शादी के बाद जब नए दुल्हा-दुल्हन कहीं बाहर घूमने जाते हैं तो कहा जाता है कि वह हनीमून पर गए हैं। हनीमून मनाने की प्रथा हमारे देश की है या बाहर के देश की यह पक्के तौर पर कहना बहुत मुश्किल है। हनीमून शब्द में भी सुहागरात जितना ही नशा है जिसको सुनते ही शरीर में अजीब सी तरंगे उठने लगती हैं। हनीमून को मधुमास भी कहते हैं। हनीमून का मतलब घर और घर वालों से दूर रहकर सिर्फ पत्नी के साथ वक्त गुजारना पड़ता है। बाहर के देशों में शादी के बाद हनीमून पर जाना जरूरी होता है क्योंकि एक तो उनके बीच हर तरह की झिझक और संकोच दूर हो जाता है और दूसरा शादी के बाद शरीर में दबी हुई काम भावनाएं अचानक तेज हो जाती हैं। इस समय व्यक्ति की इच्छा ज्यादा से ज्यादा अपनी पत्नी के साथ समय गुजारने की होती है लेकिन उन्हें वैसा एकांत नहीं मिल पाता है जैसा कि चाहिए होता है। शारीरिक संबंधों के लिए भी उनको सिर्फ रात का ही समय मिल पाता है। इसलिए हर तरह की आजादी के लिए उनके सामने हनीमून पर जाने का तरीका ही सबसे अच्छा रहता है।
हनीमून मनाने का मकसद-
भारतीय संस्कृति में शादी से पहले लड़के-लड़कियों को मिलने की इजाजत नहीं दी जाती है जिसकी वजह से शादी करने वाले लड़के-लड़कियों को एक-दूसरे को जानने का मौका नहीं मिल पाता है। घर में सब लोगों के रहने के कारण भी पति और पत्नी एक-दूसरे से खुलकर अपनी बात नहीं कह पाते हैं। इसलिए शादी के बाद हनीमून पर जाने से दोनों को एक-दूसरे को जानने का मौका मिल जाता है।
एक-दूसरे को समझे-
हनीमून मनाने का मकसद अंतरंगता, भावनात्मक रूप से जुड़ना, एक-दूसरे की पसंद-नापसंद को जानना, एक-दूसरे का स्वभाव पता करना, रुचि-अरूचि जानना होता है ताकि आगे जाकर आपस में किसी प्रकार की परेशानी, तनाव और गलतफहमी आदि के कारण दाम्पत्य जीवन में किसी प्रकार की परेशानी न पैदा हो।
हनीमून मनाने के लिए उपयुक्त स्थान-
• हनीमून मनाने के लिए स्थान का चुनाव करते समय ध्यान रखें और ऐसा स्थान चुने कि जिसमें दोनों की ही बराबर राय है।
• हनीमून का स्थान ऐसा होना चाहिए जहां पर शांतिदायक माहौल हो और ज्यादा भीड़-भाड़ न हो।
• हनीमून मनाने के लिए ऐसा स्थान चुनें जोकि दोनों ने पहले कभी न देखा हो।
• हनीमून का स्थान चुनते समय एक बात का ध्यान रखें कि जहां आप जा रहे हैं वहां का मौसम कैसा है जैसे अगर गर्मी के मौसम में गुजरात जाते हैं तो वहां पर परेशानी हो सकती हैं क्योंकि वहां पर गर्मी ज्यादा होती है।
• हनीमून के स्थान का चुनाव करते समय देख लें कि आपका सफर ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए। कम समय में जितनी ज्यादा जगहों पर घूम लिया जाए वही हनीमून बेस्ट रहता है।
हनीमून पर जाने से पहले की तैयारी-
• हनीमून पर जाते समय हल्के और ऐसे कपड़े ले जाएं जिनको पहनकर घूमते समय किसी तरह की परेशानी आदि न हो।
• मौसम के हिसाब से कपड़े रखने चाहिए जैसे कि अगर आप किसी ठंडे स्थान पर जा रहे हैं तो ज्यादा और गर्म कपड़े लेकर जाना अच्छा रहता है।
• हनीमून पर जाने की पैकिंग करते समय कॉटन, डिटॉल, सेनेटरी नैपकीन और कुछ जरूरी दर्द आदि की औषधियां रख लेनी चाहिए।
हनीमून पर सेक्स जरूरी है-
• हनीमून पर जाने का असली मकसद न भूल जाए। अपना सारा समय वहां घूमने आदि में नहीं लगाना चाहिए।
• हनीमून पर जाने पर सेक्स के लिए भी पूरा समय निकाल लेना चाहिए क्योंकि वहां पर सेक्स करने का आनंद ही बहुत खास होता है।
• हनीमून पर जाने पर ज्यादा खाना और घूमना नहीं चाहिए क्योंकि ऐसा करने से शरीर में आलस्य और थकान पैदा हो जाती है।
• हनीमून पर गए पति और पत्नी को पूरे दिन बोलते और बहस आदि नहीं करते रहना चाहिए। दिन में कुछ समय तक चुप रहकर प्रकृति की शोभा का आनंद लेना चाहिए। बीच-बीच में एक-दूसरे की आंखों में आंखें डालकर बातें भी की जा सकती हैं।
हनीमून मनाने कब जाएं-
• हनीमून पर शादी के तुरंत ही जाना चाहिए यह नहीं की शादी के काफी दिनों के बाद हनीमून पर जा रहे हैं।
• शादी के तुरंत बाद ही हनीमून पर जाना इसलिए सही रहता है क्योंकि यह वे दिन होते हैं जब नवदंपति अपने आने वाले कल की बुनियाद रखते हैं।
हनीमून मनाने का मकसद-
भारतीय संस्कृति में शादी से पहले लड़के-लड़कियों को मिलने की इजाजत नहीं दी जाती है जिसकी वजह से शादी करने वाले लड़के-लड़कियों को एक-दूसरे को जानने का मौका नहीं मिल पाता है। घर में सब लोगों के रहने के कारण भी पति और पत्नी एक-दूसरे से खुलकर अपनी बात नहीं कह पाते हैं। इसलिए शादी के बाद हनीमून पर जाने से दोनों को एक-दूसरे को जानने का मौका मिल जाता है।
एक-दूसरे को समझे-
हनीमून मनाने का मकसद अंतरंगता, भावनात्मक रूप से जुड़ना, एक-दूसरे की पसंद-नापसंद को जानना, एक-दूसरे का स्वभाव पता करना, रुचि-अरूचि जानना होता है ताकि आगे जाकर आपस में किसी प्रकार की परेशानी, तनाव और गलतफहमी आदि के कारण दाम्पत्य जीवन में किसी प्रकार की परेशानी न पैदा हो।
हनीमून मनाने के लिए उपयुक्त स्थान-
• हनीमून मनाने के लिए स्थान का चुनाव करते समय ध्यान रखें और ऐसा स्थान चुने कि जिसमें दोनों की ही बराबर राय है।
• हनीमून का स्थान ऐसा होना चाहिए जहां पर शांतिदायक माहौल हो और ज्यादा भीड़-भाड़ न हो।
• हनीमून मनाने के लिए ऐसा स्थान चुनें जोकि दोनों ने पहले कभी न देखा हो।
• हनीमून का स्थान चुनते समय एक बात का ध्यान रखें कि जहां आप जा रहे हैं वहां का मौसम कैसा है जैसे अगर गर्मी के मौसम में गुजरात जाते हैं तो वहां पर परेशानी हो सकती हैं क्योंकि वहां पर गर्मी ज्यादा होती है।
• हनीमून के स्थान का चुनाव करते समय देख लें कि आपका सफर ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए। कम समय में जितनी ज्यादा जगहों पर घूम लिया जाए वही हनीमून बेस्ट रहता है।
हनीमून पर जाने से पहले की तैयारी-
• हनीमून पर जाते समय हल्के और ऐसे कपड़े ले जाएं जिनको पहनकर घूमते समय किसी तरह की परेशानी आदि न हो।
• मौसम के हिसाब से कपड़े रखने चाहिए जैसे कि अगर आप किसी ठंडे स्थान पर जा रहे हैं तो ज्यादा और गर्म कपड़े लेकर जाना अच्छा रहता है।
• हनीमून पर जाने की पैकिंग करते समय कॉटन, डिटॉल, सेनेटरी नैपकीन और कुछ जरूरी दर्द आदि की औषधियां रख लेनी चाहिए।
हनीमून पर सेक्स जरूरी है-
• हनीमून पर जाने का असली मकसद न भूल जाए। अपना सारा समय वहां घूमने आदि में नहीं लगाना चाहिए।
• हनीमून पर जाने पर सेक्स के लिए भी पूरा समय निकाल लेना चाहिए क्योंकि वहां पर सेक्स करने का आनंद ही बहुत खास होता है।
• हनीमून पर जाने पर ज्यादा खाना और घूमना नहीं चाहिए क्योंकि ऐसा करने से शरीर में आलस्य और थकान पैदा हो जाती है।
• हनीमून पर गए पति और पत्नी को पूरे दिन बोलते और बहस आदि नहीं करते रहना चाहिए। दिन में कुछ समय तक चुप रहकर प्रकृति की शोभा का आनंद लेना चाहिए। बीच-बीच में एक-दूसरे की आंखों में आंखें डालकर बातें भी की जा सकती हैं।
हनीमून मनाने कब जाएं-
• हनीमून पर शादी के तुरंत ही जाना चाहिए यह नहीं की शादी के काफी दिनों के बाद हनीमून पर जा रहे हैं।
• शादी के तुरंत बाद ही हनीमून पर जाना इसलिए सही रहता है क्योंकि यह वे दिन होते हैं जब नवदंपति अपने आने वाले कल की बुनियाद रखते हैं।