New Year Sex Stories : Happy New Year Party Me New Group Hindi Sex Stories
ही फ्रेंड्स. मैं कंचन. जैसे की मैने पहले की कहानियों मे बताया की कैसे मैने पति के कहने पर एक मुस्लिम और फिर एक रिश्तेदार से छुड़वाना. मामा जी से छुड़वाने के बाद मुझे लगा की मुझे ये बात प्रकाश को बता देनी चाहिए क्योंकि वो खुद मुझे दूसरे मर्द से छुड़वाने चुके हैं. इसलिए जब मेरी ननद की शादी हो गयी तो दूसरे दिन ही मैने ये बात उनको बता दी. तो वो चौंक पड़े और कहा की दिलीप मामा ने तुमको भी कर लिया ?
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तो मई बोली और किसको किया तो प्रकाश ने कहा की उन्होने भाभी को भी छोड़ा है. मतलब प्रकाश की चचेरी भाभी. प्रकाश ने कहा की मुझे नही बताया तो मैं बोली की सोचा की आप नाराज़ होंगे. उसके बाद हुमको ट्रेन से मुंबई जाना था. फिर अगले ही दिन प्रकाश के ऑफीस से कॉल आया की एक ऑडिट हुआ है उसमे कुछ प्रॉब्लम्स आई हैं. प्रकाश ऑडिट का सारा काम देखते थे इसलिए अगले ही दिन फ्लाइट पकड़ कर चले गये और मुझे कहा की मैं टिकेट भिजवा दूँगा तुम आ जाना.
फिर उसके बाद प्रकाश ने ट्रेन की टिकेट भिजवा तो 3 दिन बाद की. रिज़र्वेशन वेटिंग मे था और एजेंट ने कहा था की कन्फर्म हो जाएगा. जिस दिन जाना था उस दिन मैने ससुर जी से कहा की टिकेट चेक करो तो वो बोले ताकि रॅक आया है. मई बोली की कैसे जौंगी. खैर उन्होने कहा की स्टेशन चलो मैं टीटी से बात करूँगा. शाम को ट्रेन थी. हम स्टेशन आए और फिर आवने कोच के पास आकर मैने ससुर जी से कहा की टीटी ने क्या कहा. तो वो बोले की इनको बैठा दो मैं रास्ते मे कुछ कर दूँगा. फिर मैं समान लगा दिया और बैठ गयी.
आधी सीट एक दूसरे आदमी की थी. थोड़ी देर बाद वो भी आ गया. उसकी आगे कुछ 40 साल के आस पास होगी. उसने कहा की क्या आप की रॅक है तो मैने कहा की हन. फिर उसने ससुर जी का चेहरा देखा जो घ रया हुआ था और कहा की आप चुनता ना करिए मैं इनको पूरी सीट दे दूँगा और कहीं अड्जस्ट कर लूँगा. आप आराम से घर जाइए. फिर उसने अपना समान लगाने के बाद बैठ गया. एसी कोच मे भी भीड़ लग रही थी पर ट्रेन चल दी और जो ड्रॉप करने आए थे वो उतार गे. उसके बाद टीटी आया तो उस आदमी ने बात की तब टीटी ने कहा की अभी रो कोई सीट नही खाली है एसी मे और फिर कहा की झाँसी के बाद शायद कोई सीट खाली हो जो झाँसी कोट मे हो. झा सी रात के 1 बजे आने वाला था.
फिर मैं साहनी सी बैठी थी. मैने एक कीपिंग और कुर्ता पहना हुआ था. मेरे बैठने से मेरी जांघों का कट और शेप सॉफ नज़र आ रहा था. फिर उस आदमी ने कहा की आओ ने खाना खाया तो मैने कहा की घर से खा लिया था और फिर उसमे अपना तिफ्फ़िं खोला और खाना खाने लगा. उसके बाद एक चादर ली और अटेंडेंट से एक ब्लंकेट माँगाया और वही ज़मीन पर बिछा लिया. तो मैने कहा की अरे आप उठिए और सीट पर बैठिए. वो उसने कहा की कोई बात नही तो मैने ज़िद की क्योंकि मुझे नही अक्चा लग रहा था.
वो वापस आकर बैठ गये. उसके बाद उसने परदा लगा दिया और कहा की झाँसी तक वेट करता हूँ फिर देखते है. हम बात करने लगे. उसने कहा की लुक्कणोव मे किस किए तो मैने कहा की शादी थी और हज़्बेंड को अर्जेंट जाना पड़ा. फिर उसने बताया की उसका बिज़्नेस है लक के मे और मुंबई एक कांट्रॅक्ट के किए जेया रहा है. उसका लॅडीस गारमेंट्स का बिज़्नेस था. फिर उसने कहा की आप जॉब करती हो तो मैने कहा की नही फिर उसने कहा की आप करना चाहोगी तो मैने कहा की कैसी जिब, उसने कहा की अगर ये कांट्रॅक्ट मिल जाता है तो उनको एक प्रमोटर की ज़रूरत होगी मुंबई मे, घर से भी किया जा सकता है.
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तो मैने कहा की सोच कर बतौँगी और उसने अपना कार्ड दे दिया मुझे. बातों ही बातों मे बात मेरी शादी और प्रकाश के साथ रीलेशन तक आ गयी. मैं भी तोड़ा कॅषुयल होकर बात गयी थी जिसमे मेरे क्लीवेज भी दिख रहे थे और तोड़ा साइड से कमर और पेर भी. फिर मैने थोड़ी तंग फैलाई एक तरफ और उस से कहा की आप भी फैला लो. उसका पाँजा बीच बीच मे मेरी मनावी कमर ओए टच हो जाता था. फिर वो जानबूझ कर आवने पैर के अंगूठे से मेरे कमर को सहने लगा. मैने उसकी तरफ देखा और कुछ नही बिला. हन जब उसने कार्ड दिया तब उसका नाम मैने देखा और वो एक मुस्लिम था. उसका नाम था ज़ुबैर. फिर जब मैने कुछ नही कहा तो उसकी हिम्मत बढ़ गयी और तोड़ा आयेज की तरफ सरक गया जिस से अब उसका पैर मेरी पेट तक टच कर रहा था. लेकिन. कोई दूसरा ऑप्षन भी नही था. बात करते ही झाँसी आ गया टीटी आया.
उसने उसी कोच मे मेरी सीट से 5 सीट बाद वाली सीट उसको दे दी जो झा सी मे बोर्ड नही हुई थी. वो चला गया. सुबह फिर हम साथ मे बैठ गये. मुझे तोड़ आसा फीवर आ गया था तो उसने कही स्टेशन पर जाकर दवाई भी काई. और पूरे रास्ते मेरा ख्याल रखा. फिर उसने मेरा नंबर भी लिया और मैं स्टेशन से घर आ गयी. तक जाने की वजह से जल्दी ही सो गयी और प्रकाश सुबह खुद नाश्ता बनाने ऑफीस चले गये मैं तोड़ा लाते उठी. फ्रेश हुई नाहया और टीवी देखने लगी. फिर सोचा उस ट्रेन वेल आदमी को फोन करूँ, मैने फोन उठाया और कॉल की. उसने फोन रिसीव किया और पूछा की क्या हाल हैं हम बात करने लगे, फिर उसने कहा की आपा कहा रहती हो तो मैने उसको बताया फिर वो बोला की मेरा घर रास्ते मे ही पड़ेगा जहाँ वो जेया रहा है तो मैं बोली लंच मेरे घर पर कर लीजिए. उसने कहा की ठीक है लेकिन तोड़ा टाइम लगेगा 3 बाज जाएगा .
मैं ओक बोल कर फोन काट दिया. फिर मैं खाना बनाने लगी और खाना बन जाने के बाद तोड़ा रेडी होने लगी. मैने एक स्लीव्ले टॉप और लोंग स्कर्ट पहनी. फिर तोड़ा सा लाइट मेक उप किया. 3 बजे ज़ुबैर आया. मैने पानी दिया और बात करने लगी. तभी प्रकाश का कॉल आया जो वो रोज़ 3 बजे करते थे, मैने बताया की वो ट्रेन मे जिसने मेरी हेल्प की थी वो आया है. तो बोले की ठीक से लंच करवाना और नेक्स्ट टाइम डिन्नर पे इन्वाइट करेंगे.
फिर फोन काट दिया और मैं खाना लगाने लगी. उसने कहा की मैं बहोट सेक्सी लग रही हूँ तो मैने कहा की सेक्सी क्या होता है तो ज़ुबैर ने कहा की जब एक औरत की खूबसूरती को देखकर सेक्स करने का मान हो तब वो सेक्सी होती है तो मैने कहा की किसका मान है सेक्स करने का तो वो बोला की किसी का भी हो सकता है. खाना खाते खाते 4 बाज गया और फिर उसने कहा की वो जेया रहा है और फिर मिलेंगे. रात मे प्रकाश आए और पूछने लगे ज़ुबैर के बारे मे तो मैने बताया की वो एक बिज़्नेस के काम से आया है और 5 दिन बाद चला जाएगा तो प्रकाश ने कहा की कल डिन्नर पे बुलाओ या फिर हम तीनो लोग बाहर चलेंगे. मैने कहा की ठीक है. फिर मैने उसको रात मे ही फोन किया और उसने सोचा की मैं अकेली हूँ एर बात थोड़ी लंबी हो गयी.
प्रकाश मुझे चिढ़ने लगे मैने उनके हाथ पे थपकी मारी और अगले दिन डिन्नर के लिए इन्वाइट करा. नेक्स्ट दे रेस्टोरेंट मे टेबल बुक कर लिया और प्रकाश शाम को जल्दी आ गये, मैं हमेशा सारी मे बाहर जाती थी . उस दिन भी मैने एक क्रीम नेट की सारी और एक हॉल्टर नेक वाला ब्लाउस पहना था जिसमे मेरे कंधे और बाहें पूरी खुली थी. उसके बाद ज़ुबैर हमको रास्ते मे मिला और हम रेस्टोरेंट गये. मैं और प्रकाश आमने सामने बैठे थे और ज़ुबैर मेरे तोड़ा बगल मे. खाना ऑर्डर किया और बात होने लगी. प्रकांड का एक फोन आया और वो अलग चला गया उसी बीच ज़ुबैर ने मेरे हाथ पे हाथ रख दिया और कहा की बहोट आक्ची लग रही है.
मैने था क्स कहा और फिर तीनो ने खाना ख़तम किया और ड्राइव पर निकल गये. प्रकाश और ज़ुबैर भी अब घुल मिल गये थे. रात को 1 बजे हम घर आ गये. अगले दिन ज़ुबैर का फोन आया और उसने कहा की कंचन क्या तुम अकेले मे मिल सकती हो तो मैने कहा की किसलिए तो वो बोला की मोविए के लिए, मैने प्रकाश से पूछा तो वो बोला की चली जाओ. मैने हन कर दी और शाम का 6 बजे का शो बुक करवा लिया, मैने जीन्स और टॉप पहना. और बाहर आई, ज़ुबैर कॅब लेकर आया था. हम लोग इनोक्ष के लिए निकल गये. ज़ुबैर ने पीछे एक कॉर्नर की सीट बुक करवाई थी. ज़ू एर देखने मे 6 फीट का और आची कद कती का था.
कोई भी औरत उसको बिना देखे नही जाती थी, मेरा मंगल सट्रा व नेक के टॉप मे मेरी चुचियों के बीच मे फँसा था, मोविए चालू हुई और थोड़ी देर बाद ज़ुबैर ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मैने भी कुछ नही कहा अब ज़ुबैर ने हाथ चिड़या और मेरे कंधे पर रख दिया, मैने उसकी तरफ देखा और स्माइल दी. फिर मोविए देखने लगे, बीच मे ज़ुबैर मेरे स्लीव्ले. टॉप मे मेरी बहिन को सहने लगता, और मुझे अक्चा लग रहा था. थोड़ी देर बाद मोविए ख़तम हुई और 8.40 रात का बाज गया था, ज़ुबैर ने कहा की कंचन तुमको बुरा तो नही लगा, तो मैने कहा की अरे नही . फिर ज़ुबैर मुझे गहर ड्रॉप करने आया तो मैं बोली की उपर आओ तो वो बोला की नही लाते हो गया है तो मैने यूस्क हाथ पकड़ा और कहा की चुपचाप चलिए. हम घर आए तो प्रकाश भी आ चुके थे.
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दोनो ने ही किया और मैं रूम मे चली गयी चेंज करने. मैने एक निघट्य पहन ली और बाहर आई. प्रकाश ने कहा की वो किसी काम से बॉस के घर जेया रहे हैं और शायद रात हो जाएगी , मैने कहा की इस टाइम रात मे क्या काम तो प्रकाश ने कहा की कल ऑफीस मे कुछ ऑडिट का काम है तो फाइल ले औन और स्टडी कर लूँगा और सनडे भःइ है कल. फिर वो रूम मे गये और एक पॅकेट लाए मुझे दिया और चले गये. मैने पॅकेट देखा तो एक कॉंडम और ई पिल का पॅकेट था उसमे लिखा था एंजाय. मैं समझ गयी की वो मुझे ज़ुबैर के साथ अकेली जानबूझ के चोर गये. ज़ू एर ने कहा की क्या हुआ मैने कहा कुछ नही उट उसके बगल.मे बैठ गयी अब ज़ू एर ने मेरे हाथों मे अपना हाथ रखा और तोड़ा पास आकर मेरी गर्दन पे चूमने लगा,
मैने कहा की रूम मे चलो. रूम मे जाकर ज़ुबैर ने मुझे बेड पर लिटा कर मेरे बलों से खेलने लगा और मेरी निघट्य की डोरी सामने खोल दी, मेरी निघट्य के दोनों पार्ट अगाल बगल किए और मैं बरा और पनटी मे बेड पर एक पराए मर्द के सामने केटी थी. ज़ुबैर उठा और अपने कपड़े कपड़े भी उतार दिए, क्या गठिया और मजबूत बॉडी थी, उसके बाद उसने अपना लंड हाथ से हिलाया और मेरे पास आकर कहा की कंचन अब तो और भी सेक्सी लग रही हो. फिर उसने मेरी पनटी और ब्रा भी उतार दी और मैं उसके बहिन मे नंगी थी.
उसने मुझे बिताया और मेरे पीछे आकर मेरी छूट को रग़ाद ने लगा और दूसरे हाथ से मेरी चुचियों को सगला रहा था . गर्दन और कन को चाटने भी लगा जिस से मैं गरम होने लगी और मेरा पानी निकल गया. ज़ुबैर अब उठा और मेरे मूह मे खड़े होकर अपना लंड डाल दिया, मैने पहले तो उसके औलाड़े को जीभ से गोल गोल घुमाया और फिर लंड मूह मे डाल कर चूसने लगी. हाथों से उसके बॉल्स को सगला रही थी फिर थोड़ी देर चूसने के बाद ज़ुबैर का लंड एकद्ूम लोहे जैसा कड़ा हो गया था. मुस्लिम के लंड के आयेज का पार्ट तोड़ा कड़ा था जिसके कारण एक बहोट ही अजीब और अक्चा सा एहसास होता है.
फिर ज़ुबैर ने मुझे किराया और मेरे टॅंगो को फैलाकर अपना लंड मेरे छूट मे डालने के लिया पुश किया. लंड का सुखदा अंदर गया उर आयेज से कटा होने के कारण वो मेरी छूट की ड्यूवर मे रगड़ा तो गुदगुदी हुई और फिर ज़ुबैर ने पूरा लंड अंदर डाल दिया मेरी बहिन को कस के पकड़ रखा था और लंड को पूरा ज़ोर से अंदर तक घुमाया. और थोड़ी देर तक वैसे ही घुसने रखा. मैने बोली की ज़ुबैर प्लीज़ अब निकालो और धक्के मरो. तो वो बोला की अभी अनादर रहने दो और फिर बाहर निकाला. मैं अब तोड़ा छूट को टच किया तो वो झड़ने के बाद काफ़ी गीली थी और ज़ुबैर का 7 इंच का लंड लेने के लिए तैयार थी.
मैने ज़ुबैर को आँख मारी और कहा की शुरू हो जाओ, ज़ुबैर ने मुझे गोद मे उठाया और आवने मजबूत बाहों से उठाकर अपने लंड पे बिताकर हवा मे छोड़ने लगा मुझे पहली बार ऐसे छुड़वाने मे बहोट मज़ा आ रहा था फिर उसने लिटाया और मेरे उपर आकर ज़ोर ज़ोर से छोड़ने लगा और मैं अब बहाल हो रही थी, मेरी चुचिया उपर नीचे होने लगीं तो उनको मैने हाथों से पकड़ा और आहें भरने लगी. उसके बाद फिर 20 मिनिट छोड़ने के बाद ज़ुबैर ने मुझे घोड़ी बनाया और ज़बरदस्त तरीके से चुदाई करने लगा मैं भी बहोट गरम थी और बस यही मान कर रहा था और चुड़वति जौन. फिर ज़ुबैर ने कहा की कंचन अपना मूह खोलो.