हवस के चक्कर में उजाड दिया घर

मेरा नाम रानी त्रिपाठी है और मैं नए – नए लंड की बड़ी शौक़ीन लौंडिया हूँ और मैं आपको गिनती भी करके नहीं बता सकती की आज मैंने कितनी लंडों को अपनी चुत और गांड में ठुन्स्वा चूका होगा, ना जाने मैं कितने लंडों को संतुष्ठी प्राप्त कराई है | मैं बिहार के एक छपरा जिले के ही रहिनी वली मस्त जवानी लौंडिया हूँ और मेरे चूतडों को देखते ही हर कोई अपना लंड बस पकड के ही रह जाता है | मैंने आज तक कई लोगों को बस अपनी चुत के दर्शन कराकर ही घर को उजाड दिया उनमें से एक कहानी मैं आपको सुनाने जा रही हूँ |
मुझपर एक ३५ साल का मर्द गंदे तरीके से फ़िदा हो चूका था और बस किसी भी तरह मेरी चुत का सौदा करना चाहता था | मैंने उसे अपने जाल में पूरी तरह फसाने के लिए उसे पहले अपने पीछे खूब नचाया जिसके कारण उसने एक कंपनी पूरी तरह मेरे हाथ में सौंप दी और फिर जाकर मैंने उसे अपनी चुत के दर्शन कराये और कमबख्त आज तक मेरी चुत कपीचा नही चोद रहा | उसने मुझे पहली बार अपने फार्म – होउस पर ही चोदा था जहाँ वो मुझे अनजान रख कर बस ले चला और वहाँ और उसने मेरे कन्धों को मसलते हुए मेरे सामने अपने सारी नियत जाहिर की |

अब क्यूंकि मैं भी इतनी बड़ी बेवकूफ नहीं हूँ इसीलिए मैंने उससे पहले एक कंपनी की मालकिन बाने की बात रख दि और उसने मेरे सामने ही सारे दस्तवेजों पर हस्ताक्षर मुझे अपनी कंपनी सौंप दी और और मेरे सीने से लिपट गया | उसने देखते ही देखते मेरी कमीज़ को भी उतारा दिया और मैं भी बस इतनी अच्छी खासी जायदात के आगे झुक पड़ी | मैंने पहले कुछ देर अपने लबों को उसके होठों से मिलाया पर उसके सख्त दादी मेरे गालों पर चोब रही थी इसीलिए मैं उस भूके शहर को अपने नीचे भाग के भरोसे ही चोद दिया और मेरे चुचों को साथ कुछ ही देर में जमकर खिलवाड़ करने लगा |

मैं भी उसकी इसी आदत पर मदहोश होती चली गयी तभी उसने मेरी स्कर्ट को नीचे को खीच दिया | मैं इससे पहले उसे कुछ कहती उसने मुझे अपनी गौड में उठा लिया और सामने के सोफा पर जा कर लिटा दिया | वो अब कमीना मुझे मुस्कुराते हुए देख रहा था और नीचे से मेरी पैंटी के उप्पर से ही मेरी चुत के उप्पर अपनी उगलियों घुमाता हुआ गर्म कर रहा था | मुझसे भी अरह ना गया और मैंने उसे झट से मेरी चुदाई कर काम खतम करने लगा पर उसने मेरी एक सुनी और धीमी चाल से मुझे खूब तरसाने लगा | कुछ देर बाद उसने अपनी पैंट को खोला और अपना मोटा लंड मेरे मुंह में ठूस दिया मुझे अजब तो लगा पर उसके लंड भी भी मुझे मीठा – मीठा लगने लगा तह |

मैं अपने आप को उसका लंड चूसने सा ना रोक पाई और उसने भी मेरी पैंटी को उतारते हुए उसमें ऊँगली करने लगा | कुछ ही देर में वो मेरे उप्पर चड गया और अपने लंड को मेरी कोमल सी चुत पर टिकाते हुए हैवानो की तरह चोदने लगा | वो अब मेरे उप्पर चड किडी पागल सांड की तरह लगभग एक घन्टे तक चोदता रहा और उस समय के दौरान मेरा पूरा दम निकल चूका था | आखिर में वो ही थकक हार कर मेरे ही उप्पर झड गया | उस दिन के बाद से उसने बीवी को भी मेरे लिए छोड दिया और अपनी सारी जायदात को मेरे नाम कर आज तक भिकारी बन मुझे चोदता हुआ आ रहा है

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