बारिश में चूत चुदाई की भीगी कहानियाँ – Barish Me Chudai, Sex Stories
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम अमित है । मेरी यह पहली कहानी है अगर कोई गलती हो तो माफ कर देना। मैं 24 साल का हूं रंग गोरा और हाइट 5 फुट 7 इंच की है । ना ही ज्यादा पतला हूं और ना ही ज्यादा मोटा। हरियाणा से बिलॉन्ग करता हूं और मैं B.A क्लास का छात्र हूं। मैं मिडिल क्लास परिवार से हूं मेरे पापा किसान है और मम्मी हाउसवाइफ है । ज्यादा समय खराब ना करते हुए मैं सीधा कहानी पर आता हूं यह कहानी एक सच्ची घटना है जो आज से 3 साल पहले की बात है। मेरा ताऊ भी खेती करते हैं और ताई घर का काम करती है।
मेरे ताऊ की लड़की का नाम ज्योति है वह मेरे से 2साल बड़ी है । वह दिखने में बहुत सुंदर है रंग बिल्कुल गोरा दूध की तरह। उसका साइज 34 28 32 है ।मैं मेरे ताऊ के घर आता जाता रहता हूं। मेरी मेरी बहन से बहुत ज्यादा बनती है हम एक अच्छे दोस्त की तरह रहते हैं वह मेरे किसी काम से भी मुझे कभी मना नहीं करती और मैं उसके सभी काम करता हूं पहले तो मैंने उसे कभी भी गंदी नजर से नहीं देखा था लेकिन एक दिन जब हुआ है झाड़ू निकाल रही थी तो बिल्कुल नीचे झुकी हुई थी और उसकी चूचियां नंगी दिखाई दे रही थी। उसकी चूचियां बिल्कुल कड़क थी उस दिन उसने एक दीप गले का सूट पहना हुआ था जो हरे रंग का था उसे देखते ही मेरे शरीर के अंदर 440 वोल्ट का करंट दौड़ने लगा और मेरा ल** बिल्कुल खड़ा हो गया और झटके मारने लगा मैंने किसी तरह अपने ल** को सेट किया और उसकी चूचियों को देखने लगा तभी वह खड़ी हो गई शायद उसने मुझे चूचियां देखते हुए भी नोटिस कर लिया था और पूछने लगी तुम कब आए ? मैंने कहा मैं तो अभी आया हूं तब उसने कहा बैठो मैं थोड़ा काम कर लेती हूं हैं फिर बात करेंगे । तो मैंने कहा नहीं मुझे घर पर काम है तो मैं बाद में आता हूं तुम तब तक काम कर लो । और मैं फिर वहां से सीधा अपने घर पर जाकर अपने रूम में चला गया मेरी आंखों के सामने उसकी नंगी चूचियां बार-बार दिखाई दे रही थी तभी मैंने जाते ही बाथरूम में मुट्ठ मारी मेरा ल** तब भी खड़ा ही था और बार-बार उसकी चूचियां दिखाई दे रही उसके बाद मैंने मन में ठान लिया कि मैं किसी भी तरह है कुछ भी करके इसको चोदना ही चोदना है । उस दिन के बाद जब भी मुझे मौका मिलता तो मैं उसकी चुचियों को देखता रहता था उसने भी शायद नोटिस कर लिया था कि मैं उसको किस नजर से देख रहा हूं।
कुछ दिन तक ऐसे ही नॉर्मल चलता रहा फिर एक दिन वह मुझसे बोली कि अमित चलो आज खेतों में चलते हैं तो मैं उसे अपनी बाइक पर बैठाकर खेत में जाने लगा रास्ते में गड्ढे होने के कारण जब भी मैं ब्रेक लगाता तो उसकी चूचियां हल्की सी मेरी पीठ पर स्पर्श हो जाती मेरा ल** एकदम से तन गया। फिर हम खेत में पहुंच गए और खेतों में घूमने फिरने लगे उस दिन उसने सफेद रंग का पारदर्शी सूट पहना हुआ था इसमें से उसकी ब्रा जो की लाल रंग की थी हल्की-हल्की दिखाई दे रही थी तभी अचानक बहुत तेज हवा चलने लगी वह है एकदम घबराकर मुझसे चिपक गई बहुत ज्यादा धूल मिट्टी उड़ रही थी उसकी चूचियां मेरी छाती से चिपकी हुई थी तभी बारिश होने लगी। थोड़ी ही दूर पर मेरे ताऊ ने एक कमरा बना रखा था जो कि वहां से 500 मीटर दूर था हम दोनों कमरे की तरफ जाने लगे उसकी ब्रा और पेटी अब बिल्कुल साफ दिखाई दे रही थी कुछ ही देर में हम कमरे में पहुंच गए वहां पर एक चारपाई थी हम दोनों बिल्कुल भीगे हुए थे हवा तेज होने के कारण ठंड भी लग रही थी ज्योति बिल्कुल कांप रही थी कमरे में भी हवा आ रही थी उसने मुझे कहा भाई मुझे बहुत तेज सर्दी लग रही है तो मैंने कहा कि मैं बाहर चला जाता हूं आप कपड़े निकाल कर इनमें से पानी निकालकर फिर पहन लो उसने कहा ठीक है मैं बाहर चला गया वह कपड़े निकालने लगी उसने जैसे ही अपना सूट निकाला उसकी ब्रा मैं से उसकी चूचियां मुझे आधे से ज्यादा दिखाई देने लगी ।मेरा ल** बिल्कुल रोड की तरह सख्त हो गया था मैं ल** को हाथ में लेकर हिलाने लगा ज्योति ने अपनी सलवार का नाडा खोला और निकाल दी अब वह है ब्रा का हुक खोलने लगी ब्रा निकालते ही मुझे उसकी चूचियां नंगी देखने का पहली बार अवसर मिला ।
अब मैं अपने ल** को तेजी से हिलाने लगा उसने अपनी पेंटी भी निकाल दी वह है अप्सरा की तरह लग रही थी बिल्कुल नंगी मेरे सामने खड़ी थी उसकी च** पर हल्के हल्के बाल थे और बिल्कुल गुलाबी दिखाई दे रही थी फिर जब ज्योति कपड़ों से पानी निकाल रही थी तो उसकी चूचियां नीचे बिल्कुल कड़क लटकी हुई थी चॉकलेटी रंग की उसके निप्पल बिल्कुल तने हुए थे तभी अचानक से एक चुहिया कमरे में आ गई जिसे देखकर ज्योति चिल्लाई । मैं तभी कमरे के अंदर भाग कर गया मुझे देखते ही ज्योति मुझसे बिल्कुल चिपक गई वह बिल्कुल डरी हुई थी मैंने उसे पूछा कि क्या हुआ तो उसने डरी हुई आवाज में कहां चुहिया आ गई थी । मुझे बहुत मजा आ रहा था ज्योति बिल्कुल नंगी मुझे अपनी बाहों में लिए हुई थी कुछ देर बाद मैंने उससे कहा चली गई है तुम कपड़े पहन लो नहीं तो सर्दी लग जाएगी तो उसने मुझे थड़ा और नजर नीचे करके कपड़े हाथ में लेकर बोली तुम बाहर चले जाओ तो मैंने कहा बाहर बारिश हो रही है और तेज हवा चल रही है मुझे भी सर्दी लग रही है और वैसे भी मैंने तुम्हें देख तो लिया ही है नंगी को अब फायदा क्या है बाहर जाने का और अगर तुम कहो तो मैं यहीं पर आंखें बंद करके खड़ा हो जाता हूं तो वह बोली नहीं कोई बात नहीं ऐसे ही खड़े रहो ।
मैं उसे घूर घूर कर देखने लगा फिर उसने पेंटी को पहन लिया और जब ब्रा को पहनने लगी तो उसकी नजर एकदम से मेरे भी पड़ी मैं अपने ल** को हाथ में लेकर जेब में से हल्का-हल्का हिला रहा था । ज्योति ने कहा भैया यह क्या कर रही हो आप मैं एकदम से डर गया फिर मैंने उससे कहा ऐसा करने से ठंड नहीं लगेगी। उसने कहा आप झूठ क्यों बोल रहे हो यह काम गंदे होते हैं तभी मैंने सोचा की लोहा गरम है और इसे चोदने का सबसे अच्छा मौका है तो मैंने उसे कहा सच बात है तुम कहो तो तुम्हें भी ठंड नहीं लगेगी । मैंने तभी उसे बाहों में भर लिया और अपने होठों को उसके होठों पर है रख कर किस करने लगा वह है अपने आपको मुझसे दूर करना चाह रही थी। लेकिन मैंने उसे कस कर पकड़ा हुआ था। कुछ देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी। मैं जीभ को उसके मुंह के अंदर धीरे-धीरे डालने लगा और एक हाथ को उसकी एक चूचि पर रख दीया और ब्रा के ऊपर से उसकी चूचि दबाने लगा अब वह भी गर्म होने लगी। फिर मैंने उसे चारपाई पर लेटा लिया और ब्रा को निकालकर उसकी चुचियों को पीने लगा वह मेरी पीठ पर अपने नाखून दबा रही थी मैं एक हाथ से उसकी च** सहला रहा था फिर हम 69 की पोजीशन में आ गई उसकी च** बिल्कुल गरम लग रही थी फिर मैंने अपना ल** निकाला और उसके हाथों में दे दिया वह मेरे ल** को पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी मैंने उससे पूछा हुई ठंड दूर है तो उसने कहा हां । फिर मैंने उसकी पैंटी को निकाल दिया और उसकी च** पर ल** को रगड़ने लगा अब वह ल** को लेने के लिए बिल्कुल तड़प रही थी तभी मैंने च** पर अपना ल** रखकर हल्का सा झटका मारा । उसकी च** बहुत टाइट थी जिससे मेरा ल** फिसल गया मैंने फिर दोबारा सेट करके एक जोरदार झटका मारा जिससे मेरा ल** का सिर्फ अगला हिस्सा ही अंदर गया ज्योति चिल्लाने लगी
आ आई आई मां मरगी करके चिल्लाने लगी ।
भाई प्लीज बाहर निकालो मुझे बहुत दर्द हो रहा है उसकी आंखों से आंसू और च** से खून निकल रहा था ।मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा। मैंने अपने हाथों से उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद वह है नॉर्मल हो गई अब उसका दर्द कम हो चुका था फिर मैंने एक और झटका मारा जिससे मेरा आधा ल** उसकी च** के अंदर समा गया था अब वह है और जोर से रोने लगी और कहने लगी भाई मैं मर जाऊंगी प्लीज स बाहर निकालो मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है तो मैंने फिर से अपने होठों को उसके होठों पर रखकर किस करने लगा और चूचियां दबाने लगा थोड़ी देर बाद नॉर्मल होने पर मैंने एक और झटका मारा वह चिल्लाने लगे लेकिन मैंने उसके होठों को अपने होंठों के बीच पकड़ा हुआ था वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी कुछ देर बाद हुआ है मेरा रिस्पांस देने लगी और किस करने लगी तभी मैं समझ गया कि अब इसका दर्द कम हो चुका है अब मैं हल्के हल्के धक्के लगाने लगा थोड़ी देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी वह भी अब मेरा साथ दे रही थी मैं मुंह से उसकी चूचियां पी रहा था और ल** से उसकी च** में धक्के मार रहा था 20 मिनट के च**** के बाद वह है दो बार झड़ चुकी थी।
अब मैं भी झड़ने वाला था मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी 2 मिनट बाद मैं भी उसकी च** में झड़ गया और थक्कर उसके ऊपर लेट गया। 5 मिनट बाद मैंने उसकी च** में से अपना ल** बाहर निकाला और देखा ल** पर खून लगा हुआ था और नीचे भी खून ही खून दिख रहा था। बाहर अभी बहुत तेज बारिश हो रही थी अब हम दोनों की ठंड बिल्कुल दूर हो चुकी थी। मैंने अपना अंडरवियर पहना बाहर निकल कर देखा सभी तरफ पानी ही पानी दिख रहा था। आस पास कोई भी व्यक्ति नहीं दिख रहा था तभी मेरे दिमाग में एक प्लान आया कि क्यों न आज पानी के अंदर च**** करके। देखें तो मैं ज्योति के पास गया और उससे कहा कि चलो बाहर च**** करेंगे लेकिन वह मना करने लगी और कहने लगी मुझसे और नहीं होगा मुझे थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा है और कोई देख लेगा तो। तो मैंने उसे कहा कि आस पास कोई भी नहीं है। लेकिन मेरे मनाने के बाद वह मान गई और उठ कर चलने लगी तो वह थोड़ी सी लड़खड़ा कर चलने लगी हम दोनों बाहर गए तो पानी की बूंदे हमारे ऊपर गिरने लगी उसकी सूचियों से पानी मोती की तरह नीचे गिर रहे थे। मैंने उसकी चुचियों को पीना शुरू कर दिया उसने मेरा सिर पकड़ कर अभिनेत्रियों के अंदर दबाने लगी मैं कभी एक सूची तो कभी दूसरी चूची को हाथ से लग रहा था। कुछ देर चूची पीने के बाद मैंने उसे पानी के अंदर है लेटने को कहा वह पानी के अंदर लेट गई और उसने अपनी गर्दन को मिट्टी के थोड़ी ऊंचे स्थान पर रख लिया मैं उसके ऊपर लेट गया हम दोनों पानी के अंदर से सिर्फ मुंह बाहर था मैं उसे किस करने लगा और एक हाथ से उसकी च** को पानी के अंदर ही रगड़ने लगा। उसने भी एक हाथ से मेरा ल** को पकड़ा और हिलाने लगी।
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कुछ देर हिलाने के बाद मेरा ल** अब फिर से खड़ा हुआ था और बिल्कुल कड़क हो गया था। पानी के अंदर उसकी चूचियां और च** हिलती हुई दिखाई दे रही थी अब मैं ल** को को उसकी चूचियों के बीच की दरार पर रख कर चूचियां के अंदर दबाकर पानी के अंदर ही आगे पीछे करने लगा । कुछ देर बाद उसकी च** पर ल** को रखकर रगड़ने लगा और फिर चूत के मुंह पर ल** को रखकर एक झटका मारा। जिसे आधा ल** उसकी चूत के अंदर समा गया था उसके मुंह से चीख निकल गई मगर वहां पर सुनने वाला कोई नहीं था अब मैंने हाथों से चूचियों को दबाना शुरू कर दिया और एक और जोरदार धक्का मारा जिसे पूरा ल** उसकी च** में समा गया खून की कुछ बूंदे अभी उसकी च** में से निकल रही थी अब मायने हल्के हल्के झटके देने शुरू किए और उसे चोदने लगा पानी के अंदर चोदने का अलग ही मजा आ रहा था मैंने अब अपना ल** बाहर निकाला और नीचे लेट पर ज्योति को ल** के ऊपर बैठने को कहा अब ज्योति धीरे-धीरे ऊपर नीचे हो कर चोदने लगी अब वह तेज तेज ऊपर नीचे हो रही थी मुझे बहुत मजा आ रहा था ऐसे ही 10 मिनट की च**** के बाद ज्योति झड़ गई और थक कर लैंड के ऊपर ही बैठी रही अब मैंने फिर से ज्योति को नीचे लगाया और उसकी च** के अंदर ल** को डालकर चोदने लगा अब मैं बहुत तेज तेज उसकी च**** कर रहा था और आधे घंटे तक उसकी जोरदार च**** की फिर मैंने सारा माल उसकी च** के अंदर भर दिया जो की च** से बाहर निकलता पानी के ऊपर आ रहा था अब मैं थक कर ज्योति के ऊपर पानी के अंदर ही लेट गया और मुंह पर किस करने लगा ज्योति इतनी गरम हो चुकी थी कि पानी भी हल्का हल्का गर्म होने लगा था फिर हम दोनों उठे और और अपने शरीर को पानी से साफ किया फिर हम कमरे के अंदर आ गए अब बारिश भी आना कम हो गई थी ज्योति मुझसे चिपक गई और किस करते हुए बोली लव यू जान आज तो बहुत मजा आया फिर मैंने उसे अपने हाथों से ब्रा और पेंटी पहनाई और मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए और उसने उसका सूट पहन लिया अब हम बाइक पर बैठे और ज्योति ने मुझे कसकर पकड़ कर गर्दन पर हल्का सा किस किया और घर चलने को कहा अब मैं भाई को जानबूझकर ब्रेक लगाता जिससे वह मेरी पीठ पर उसकी चुचियों को दबा देती और हंसने लगती उसके बाद गांव आते ही वह थोड़ी सी पीछे हटकर बैठ गई । हम घर पहुंच गए और उसे उसके घर छोड़कर मैं अपने घर चला गया कपड़े बदल कर मैं उसके घर गया तो उसने चाय बना दे हम दोनों ने शादी ताई और ताऊ घर पर नहीं थे । तो मैंने एक किस किया तो वह बोली बस सब कोई आ जाएगा उसने उस समय हल्के गुलाबी रंग का सूट पहना हुआ था । ajaat6041@gmail.com
आगे की कहानी अगले पार्ट में बताऊंगा तो दोस्तों कैसी लगी हमारी भाई बहन की च**** की यह सच्ची घटना कमेंट करके जरूर बताना।