Bibi Ki Chudai Kahani – इंडियन बीवी की चुदाई, Indian Wife Sex Story
Indian Bibi Ki Chudai Kahani – इंडियन बीवी की चुदाई, Indian Wife Hindi Sex Stories. देसी बीवी इंडियन वाइफ की हिंदी सेक्स कहानियाँ. Indian Wife Ki Hindi Sex Kahaniya. Indian wife sex with her husband and other men.
मेरी बीवी की पहली सामुहिक गैंगबैंग चुदाई
नमस्कार दोस्तो, मैं 45 साल का मोटा ताजा यश अपनी 35 साल की रंडी बन चुकी बीवी की चुदाई की कहानी सुना रहा हूँ।
मेरी बीवी का नाम शिल्पा है
वैसे तो मेरी बीवी बहुत ही मिलनसार और हँसमुख है।
हमेशा नया सीखने और ट्राई करने में माहिर है कभी हिचकिचाती नहीं है।
पहले हम जोईन्ट फेमिली में रहते थे। तो पुराने खयालों के कारण कभी भी निजी पल मिल ही नहीं पाए।
जिसके कारण मेरी जवान बीवी को मै कभी संतुष्ट नही कर पाया ना ही भरपूर प्यार कर पाया।
मैने अपनी पत्नी को संतुष्ट करने के लिए दवाई भी लिया खीरा वगैरह का भी प्रयोग किया
जिससे उसकी चूत की प्यास और बढ़ गई।
वो बहुत गरम और सेक्सी है।
अपनी कहानी भेजे : https://www.sexstorian.com/submit-your-story
मेरी बीवी का फिगर मस्त है गदराता भरा पूरा बदन उस पर,…उसके बड़े बड़े मम्मे दुसरों से कहीं ज्यादा बड़े हैं
जब भी कोई आदमी मेरी बीवी को देखता है तो उसकी छाती और उसकी गांड़ देखता ही रहता है।
लाकडाउन से पहले हमने एक टेक अवे रेस्टोरेंट खोला था जिसमें एक पहचान के हलवाई को रखा था।
वह जवान है अभी 26 27 साल का होगा। उसका नाम दिलीप है
वह उसके सुपरविजन में रेस्टोरेंट का खाना बनाता था।
पर उसको दारू और गुटके की लत थी। जो कि शिल्पा को पसंद नहीं था
इसलिए उसे छुड़ा दिया। पर लड़का व्यवहार में और खाना बनाने में माहिर था।
दिखने में कोयला, काला, कलुटा, दुबला, पतला
बिलकुल हमाल मजदुर था पर जवान था।
लाकडाउन के 2 साल बाद अब हम अकेले रहते हैं मेरी बीवी फिर से अपना रेस्टोरेंट चालू करना चाहती है।
पर लेबर रखने के लिए हमारे पास कोई पैसे नहीं है।
तो मैने उसे दिलीप जैसे लेबरों को काम के बदले फ्री
खाना, दारू, रहना और
शिल्पा को अपनी चुदाई करने देने की डील बताई।
जिसके लिए वह डर गई और मना कर दिया।
पर जैसे हमारे हालात हैं वह सोचने पर मजबुर हो गई। आखिर कमाई और चूत की संतुष्टि के लिए वह तैयार हो गई।
ये ऑफर ऐसा था कि किसी महिला को नहीं रख सकते थे। इसलिए सभी मजदूर पुरुष ही चाहिए थे।
1 हलवाई,
1 हेल्पर,
2 सफाईकर्मी ( एक रेस्टोरेंट के लिए दूसरा घर के लिए)
कुल (4) लोग की जरूरत थी और इस स्थिति में पुरुष मजदूर ही रख सकते हैं।
शिल्पा को 4 पुरुष मजदूरों के बारे में सोच कर डर भी लग रहा था
और साथ ही दुसरी तरफ़ जोश और चुदास भी भरपूर था।
आखिर शिल्पा ने तय कर लिया कि कब तक गरीबी सहना। अब तो पैसे और मजा दोनों लेना है।
शिल्पा ने दिलीप को बुलाया और उसको अपना ऑफर बताया ।
कि तुम लोगों को फ्री रहना फ्री खाना फ्री दारू गुटखा और मन भर के मेरी चुदाई कर सकते हो।
दिलीप पहले तो राजी नहीं हुआ क्योंकि वो उसके मायके का खानदानी कुक था इस तरह से शिल्पा घर की बेटी और मै उसका दामाद हुआ
और उसको लगा कि कोई भी इस बात के लिए नहीं मानेगा और काम के बदले पैसे जरूर मांगेगा।
शिल्पा ने उसको 1 हफ्ते का समय दिया ।
दिलीप ने अपने भाईयो और दोस्तों से काम के बदले पहला फ्री रहना दुसरा फ्री खाना तीसरा फ्री दारू गुटखा और चौथा मन भर के चुदाई वाली शिल्पा का ऑफर बताया।
दिलीप का छोटा भाई बोला मस्त ऑफर है। मै और लड़कों का जुगाड़ करता हूँ।
तीसरे ही दिन दिलीप अपने जैसे 2 लड़कों को लेकर आया। और कहा कि हम तीनों को ऑफर मंजूर है।
शिल्पा ने कहा ” पर एक आदमी कम है। ”
तो दिलीप ने कहा “हम संभाल लेंगे। जरूरत पड़ने पर टेम्पोरेरी किसी को बुला लेंगे।”
शिल्पा ने देखा तीनों टोटल बेवड़े गुटकाखोर और काले कलुटे गंदे थे।
दिलीप 26 साल का उसका भाई प्रदीप 24 साल का और मुस्टंडा 17 साल का लंबा सा था
शिल्पा समझ नहीं पा रही थी एक तरफ इनको देखकर डर और घिन आ रही थी तो दुसरी तरफ
उसका शरीर झनझना रहा था उसकी चूत गीली होना शुरू हो गई
उनको घर के अंदर बुलाते हुए चुदास की सर्सराहट से काँप रही थी
शिल्पा उनको घर के अंदर लाई और उनको एक कमरा दिखायाऔर कहा कि “अब से यही कमरा तुम लोगों का होगा।”
और घर के एक तरफ ओपन किचन दिखाया ।
कहानी सुन कर कैसा लग रहा है ?
अब शिल्पा उन लोगों को थोड़ी दुरी पर हाईवे से लगे गार्डन में नगर निगम का एक छोटा दुकान दिखाया और सब कुछ समझाया।
और कहा
“तुम लोग अपने कपड़े वगैरह लेकर कल से काम पर आ जाना ।”
वो तीनों मुस्कुराए और बोले “कुछ एडवांस मिल जाता तो”
शिल्पा नाराज हो कर बोली “तुम्हें पैसे वैसे नहीं मिलेंगे।”
दिलीप बोला “पैसे नहीं चाहिए” “बस थोड़ाआऽ ”
शिल्पा समझ गई और बोली “उसके लिए घर जाना होगा।”
समय शाम का था और पार्क में अंधेरा और सन्नाटा था
और कई लड़के लड़कियों की जोड़ी कहीं कोने में दुबक कर चूम्मा चाटि कर रहे थे।
दिलीप बोला “यही पर कुछ करते है।”
शिल्पा घबरा गई “खुले में ”
पर फिर शिल्पा ने देखा सब अंधेरे में अपने में मस्त हैं तो वो भी तैयार हो गई
फिर सब एक घने झाड़ियों में गये।
शिल्पा ने तीनों से कहा “अपना अपना लंड निकालो।”
दिलीप और उसका भाई छोटू और मुस्टंडा अपना अपना लंड निकालते हैं
सबका लंड मेरे लंड से दोगुना बड़ा था
जिसमें मुस्टंडा का लंड तो मेरे लंड से भी तिगुना था।
शिल्पा ने देखा तो देखते ही रह गई। उसके मन और तन में एक सुरसुराहट सी दौड़ रही थी
उनके काले काले लंड देख कर शिल्पा खोसी गई।
तभी दिलीप का दोस्त मुस्टंडा बोला पेशाब लग रही है मै मूतता हूँ और शिल्पा के बगल में ही खड़ा हो कर फुहार मारने लगा।
जिसको देख कर शिल्पा मुस्टंडा पर मोहा गई इतने बड़े लंड की फुहार वाह।
शिल्पा ने तय कर लिया यही लंड पहले मुँह में लूंगी
फिर सब शिल्पा को घेर कर खड़े हो गए।
शिल्पा घुटने के बल बैठ गई और सबसे पहले ताजा पेशाब से भीगे मुस्टंडा के लंड को सूंघा जिससे पेशाब की तेज गंध आ रही थी
फिर अपने जीभ से चाट कर टेस्ट किया
फिर पेशाब से भीगे सुपाड़े को चारों ओर जीभ घुमा कर चाटा
न जाने कब से उसने अपना लंड नहीं धोया था।
वैसे तो कोई भी मर्द कभी भी अपना लंड नहीं धोता है।
यह बात शिल्पा अच्छे से जानती है।
और इससे उसको फर्क भी नहीं पड़ता।
उसको पता है कि आदमी कोई भी हो लंड तो गंदा और पेशाब वाला ही मिलेगा चूऽसने को।
इसलिए शिल्पा अपना जीभ चला चला कर घुमा घुमा कर चाटती है जिसका स्वाद नमकीन खट्टा कड़वा होता है।
फिर घप्प से सुपाडा अपने मुँह में लेकर चूऽसती है पूरा पेशाब और उसकी परतशिल्पा के मुँह में आ जाती है।
पर शिल्पा उस काले गंदे बद्बूदार लंड को पूरी तनमयता के साथ चूउऽसती हैऔर जितना अंदर तक हो सके मुँह के अंदर बाहर करती है
और पूरा थूक एक अच्छी रंडी की तरह उन लोगों के सामने गटक जाती है।
फिर दिलीप के गंदे काले लंड को हाथ में लेकर शिल्पा अपना जीभ चला चला कर घुमा घुमा कर चाऽटती है
जीभ से बाहर से नींचे से सुपाड़े तक और अंदर मुँह में लेकर अंदर बाहर भी करती है।
फिर छोटू का पेशाब की गंध वाले गंदे काले लंड को भी बिना झिझक के चूऽम चाट कर चूऽस कर साफ कर देती है।
सभी का लंड चूऽसती है और गटक लेती है एक बार भी थुकती नहीं है।
2-2 मिनट तक हर किसी का लंड चूऽसने के बाद
शिल्पा उठ जाती है।
सभी पार्क से बाहर निकल जाते हैं। सबके चेहरे में मुस्कान होती है।
शिल्पा के मुँह और चेहरे पर से उन लोगों के पेशाब की भिनी सुगंध आ रही थी।
वो तीनों वापस चले गए।
शिल्पा घर की तरफ जाते जाते सोच रही थी “आज तो खुलेआम पार्क में मै तीन तीन अनजाने मर्दों का लंड चूऽसी हूँ।”
यह सोच सोच कर उसमें बहुत ही जोश और चुदास चढ़ रही थी। वो बहुत ज्यादा खुश थी।
उससे कल का इंतजार नहीं हो पा रहा था।
अगले दिन तीनों सुबह 8 बजे आ गए।
शिल्पा ने मुझे बताया कि किचन के साथ वाला कमरा इन लोगों को दे रही है जिसमें बाथरुम अटैच है और डबल बेड का भी यही लोग इस्तेमाल करेंगे।
हम लोग बगल वाले हमारे कमरे में शिफ्ट हो जाएंगे ।
मैने पूछा ऐसा क्यों?
उसने कहा इससे समय की बचत होगी और इन पर नजर रखना आसान होगा। और चुदाई कराना भी आसान होगा।
उसने समय तय कर दिया सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक घर पर और शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक दुकान पर काम करना है।
उनके लिए गुटखा दारू लाने का जिम्मा मेरा था।
रोज फ्री का गुटका और दारू मिल रहा था।
इससे उन्हें हमारे साथ काम करने में मजा आ रहा था, शिल्पा को बढ़िया कमाई भी प्राप्त हो जाता है। धंधा अभी स्पीड पकड़ रहा था।
शिल्पा बहुत ही खुराफाती दिमाग की औरत है।
उसने इनका ड्रेस धुसर काले रंग की टीशर्ट और बिना चड्डी के अपनी त्वचा के रंग की यानि गेहुँए रंग की सिर्फ लुंगी पहनना तय किया। क्योंकि तीनों बहुत काले थे।
पर शिल्पा मस्त गेहुंए रंग की है।
इसका फायदा बाद में पता चलेगा कि शिल्पा ने ऐसा क्यों किया। (अगले कहानी में)
रेस्टोरेंट दुकान भी अच्छी चल निकली।
अब महिना बीतने को आ रहा है।
काम के बदले 1 खाना 2 रहना और 3 गुटखा दारू सब मिल रहा था।
तीनों लौंडो में अब डील की आखिरी बात के लिए पहल करने चर्चा होने लगी।
कि कैसे और कब शिल्पा से चुदाई की बात करें।
शिल्पा तो शुरू से ही प्लान बना कर मन ही मन तैयार हो रही थी। पर अभी तक पहल नहीं किया उसने।
उसे तो लगा था कि पहले दिन से ही ये देहाती जंगली उस पर टुट पड़ेंगे।
पर महिना हो चला लड़के पूरी इमानदारी के साथ काम कर रहे थे।
अब शिल्पा की चुदाई की कहानी उसी की जुबानी सुनिए
आखिरकार तीनों ने मेरे सामने अपनी इच्छा बताई
उन्होने कहा “अभी तक तो डील की आखिरी और सबसे जरूरी शर्त पूरी नहीं हुई है।
सिर्फ ट्रेलर ही दिखा है।
तब मै ने कहा “मै तो कब से इस पल का इंतजार कर रही हूँ।”
“ठीक है मै आज रात को तुम लोगों के कमरे में आउंगी परऽ
तुम लोग दारू मत पीना आज। मुझसे बर्दाश्त नहीं होता है।”
लड़कों के चेहरे खिल गए और हँसने लगे।
रात 8 बजे मेरे पति बच्चे को सुलाते सुलाते खुद भी सो जाते हैं और मै रात को सारा काम निपटा कर ही कमरे में आती हूँ।
शायद 12 1 बज जाते हैं।
इसीलिए हमारी लव लाइफ बेरंग हो गई है।
हम अब जोश से कुछ कर ही नहीं पाते। समय नहीं रहता है ना।
रात को जब मै कमरे में आई और सोने की तैयारी कर ही रही थी कपड़े बदल कर मैने मेरे पति का गिफ्ट किया पतला और छोटा सेक्सी गाउन पहना ही था जो थोड़ा पारदर्शी भी था।
कि किसी ने दरवाजा खटखटाया।
दरवाजा खोला तो मुस्टंडा आकर खड़ा था वो मुझे देखकर मुस्कुराया और मै कुछ समझ पाती उससे पहले ही मेरा हाथ खींचकर सीधे बगल वाले कमरे में ले गया।
जहाँ दिलीप और छोटू दोनों जैसे बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। मै हक्की बक्की थी।
अब वो तीनों मुझको ललचाई नजरों से देखने लगे थे। मैने मेरे पति का गिफ्ट किया पतला और छोटा सेक्सी गाउन पहना था जो थोड़ा पारदर्शी भी था।
अंदर ब्रा पैंटी कुछ भी नहीं पहना था।
सिर्फ गाउन।
जिसमें कोई भी औरत बहुत सेक्सी लगती।
दिलीप, छोटू और मुस्टंडा तीनों ने दारू पी हुई थी और गुटका भी खाए हुए थे। मुझे दोनों की गंध आ रही थी। मुझे दारू की गंध सहन नहीं होती।
पर वो तीनों तो अपनी लाल लाल आँखों से मुझे खा जाने वाली नजरों से घूरते हुए मुस्कुरा रहे थे। मै भी मुस्कुरा दी
मै अभी भी दरवाजे पर थी । तभी दिलीप ने झटके से मेरा हाथ पकड़ा और कमरे के अंदर खींच लिया।
अब मै तीनों के बीच में थी और उनमें से उनके पसीने और शराब और गुटके की गंध आ रही थी गंध और तेज हो गई।
मै मन ही मन घबरा गई कि मैने कैसी डील कर ली है मै ये सब नहीं कर पाउंगी।
मै दरवाजे की तरफ बढ़ी कि …छोटू ने दरवाजा बंद कर दिया।
अब दिलीप ने मेरी कमर में हाथ डाला और मुझे अपनी ओर खींच लिया। उसने आव देखा ना ताव मेरे चेहरे और गले को चूऽमने लगा।
दिलीप मुझको पकड़ कर मेरे होंठ चूऽसने लग गया। होंठ चूऽसते हुए मेरी गांड दबाने लगा। दिलीप ने मेरे नाईटी ऊपर कर दी, जिससे मेरे नंगी गांड सामने आ गई।
छोटू ने अपना मुंह मेरे गांड में लगा दिया, और मेरी गाँड चाटने लगा।
और मुस्टंडा मेरे चूत को चाटने लग गया।
फिर दिलीप ने मेरा गाउन निकाल दिया
दिलीप ने मुझे पूरी नंगी कर दिया,
मेरा रंग गोरा गेहुँआ है मैंने नीचे पेंटी नहीं पहनी थी तो मेरा चिकना बदन देखकर उन तीनों काले कलूटों की आँखे फट गयी,
अब वो पागल हो गये थे जैसे खजाना मिल गया हो।
मेरे बड़े बड़े मम्मे देख कर दिलीप पागल हो गया और प्यासे हब्शी की तरह मेरे मम्मो और मेरे चूचों को पीने लगा।
सब मेरे जिस्म को चाटने और चूऽमने में लग गए। मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थी। उऽम्म्हऽ हऽम्म्ऽ अऽह्हऽ उऽम्म्हऽ
काफी टाइम तक ऐसा करने से मेरे चूत ने पानी छोड़ दिया। मुस्टंडा पूरा पानी चाट कर पी गया।
छोटू और मुस्टंडा भी पीछे से मेरी गाँड का एक एक साइड सहलाने लगे।
इतने में दिलीप ने फिर से मेरे होंट चूऽमना और अपनी जीभ से मेरी जीभ को मिलाने लगा
और अपनी जीभ मेरे मुँह के अंदर डाल दिया जिससे दारू और गुटके का पूरा भभका मेरी नाँक में पहुँच गया।
तभी दिलीप के भाई छोटू ने भी मुझे अपनी ओर करके मेरे होंठ चूऽमना चूऽसना शुरू कर दिया
और अपनी जीभ से मेरी जीभ को मिलाने लगा उसके दारू और गुटके का पूरा भभका भी मेरी नाँक में पहुँच गया।
मुस्टंडा ने भी छोटू को धक्का देकर अपने मुँह में मेरे मुहँ को भरकर चूउऽसने लगा।
पर गंध की आदत न होने के कारण मुझे उल्टी आने लगी और मै उसको धक्का देकर अटैच बाथरूम में जाकर उल्टी करने लगी।
मै एकदम पस्त हो गई दिन भर की थकी मांदी ऊपर से जो खाया वो उल्टी हो गया।
पूरा पेट खाली हो गया चक्कर आने लगा मै बेसुध होने लगी। मैने जैसे तैसे कुल्ला किया।
तभी तीनों में से किसी ने मुझे खींच लिया और बिस्तर पर लिटा दिया। मै कुछ समय के लिए बेसुध हो गई।
मुझे कुछ भी नहीं पता था कि मेरे साथ क्या हो रहा है। कौन कर रहा है।
करीब 10 मिनट बाद मुझे होश आया तो मैने पाया कि मै पूरी नंगी उन तीनों के बीच पड़ी हूँ।
मुझसे दारू और गुटके की गंध आ रही थी क्योंकि वो लोग मेरा पूरा बदन उपर से नींचे तक आगे से पीछे तक चाट रहे हैं।
ठरकी कमीनों ने इस हालत में भी मुझ पर तरस नही खाया बल्कि अपनी हवस मिटा रहे थे।
पर तभी मुझे एहसास हुआ कि मुझे अब भी चाटा जा रहा है और अब मेरा शरीर झटके खा रहा है। मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थी। उम्म्म्हऽ उह्ह्ऽ उम्म्म्ह्ऽ अह्हऽ
दिलीप मेरी चूत चाट रहा थका बाकी दोनों मेरी एक एक काँख चाट रहे थे। इस अद्भूत और महान अनुभूति के कारण ही मै होश में आ गई थी।
मैने पंखा चलाने कहा क्योंकि उनके चाटने से मै पूरी चिपचिपी और गीली हो गई थी
काँख चाटते चाटते दोनों मेरे बूब्स सहला रहे थे। मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थी। उम्म्हऽ हम्म्म्ऽऽ अह्हऽ
अब उन दोनों के लंड पेंट में खड़े हो गये थे अब वो दोनों मेरे बूब्स को जोर-जोर से चूऽस रहे थे
अब मुझे भी कुछ होने लगा था और अब मै कुछ नहीं बोल रही थी
बस सिसकारियां निकल रही थी। उम्म्म्हऽ हम्म्म्ऽऽ अह्ह्ऽ उम्म्ह्ऽ अह्ह्ऽ
छोटू बोला कि साली रंडी क्या बूब्स है? दिल करता है कि चूऽस-चूऽसकर लाल कर दूँ और मुँह में लेकर चूऽसने और दाँतों से काटने लगा
अब मेरे दोनों चुची लाल हो चुके थे, अब तो मुझे भी मजा आने लगा था।
कभी मेरे बूब्स और चुची चूउऽसते कभी काँख चाटते हुए बूब्स मसलते।
वो दोनों खड़े हुए और उन दोनों ने अपनी पेंट उतार दी,
उन दोनों का लंड उनका अंडरवेयर फाड़कर बाहर की तरफ आ रहा था
जैसे ही उन दोनों ने अपने अंडरवेयर खोले,
तो मेरी आँखे फटी की फटी ही रह गयी
एक का लंड 8 इंच का तो
दूसरे का 7 इंच से कम नहीं होगा
मेरे पति का लंड तो 3 इंच का छोटा सा है।
दिलीप अभी भी मेरी चूत चाट रहा था।
मुझे भी गरमी चढ़ गई या कहें कि ठरक हवस चुदास चढ़ गई।
वो चूत में उंगली भी करने लगा,
तो मै भी मजे में कराआहने लगी और उसका सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाते हुए
उसको भी सिड्यूस करने लगी।
“उऊम्मऽऽ चाटोओ आआऽह आऽआहआऽ हःऽआ हऽह हऽ आह आह ऊह ऊह” “मेरा पति तो चूत भी नहीं चाटता,”
“बस थोड़ा सा लंड पेल कर चुदाई की और सो जाता है भोसड़ी का ”
“आऽह उसका लंड भी छोटा सा है,” “मुझे मजा ही नहीं आता चुदाई में” “तुम्हारे लंड तो काफी बड़े हैं” उऊम्मऽऽ “आज चूत चुदाई का पूरा मजा आएगा”
छोटू ने अपना 7 इंच लंबा लंड मेरे गाल पर रख दिया और मुस्टंडा ने अपना 8 इंच का लंड मेरे मुँह में डाल दिया।
दोनों के लंड से पेशाब और पसीने की गंध आ रही थी पर मै बिना झिझक के …उसके मसालेदार कसैले नमकीन लंड को जीभ से चाट-चाट कर खेल खेल कर गुदगुदा रही थी।
अब मैं उसका लंड लॉलीपोप की तरह चूऽसने लगी थी। मेरे मुँह से ‘गूंउउ… गूंउउ’ की आवाज़ निकलने लगी
जगह बदल कर छोटू अब मेरी चूत चाटने लगा और दिलीप ऊपर आकर मेरे बूब्स चूसने और मसलने लगा।
चूत चाटने से मै पागल हो रही थी ।
तीनों ने बारी बारी से अपनी जगह बदली और 15 – 20 मिनट तक मेरी चूत चाटते रहे। इसी मदहोशी में…
मैने दिलीप और छोटू का गंदा पेशाब से भरपूर मसालेदार लंड भी चाट चाटकर और चूस कर पूरी तरह से साफ कर दिया।
पर तीनों का लॉलीपोप चूऽसते चूऽसते मुँह में दर्द हो गया।
“याद रखना मर्द कभी भी अपना लंड नहीं धोते” “हमेशा हम औरतों को ही मर्दों का लंड आंड अपने मुँह से चाट चाट कर चूऽस चूऽस कर साफ करना होता है।”
“ये हम औरतों का फर्ज भी है और”
“आखिर मर्दों का लंड हम औरतों का पर्सनल खिलौना जो है।”
“मेरे पति ने मुझे समझाने के लिए अपने आप को गवाँर आदमी बना लिया था और अब लंड और आंड कभी नहीं धोते।”
“ताकि मुझे गंदे से गंदा लंड और आंड आराम से चाटने चूऽसने की लत लग जाए। हाँ जी अब मै भी पूरी गाँव की औरत बन गई हूँ”
“हाँ ये एक तरह का नशा है और अब मुझे ये अच्छा लगता है।”
“इन हरामियों का गंदा लंड आंड चाऽटते चूऽसते मुझे बड़ा गर्व हो रहा है कि मै भी अपनी गुरू अहिल्या की तरह सारे मर्दों की फेवरेट बनने वाली हूँ ”
“अब छोटू धीरे-धीरे अपना बड़ा लंड मेरी चूत में डालता जा रहा था”
“अब मै भिनी दर्द से पागल हो रही थी मगर में चीख भी नहीं सकती थी, ”
“क्योंकि दिलीप का लंड मेरे मुँह में था ”
“छोटू का लंड मेरे पति के लाए डिलडो जितना बड़ा” “यानी मेरे पति के लंड से दो गुना बड़ा लंड था।”
“उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया और आगे पीछे धक्के मारने लगा क्या अहसास था बता नहीं सकती”
अब मुझे भी मज़ा आने लगा था और अब मेरे मुँह से उम्म्म्म, आह की आवाजे आने लगी थी।
मेरे मुँह से “आआऽह आऽआहआऽ उउम् उऊह” की आवाज़ निकलने लगी
अब पूरे कमरे में छप-छप की आवाजे आने लगी थी। कुछ देर के बाद दिलीप ने मेरे मुँह में ही अपना वीर्य गिरा दिया
मै भी प्रोफेश्नल रंडी की तरह एक भी बुंद गिरने नहीं दिया पूरा पी गई
नीचे वाला फुल स्पीड में अंदर बाहर कर रहा था। कि उसको हटा कर मुस्टंडा अपना बड़ा लंड मेरी चूत में डालने लगा
जो मेरे पति के लंड से 3 गुना लंबा और मस्त मोटा भी था
जैसे ही उसने अपना लंड अंदर पेला मै जन्नत में पहुँच गई।
बस ईईईईईइ ऊऊफ़्फ़्स्स आवाज़ निकली
ना खतम होने वाली चुदाई
कभी किसी का लंड चूत में तो कभी किसी का
पूरा रूम सिर्फ आह आआऽह आऽआहआऽ उउम् उऊह उऊह उह आउ यस और फच फच फच की आवाजों से ही गूंजता रहा
अब तो मुझे दारू और गुटका की गंध से भी फर्क नहीं पड़ रहा है
तीनों कभी भी मेरे मुँह में अपना जीभ डाल कर फूल चूम्मा चूसाई कर लेते ।
अब तो मै भी चुदास में खुद उनके होंठ और जीभ चूस रही थी बिना हिचके।
मेरे मुँह में तीनों की थुक और लार थी और उनके मुँह में मेरी।
पर अब मुझे सब अच्छा लग रहा था।
वाकई जन्नत में हूँ
दोनों मर्द मेरे एक, एक मम्मे को मुंह में भर के चूसने लगे
कोई मेरे मम्मे चूऽस रहा है तो कोई मसल रहा है तो कभी कोई मेरे पैर और उंगलियाँ चूऽस-चाट रहा है
मम्मे को मुंह में भर के चूऽसते-चूउऽसते कभी कभी मेरी काँख और हाथ भी चूऽस-चाट रहे हैं।
कभी कभी वो लोग मुझ पर जंगलीयों की तरह झपट कर जबरदस्ती मेरे पूरे चेहरे और बदन के किसी भी हिस्से को चूमने चाटने और चूसने लगते
मुझे लगता कि मै उनकी रंडी हूँ गुलाम हूँ दासी हूँ।
पर जब देखा कि वो मुझे चूमने, चाटने, और चोदने के लिए एक दुसरे से लड़ रहे हैं तो फिर किसी महारानी या अप्सरा जैसा महसूस हो रहा है।
मर्द मेरे लिए लड़ रहे हैं क्या अहसास है
मुझे घमंड हो रहा था कि मैने चुदने के लिए 3 3 नौकर रखे हैं गुलाम रखे हैं।
घण्टों चली लम्बी घपाघप चुदाई के बाद हम थक कर निढाल हो गए।
फिर सब लोग अपना वीर्य मेरी चूत में निकालने को कहने लगे।
मैंने बिल्कुल मना कर दिया और कहा
चूत में नहीं डलवाऊँगी, और जैसे मर्जी कर लो।
फिर क्या था … उन्होंने मेरा मुँह चोदना शुरू कर दिया मै ने भी अपना मुँह बंद करके टाईट कर लिया ताकि लंड जल्दी पानी छोड़ दे
उन लोगों ने एक, एक करके मेरे मुंह को पूरा वीर्य से भर दिया और पूरा वीर्य पिला दिया, मैने भी एक बुंद बाहर नहीं गिरने दिया।
इस तरह मेरी पहली गैंग बैंग चुदाई हुई
मैं टूट सी गयी थी, थक गयी थी
लेकिन मुझे मजा बहुत आया था जन्नत का अहसास था यह।
मै बिस्तर के बीच में और मेरे दोनो ओर तीनो मर्द हम सब नंगे
दो मर्द तो मुझसे ऐसे चिपके थे जैसे कोई पति अपनी पत्नी से चिपका सोता है ऐसा एहसास हो रहा था जैसे मेरे दो दो पति हो।
इसी एहसास के साथ हम पूरी रात एक दुसरे के साथ नंगे सो गए
अगले दिन सुबह अलार्म बजने पर मेरे पति ने देखा कि मै कमरे में नहीं हूँ … तो वो मुझे खोजते हुए कमरे में पहुँचे तो
देखा कि मै तीनों नौकरों के साथ मस्त चिपक कर नंगी सो रही हूँ।
उन्होंने हमारे कुछ फोटो खींचे और मुझे जगाया।
बच्चों को स्कूल भेजना है। मै बाथरूम फ्रेश होने गई और
अब
हाए मुझे अगली रात का बेसब्री से इंतजार था।
अपनी कहानी भेजे : https://www.sexstorian.com/submit-your-story
तो… कैसी लगी मेरी Bibi Ki Chudai Kahani – बीवी की चुदाई Indian Wife Sex Stories गैंगबैंग चुदाई की कहानी? मेल करके जरूर बताये मेरा पता है y.stoody.y2@gmail.com