हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आसिफ़ है और में पिछले बहुत सालों से SexStorian.com की सेक्सी कहानियों को पढ़कर बहुत मज़े लेता आ रहा हूँ और ऐसा में लगातार करता आ रहा हूँ। मैंने अब तक जितनी भी कहानियाँ पढ़ी, वो सभी मुझे बहुत अच्छी लगी है और मुझे उनको पढकर बड़ा मज़ा आया। दोस्तों एक दिन मैंने मन ही मन सोचा कि क्यों ना में भी आप सभी चाहने वालों के साथ अपना पहला सेक्स अनुभव मेरी अपनी एक सच्ची घटना आपको सुनाऊँ? और इसलिए में आज अपनी कहानी को लेकर आप लोगों के पास आया हूँ। दोस्तों इस कहानी में मैंने अपने मकान मालिक की बेटी को चोदकर उसकी कुंवारी चूत के मज़े लिए और उसकी सील को मैंने बहुत खुश होकर तोड़ दिया और बहुत मज़े किए। उसको बहुत अच्छा अनुभव अपनी अच्छी मस्त चुदाई का दिया, जिसको वो अपनी पूरी जिंदगी याद रखेगी, लेकिन में सबसे पहले अपना परिचय आप लोगों से करवा देता हूँ। उसके बाद में कहानी की तरफ आगे बड़ता हूँ। दोस्तों में 22 साल का एक अच्छा दिखने वाला गोरा गठीले बदन का लड़का हूँ और मेरी लम्बाई 6 फिट और मेरे लंड का आकार 5 इंच है और मुझे बचपन से ही सेक्स करने में बहुत रूचि रही है और यह काम करना मुझे बहुत अच्छा लगता और मुझे उसमें बड़ा मज़ा आता है।
अपने मालकिन की बेटी को चोदा
दोस्तों चलो अब हम कहानी की तरफ आते है, यह दो साल पहले की बात है, जब में अपनी आगे की पढ़ाई के लिए अपने गाँव से पास के शहर में आया था, क्योंकि हमारे यहाँ पर कॉलेज नहीं था और में कुछ दिन तो अपने अंकल के घर पर ही रहा, लेकिन फिर मैंने वहां पर रहकर महसूस किया कि में वहाँ पर रहकर अच्छी तरह से अपनी पढाई नहीं कर सकता, इसलिए मैंने अपने लिए एक अलग घर किराए पर ले लिया और में वहां पर रहने चला लगा, वहाँ पर मेरा रूम ऊपर की मंजिल पर था और नीचे की मंजिल पर मेरा मकान मालिक भी रहता था।
दोस्तों मेरा मकान मालिक का नाम रशीद था और उनके एक ही बेटी थी, उसका नाम राबिया था, वो भी एक अच्छे से कॉलेज में अपनी पढ़ाई कर रही थी, वो अंकल और आंटी दोनों ही बहुत अच्छे थे और उनका व्यहवार मुझसे हंसकर बड़े प्यार से बात करने का तरीका मुझे अच्छा लगता और इस वजह से में भी कुछ ही दिनों में उन सभी घर वालों में बहुत अच्छी तरह से घुल मिल गया और वो लोग भी मुझे बहुत अच्छा लड़का समझते थे और इसलिए में उनके घर में अक्सर आता जाता रहता था और वैसे मेरा ज्यादा ध्यान अपनी पढ़ाई में ही रहता था, इसलिए अंकल और आंटी मेरा बहुत ध्यान रखते थे, वहां पर उनकी वजह से मुझे किसी भी चीज़ की कोई कमी नहीं थी, इसलिए में भी लगातार अपनी पढ़ाई में लगा रहता, मुझे और किसी काम से कोई मतलब नहीं था। दोस्तों में हर रविवार के दिन बहुत देर तक सोता था। उस दिन में अपने रूम में लेटा हुआ था कि तभी अंकल की बेटी जिसका नाम राबिया है, वो ऊपर छत पर कपड़े धूप में डालने आई तो मैंने ध्यान से उसको देखा तो वो पानी में एकदम भीगी हुई है, वो क्या मस्त कमाल की दिख रही थी, उसके फिगर का आकार करीब 36-32-38 था, लेकिन वो बहुत आकर्षक था, जिसको में अपनी चकित नजरों से लगातार देखे जा रहा था और उसने उस समय अपने कपड़ो के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी, जिसकी वजह से उसके सफेद रंग के कपड़ो में से उसके गोरे बूब्स और उनकी हल्के भूरे रंग की निप्पल कुछ कुछ नज़र आ रही थी। में दूर से अपनी ललचाई नजर से उसके बूब्स को देखकर मज़े ले रहा था। तभी अचानक से उसकी नज़र मुझ पर पड़ गई और उसने मुझे देख लिया कि में उसके झूलते लटकते हुई बड़े आकार के आकर्षक बूब्स को अपनी भूखी नजरों से देख रहा हूँ, तो वो घबराकर नीचे चली गई और में कुछ टेंशन में आ गया। फिर मैंने मन ही मन में सोचा कि कहीं यह किसी को बता ना दे, इसलिए जब वो दोबारा आई। फिर मैंने उसको अपनी उस गलती के लिए माफ़ करने के लिए बोला, तो उसने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन अब उसके सर पर दुपट्टा था। उसके बाद में रोज़ाना उसका फिगर याद कर करके मुठ मारा करता था। फिर एक दिन अचानक अंकल ने मुझे सुबह सुबह बुला लिया और कहा कि राबिया को तुम इसके कॉलेज तक अपनी बाईक पर ले जाकर छोड़ देना, क्योंकि आज अंकल की बाईक पंचर थी।
फिर मैंने राबिया को अपने पीछे अपनी गाड़ी पर बैठा लिया। तब मैंने महसूस किया कि वो मुझे अपनी अजीब नजरों से देख रही थी और में बाईक भी डर की वजह से धीरे चला रहा था। फिर अचानक राबिया ने मुझसे कहा कि उसको देर हो रही है आप अपनी इस बाईक को थोड़ा तेज़ चलाओ। फिर मैंने हिम्मत करके उसको कह दिया कि तुम गिर जाओगी, तुम मुझे ज़रा मज़बूती से पकड़ लो। फिर क्या था उसने मुझे मेरे कहने पर अपने एक हाथ से मज़बूती से पकड़ लिया, जिसकी वजह से उसके गोल मटोल उभरे हुए बूब्स मेरी कमर से दब रहे थे, में कुछ ज्यादा ही स्पीड में अपनी गाड़ी को चलाने लगा। फिर उसने मुझसे पूछा कि तुम्हारी क्या कोई गर्लफ्रेंड है? में अचानक से उसके इस तरह के सवाल से घबरा गया और मैंने उससे कहा कि नहीं मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है। फिर उसने कहा कि तभी तुमने कहीं भी ब्रेक नहीं लगाया और फिर मैंने उसी समय ब्रेक लगाया, क्योंकि अब उसका कॉलेज आ गया और वो मेरी तरफ हंसती हुई अपने कॉलेज के दरवाजे के अंदर चली गई और फिर जब में वापस घर पर आया तो अंकल ने मुझसे पूछा कि तुम्हें कोई परेशानी तो नहीं हुई? मैंने उनसे हंसते हुए कहा कि जी नहीं और फिर में उसको दोपहर के समय उसके कॉलेज से लेने भी गया, लेकिन अब भी मैंने अपनी गाड़ी को बिना मतलब के कोई ब्रेक नहीं लगाया, उसने घर पर पहुंचकर मुझसे धन्यवाद कहा और वो अपने रूम में चली गई और में अपने कमरे में जाकर अपनी पढ़ाई करने लगा। फिर उसी शाम को वो मेरे पास मेरे लिए चाय लेकर आई और अब उसने हंसते हुए मुझसे कहा कि तुम गाड़ी बहुत अच्छी तरह से देखभाल करके चलाते हो, इसलिए मेरा दिल करता है कि में तुम्हें अपना ड्राईवर रख लूँ। दोस्तों उसकी वो बातें सुनकर मैंने मन ही मन सोचा कि मेरा रास्ता अब साफ है, फिर इसलिए मैंने उससे कहा कि हाँ जरुर मुझे उसमें किसी भी तरह की कोई आपत्ति नहीं है, में हमेशा आपका एक ड्राईवर भी बनकर रहने के लिए तैयार हूँ, वो मेरी बात को सुनकर शरमाते हुए तुरंत नीचे भाग गई। फिर अचानक उसी समय नीचे से मुझे अंकल ने आवाज़ दी और मैंने नीचे झांककर देखा कि वो सब लोग बहुत टेंशन में थे और में डरने लगा और मैंने मन ही मन सोचा कि शायद राबिया ने मेरी हरकतों बातों के बारे में अपने मम्मी, पापा से जरुर कुछ कहा होगा, इसलिए वो मुझे इतनी जल्दी ज़ोर से आवाज लगाकर नीचे बुला रहे है, लेकिन मेरे डरते हुए नीचे चले जाने के बाद अंकल ने मुझे बताया कि गाँव में उनके भाई की अचानक मौत हो गई है और इसलिए अंकल को बहुत जल्दबाजी में अपने गाँव जाना होगा और फिर अंकल ने मुझसे आंटी और राबिया का ध्यान रखने के लिए बोला और कहा कि में इनके पास ही नीचे आकर सो जाया करूँ, तो मैंने उनको सही काम के लिए उनसे हाँ कह दिया और फिर में अंकल को स्टेशन तक अपनी गाड़ी से छोड़ने चला गया और वापस आते समय मुझे शाम का समय होने लगा था और आते समय आंटी ने मुझे सर दर्द बंद होने और नींद की गोलियां बाजार से लाने के लिए बोला और में उनके लिए वो ले आया।
दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि आज वो बहुत टेंशन में थी, इसलिए आंटी मेरे घर पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही नींद की कुछ गोलियाँ खाकर गहरी नींद में सो गई। उसके बाद राबिया और में बहुत देर तक छत पर बैठकर इधर उधर की बातें कर रहे थे और तब मैंने महसूस किया कि राबिया उस समय मुझे अपनी अजीब सी नज़रों से देख रही थी। मैंने मुस्कुराते हुए उससे पूछ लिया क्या कत्ल करने का इरादा है? तो वो हंसती हुई हाँ करके नीचे भाग गई और फिर में भी उसके पीछे पीछे नीचे चला गया और मैंने नीचे जाकर देखा कि वो उस समय अपने रूम में थी और में भी उसके रूम में चला गया। अब वो मुझे देखकर अचानक से घबरा गई और वो मुझसे पूछने लगी कि तुम यहाँ पर कैसे? मैंने हिम्मत करके उससे कह दिया कि आज रात में यहाँ पर ही तुम्हारे रूम में रहूंगा, क्योंकि अंकल ने मुझसे कहा है। फिर उसने कहा कि मेरे रूम में ही क्यों तुम पास वाले दूसरे रूम में चले जाओ? में आज वहीं पर तुम्हारा बिस्तर लगा देती हूँ। फिर मैंने उससे कहा कि नहीं में तो तुम्हारे पास यहीं पर सोऊंगा। फिर उसने कहा कि नहीं कोई हमें देख लेगा। अब मैंने उससे कहा कि आंटी ने जो मैंने उनको नींद की दवाई लाकर दी है, वो उन्होंने खा ली है, इसलिए वो अब कल सुबह से पहले नहीं उठ सकती और वैसे मैंने उनके कमरे का दरवाजा भी बाहर से बंद कर दिया है। फिर वो मेरी पूरी बात को सुनकर मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और मैंने तभी अच्छा मौका देखकर उसका हाथ तुरंत पकड़ लिया और उसी समय मैंने बिना देर किए उसको अपनी बाहों में ले लिया और में उसको किस करने लगा। पहले तो वो मेरे यह सब करने से थोड़ा सा शरमाने लगी, लेकिन फिर कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि उसको भी इसमें मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और उसको लाजशर्म छोड़कर मेरा साथ देते हुए देखकर में तुरंत समझ गया कि अब तो मेरा काम बन गया है। फिर मैंने ज्यादा देरी ना करते हुए उसको चूमना सहलाना छोड़कर तुरंत बेड पर लेटा दिया और में करीब बीस मिनट तक उसको लगातार किस करता रहा। तब मैंने महसूस किया कि वो अब बहुत हॉट हो चुकी थी और मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू किया, जिसकी वजह से वो तो एकदम काँपने लगी और वो मुझसे चिपक गई। फिर मैंने अपनी शर्ट को उतार दिया और सही मौका देखकर उसकी कमीज़ को भी मैंने उतार दिया। उसके बाद मैंने उसकी ब्रा को थोड़ा सा ऊपर करके उसके उन दोनों कबूतरों को मैंने उस केद से आजाद कर दिया और वो तुरंत बाहर आकर मेरे सामने उछल कूद करने लगे, वो बहुत आकर्षक थे और में उनको देखकर पागल हुआ जा रहा था और अब में उसके बूब्स को अपने एक हाथ से दबा रहा था। फिर मैंने उनको छूकर महसूस किया कि वो रुई की तरह एकदम मुलायम बहुत गोरे बिल्कुल गोल जिनकी निप्पल अब तनकर ऊपर उठ चुकी थी और में अपने दूसरे हाथ से उसकी चूत को भी सहला रहा था, वो एकदम लाल हो चुकी थी। फिर मैंने ज्यादा देर ना करते हुए उसी समय उसकी ब्रा को भी उतार दिया और में उसके बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और मुझे ऐसा करने में बड़ा मज़ा और उसको बहुत जोश आ रहा था। वो अब तक बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी और तभी कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि अब इस बीच वो झड़ चुकी थी। दोस्तों ये कहानी आप SexStorian.com पर पड़ रहे है।
फिर मैंने अपनी पेंट को उतार दिया और उसकी सलवार को भी उतार दिया और में उसको देखकर बड़ा ही हैरान, चकित हो गया था, क्योंकि मैंने देखा कि उसने सलवार के अंदर पेंटी नहीं पहनी थी। फिर तभी मैंने उससे पूछा क्या इससे पहले भी कभी तुमने किसी के साथ सेक्स किया है? तो उसने कहा कि नहीं, में उसके मुहं से उसका वो जवाब सुनकर दिल ही दिल बहुत खुश हो गया कि मुझे आज एक कुंवारी चूत की चुदाई करने का मौका मिल रहा है और में उसकी चूत को देखकर एकदम हैरान रह गया, क्योंकि वो एकदम चिकनी, उभरी हुई, कामुक, बड़ी आकर्षक, लाल रंग की थी और उस पर बाल भी नहीं थे, में तुरंत नीचे झुककर पागलों की तरह उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा, जिसकी वजह से वो तो पागल हो गई और अपने मुहं से अजीब अजीब सी आवाजे निकलने लगी, श्ईईईईई उफफफफफ्फ़ और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब तुम कुछ करो, आह्ह्ह्ह में अब वरना मर ही जाऊंगी। अब में उसकी बैचेनी को देखकर अपना पांच इंच लंबा लंड उसके मुँह में डालने की कोशिश करने लगा। तभी उसने ऐसा करने के लिए मुझसे साफ मना कर दिया। फिर मैंने उसको समझाया तब उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और वो उसको चूसने लगी, जिसकी वजह से में करीब पांच मिनट में झड़ गया और मैंने अपना सारा वीर्य उसको पिला दिया। फिर मैंने उसको तेल की बोतल लाने के लिए कहा और वो उठकर जाकर तेल की बोतल लेकर आ गई। फिर मैंने उससे वो बोतल लेकर अपने लंड और उसकी चूत पर लगा दिया और तब मैंने छूकर महसूस किया कि उसकी चूत बहुत टाईट थी, में मन ही मन सोचने लगा कि मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बड़ी मुश्किल बहुत मेहनत से जाएगा और ज्यादा ज़ोर लगाने से वो चीखने चिल्लाने भी लगेगी, इसलिए मैंने उसके मुँह पर कपड़ा बांधना चाहा, जिसकी वजह से उसकी आवाज अंदर ही दबी रह जाए, लेकिन उसने मना कर दिया। तब मैंने कहा कि तुम दर्द की वजह से चीखने चिल्लाने लगोगी तो हमारे लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी। फिर उसने कहा कि नहीं में उस दर्द को बर्दाश्त कर लूंगी, में अपनी आवाज को बाहर नहीं निकलने दूंगी, तुम मेरी तरफ से कोई भी चिंता मत करो, लेकिन थोड़ा धीरे धीरे करना और मेरे कहने पर रुक जाना। फिर मैंने कहा कि हाँ फिर तो ठीक है, तुम जैसे कहोगी में ठीक वैसे ही करूंगा, जब कहोगी रुक जाऊंगा और फिर मैंने एक तकिया लेकर उसकी कमर के नीचे रख दिया, जिसकी वजह से उसकी चूत कुछ ऊपर उठ गई और वो उठने की वजह से कुछ खुल भी गई और वो दिखने में बड़ी सुंदर उसकी चूत का दाना एक दम लाल मुझे अपनी चुदाई के लिए ललचा रहा था। फिर मैंने पागल होकर अपना लंड उसकी चिकनी चूत के मुहं पर रख दिया और में अपने लंड को धीरे धीरे उसकी गीली चूत के अंदर करने लगा, जिसकी वजह से उसको दर्द होने लगा और वो उस दर्द से तड़प रही थी, लेकिन वो अपने मुँह से आवाज़ नहीं निकाल रही थी। फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत में तीन इंच अंदर कर दिया और में रुक गया और वो भी थोड़ा सा शांत हो गई और में कुछ देर बाद धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा। फिर मैंने महसूस किया कि अब उसको भी मज़ा आने लगा था और कुछ देर बाद मैंने थोड़ा सा ज़ोर लगाया, लेकिन मेरा लंड सिर्फ़ एक इंच ही उसकी चूत के अंदर जा सका और वो दर्द से तड़प रही थी और मैंने उसके होंठो को चूसते हुए एक जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और अब मैंने देखा कि उसकी चूत से खून भी बाहर निकलने लगा, जिसकी वजह से वो एकदम घबरा गई और उसने रोना शुरू कर दिया। फिर मैंने धक्के देना बंद करके उसको समझाया कि हर पहली चुदाई में ऐसा ही होता है और इसमें डरने या चिंता की कोई भी बात नहीं है।
फिर उसने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन मुझे अब दर्द बहुत ज्यादा हो रहा है और में इस दर्द का क्या करूं? मैंने उससे कहा कि यह अभी कुछ देर बाद धीरे धीरे खत्म हो जाएगा। उसके बाद मैंने धीरे धीरे अपने लंड को हिलाना शुरू किया, अब वो थोड़ा शांत थी और मेरे साथ मज़े भी कर रही थी और अब वो मेरा साथ भी दे रही और में उसको किस और उसके बूब्स को सहलाता हुआ उसकी चुदाई धीरे धीरे धक्के देकर कर रहा था। तब मैंने महसूस किया कि वो इस बीच झड़ गई थी। फिर कुछ देर बाद मैंने अपने धक्को की स्पीड को बढ़ा दिया और में उसको लगातार चोदता रहा और अब पूरे कमरे में अजीब सी पच पच फच की आवाजे आ रही थी। फिर मैंने करीब 15 मिनट तक उसको चोदा और अब में भी झड़ने के करीब था, इसलिए मैंने उसको बताया कि में अब झड़ने वाला हूँ, इसलिए मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और अपना पूरा वीर्य उसकी चूत के मुहं पर निकाल दिया और में उसको चूमने लगा। तब मैंने देखा कि वो आज बहुत खुश थी और हम ऐसे ही लेटे रहे। उसके बाद हम दोनों उठकर साथ में ही बाथरूम में चले गए और हम दोनों नहाने लगे और इस बीच में एक बार फिर से उसकी चुदाई करने के लिए तैयार था, में उसको अपनी गोद में उठाकर सीधा बेडरूम में लेकर आ गया और में उसको चूमने सहलाने लगा। दोस्तों अब मेरा निशाना उसकी गांड थी, इसलिए में उसको जोश में लाने के लिए एक बार फिर से किस करने लगा और उसके बूब्स को सहलाने लगा और वो कुछ ही देर में दोबारा से बहुत गरम हो गई। अब मैंने उसको घोड़ी की तरह किया और में अपने लंड को उसकी गांड पर घिसने लगा। फिर वो घबराकर मुझसे पूछने लगी कि तुम यह क्या कर रहे हो? तो मैंने उससे कहा कि में अब तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ, तो वो मेरी यह बात को सुनकर घबरा गई और मुझसे ऐसा करने के लिए साफ मना करने लगी, वो कहने लगी कि नहीं मुझे बहुत दर्द होगा और में ऐसा नहीं कर सकती, तुम उस जगह पर रहने दो। फिर मैंने उससे कहा कि तुम्हें थोड़ा सा दर्द जरुर होगा, लेकिन उसके बाद पहले की तरह वो भी धीरे धीरे कम होता जाएगा और फिर मैंने उसको समझाकर अपना लंड उसकी गांड के मुहं पर रख दिया और हल्का सा धक्का मारा और वो दर्द की वजह से चीख पड़ी। तभी मैंने उसके मुँह पर अपना एक हाथ रख दिया और मैंने एक जोरदार धक्का मारा, जिसकी वजह से मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में जा चुका था, लेकिन वो अब बच्चों की तरह ज़ोर ज़ोर से रो रही थी, वो आईईईईइ में मर गई प्लीज अब इसको तुम बाहर निकाल लो, मुझे नहीं करना तुम्हारे साथ यह काम उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ आह्ह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन तुम सुनते क्यों नहीं हो, ऊउईईईईइ माँ में मर जाउंगी बाहर करो ना इसको।
दोस्तों मैंने उसकी कोई भी बात नहीं सुनी और मैंने बिना धक्के दिए उसको चुप करवाया समझाया, लेकिन वो मुझसे अब बहुत नाराज़ थी। फिर कुछ देर बाद में दोबारा अपने लंड को उसकी गांड में आगे पीछे करने लगा और अब उसको भी थोड़ा सा मज़ा आने लगा था, इसलिए उसने मुझसे कहा कि थोड़ा सा तेज करो और मैंने उसके कहने पर अपनी स्पीड को पहले से थोड़ा ज्यादा बढ़ा दिया और मैंने उसकी गांड को करीब दस मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदा और इस बीच में एक बार झड़ गया था और में उसके ऊपर ही लेट गया। फिर हम दोनों साथ में ऐसे ही एक दूसरे से चिपके हुए बाहों में करीब सुबह 5:00 बजे तक लेटे रहे।
फिर उसके बाद में उठकर सीधा बाथरूम में नहाने चला गया और दूसरे पास वाले कमरे में जाकर में सो गया और सुबह 7:30 बजे मुझे राबिया मुझे उठाने के लिए आई और वो मुझसे कहने लगी कि आंटी भी अब उठ चुकी है और अब वो तुम्हें नाश्ता करने के लिए बोल रही है और वो कहने लगी कि उनको चक्कर भी आ रहे है। फिर मैंने उससे कहा कि वो उनकी कल रात को खाई नींद की गोली का असर है, जो शायद अभी भी है, इसलिए उसके साथ ऐसा हो रहा है और फिर मैंने ध्यान से देखा कि राबिया उस समय बहुत अजीब सी स्टाईल में चल रही थी। फिर मैंने उससे पूछा कि यह सब क्या है, तुम ऐसे क्यों चल रही हो? तब उसने मुझसे कहा कि तुम मेरे सामने ज्यादा भोले बच्चे मत बनो, यह तुम्हारे उस काम की वजह से है और मुझे कल रात से ही बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, उसकी वजह से मुझे ठीक तरह से उठा, बैठा, चला भी नहीं जा रहा है, तुम्हें क्या पता कि में क्या महसूस कर रही हूँ और मुझे कितना दुख दर्द हो रहा है? तब मैंने उससे कहा कि तुमने आंटी को इसके बारे में क्या बताया? तब उसने कहा कि मैंने मम्मी से झूठ बोला है कि मेरे पैर में मोच आ गई है, इसलिए मुझे चलने में थोड़ी परेशानी हो रही है। दोस्तों उसकी वो बात सुनकर मुझे थोड़ा सा आराम मिला, वरना में तो बहुत ज्यादा डर गया था। फिर में उठकर अपने कमरे से बाहर आ गया और मैंने आंटी को सलाम किया। उसके बाद मैंने आंटी से उनकी तबियत के बारे में उनके हालचाल पूछा। तब आंटी ने मुझे बताया कि उन्हें हल्के हल्के चक्कर आ रहे है। मैंने उनसे कहा कि यह आपकी उस नींद की दवाई का असर है और आप कुछ देर और आराम कर लो सब ठीक हो जाएगा। अब वो मेरे कहने पर फिर से सोने चली गई और मैंने उनके चले जाते ही सही मौका देखकर तुरंत राबिया का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचकर एक बार फिर से अपनी बाहों में ले लिया और में उसको दोबारा किस करने लगा। उस दिन ना वो कॉलेज गई और ना में हम दोनों ने उस पूरा दिन बहुत मज़े मस्ती का आनंद लिया। दोस्तों मेरे अंकल करीब एक सप्ताह के बाद वापस आ गए और में इस बीच राबिया को करीब 25 से 30 बार बहुत मज़े लेकर जमकर चोद चुका था और तब मैंने महसूस किया कि मेरी चुदाई की वजह से राबिया बहुत खुश और संतुष्ट भी थी, इसलिए उसने हर बार मेरी उस चुदाई में पूरा पूरा साथ दिया और हम लगे रहे। उसको चोदकर मुझे बहुत मज़ा आता, इसलिए वहां पर जब तक में रहा, मैंने राबिया को उसकी मर्जी से बड़े मज़े लेकर कई बार चोदा और हम दोनों ने बहुत मज़े किए ।।