर से काटता है। देखो कैसा हो गया है।

वो ब्लाउज ऊपर कर दिखाने लगी।
मै:(रोकते हुए) दिखा क्यों रही है।
दिव्या:(हंसते हुए) बाद मे दिखाना उन्हें वो चूम कर ठीक कर देगा।
निथिया: क्या हो गया जो काट लिया मेरे प्यारे बेटे ने।
अथिया: कभी तू पिला कर देखना कटेगा तो रो जाएगी।

दिव्या:(हंसते हुए) वो तो पहले जिसके बगल मे सोई है उससे चुसवाएगी।
निथिया शर्मा गई।
मै :चुप चाप सो जा अब।

अब यूंही हम रहने लगे साल गुजर गए कभी घर जाते कभी मां पापा इन्दौर आ जाते। घर वाले मुझे इशारों इशारों मे निथिया से शादी कर लेने को कहते। एक बार साले ने भी कहा कि जीजाजी निथिया को दूर क्यों भेजना जब वो हमारे साथ रह सकती है।
मै उसे बोल दिया कि अभी उसका कॉलेज खत्म होने दो तब सोचते हैं।

अब 2020 आ गया निथिया का कॉलेज खत्म हो गया । ये साल अपने साथ कोविड वायरस लाया सब तरफ अफरा तफरी मच गई मेरे साले का ऑफिस बन्द हो गया तो वो जैसे तैसे घर आ गया हम सभी घर पर ही रहते।

सभी ठीक थे लेकिन आस पड़ोस का माहोल देख मां पापा भाई कहने लगे कि देख क्या हो रहा है दुनिया मे तू जल्द से जल्द निथिया से शादी कर ले।
उनके साथ अब दिव्या और अथिया भी कहने लगी कि कर लो शादी।

एक रात को हम खाना खा लेटे थे एक ही रूम मे।
दिव्या बेटे और पति के साथ एक बेड पर थी और हम तीनो दूसरे बेड पर।
दिव्या: (अपने पति से)क्या सोचा आपने निथिया की शादी के बारे मे।
साला: मै तो सब कुछ जीजा जी पर छोड़ दिया हुं।
मै:(हंसते हुए) करवा देगें लॉक डाउन तो खत्म होने दो।
निथिया:(अपनी बहन को गले लगाए, लगभग रोते हुए) मै आप लोगों को छोड़ कहीं नही जाऊंगी,।

मै: तू मुझसे शादी करना चाहती है चल अभी शादी करते हैं।
मै उसकी कमर पर हाथ रख दिया और दबा दिया।
उसकी आह निकल गई।

निथिया: (मेरी तरफ पलटी) मजाक तो नही कर रहे हो।
मै:(उसकी आंखों मे देखते हुए) तुझे लगता है मै मजाक कर रहा हूं।
वो मेरी आंखों मे देखती है और मेरे होंठ चूम लेती है और शर्मा कर दूसरे कमरे मे भाग जाती है।

दिव्या: होंठ पर किस कर वायरस मत फैला।
सभी हंसने लगे।

दिव्या: बडे़ नखरे कर माना तू।

सब बातें करने लगे। अथिया मुझे देख शर्मा रही थी।

हम घर फोन कर बता देते हैं सभी बहुत खुश हुए मै बोला लॉक डाउन खुलने के बाद आपलोग आना तब शादी करेंगे। घर वाले कहने लगे नही अभी ही कर लो।कुछ दिन मे मै मान गया।

अब लॉकडाउन मे कोई आ नही सकता था तो घर से पूछ हमने तारीख 20 दिन बाद की फिक्स कर ली।
अब शाम को हम बैठे थे।

दिव्या: आज से तू नीचे नही आयेगा ना निथिया को देखेगा।
मै: क्यों?
दिव्या: भूल गया तूने भी तो हम दोनो को मिलने नही दिया था।
मै: ठीक है।
मै अब ऊपर ही सोने लगा अपने साले के साथ।

20 दिन बाद हमने शादी घर पर ही कर ली खूब एन्जॉय किया हमने।
अब रात को सुहाग रात पर मै ऊपर कमरे मे गया।
दिव्या: देख लॉक डाउन मे भी तेरे कमरे को सजा दी हूं।

मै: जा तु पहले मेरी दुल्हन को लेकर आ।
दिव्या: ओहो बड़ा उतावला हो रहा है 20 दिन से तुझे अथिया नही दी है ना!?
मै: हां, तूने ही तो मना किया है।

दिव्या:(हंसते हुए) हां मैने ही किया है।
मै: तू खुद तो खूब मजे कर रही है। और मेरा लॉक डाउन लगा रखा है मै देखता था रात को मेरा साला गायब हो जाता था।
दिव्या:(हंसते हुए) हां खूब मजे कर रही हूं लॉक डाउन मे।

तभी अथिया और मेरा साला निथिया को लेकर आए।
दिव्या: आओ ननद रानी आज सारी रात जागना और पता करना की शादी की सुबह नई बेडशीट क्यों धो देते हैं।

सभी हंसने लगे और निथिया शर्मा गई।
अब सब बैठ कर कुछ देर बात किए और निथिया को आशीर्वाद दे चले गए।

मै गेट बंद कर बेड पर आया निथिया बेड पर घुंघट डाल बैठी थी।
मै उसके गोद मे सर रख लेट गया उसका घुंघट उठा दिया। वो शर्मा रही थी।
मै: अब शर्मा रही हो और सबके सामने खुलम खुला बोल रही थी कि मुझे शादी इसी घर मे करनी है।

निथिया : (मेरे होंठ पर ऊंगली रखते हुए) दीदी और भाभी सही कहती है कि आप बहुत बोलते हो।
मै; अच्छा ये बताओ तुम्हें कब लगा कि तुम्हे मुझसे शादी करनी चाहिए।

निथिया: जब से मेरे मम्मी पापा नही रहे।
वो थोड़ा उदास हो गई।
मै उसके हाथ चूम लिया

निथिया: उनके जाने के बाद आपने हमे संभाला नही तो हम दर दर भटक रहे होते।
मै: पागल फालतू मत बोल।
निथिया: आप ने कितनी देखभाल की हमारी।
वो इमोशनल होने लगी।
मै: अच्छा ये सब बातें छोड़ते हैं तू पहले मुझे किस कर।

वो शर्माते हुए मेरा चेहरा पकड़ मेरे होंठ चूसने लगी।
मै उसकी गोद मे सिर रख लेटा था।

वो कुछ देर मेरे होंठ चूसती रही।
मै: आह तू तो बहुत अच्छा किस करती है।
अब वो मेरे माथे गाल गले को चूमने लगी।

अब मै उठ कर उसके गाल गले कान गर्दन सब जगह चूसने लगा वो सिसकारियां भरने लगी।
अब मै उसे लिटा उसके ब्लाउज के ऊपर से उसके मम्मे सहलाने लगा चूमने लगा।

निथिया: खोल दीजिए ना।।
मै: नही रहने दो।
निथिया: नही मुझे वैसे प्यार करो जैसे दीदी को करते हो।
मै:(उसके गाल को काट लेता हूं) तू कब देखी हमे प्यार करते।
निथिया: बस देख ली।
मै: अच्छा कैसे प्यार करता हूं मै?
निथिया: (शर्माते हुए) पुरे कपड़े खोल कर।
मै: अच्छा तो तुझे भी पूरे कपड़े खोल कर प्यार करना है?
निठिया: हां।
मै: ठीक है तो तु ही खोल।
निथिया: आप खोलो मुझे शर्म आती है।

मै उसे कमर से पकड़ खड़ा करता हूं और स्मूच करते हुए उसका ब्लाउज खोल देता हूं वो मेरा शर्ट खोल देती है मै उसके ब्रा खोल उसके 32 के मम्मे चूसने लगा सहलाने लगा वो आह आह करने लगी उसके कान गले गर्दन को चूसने लगा।

उसके गोरे सॉफ्ट मम्मे चूसते हुए मै उसके निप्पल काट लेता हूं वो आह कर उठी।
मै अब उसके पेट नाभि चूसने लगा उसकी सपाट पेट चिकनी कमर को चूसते हुए मुझे याद आया कि इसे कमरबंध तो दिया ही नही मै टेबल से उठा उसे कमर बंध पहनाता हूं।

अब उसकी नाभि पेडू चूसते हुए उसका लहंगा उठाने लगा।
निथिया: खोल दो ना सीधा।
मै उसका लहंगा उतार दिया और उसने मेरा पैंट मै उसे बेड पर लिटा उसके पैर को चूमने लगा अब ऊंगली चूसने लगा उसके तलबे चूसने लगा वो सिसक रही थी।
अब पैर चूमते चूसते ऊपर बढ़ उसका जांघ चुसने लगा उसे काटने लगा वो सिसकारियां भरने लगी अब पैन्टी उतार सीधा मुंह उसकी बूर पर लगा दिया।
उसकी बूर एकदम चिकनी गोरी और पतले होंठ वाली थी। मै बूर पर जीभ फिरा दिया वो सिहर उठी आह आह करने लगी।

अब मै बूर चूसने लगा उसके होंठ चूसने लगा वो सिसकारियां भरने लगी उसकी बूर पानी पानी हो गई।
अब मै अपनी चड्डी उतार लन्ड उसकी बूर पर रख घिसने लगा वो सिसकारियां भरने लगी।
मै अब हल्का सा धक्का दे लन्ड घुसा दिया वो चीख उठी मै उसके होंठ चूसने लगा।

उसे चूसते हुए उसके मम्मे सहलाने लगा वो कुछ नॉर्मल हुई तो हल्के से धक्का दे आधा लन्ड घुसा दिया उसकी आंखें बाहर आ गई चीख मेरे मुंह मे दब गई।
अब हल्के हल्के चोदने लगा उसे थोड़ा अच्छा लगा तो धीरे धीरे पुरा लन्ड घुसा दिया।
वो रोने लगी उसकी आंखो से आंसू निकलने लगे मेरे लन्ड से कुछ गर्म चीज आकार टकराया।
मेरा लन्ड जैसे उसकी बूर मे पीस गया हो।

मै उसे चुप कराने उसके आंसू पीने लगा कुछ देर वैसे ही पड़ा हुआ उसे चूसता रहा और सहलाता रहा।
वो नॉर्मल हुई तो उसके कान चूसने लगा।
मै: कैसा लग रहा है?
निथिया: ऐसा लग रहा है जैसे गर्म सरिया घुसा हो।
मै: निकाल लूं तो।

निथिया:(मुझे चूमते हुए) नही।
मै अब हल्के हल्के चोदने लगा वो आह आह कर रही थी उनकी गर्म बूर मेरे लन्ड को पिघला रही है।

मै उसके मम्मे चूसते हुए चोदता रहा वो भी अब हल्का गांड़ उठाती। मै मजे ले रहा था उसकी टाईट बूर का वो आह आह सी सी कर चुदवा रही थी।

कुछ 20 मिनट की चुदाई मे वो दो बार झड़ चुकी थी वो मेरे कमर को अपने पैर से लपेट मुझे अपने सीने से लगा चुदवा रही थी अब मै भी झड़ने वाला था तो कुछ झटके ज़ोर से मार दिए वो आह आह कर फिर झड़ गई और इस बार मै भी उसके बूर पर झड़ गया।

मै बेड शीट से उसका बूर और अपना लन्ड साफ किया। बेडशीट दिखा तो उसपर बहुत खून गिरा था।

मै अब उसे गले लगा सहलाने लगा उसे चूमने लगा कुछ 10 मिनट हम गले लगा लेटे रहे।

फिर मै उसे उठाया उसे बाथरूम ले जाने लगा उसकी बूर दर्द कर रही थी। मै उसे गोद मे उठा बाथरूम ले गया उसने सुसु किया।

मै बेडशीट हटा दूसरा बिछा दिया अब मै उसे बांहों मे भर सो गया।

सुबह दिव्या दरवाज़ा पिट रही थी मै उठा तो देखा हम नंगे ही सोए थे हम जल्दी से उठ कपड़े पहन लिए।
मैने दरवाज़ा खोला।

मै: क्या हुआ इतनी सुबह सुबह उठा दिया।
दिव्या:(हंसते हुए) क्यों कितने बजे सोए थे।

मै: तीन बजे तो सोया था 7 बजा भी नही है तुने जगा दिया।

दिव्या: अथिया चलो नहा लो।
वो उसे उठाने लगी उसकी बूर मे दर्द था तो उसकी आह निकल गई।
दिव्या: क्या हुआ?
मै: जाओ गर्म पानी लेकर आओ उसके वहां दर्द हो रहा है मै सेंक दूंगा।

दिव्या: (मुझे मारते हुए)साले तूने ज़ोर से कर दिया था क्या?
मै: जा ना तु पानी लेकर आ।
वो चली गई।

मै: ज्यादा दर्द हो रहा है।
निथिया: नही हल्का सा।

मै उसका कपड़ा हटा उसका बूर चूम लेता हूं उसकी आह निकल जाती है।

कुछ देर मे दिव्या पानी लेकर आती है। उसके साथ अथिया भी आती है। वो अपनी बहन को माथे पर चूम लेती है, निथिया शर्मा जाती है।

मै: जा तु मै सिंकाई कर देता हूं नही तो तु ही कर दे।
दिव्या: तु ही कर तेरी बीबी है।

मै: जा रही है तो बेडशीट लेती जा धो देना।
दिव्या बेडशीट उठाती है।
दिव्या: हे कितनी ज़ोर से किया था देखो अथिया कितना खून लगा है।

निथिया शर्मा जाती है।
मै:(हंसते हुए) और लगाओ 20 दिन का लॉक डाउन!
अथिया:(हंसते हुए) अरे मुझे भी इतना ही निकला था।
हम सभी हंसने लगे।
दोनो चली जाती हैं।

मै निथिया की बूर सेंक देता हूं उसे आराम लगता है उसे दर्द की दवाई देता हूं।

अब हम दोनो साथ मे नहाते हैं और कपड़े पहन नीचे आ जाते हैं।

नीचे आ निथिया सबसे आशीर्वाद लेती है उसका भाई उसे गले लगा लेता है।

अब हम हंसी खुशी रहने लगे। मै कभी निथिया तो कभी अथिया को खूब चोदता दोनों को साथ नही चोदा था उधर दिव्या भी अपने पति के साथ सोती थी हम खूब मजे कर रहे थे।

एक महीने बाद एक सुबह उठा तो देखा सब खुसर फुसर कर रहे हैं।
मै: क्या हुआ सब बहुत हंस रहे थे मेरे आते ही चुप हो गए।

दिव्या: (शरमाते हुए)तेरे बेटे के लिए मै एक बहन ला रही हुं।

मै ये सुनते ही खुश हो गया मै उसे गोद मे उठा लिया और उसे चूम लिया वो मुझे बांहों मे भर ली।
मै अपने साले को गले लगा लिया वो बाप बनने की खुशी मे शर्मा रहा था।

अथिया दिव्या को माथे पर चूम लेती है।
सभी गले लगते हैं सभी बहुत खुश हुए घर पर फोन कर मै मां को बताता हूं तो वो बहुत खुश हुई।

अब हम सब रात मे पार्टी करते हैं और खुब मजे करते हैं।
मै रात को अथिया को जम कर 4बार चोदता हूं और उसे बांहों मे भर सो जाता हूं।

कुछ महीने निकले तो साले का कुछ महीना वर्क फ्रॉम होम चला।

एक दिन सुबह उठा तो अथिया मुझे चूमने लगी मै भी उसे चूमने लगा मै लेटा हुआ था मेरी गालों पर उसके आंसू आकर गिरे। मै आंख खोला तो उसकी आंखों मे आंसू थे मै पुछा क्यों रो रही हो।

वो कुछ बोल नही पा रही थी बस उसने मुझे एक प्रेगनेंसी टेस्ट किट दिया मै आंखे मलते हुए उसे देखा तो वो पॉजिटिव था।

मेरी खुशी के मारे आवाज नही निकल रहा था मेरे आंखों मे आंसू आ गए मै उसे चूमने लगा उसे बांहों मे भर उसे चूमता रहा।

कुछ देर मे हमारी नजर मिली तो हम एक दूसरे को देख शर्मा गए और गले लग गए।

कुछ देर मे मै उसे उठा बाहर आया।

मै: (दिव्या को चूम लिया) आह आ बैठ सोफे पर तुझे कुछ बताना है।
मै सबको बैठता हूं।
दिव्या: क्या बात है इतना खुश क्यों है।
मै: तू मेरे बेटे के लिए भाई लाना मै तेरे बेटे के लिए बहन ला देता हूं।

दिव्या: क्या मतलब?
मै: तू मामी बनने वाली है, अथिया मां बनने वाली है।
मेरा साला ये सुन बहुत खुश हुआ और अपनी बहन को गले लगा लिया निथिया भी गले लगा ली।

सबकी आंखें खुशी से भर आईं।
दिव्या मेरे बेटे को गोद मे ले।
दिव्या: ओले मेरा बाबू तेरी बहन आने वाली है।

मै दिव्या के पेट को चूम लेता हूं।

अब सभी खुश हो एक दूसरे के गले लगते हैं मेरा साला मुझे गले लगा लेता है।

साला: अब तुम दोनों कोई काम नही करोगी सारा काम हम करेंगें।
मै: हां सारा काम मै और निथिया कर लेंगे।

दिव्या: (हंसते हुए) हां और जली हुई रोटी खिलाना।
मै उसके गाल काट लेता हूं।
मै: मुझे अच्छा खाना बनाना आता है।

अब हम मां को फोन कर बताए।
मां पहले तो खुश हुईं फिर बोली कि पहले तो 4साल कुछ नही किया अब 3 साल भी नही हुऐ हैं एक और कर लिया हम हंसने लगे।
भाभी बोली कि तुमलोग कंपीटिशन कर रहे हो क्या।
हम हंसने लगे।

निथिया: सारे लोग प्रेग्नेंट हो गए सिर्फ मै ही बची हूं।
सभी हंसने लगे।

अब हम दोनो का बहुत ख्याल रखते।
मै दोनो की खूब मालिश करता और निथिया को जम कर चोदता।
कुछ महीने बाद मेरा साला चला गया और मां आ गई।
मेरा बेटा बोलने लगा था तो वो जैसा हमने उसे सीखाया था अथिया को मम्मी बोलता और दिव्या को मामी।

कुछ महीने बाद दिव्या को बेटा हुआ सुन्दर सा। हम बहुत खुश हुए। दिव्या बोली कि देख तुने कहा तो मै तेरे बेटे के लिए भाई ले आई अब तू मेरे बेटे के लिए बहन ला। मै ठीक है।
कुछ महीने बाद अथिया की भी संयोग से एक सुंदर बेटी हुई। हम बहुत खुश हुए।

मां भी बहुत खुश हुई सभी खुश होकर एक साथ घर गए और जम कर पार्टी की।
अब हमारे सारे बच्चे चलना दौड़ना सीख गए हैं।

अब पिछले महीने निथिया प्रेगनेंट हुई है मै उसे खूब चोदा था ।
हम सभी हंसी खुशी रहते हैं।

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