कुंवारी लड़की की पहेली बार चुदाई (पहली बार चुदाई)
Kunvari Sealband ladki ke sath ya kisi ladake ki pahali baar ki Chudai ki Kahaniyan
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कुंवारी अनचुदी सीलबन्द लड़की या लड़के की पहली बार चुदाई की कहानियाँ, चूत और लण्ड से खून आना, कौमार्य भंग, सील तोड़ना, दर्द से चीखें मारना
मेरा नाम काजल है। मै एक सुन्दर जवान लड़की हुं।
ये कहानी तब शुरू हुई जब मेरी उम्र 19 साल थी मै शहर मे अपनी एक साथी के साथ रूम ले पढ़ती थी।
मै जॉब की तैयारी करती थी, मेरे क्लास का टाईम सुबह 10 बजे से 3 बजे तक था बीच मे एक घंटे का ब्रेक था।
उसी क्लास मे एक सुन्दर जवान 5फूट 7 इंच हाईट वाला लड़का पढ़ता था जिसका नाम अंशु था। वो पढ़ने मे काफी तेज था, साथ ही काफी जेंटल भी था वो सबसे हंस कर बात करता वो काफी खुश रहता था। धीरे धीरे मै भी उससे बात करने लगी।
वो इतना अच्छा था कि मै क्या बताऊं, आप सोच रहे होंगे कि मै बढ़ा चढ़ा कर बोल रही हूं।
लेकिन वो था ही एक दम परफेक्ट।
कुछ दिन ऐसे ही हम सभी क्लास करने लगे।
मै पता नही कैसे उसे पसन्द करने लगी लेकिन मुझे उससे कहने की हिम्मत नहीं हो रही थी। वो सब से हंस कर ही बात करता चाहे लड़का हो, लड़की हो, टीचर हो या स्टाफ सभी उसे अच्छा लड़का मानते थे।
अब चूंकि मैं उसे पसन्द करने लगी थी तो पहले मै ये जानने कि कोशिश करने लगी कि वो मेरे बारे मे क्या सोचता है, लेकिन ये जानना बहुत मुश्किल था क्योंकि वो सभी लड़कियों से अच्छे से बात करता था।
अब मै पता करने लगी कि उसकी कोई गर्लफ्रेंड तो नही है, तो पता चला कि उसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है मै काफी खुश हो गई।
अब मै उसका नम्बर लेना चाहती थी लेकिन मुझे डर लगता था कि कही उसने मना कर दिया तो क्या होगा।
तब मैने उसके एक दोस्त से कुछ बहाना कर नंबर लेने की कोशिश की तो उसने बोला की अंशु ने किसी को भी नंबर देने से मना किया है।
मै उसके कुछ और दोस्तों से ट्राई की बहाना बना कर लेकिन सभी ने मना कर दिया।
अगले दिन अंशु ने कहा की।
अंशु: तुम मेरा नंबर आशीष से मांग रही थी, कुछ काम था क्या?
मै थोड़ी नर्वस हुई लेकिन अंदर खुशी भी हो रही थी कि अब नंबर तो मिल ही जाएगा।
मै: हां, वो कुछ पढाई से रिलेटेड डाउट था।
अंशु: लाओ बता देता हूं।
मै झूठ मूठ का कुछ भी पूछ ली। वो मुझे समझाने लगा।
कुछ देर बाद जब उसने समझा दिया तब।
अंशु: ठीक है, समझ गई।
मै: हां, लेकिन आगे से कुछ पूछना हुआ तो?
अंशु: तो टीचर से पूछ लेना यहां इतना फीस क्यों देती हो।
हम हंसने लगे।
अंशु: कुछ ना समझ आए तो मुझसे पूछ लेना मै 5 घण्टे यही तो रहता हूं।
मै उससे नंबर मांगना चाहती थी लेकिन मांग न सकी।
कुछ दिन बाद मैने आफिस से उसका नम्बर लेने की सोची।
मै ऑफिस मे गई वहां श्वेता नाम की स्टॉफ बैठी थी।
मै उनके सामने बैठ अपने बैच की एडमिशन फाइल देखने लगी कुछ पन्ने पलटने के बाद अंशु की तस्वीर आ गई मै उसे देखने लगी।
उसमे उसका नाम था एड्रेस मे उसके इस शहर का एड्रेस और उसके अपने घर का एड्रेस था, लेकिन उसका नंबर लिख कर काटा हुआ था।
मै कुछ देर उसे उलट पलट कर देखती रही की कही इसकी छाया या पिछले पन्ने पर लिखने का दाब ही दिख जाए। लेकिन कुछ नही दिखा।
मुझे ऐसा करते हुए श्वेता नोटिस कर लेती है।
श्वेता: क्या कर रही हो।
मै:(हड़बड़ाते हुए) कुछ नही दीदी मै बस अपना एडमिशन का पेज देख रही थी।
श्वेता: तो उस पेज को क्यों देख रही हो।
मै: अरे इसका नम्बर यहां किसी ने काट दिया है उसी पर नजर चली गई तो देखने लगी।
श्वेता: मुझे पता है, मैने ही काटा है,।
मै: क्यों?
श्वेता: तुमसे पहले कुछ और लड़कियां भी यही पूछ चुंकि हैं। तुम पढ़ाई पर ध्यान दो। अब चलो।
मै चुप चाप उठ कर चली गई। मै सोचने लगी कही ये भी तो नही पसंद करती उसे। फिर मैने सोचा अरे ये 27 साल की है।
अब मेरे सारे पैंतरे फेल हो गए उसका नंबर लेने के।
अब मुझसे बर्दास्त नही हो रहा था अब मै पुरी तरह उसको चाहने लगी लेकिन मुझे कहने की हिम्मत नहीं हो रही थी।
अब मै कभी सन्डे को उसके रूम के तरफ घूमने जाने लगी लेकिन वो कभी नही दिखता था।
अब मैने उसके एड्रेस याद कर लिख लिया।
एक दिन मै रूम ढूंढने के बहाने उसके शहर वाले घर पर पहुंच गई।
लेकिन उसके मकान मालकिन ने ये कहते हुए चलने बोल दिया कि वो लड़कियों को कमरा नही देती।
वो कहीं दिखा नही उसका फ्लोर ऊपर था शायद।
अब मै सामने वाले के यहां रूम देखने लगी।
पहली बार चुदाई की कहानियाँ
वहां तीसरे फ्लोर से उसका रूम दिख रहा था खिड़की से वो और एक और लड़का पढ़ रहे थे।
मै बुलाना चाहती थी लेकिन डर कर कुछ नही बोली।
उसके सामने रूम ले सकती थी लेकिन वो 3बीएचके था जो पूरा लेना पड़ता तो वहां हो नही सका।
मै अगले दिन उसे बता दी की तुम्हे कल मैने देखा था तुम अपने दोस्त के साथ रहते हों ना।
अंशु: अरे कहां देखा और देखा तो बोला क्यों नही।
मै: अरे तुम्हारे सामने वाले फ्लैट से तुम पढाई कर रहे थे, और क्या मै चिल्ला कर बुलाती तुम्हें।
तब उसने बताया की वो अपने भाई के साथ रहता है उसका भाई 9थ मे पढ़ता है।
अब कुछ दिन और निकल गए।
अब मेरे बर्दास्त से बाहर का मामला हो गया था।
मै अब उसे बोलना चाहती थी मैने अब सोच लिया कि मै उसे बोल दूंगी चाहे जो हो जाए।
लेकिन कहां बोलूं क्लास के सिवा हम कहीं नही मिलते थे।
अब कुछ दिन मे पता चला कि उसके भाई की गर्मी की छुट्टी हो गई है तो वो उसका भाई घर चला गया है और वो अकेला ही रहता है।
ये मौका मै जाने नही दे सकती थी।
एक दिन मैने तबियत खराब होने का नाटक किया क्लास मे गर्मी का दिन था तो चक्कर आने का नाटक ही बेस्ट लगा।
फिर टीचर ने मुझे घर जाने को कहा।
टीचर मुझे अकेले नही जाने देना चाहते थे, और मै काफी खूबसूरत थी तो उन्हे अपने किसी स्टाफ पर भी भरोसा नहीं था तो उन्होने अंशु का नाम लिया वो पहले भी और लड़कियों को घर पहुंचा चुका था।
अंशु भी मुझे रूम पर पहुंचाने को तैयार हो गया।
अब हम दोनो नीचे आने लगे, मै सीढ़ियों पर भी चक्कर आने का नाटक करती हूं, वो मुझे बांहों मे पकड़ लेता है अब वो मेरा एक हाथ पकड़ अपने कंधे पर रख देता है और मेरा बैग ले लेता है और संभाल कर नीचे ले आता है।
मुझे उसके शरीर का स्पर्श मेरे शरीर मे गुदगुदी पैदा कर रही थी। मै अदंर ही अंदर बहुत खुश थी।
अब नीचे उतर हम रिक्से का इंतजार कर रहे थे तो मैने कहा कि मेरा रुम बहुत दूर है और गली मे रिक्शा भी नही जाता और मेरा पेट दर्द कर रहा है जोर से।
तो वो मुझे अपने रूम पर ले जाने लगा।
रास्ते मे वो एक केमिस्ट शॉप पर कुछ खरीदने लगा, मेरी अदंर ही अंदर बांछें खिल गई की क्या खरीद रहा होगा मै कुछ दूर खड़ी थी उसने कुछ खरीदा और बैग मे डाल लिया।
मै खुश हो सोच रही थी क्या खरीदा होगा इसने कही कॉन्डम तो नही खरीदा, मै अदंर अदंर चहक रही थी।
मै बता नही सकती मै क्या क्या सोचने लगी।
अब मै उसके रूम मे गई वो एक 1बीएचके था।
उसने मुझे बेड पर बिठा पानी दिया और बैग से निकाल कर एक पैड दिया।
मै: ये क्या दे रहे हो?
अंशु: मुझे लगा तुम्हे पीरियड आए हैं इसलिए पेट दर्द कर रहा है तो मै ये ले लिया।
मै: नही पीरियड नही आए हैं।
अंशु: तो ये दवा ले लो खा लो मै नीचे से ऑरेंज जूस ले आता हूं।
मै: नही मेरा पेट भी दर्द नही कर रहा है।
अंशु: उस समय तो बोला की पेट दर्द कर रहा है।
मै: वो सब छोड़ो मुझे तुमसे एक बात करनी है।
अंशु: हां बोलो।
मै शर्माते हुए।
मै: वो मुझे ना तुमसे प्यार है।(ये बोलते हुए मेरे होंठ कांप रहे थे मेरे होंठ गिले हो गए थे मेरे निप्पल झनझना कर खड़े हो गए थे मेरे शरीर के रोएं खड़े हो गए थे)
अंशु कुछ नही बोला।
मै: क्या हुआ, आई लव यू।(बोलते हुए उसके कन्धे पर सर रख देती हूं)
कुछ देर वो कुछ नही बोला फिर। अपने कंधे से सर हटाते हुए।
अंशु: देखो काजल इस एज मे ये सब हो जाता है, लेकिन ये एज ये सब करने की नही है पढाई करने की है ,!
मै: मुझे तुमसे प्यार हो गया है और तुम पढाई की बातें कर रहे हो इन सबका पढाई से क्या लेना देना।
अंशु: अरे ये सब करने से पढ़ाई खराब हो जाता है।
मै: मै वादा करती हूं मै पढ़ाई पर कोई असर नही पडने दूंगी।
अंशु: अरे हमारे मां बाप यहां क्या ये सब करने के लिए भेजे हैं या पढ़ने भेजे हैं।
मै: तुम झूठे बहाने मत बनाओ, क्या मै तुम्हे अच्छी नही लगती या तुम्हे कोई और पसंद है।
अंशु: अरे नही मै तुम्हें पसंद करता हूं लेकिन सिर्फ एक दोस्त की तरह और कुछ नही।
मै: तो तुम किसी और से प्यार करते हो।
अंशु: नही, मै प्यार व्यार अभी नही मानता।
मै: हां, तुम झूठ मत बोलो तुम्हरा चक्कर उस बड़े बूब्स वाली स्वेता से तो नही चल रहा।
अंशु: अरे, तुम पागल हो क्या कुछ भी बोल रही हो।
मै: तो उसने तुम्हारा नम्बर क्यों मिटा दिया है एडमिशन फाइल मे।
अंशु: मैने ही उन्हें बोला था,।
मै: तो तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड नही है।
अंशु: नही, नही है।
मै: तो मुझे बना लो ना, प्लीज।
अंशु: नही यार।
मै:(भरे गले से) तुम घमंड करना चाहते हो अपने आप पर कि किसी लड़की ने मुझसे प्यार के लिए पूछा और तुमने मना कर दिया।
अंशु: क्या बोल रही हो, मै तुम्हें बस अपना अच्छा दोस्त मानता हूं।
मै रोने लगी।
वो मुझे चुप कराने लगा।
बहुत देर मुझे समझाता रहा, मै रोती रही।
कुछ देर बाद मै रोते हुए सो गईं जब उठी तो 3 बज चूके थे।
मै जाने लगी तो।
अंशु: कहां जा रही हो अभी काफी लू चल रही है।
मै: कहीं भी जाऊं तुमसे मतलब।
अंशु: थोड़ी देर रूक जाओ, शाम को मै छोड़ दूंगा।
मै: क्यों रुकूं मै यहां।
अंशु: अपने दोस्त की बात नही मानोगी।
मै: कोई दोस्त नही हो तुम मेरे मै जाती हूं।
उसने बाहर जा गेट बंद कर दिया, कुछ देर में वो जूस और कुछ खाने को ले आया और लॉक लगा चाभी रख लिया।
अंशु: लो कुछ खा लो।
मै: नही खाऊंगी मै।
वो मुझे खिलाने की कोशिश करता है मै नही मानती तो एक निवाला ले मेरे मुंह को पकड़ डालने लगा वो मुझे जबरदस्ती खिलाने लगा।
मैने सोचा अब ये मान जाएगा तो मै भी नखरे करते हुए उससे खुद को छुड़ाने लगी तो वो और गर्दन पकड़ कर खिलाने लगा, मुझे उसके बदन से चिपकाना अच्छा लग रहा था, कुछ देर में मै खाने लगी।
अब हम खाना जूस खत्म कर बैठ जाते हैं।
वो बर्तन उठा किचेन मे चला जाता है।
मै पीछे से उसे पकड़ उसके पीठ से चिपक गई।
अंशु: क्या कर रही हो छोड़ो मुझे।
मै: मुझे गर्ल फ्रेंड बना लोगे तो तुम्हें बर्तन नही धोना पड़ेगा, खाना नही बनाना पड़ेगा, मै सब कर दुंगी।
अंशु: कोई जरूरत नही है मुझे ये सब आता है।
उसने मुझे खुद से अलग कर दिया
मै: मुझे लगा तुम मान गए। तभी मै तुम्हारे हाथ से खाई।
अंशु: अरे देखो मैने इतना समझाया उसका असर नही हुआ तुम्हे।
मै: हां नही समझना मुझे कुछ, तुम बोलो मुझे पसन्द करते हो या नही।
अंशु: अरे मै सिर्फ तुम्हें दोस्त की तरह पसन्द करता हूं।
मै:(रोते हुए) ठीक है तो मुझे जाने दो अब।
अंशु: बोला ना शाम को चली जाना अभी पढ़ लो कुछ।( उसने थोड़ा गुस्से से बोला आज पहली बार उसे गुस्सा देख रही थी)
फिर वो हंसने लगा।
अंशु: डर गई ना। चलो अब पढाई करो।
अब वो पढ़ाई करने लगा।
अब शाम हो गई तो मै जाने लगी वो मेरे बैग में पैड रखने लगा।
मै: जब हमारा कोई रिश्ता नहीं है तो ये क्यूं दे रहे हो, ये अपनी श्वेता को देना।
मैने निकाल दिया।
उसने फिर बैग में डाल दिया और बैग उठा चलने लगा कुछ दूर जाकर उसने बैग दे दिया और चला गया।
अब मै उससे बात नही करने की ठानी लेकिन दो दिन मे ही मुझसे रहा नही गया ।
अगले दिन ही मै छुट्टी के बाद उसके पीछे पीछे कुछ दूरी बना कर उसके रूम पर पहुंच गई।
मै गेट पर जाकर दरवाज़ा खटखटाई।
उसने दरवाज़ा खोला, मै उससे गले लग गई और रोने लगी मुझे अचानक देख वो चौंक गया।
उसने मुझे अदंर लिया और गेट बंद किया और मुझे दूर हटाने लगा।
वो सिर्फ निकर मे था मै उसके नंगे सीने से चिपकी हुई थी। शायद वो अभी चेंज ही कर रहा था उसके पसीने की खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी मै उससे कस कर चिपकी हुई थी। और रोए जा रही थी।
मेरे बूब्स उसके नंगे सीने से चिपके थे मै जोर से अपने चूंचे उसके सीने पर दबा रही थी सोच रही थी कुछ तो करेंट इसके सीने मे पहुंचेगा।
वो छुटने की कोशिश कर रहा था अब उसका खड़ा होता लन्ड मुझे महसूस हुआ।
वो अब अपने खड़े लन्ड को छुपाने के लिए बेड पर बैठ गया और मुझे पकड़ कर उल्टा कर दिया मेरा हाथ उससे छुट गया।
अंशु:(हंसते हुए) देखा पॉवर छुट गया ना मै।
वो अपना टी शर्ट निकाल पहनने लगा मैने टी शर्ट छीन लिया और फेंक दिया। अपना सूट उतार दिया और उसे पकड़ लिया।
अंशु: क्या कर रही हो यार, क्या हो गया है तुम्हें।
वो मुझे ले बेड पर बिठा देता है।
मै:(कपसते हुऐ) मै तुम्हारे बिना जी नही सकती अंशु मै मर जाऊंगी, पता नही मुझे क्या हो गया मेरा शरिर मेरे बस में नहीं है, मेरा पूरा अंग अंग दर्द कर रहा है।
मेरे होंठ कांप रहे थे मेरे दोनो हाथ उसके गले में थे।
मेरे आंखों से आसूं निकल रहे थे और नाक से पानी।
वो मेरी आंखों मे देखता है और मेरे लरज्ते होंठों को चूसने लगता है मै भी जोर जोर से उसके होंठ चूसने लगी मुझे समझ नही आ रहा था क्या हो रहा है बस हम चूस रहे थे।
मेरी सांसें फूलने लगी मै हाफने लगी तो उसने मुझे छोड़ा।
कुछ देर में हम नोर्मल हुए।
वो मेरी आंखों मे देखते हुए किस करने लगा।
मै उसके गाल को चूसने लगी, अब वो मेरे गर्दन को चूमने चूसने लगा मै सिहर गई मेरे मुंह से सीत्कार निकल गई।
मै जन्नत में खुद को महसूस कर रही थी।
अब वो मेरे कान चुसने लगा मेरे गले को चूसने लगा कन्धे को चूमने लगा। मै बता नही सकती मुझे कितना मजा आ रहा था।
अब मै भी उसके सभी जगह चूसने लगी उसके कन्धे उसके गाल गर्दन गले सीने सभी जगह चूसा।
अब वो मुझे गले लगा बेड पर आधा लेट गया मै अपना सर उसके दाएं कन्धे पर रख उसके सीने को सहलाने लगी।
अंशु: सुनो ये प्यार व्यार मे बहुत टाईम बर्बाद होगा। जब सभी जिस्म की आग बुझाने को प्यार का नाम दे ही देते हैं तो क्यों ना हम भी बिना प्यार के ही जिस्म की आग बुझाएं लेकिन एक लिमिट तक।
मै उसे चूम कर हां कह देती हूं, जबकि मुझे उससे सच्चा प्यार था।
अब वो मुझे अपने ऊपर बिठा लेता है और मुझे किस करने लगा मै भी उसे किस करते हुए उसके गर्दन और सिने को चूसने लगी अब मै गौर से उसके बदन को देखने लगी उसकी छाती काफी चौरी थी हल्के बाल भी थे उसके हल्के एब्स बने हुए थे पेट एक दम सपाट एक %भी चर्बी नही थी।
मै उसका पेट चूसने लगी। और एब्स पर काटने लगी।
अब मुझे लिटा कर मुझे चूमने चाटने लगा वो मेरे सीने पर चूसने लगा मैने अपनी ब्रा खोल दी।
वो मेरे मौसमी जैसे चूचों को चूसने लगा उन्हे पूरे मुंह मे भर लेना चाहता था। मेरी मजे से जान निकल रही थी वो मेरे निप्पल पर जीभ घुमाता तो मेरा पुरा शरीर झनझना जाता।
वो खुब मजे से मेरे मम्मे चूस रहा था मै उसके बालों को सहला रही थी।
अब वो नीचे जा मेरे पेट और नाभी चाटने लगा मै आह आह करने लगी।
अब उसने अपना मुंह मेरी चूत पर कपड़ों के ऊपर से रख दिया।
मै सिहर उठी और शर्मा गई।
उसने सलवार की डोर खोल सलवार और पैन्टी एक साथ उतार दी मै अपने बूर पर हाथ रख उसे ढंक दिया। मेरे बूर पर एक भी बाल नही था।
उसने मेरा हाथ चूमना शुरु किया चूमता ही रहा कुछ देर बाद मेरा हाथ अपने आप हट गया।
उसने अपनी जीभ मेरे चूत पर फिरा दी, मै सिहर उठी मेरी आह निकल गई वो मेरी बूर की फांकों के बीच जीभ चलाने लगा मेरे शरीर मे सनसनी मच गई।
वो हल्के हल्के बूर चाटने लगा मुझे पता नही क्या हो रहा था, मै अपने होंठ चबा रही थी।
वो अब जोड़ जोर से बूर चाटने लगा, मेरा शरीर कांपने लगा मुझे पता नही क्या हो रहा था मेरे शरीर से जैसे कुछ निचुड कर निकलने वाला हो मेरी चूतड की कमर की और बूर की नसें फरफरा उठी।
मेरे बूर ने पानी छोड़ना चालू किया और कुछ देर में मै शान्त हो निहाल हो गई।
वो पूरा पानी चाट कर बूर साफ कर दिया और ऊपर आ मुझे किस करने लगा मुझे अपने मुंह मे अपनी बूर के पानी का टेस्ट आया।
वो किस करते हुए मेरे मम्मे सहला रहा था।
अब मै उसे लिटा उसे किस करने लगी उसके सीने को चूमने लगी उसके निप्पल काटने लगी वो आह कर उठा अब उसके एब्स चूमते हुए उसके पेडू पर चूमने लगी।
अब मै उसका पैन्ट और चड्डी दोनो उतार देती हुं।
उसका लन्ड देख मै शरमा गई उसका लन्ड काफी बडा और मोटा था उसने भी अपने झांट साफ कर रखे थे।
मै: किसके लिए साफ कर रखा है।
अंशु: तुम किसके लिए साफ कर रखी हो?
मै: मै तो लड़की हूं।
अंशु: तो मै भी लड़का हूं मुझे गन्दगी पसन्द नही है।
मै उसके लन्ड को जोड़ से पकड़ लेती हूं।
अंशु: आह जोड़ से मत पकड़ो।
मै: कैसे करूं बताओ।
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वो मेरा हाथ पकड़ लन्ड पर रखता है धीरे धीरे सहलाने बोला मै धीरे धीरे सहलाने लगी वो आँखें बन्द कर मजे लेने लगा।
मैने अब अपनी जीभ उसके सुपाड़े पर फिरा दी।
अंशु: आह क्या कर रही हो
मै उसके मुंह मे अपनी एक ऊंगली डाल देती हूं वो उसे चूसने लगा।
अब मै धीरे से उसके लन्ड को मुंह में भर ली और चूसने लगी कुछ अजीब सा टेस्ट लगा फिर अच्छा लगने लगा वो मना करता रहा मत चूसो लेकिन मै नही छोड़ी और चूसती रही पूरा लन्ड मेरे थूक से गीला हो गया था मै जोड़ जोड़ से चुसने लगी वो आ आ आवाज निकालने लगा।
15 मिनट में अचानक मेरे मुंह के अदंर एक गर्म पानी का झटका लगा मैं लन्ड निकाल दी उसके लन्ड से कुछ पच पच कर पिचकारी की तरह निकल रहा था मै जल्दी से बाथरूम गई और मूंह धोकर साफ किया।
अंशु:(हस्ते हुए) मै बोल रहा था ना कि रूक जाओ मत करो।
मै उसे सीने से लगा किस करने लगी।
अब उसने सावर ऑन कर दिया और मुझे चूमने लगा मेरे मम्मे मसलने लगा मेरे शरीर पर साबुन लगाने लगा मै भी उसके शरीर पर साबुन लगाने लगी अब वो मेरी बूर पर हाथ रख सहलाने लगा और मेरा हाथ पकड़ अपने लन्ड पर रख दिया मै भी सहलाने लगी कुछ देर में मेरी आह निकलने लगी मेरा शरीर गर्म होने लगा उसपर झरने का पानी आग लगा रहा था हम गर्म हो गए और कुछ देर बाद हम दोनो झड़ गए अब हम नहा कर निकले वो मुझे कपड़े पहनाने लगा तो चड्डी पहनाते हुए मेरे चूतड पर दांत से काट लिया मै उचक गई।
अब मैने भी उसे कपड़े पहना दिए।
अब मै चलने लगीं तो देखा शाम हो गई थी।
तो उसने मुझे वहीं रोक लिया मैने भी अपनी रूम मेट को कॉल कर कह दिया कि मै अपनी एक दोस्त के यहां रुक रही हूं।
अब मै खाना बनाने चली गई कुछ देर बाद हम खाना खा कर पढ़ाई करने लगे और जब रात को सोने जाने लगे तो मै उसका पैन्ट टी शर्ट पहन ली और सो गई रात मे मै उसे चिपक कर सोई हुई थी वो भी मुझे बांहों मे भर सो रहा था।
अब रात 3 बजे उठ वो फ्रेस होने लगा तो मेरी भी नींद खुल गई।
मै: इतनी जल्दी क्यों उठ गए अभी रात ही है।
अंशु: दौड़ने स्टेडियम जाता हूं चलना है।
मै: हां, रुको मै भी चलती हूं।
मै भी फ्रेस हो पैंट और टी शर्ट में ही चली गई मैने अदंर कुछ नही पहना था।
स्टेडियम में अभी कोई नही था बस इक्का दुक्का लोग थे।
वो पहले वार्म अप करता है और फिर दौड़ने लगा मै भी दौड़ने लगी उसे देख धीरे धीरे। मेरे चूंचे उछल रहे थे दौड़ने से मै भी मजे से अपने मौसमी उछाल दौड़ रही थी।
अभी कोई नही था तो मुझे किसी के देखने का कोई डर नही था।
कुछ देर तो वो धीरे दौड़ा मेरे साथ फिर उसने अपनी स्पीड बढ़ाई और तेज दौड़ने लगा मै पीछे रह गई और अकेली भी मुझे डर लगने लगा।
वो अगले चक्कर मार मेरे पास आ गया और अब मुझे अकेला देख मेरे पास ही दौड़ने लगा मेरे आस पास वो काफी तेज़ दौड़ रहा था।
कुछ देर बाद वो मेरे पास आ गया और चलने लगा तेज तेज चलते हुए उसने 2 चक्कर मारे और एक्सरसाइज करने लगा पुश अप मारने लगा।
रस्सी कूदने लगा।
अब बहुत लोग आ गए थे ।
मै उससे रस्सी मांग कूदने लगा तो मेरे मम्मे उछलने लगे टी शर्ट मे वो हंसने लगा तो मैने कूदना बन्द कर दिया। अब वो फिर पुश अप्स मारने लगा तो मै उसके ऊपर बैठ गई, तब भी उसने मुझे बिठा कर 6 पुश अप्स कर दिया मेरा वेट उस टाईम 48 केजी रहा होगा।
अब कुछ देर उसने और एक्सरसाइज किया और हम घर आ गए।
अभी भी अंधेरा ही था सुबह नही हुई थी।
रूम मे आते ही उसने अपनी टी शर्ट निकाल दी उसकी टी शर्ट पसीने से भीग चुकी थी।
मै उसके सीने से लग गई और उसे किस करने लगी उसके पसीने की खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी।
मै भी उसे चुसने लगी मेरे मुंह मे उसके पसीने का टेस्ट आ रहा था।
अब उसने एक हाथ मेरे टी शर्ट उठा मेरे चूचे पर रख दिया और दूसरा हाथ मेरे पैन्ट में घुसा मेरी बूर पर रख दिया मेरी आह निकल गई।
मेरी बूर पसीने से भीग कर चू रही थी।
मैने भी अपना हाथ उसके पैन्ट के अन्दर डाल उसके लन्ड को पकड़ लिया।
अब उसके पैन्ट और चड्डी को उतार दिया तो उसने भी मेरा टी शर्ट और पैंट उतार दिया।
अब हम दोनो पूरे नंगे थे।
उनसे मेरी गान्ड पकड़ मुझे गोद मे उठा किस करने लगा और बाथरूम मे ले गया मेरी चूत उसके लन्ड पर घिस रही थी।
मै अपने हाथ से उसके लन्ड को पकड़ अपने चूत पर घिसने लगी।
मै: अब डाल दो अब बर्दास्त नही होता।
अंशु:(मेरे कन्धे पर काटते हुए) नही यही तो लिमिट है।
अब वो अपने हाथ से मेरे चूत को सहलाने लगा मै उसके गोद मे ही अकड़ने लगी और झड़ गई।
अब उसने मुझे उतार दिया और पीछे घुमा मेरी जांघों के बीच लन्ड दबा कर मेरी जांघों को चोदने लगा उसका लन्ड मेरी बूर पर घिस रहा था मेरी आह निकल रही थी मै फिर कांपने लगी अब वो भी जल्दी जल्दी करने लगा और हम दोनो झड़ गए।
अब हम दोनो नहा कर बाहर आ गए और कपड़े पहन सो गए।
अब हमारी नींद 8 बजने वाला था तब खुला।
हमने मिलकर खाना बनाया और खाकर क्लास चले गए।
क्लास के बाद मैने पुछा कि मै तुम्हारे साथ रहने आ जाऊं। उसने हस कर हां कह दिया।
अब मै अपने रूम से कुछ कपड़े और किताब ले कर उसके रूम पर आ गई।
आते ही मैने उसे पकड़ लिया और किस करने लगी।
अंशु: अरे अभी कुछ खा कर पढ़ाई कर लो।
अब रात को खाना खा हम पढ़ाई करते हैं।
उसके बाद हम कपड़े खोल खुब चूसा चाटी करते हैं मै उसका लन्ड चूसती हूं इस बार मै उसका सारा रस पी गई उसने मेरी बूर चाट चाट कर पानी पी गया।
अगली सुबह 3 बजे हम फिर स्टेडियम गए और दौड़ लगाया और आ कर फिर चुसाई करी।
अगले दिन क्लास से वापस आईं तो मेरे पैर दर्द हो गया था दौड़ने की वजह से।
अब रात को मै हॉफ शॉर्ट और टी शर्ट पहनी थी।
वो तेल गर्म कर लाया और मेरे पैर की मालिश करने लगा मेरे तलबे चूमते हुए उन्हे दबाने लगा मेरी नसों को दबाने लगा मेरी हड्डियों को दबाने लगामेरी आह निकल गई।
अब उसने मेरे शॉर्ट उतार दिया और मुझे उल्टा लिटा मेरे जांघों और गान्ड की मालिश करने लगा अब टी शर्ट उतार मेरी कमर और पीठ की मालिश करने लगा मेरे कंधे और बाजू की मालिश करने लगा मेरा पूरा शरीर हल्का लग रहा था मै आपको बता दूं सेक्स करने मे जितना मजा आता है उससे कम मजा नही आता जब कोई इस तरह से मसाज कर दे।
अब वो मुझे सीधा लिटा मेरे चूचों की मालिश करने लगा अब पेट पर तेल गिरा पेट की मालिश करने लगा मेरी तो जान निकल गई थी।
अब उसने गर्म तेल हाथ में ले उन्हें मेरी चूत पर रख दिया मेरी सिसकारी निकल गई अब वो चूत की मालिश करने लगा मै कामुक हो आ आ करने लगी उसने कभी भी बूर के छेद के अन्दर कुछ नहीं डाला था बस पेडू क्लीट और फांकों को चूसता सहलाता और बूर के मुंह पर चूमता।
मै भी सोच ली थी कि डालूंगी तो इसका लन्ड ही नही तो कुछ नही।
अब कुछ देर बाद झड़ कर शान्त हो गई मै।
तो मै उठी और उसके कपड़े उतार उसकी मालिश करने लगी।
पहले मैंने उसे उल्टा लिटा दिया, उसके कन्धे और उसके बाजू की खुब मालिश की उसकी पीठ की खुब मालिश की मेरे नाज़ुक हाथों से उसे कुछ हो नही रहा था उसने और जोर से करने कहा तो मै उसके पीठ पर बैठ गई और अपने चूतड़ों से मालिश करने लगी कुछ देर बाद मै उसकी गांड़ की मालिश करने लगी।
अब उसके पर को हाथ से दबाने लगी उसे कुछ नही हो रहा था तो वो सीधा हो लेट गया और मुझे अपने पैर पर चढ़ने बोला।
मै दीवाल पकड़ उसके पैर पर चढ़ कर दबाने लगी मेरी चूत उसके सामने थी अब उसके पैर का दर्द कुछ कम हुआ तो मै उसके कमर पर बैठ उसके सीने की मालिश करने लगती अपने चूचों से उसके सीने को मसाज करने लगी।
अब नीचे आ उसके पेडू पर मसाज करने लगी बहुत देर से उसका लन्ड खड़ा था तो उसे मसाज करने लगी वो आ आ करने लगा अब मैं उसके ऊपर लेट उसके लन्ड को अपनी चूत से मसाज देने लगी।
कुछ देर बाद हम दोनो झड़ गए और खुद को साफ कर सो गए।
अब हम दिन मे 2 या 3 बार खुब मस्ती करते बाकि टाईम पढाई करते और सुबह स्टेडियम जाते और आ कर मस्ती करते और नहाते।
एक दिन संडे था तो मै किचेन मे सुबह खाना बना रही थी तभी नीचे वाला फ्लोर पर रहने वाला लड़का मकान मालकिन से बोल रहा था कि अंशु लड़की के साथ रह रहा है।
मकान मालकिन ने उसे डांट कर भगा दिया कि उसके लिए छुट है वो ऐसा वैसा लड़का नही है तुम्हे रहना है रहो नही तो खाली करो।
मै सोचने लगी कहीं ये भी तो पसन्द नही करती इसे।
अब खाना खाते समय मैने पुछ ही लिया।
मै: सुनो कही तुम मकान मालकिन से चक्कर तो नही चला रहे, वो तुम्हे कुछ नही बोलती मेरे यहां रहने पर ।
अंशु: पागल हो क्या?
मै: तो बात क्या है?
अंशु: अरे जब मै शुरु शुरु यहां रहने आया था तो उनकी बेटी को मुझसे प्यार हो गया था लेकिन मै उसे समझा कर उसका ध्यान पढ़ाई पर लगा देता हूं वो ये जानकर बहुत खुश हुई और कहने लगी कि आज के जमाने मे कोई और लड़का होता तो मेरी बेटी की जिन्दगी बर्बाद हो जाती, तभी से वो मुझे कहीं जानें नही देती यही रहता हूं।
मै: बडा तुमसे सबको प्यार हो जाता है?
अंशु: क्यों तुम्हे भी तो हो गया था।
मै मन में कहती हूं कि मुझे अभी भी है, शादी करूंगी तो तुमसे ही चाहे इसके लिए जान चली जाए।
अब हम लिव इन की तरह रहने लगे जब तक उसके भाई की गर्मी की छुट्टी ख़त्म नही हो गई।
इन 24 दिनो मे मै ना जाने कितना उसको प्यार करी, ना जाने कितनी बार उसके लन्ड को चूसा उसका गर्म पानी पिया ना जाने कितनी बार उसने मेरी बूर चाटी सिर्फ बीच मे मेरे पीरियड आ गए तो उन 4,5 दिन उसने बूर नही चाटी होगी।
मै कभी कभी उसे अन्दर डालने को भी कहती लेकिन वो हमेशा मना कर देता। और मुझे समझाने लगता।
कभी तो मेरा मन होता की उसके लन्ड पर जबरदस्ती कूद जाऊं और निगल जाऊ उसे अपनी बूर में ।
कभी सोचती कि इसे वायग्रा खिला दूं चुपके से तब इसके पास मुझे चोदने ke सिवा कोई चारा नहीं होगा।
मै यूंही ख्याली पुलाव बनाती रहती, लेकिन डर लगता था उसे धोखा देने से मेरी रूह कांप जाती।
लेकिन इन 24 दिनो मे उसने मेरा इतना ख्याल रखा की मै कभी भूल नही सकती, वो मुझे उठाता खाना मिलकर बनाता मेरे बाल बनाता मेरे सर की मालिश करता, मुझे अपने हाथ से खाना खिलाता वो मेरे जिन्दगी के अब तक के बेस्ट दिन लगे थे।
इन सब के बाबजूद वो कभी भी पढ़ाई मे कंपरमाइज नही करता, वो मुझे भी पढ़ाता था और जब मुझसे कुछ गलती हो जाती तो मेरे गान्ड पर जोर से मारता था मेरी चीख निकल जाती थी लेकिन मजा भी बहुत आता था। उसके साथ रह कर मुझे भी पढ़ने की आदत पड़ गई और मेरे भी टेस्ट में अच्छे नम्बर आने लगे थे।
लेकिन अब मुझे अपने रूम मे आना पड़ा
उसके बाद कभी मेरी रूम मेट घर जाती तो वो मेरे रूम पर आ जाता और हम मस्ती करते।
कुछ दिन मे मुझसे बर्दास्त नही हुआ तो मै 5 लड़कियों के साथ मिल उसके घर के सामने के फ्लैट में सिफ्ट हो गई।
वो 5 लड़कियां खिड़की से उसके रूम मे उसे देखती रहती और गन्दी गन्दी बातें करती उन्हे नही पता था कि जिस बॉडी को वो दूर से घूरती हुई अपनी बूर सहलाती हैं वो बॉडी मै चूसती हूं उससे खूब प्यार करती हूं और अपनी बूर घिसती हूं।
अब यहां आने से मै उसके साथ स्टेडियम जाती और अंधेरे मे कभी कभी किस करती।
कभी उसका भाई स्कूल गया होता तो मै जल्दी से उसके रूम मे जाकर मस्ती करती।
मेरे फ्लैट मे साड़ी लड़कियां थीं तो सबके क्लास अलग अलग जगह और अलग अलग टाईम पर थे तो मेरा फ्लैट कभी खाली ही नही रहता।
कभी कभी सारी शॉपिंग करने जाती तो ही खाली रहता।
अब यूंही मस्ती करते हुए समय बीत गया और हमारा कोर्स पूरा हो गया और हम अलग हो गए मै उससे आखरी बार अच्छे से मिल भी नही सकी इतने दिन में उसने मुझे अपना नम्बर नही दिया।
अब 2 साल बीत गए मै 2 साल से अपने होम टाउन मे ही थी अपने घर पर।
इन दो सालो मे मै कितना तड़पी उसके लिए मै बता नही सकती।
अब मुझसे बर्दास्त नही हो रहा था मेरा शरीर दिमाग का साथ नही दे रहा था। उससे कोई कॉन्टैक्ट नही था सभी के पास फोन कर पुछ ली, खूब मिन्नत की, लालच दी उसके दोस्तों से की उसका नंबर दे दो, मै अपनी फ्रेंड की सेटिंग करा दुंगी , लेकिन कोई टस से मस नही हुआ कोई कुछ बताता भी नही कि वो कहा है क्या कर रहा है।
एक दिन अचानक मुझे याद आया कि उसका एड्रेस
मैने कही लिखा था मैने अपने सारे डायरी बुक, नोट्स सभी छान मारे दो दिन की ताबड़तोड़ मेहनत के बाद आखिर मुझे मिल गया उसका एड्रेस। मै उसे देख खुब रोई खुशी से।
वो मेरे घर से 20 केएम दूर एक गांव था।
अब मै सीधा अपने ससुराल तो पहुंच नही जाती कि मै हूं आपकी बहू।
तो मैंने पहले उसके गांव के बारे मे पता किया तो पता चला कि उसके गांव के कुछ दूर के एक छोटे से कस्बे मे एक हाई स्कूल है वही से उसने हाई स्कूल पास किया है।
मै अगले दिन ही वहा पहुंच गई वहां पहुंच मै ऑफिस मे गई उसकी तस्वीर और नाम बता टीचर और स्टाफ से पुछने लगी कुछ नए थे तो नही पहचान पाए लेकिन सारे पुराने लोग पहचान गए मैने सभी से पुछा की किसी के पास उसका कोई कॉन्टैक्ट डिटेल है तो किसी के पास नही था तो मै अब एडमिशन फाइल ढूंढने लगी सभी मेरी मदद करने लगे।
एक ने कहा की यहां क्यों ढूंढ रही हो वो फलाने गांव का है सीधा वही चली जाओ मैने बोल दिया कि शादी के पहले ससुराल कैसे चली जाऊं।
सभी हंसने लगे।
कुछ देर की मेहनत के बाद एडमिशन फाइल मिल गई लेकिन उसमे सिर्फ एड्रेस था।
मै काफी निराश हो गई।
तभी एक पुरानी टीचर ने कहा कि उसके गांव से बच्चे तो आते ही हैं यहां पढ़ने उससे मिल जाएगा नम्बर।
फिर वो एक क्लास मे जाती हैं और हंसते हुए आती हैं, और कहती हैं कि एक के पास उसके पापा का नंबर है।
मै काफी खुश हो गई और उनके नंबर पर वहीं से कॉल कर दी।
मै काफी खुश थी और अन्दर से डर भी रही थी कि मै कैसे उसके पापा से बात करुंगी क्या कहूंगी उन्हे, क्या क्या दिमाग मे आ रहा था मै बता नही सकती थी।
अब उन्होने फोन उठा लिया मेरी दिल की धड़कन तेज हो गई।
पापा: हेलो कौन।
मै: प्रणाम पापा जी मै काजल बोल रही हूं अंशु कहा है?
पापा: अंशु तो बेटा ट्रैनिग में है उसकी आर्मी मे ट्रेनिंग चल रही है।
मै: उसका नंबर है आपके पास दे दीजिए।
पापा काफी सीधे निकले उन्होने नम्बर दे दिया।
पापा: पर बेटा आपने बताया नही कौन काजल कहा से बोल रही हैं।
मै उसका नम्बर मिलने की खुशी में पागल हुए जा रही थी।
मै: मै आपकी बहू काजल हुं और आपके बेटे के ससुराल से बोल रही हूं।
मै झट से कॉल काट देती हूं।
अब घर आ रात को, मै उसे कॉल लगाती हूं मै काफी खुश थी।
अंशु: हां जी कौन?
मै थोड़ी देर कुछ नही बोली।
अंशु: हां जी कौन हैं?
मै: हेलो…….
बोल मै रोने लगी।
अंशु: कमिनी तू मेरा नंबर कहां से मिला तुझे।
मै: ढूंढ़ने से सब कुछ मिल जाता है ये तो तेरा नंबर है।
वैसे मेरी आवाज पहचान गए तुम, लगता है अभी तक याद हूं।
अंशु: तुझे याद नही करुंगा तो किसे याद करुंगा जाने मन एक तू ही तो इन सर्द भरी रातों का सहारा है
मै: तो कभी कॉल क्यों नही किया मुझसे कॉन्टैक्ट करना इतना मुश्किल तो नही था।
अंशु: इंतजार जाने मन इंतजार, जो मजा इन्तजार में है वो दिदारे यार मे कहां।
मै: बहुत जाने मन जाने करने लगे हो किसी कश्मीरी को दिल दे बैठे हो क्या?
अंशु: अरे नही जाने मन तुझे तो पता है मुझे ये प्यार व्यार पसंद नही है।
मै: याद आती है मेरी तो मिलने क्यों नही आते कभी।
अंशु: अरे आता हूं ना अभी ठंड खत्म होने पर सियाचीन से निकलूंगा तो गर्मी में मै आ जाऊंगा छुट्टी मे।
मै: पक्का वादा करो।
अंशु: अरे पक्का वादा।
अब हम कुछ देर बात करते हैं वो सीडीएस का एग्जाम दे आर्मी मे ऊंची पोस्ट पर गया था।
अब कभी कभी हमारी बात होने लगी नॉर्मल ही।
मै उससे कहना चाहती थी कि मै उसके बिना मर जाऊंगी लेकिन कह नही पा रही थी।
अब गर्मियों के दिन आ गए तो शादियों का सीजन भी साथ लाए उसे छुट्टी मिल गई थी।
मै उसे मिलने बुलाने लगी लेकिन हम मिलते कहां ये समस्या थी यहां स्मॉल टाऊन मे सभी एक दुसरे को जानते हैं तो यहां बाहर मे कहीं मिलना पॉसिबल नही था।
एक दिन मेरी किस्मत मेहरबान हुई मैने सोचा कि अपना ही घर सबसे सेफ है।
मेरा घर 4 मंजिल का है जिसमे 4थी मंजिल पर सिर्फ एक रूम और उससे अटैच बाथरुम है जो मेरा बेड रूम है और बाकि सब खाली छत है।
नीचे के फ्लोर पर एक परिवार रेंट पर बहुत सालों से रहते हैं उनकी बेटी की शादी यहीं कमिटी हॉल मे होनी थी उस दिन पूरा घर खाली रहता वैसे मेरे घर में सिर्फ मै मेरी मां, मेरी बहन ही रहते हैं मेरे पापा ड्यूटी पर दुसरे शहर मे रहते हैं।
तब मैने शादी के दिन ही मिलने की सोच ली।
अब मैने उसे एड्रेस दे 11 बजे आने को बोल दिया। क्योंकि सभी 10 बजे तक चले जाने वाले थे। और मैने सोचा मै पेट दर्द का बहाना बना नही जाऊंगी।
शादी वाले दिन वो 11 बजे आ गया लेकिन अभी तक सारे यहीं थे पर मै भी आज ठान ली थी मै उसे मेहमानो मे शामिल कर घर में बुला लेती हूं और चुपके से उसे अपने कमरे मे सबसे ऊपर ले जाती हूं।
मै आज उसे 2 साल से भी ज्यादा समय बाद देख रही थी मै उसे गले लगा रोने लगी उसे आई लव यू कहने लगी उसे बोलने लगी की मै उससे प्यार करती हूं उसके बिना जी नही सकती।
उसने मुझे चुप कराया और बात करने लगा।
अंशु: पागल पहले कुछ चाय पानी तो दे दो आते ही रोने लगी।
मै आंसू पोंछ उसके लिए कुछ मिठाई नमकीन और जूस ले कर आ गई।
अब उसे अपने हाथों से खिलाने लगी उसके गोद मे बैठ।
वो भी मुझे खिलाने लगा तो मै उसकी ऊंगली चूम लेती।
अब नाश्ता कर मै सीधा उसपर टूट पड़ी और उसे किस करने लगी वो कुछ देर मना करती रही और फिर मेरा साथ देने लगा।
मै उसका शर्ट उतार दी ओर उसके सीने को चूमने चाटने लगी मै कंट्रोल मे नही थी। मै बस उसे पूरा अपने अन्दर समा लेना चाहती थी।
अब उसने दोनो हाथों से मेरा चेहरा पकड़ा मै उसे चूमने की कोशिश कर रही थी।
वो मेरी नशीली आंखों मे देखता है और मेरे लरजते होंठों को चूम लेता है, उन्हे चूसने लगता है मेरे होश उड़ गए, वो अब मेरे गले गर्दन कान सबको चूसता है मेरी सांसें तेज हो फूलने लगी तो वो मेरे गले को चूमने लगा मेरे सीने को चूमने लगा।
मै लहंगा चोली पहनी थी तो मैने अपने चोली और ब्रा जल्दी से उतार दिए अब मेरे मौसमी संतरे बन चूके थे और अनार बनने को तैयार थे।
मेरे चूंचे एक दम कड़क थे बिल्कुल टाईट ।
वो मेरे चूंचे चूसने लगा उन्हे पीने लगा निप्पल काटने लगा मेरे मुंह से आह निकल गई।
मै उसके बालो को सहलाते हुए अपने चूंचे चुसवाती रही। मेरी किलकारियां निकलने लगी।
कुछ देर में वो मेरे पेट और नाभी को चूमने लगा।
अब मैने अपना लहंगा और पैंटी उतार दी और उसका जींस भी उतार उसका नंगा कर दी अब मैं उसे किस करते हुऐ नीचे आने लगी और उसके लन्ड को अपने चूत पर रगड़ने लगी।
मै आज किसी भी कीमत पर चूदना चाहती थी।
मै उसे अपने ऊपर खींचने लगी लेकिन वो मना करने लगा मै उसे मनाने लगी उसे कहने लगी कि मुझे प्लीज चोद दो आखरी और पहली बार मै उसके बिना मर जाऊंगी मैं जान दे दूंगी।
कुछ देर बाद वो मान गया मै लेट गई और उसका लन्ड अपने बूर पर रख दिया इसके पहले ना मैने ना उसने कभी चुदाई करी थी।
वो मेरे बूर पर लन्ड दबा दिया मै अपने दांतों से अपना होंठ काटने लगी मैने उसका हाथ अपने मूंह पर रख लिया और उसे एक झटका देने बोला।
उसने झटका दे दिया उसका आधा लन्ड अन्दर घुस गया और इधर मै दर्द से उसका हाथ काट ली तब भी उसने हटाया नही मुझे बहुत दर्द हो रहा था ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने गर्म शरिया बूर में घुसा दिया हो।
मै कराहने लगी लेकिन उसके प्यार में मै सारा दर्द पी गई।
कुछ देर बाद मुझे अच्छा लगने लगा तो वो आगे पीछे हो मुझे चोदने लगा अब मुझे अच्छा लगने लगा तो उसने एक और धक्का दे पुरा लन्ड घुसा दिया मेरी आंखें बाहर आ गई उसके चेहरे पर भी दर्द दिख रहा था, मै उसका दर्द देख अपना दर्द भूल गई और उसे सीने से लगा किस करने लगी।
मेरी बूर से खून निकलने लगा था और वो बेड से नीचे टपक गया था।
कुछ देर बाद वो हल्के हल्के कमर चलाने लगा मुझे हल्का हल्का दर्द हो रहा था लिकिन मै उस मीठे दर्द को उसके प्योर मे भूल गई।
अब मुझे भी मजा आने लगा।
इतने मे कोई दरवाजा पिटने लगा वो दीदी थी।
दीदी:(दरवाज़ा पीटते हुए) काजल तू अंदर है क्या?
हम डर गए वो जल्दी से बाथरूम मे चला गया मैने जल्दी से अपना चोली और लहंगा पहना, उसके कपड़े बेड के नीचे छुपा दिए और दरवाज़ा खोला।
दीदी: क्या हुआ इतनी देर लगा दी दरवाजा खोलने मे।
और तू गई नही शादी में मुझे लगा तू चली गई इसलिए मैं नही गई,। क्या हुआ क्यों नहीं गई तेरी तबियत तो ठीक है।
मै घबरा गई थी।
दीदी:(जमीन पर मेरा ब्लड देखते हुए) पीरियड आए हैं तेरे, कितनी बार कहा है कि ऑर्डनेर पैड मत यूज किया कर अब देखो ये हो गया ना अब लहंगा खोल दे नही तो वो भी खराब हो जाएगा।
मै: जी दीदी।
दीदी: चल मेरे साथ मेरा पैड यूज कर।
मै दीदी के साथ नीचे चली गई मुझे चलने मे हल्का दर्द हो रहा था। मै नीचे गई तो नीचे कोई नही था सब जा चूके थे दीदी ने मुझे पैड दिया और मै ऊपर आ गई।
ऊपर मै रूम मे आ गेट बंद कर दिया। वो अभी भी बाथरूम मे था।
मै लहंगा खोल उसे बाहर बुलाती हूं।
मै; बाहर आ जाओ, दीदी गई।
अंशु:(बाहर आते हुए) यार तुमने तो मरवा ही दिया था, अब चलता हूं मै।
मै:(उसके गले लग उसे प्यार करने लगी) अरे तुम डरते बहुत हो।
कुछ देर में वो मान गया।
अब वो मुझे किस करते हुए बेड पर लिटा दिया और मेरी चोली खोल लन्ड बूर पर रख हल्का हल्का घुसा दिया।
मेरी आह निकल गई मैने कुछ देर बर्दास्त किया और फिर पहली चुदाई के मजे लेने लगी लन्ड काफी टाईट अन्दर आ रहा था। कुछ देर वो धोरे धोरे चोदता रहा। मै उसे किस करती रही अब मेरे शरीर मे कुछ हो रहा था अन्दर से जैसे गर्म लावा निकलने वाला हो।
मै आ आ कर झड़ गई ।
उसने लन्ड निकाल लिया मै आह आह करते हुए उसके ऊपर चढ़ किस करने लगी।
अब मै उसके लन्ड पर अपनी चूत घिसने लगी।
कुछ देर बाद मैने लन्ड घुसा लिया आधा मेरी आह निकल गई अब मै धीरे धीरे चोदने लगी। कुछ देर बाद मै झड़ गई।
अंशु: आह यार मेरे लन्ड मे जलन हो रही है।
अब मै नीचे उतर कर उसके लन्ड को देखती हूं वो छील गया था और पूरा टाईट था।
मै उसे मुंह मे भर चूसने लगी बहुत देर चूसा लेकिन वो नहीं झड़ा।
उसकी आंख मे आंसू आ गए।
अंशु: यार पता नही क्या हो रहा है बहुत दर्द हो रहा है आंखों मे जलन हो रही है।
मै घबरा गई उसके लन्ड को और अच्छे से चुसने लगी।
वो अब रोने जैसा हो गया उसकी आंखें एक दम लाल हो गई। मै घबरा गई कि क्या हो गया।
मै जल्दी से पैंट टी शर्ट पहन दीदी को बुलाने चली गई।
मै: दीदी चलो ना ऊपर तुमसे कुछ काम है।
दीदी: क्या हो गया इतनी घबराई हुई क्यों है।
मै उसे ऊपर लाती हूं वो बेड पर लेटा था हमे आता देख बाथरूम मे चला गया।
दीदी ने अभी तक उसे नही देखा था ।
मै: अंशु बाहर आ जाओ दीदी कुछ मदद कर देंगी उनको पता होगा क्या करना है।
दीदी: क्या हो गया और कौन है अन्दर।
मै: दीदी थोड़ा ठंडे दिमाग से सोचना, दरअसल ना हम दोनो ना कुछ कर रहे थे अचानक पता नहीं क्या हो गया उसे दर्द होने लगा। तुम देख लो ना कैसे दर्द हो रहा है।
दीदी: क्या कर रहे थे और क्या हो गया और कौन है अंदर?
मै: अंशु है दीदी, हम दोनो वो कर रहे थे। की अचानक उसे दर्द होने लगा उसकी आंखें लाल हो गई हैं।
दीदी: पागल है क्या यही सब करती है तू, रूक मै मम्मी को बताती हूं।
मै: जिसे बताना हो बता देना लेकिन अभी उसे देख लो, कुछ बताओ कैसे ठीक होगा वो उसे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज।
दीदी: तुम लोग कर रहे थे तुम जानो इसमें मै क्या कर सकती हूं।
मै: प्लीज दीदी कुछ बताओ ना कैसे ठीक होगा वो।
दीदी: अरे हुआ क्या है और मै क्या कर सकती हूं तुम लोग अभी जवानी छाई है तो भुगतो।
मै: एक बार देख तो लो प्लीज उसे बहुत दर्द हो रहा है।
मै अंशु को दरवाजा खोलने बोलती हूं कुछ देर बाद वो दरवाजा खोलता है उसने टॉवल लपेट रखा था और अपने हाथ से लन्ड को छुपा रहा था उसकी नजरें नीचे थीं उसकी आंखों से आसूं आ रहे थे।
मै उसका टॉवेल हटा देती हूं वो जल्दी से फिर ढंक लेता है।
मै: देखो क्या हो गया ये बैठ ही नही रहा इसकी आंखें लाल हो गई है।
दीदी: मुझे मत कहो कुछ। मै कुछ मदद नही कर सकती।
दीदी: (अंशु को डांटते हुए) ये तो छोटी है नादान है पर तुम्हे तो समझना चाहिए कि ऐसा काम नही करना चाहिए। ये अच्छी बात है क्या किसी लड़की के साथ ये सब करना। किसी के घर की इज्जत के साथ खेलना।
मै: आप उसे कुछ मत कहो मैने ही उसे कहा था वो तो नही करना चाहता था।
दीदी: तुम्हें तो मै बाद मे देख लुंगी।
मै: जो करना हो मेरे साथ कर लेना , लेकिन अभी कुछ बताओ क्या करूं।
दीदी:तुम लोगो को जो करना है करो मै तो पापा को फोन कर बताने जा रही हूं।
वो जाने लगी।
मै उनके पीछे जा सीढ़ियों पर उन्हें पकड़ ली।
मै: (रोते हुए) प्लीज दी कुछ करो ना उसके बाद जो करना हो मेरे साथ कर लेना चाहे तो मुझे मार देना लेकिन अभी कुछ उसकी मदद करने को बताओ।
दीदी: अब रो रही करने से पहले कुछ सोचा अपने मां बाप के इज्जत का ख्याल किया तुने।
मै: दीदी कुछ मदद करो ना उसकी, उसे बहुत दर्द हो रहा है, अगर उसे कुछ हो गया तो मै भी अपनी जान दे दूंगी।
दीदी: क्या होगा उसे कुछ नही होगा अपने आप ठीक हो जाएगा।
मै: दरअसल मैने उसके जूस मे कुछ गोली मिला दी थी उसी से हो रहा है कुछ बताओ ना क्या करूं।
दीदी: कौनसी गोली और कहां मिली तूझे वो।
मै: आपके रूम से ले कर।
दीदी: ओह पागल लड़की पता है तुने क्या किया है, कितनी डाली है।
मै: मै तो एक ही डाल रही थी लेकिन निकालते हुए सारी जूस मे गिर गई शायद 3,4 होगी।
दीदी: ओह पागल है तू एक दम।
मै: इसलिए तो कह रही हूं तुम चल कर देख लो इसका कोई एंटीडॉट है तो दे दो नही तो उसे कुछ हो जाएगा, अगर उसे कुछ हुआ तो मै अपनी जान दे दूंगी।
दीदी: चल देखती हूं।
हम ऊपर आ जाते हैं ।
वो बेड के किनारे बैठा था।
दीदी: क्या हो रहा है बताओ।
वो कुछ नही बोलता बस नजरें नीचे किए हुए था।
मै: बहुत दर्द हो रहा है मैने बताया तो।
दीदी: तुमसे पुछा मैने, ये गूंगा है क्या? बोलो क्या हुआ कब से दर्द शुरू हुआ ये बताओ।
अंशु: हम लोग कर रहे थे प्यार और अचानक आप आ गई तो मै बाथरूम मे छुप गया और वहां मैने नल खोल अपना वो धोने लगा टंकी का पानी बहुत गर्म था तो जल गया तभी से जलन हो रही है।
दीदी: पागल हो क्या, तुम्हें पता नही है कि गर्म लो ड़े (बात बदलते हुए) लोहे पर पानी नही डालते। पहली बार है क्या?
मै: हां,।
दीदी: तुमसे पूछा क्या।
अंशु: हां मेरा भी पहली बार ही है।
दीदी: आज कल के निब्बा निब्बी भी ना, कुछ पता होता नही और एक बार मे सीधा समंदर मे कूद जाते हैं।
मै: अब डांटना बन्द करो और कुछ करो ना उसे बहुत दर्द हो रहा है।
दीदी: क्या करूं पहले दिखाओ तो।
मै उसका टॉवेल हटा देती हूं।
उसका बड़ा लन्ड एक दम खड़ा हो ऊपर नीचे डोल रहा था।
दीदी: तुम नए लड़को का यहीं प्रॉब्लम है पुरा छील गया ऊपर से गर्म पानी डाल जख्मी कर दिया है।
दीदी उसका लन्ड पकड़ सहलाने लगी।
दीदी: तू क्या देख रही है चल जा यहां से।
मै बाहर आ गेट से छुपकर देखने लगी।
दीदी अब उसके लन्ड को दोनो हाथों से पकड़ सहलाने लगी और वही कुर्सी पर बैठ गई।
दीदी: अब कैसा लग रहा है।
अंशु: जलन और दर्द हो रहा है।
दीदी: वो तो होगा ही नई बूर चोदोगे तब उसकी बूर टाईट होगी और तुमने सुखा लन्ड घुसा दिया होगा।
टाईट बूर में सुखा लन्ड जाएगा तो लन्ड छील ही जाएगा।
वो अब थूक लगा उसके लन्ड की मूठ मारने लगी। कुछ देर में उनका हाथ दर्द करने लगा तो मूंह मे ले चूसने लगी अब मुंह भी उनका थक गया।
दीदी: ओह मै तो थक गई अब क्या करूं।
अंशु कुछ नही बोला।
दीदी टाईट बूर मे जाने से छील गया है तो अब इधर डाल कर देखते हैं कुछ होता है क्या।
दीदी अपना लहंगा उठा बेड पर लेट जाती हैं और अपनी पैन्टी उतार उसे बूर में डालने को कहती हैं।
दीदी: चल अब इधर डाल और हां थूक लगा पहली गीली कर ले सुखी मत डालना।
अंशु निचे झुक उनकी बूर पर थूक लगाता है फिर वो बूर चाटने लगता है कुछ देर मे दीदी की बूर पानी पानी हो गई।
दीदी: आह इतना अच्छा बूर चाट रहा है, लगता नही है पहली बार चाट रहा है। चल अब डाल दे और एक बार मे मत डालना।
मुझे दीदी की बूर नही दिख रही थी बस उसका लेफ्ट हिस्सा दिख रहा था और अंशु का दायां भाग उसने धीरे धीरे घुसा दिया दीदी की आवाज आह आह करने की आ रही थी।
अब दीदी ने उसे अपने ऊपर खींच लिया और किस करने लगी मुझे थोड़ा बुरा लगा लेकिन फिर सोचा चलो उसे राहत तो मिलेगी।
अब वो धीरे धीरे चोदने लगा।
दीदी: ऐसे चोदते हैं मर्द लोग। ज़ोर से चोदो।
वो ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा, दीदी आह आह करने लगी अब वो धीरे चोदने को बोली तो वो धीरे चोदने लगा फिर वो जोर से चोदने को बोली तो वो तेज चोदने लगा और इस बार शायद दीदी झड़ गई थी क्योंकि अब उनके जांघो की टकराने की आवाज बदल गईं थी और चिप चिप पट पट जैसी आ रही थी।
वो रूकने को बोली तो वो रूक गया।
दीदी: कैसा लग रहा है अब?
अंशु: पहले जैसा ही।
अब दीदी फिर लेट गई और चोदने को बोली वो फिर चोदने लगा कभी धीरे कभी जोर से ऐसे ही चुदाते हुऐ दीदी 3 बार झड़ गई।
दीदी: आह मै तो थक गई अब मेरा दर्द कर रहा है अब मुझसे नही होगा।
अंशु हताश हो बेड पर बैठ गया।
तभी मै अदंर चली गई।
मै: अब मै कर देती हूं।
दीदी: तू यहां क्या कर रही है, तेरी अभी टाईट है उससे और छील जाएगा,। तू जा यहां से।
मै बाहर आ चुपके से फिर उन्हें देखने लगी।
अब फिर दीदी ने उसके लन्ड ले चूसना शुरू कर दिया। कुछ देर में उनका मूंह दर्द करने लगा तो उन्होने छोड़ दिया।
दीदी: आह मै तो थक गई मेरा मुंह दर्द करने लगा। तुम्हें कुछ हो रहा है।
अंशु: हां अभी कुछ हो रहा था।
दीदी के चेहरे पर हल्की मुस्कान आती है।
वो अपनी चोली खोल उसके लन्ड को अपने चूचों में भींच उस पर खुब सारा थूक गिरा चिकना करती हैं।
और उसके लन्ड को अपने चूचों से सहलाने लगी कुछ देर बाद ऊपर नीचे कर उसके लन्ड से चूंचे चुदवाने लगी वो ज़ोर ज़ोर ज़ोर चोदने लगी अब अंशु के मुंह से आह निकली दीदी की आंखों मे चमक आ गई वो अपने होंठ काटते हुए ज़ोर ज़ोर से अपने चूंचे चुदवाने।
कुछ देर बाद अंशु जोर जोर से आह आह करते हुए दीदी के चूचों पर झड़ गया।
उसका पानी दीदी के माथे चेहरे तक पहुंच गया।
दीदी: (उसका लन्ड चूसती है) कितने दिन से जमा रखा था इतना गाढ़ा पानी।
अंशु: दो साल से।
अब दीदी बाथरूम मे जाती है और खुद को साफ कर बाहर आती है।
मै भी अदंर आ जाती हूं।
दीदी: ऐसा करो तुम नहा लो और सो जाओ।
और तुम नीचे चलो उसे सोने दो।
दीदी और मै नीचे चली जाती है।
मै कुछ नही बोल रही थी 4 बज चुका था।
कुछ देर में दीदी भी सो गई तो मै ऊपर चली आई ऊपर आई तो देखा वो नहा कर कपड़े पहन कर सो रहा है।
मै उसके बगल मे लेट उसे देखते हुए सो गईं।
अब कुछ देर बाद उसने मुझे उठाया तो मै उठी मैने उसे गले लगा किस करने लगी।
अंशु:(हंसते हुए) अभी भी हल्का हल्का दर्द कर रहा है पागल।
मै उसके लिए खाने को लाती हूं उसे खाना अपने हाथों से खाना खिलाती हुं।
अब शाम हो रहा था तो वो चला गया। दीदी सो ही रही थी।
दीदी सो कर उठी तो कुछ नही बोल रही थी मै उनसे माफी मांग रही थी लेकिन वो कुछ नही बोली।
तीन दिन तक उसने मुझसे बात नही की।
एक रात सोने के लिए मै उसके कमरे मे चली गई और गेट बंद कर चाभी अपने पास रख लिया।
मै: क्या हुआ दीदी बात क्यों नही कर रही हो।
दीदी: तू यहां क्या कर रही है निकल मेरे रूम से।
मै: नही पहले मुझे माफ कर दो, आज मै यहीं सोऊंगी।
दीदी: मुझे बात नही करना तुमसे तुम अब बड़ी हो गई हो अपने डिसिजन खुद लेने लगी हो। चल जा यहां से नही तो मै जाती हूं चाभी ला।
वो मुझसे चाभी छीनने लगी मैने चाभी अपनी ब्रा में डाल दी।
मै: चलो ले लो।
वो मुझे पकड़ने लगती हैं मै बेड के इधर उधर भागने लगी कुछ देर में उसने मुझे पकड़ लिया और मेरी ब्रा मे हाथ डाल चाभी निकालने लगी।
मैने उसके एक चूंची को दबा दिया और दबाने लगी।
दीदी: आह क्या कर रही है, मै दबा दुंगी तो रो जाएगी।
मै: तो दबा दो। मै उसकी दुसरी चूची भी दबा देती हूं।
दीदी: चल अपने यार से दबाने बोलना।
मै: जीजा तो अभी है नही तो मै दबा दूं आपके।
मै उनके ब्लाउज पर मुंह लगा दी, और काटने लगी।
दीदी :आह पागल है क्या।
मै: जब तक आप माफ नही करोगी मै काटती रहूंगी।
दीदी: ठीक है अब माफ किया चल छोड़।
मैने उनके सीने पर सर रख दी और वो मेरे बाल सहलाते हुए मुझे समझाने लगीं।
दीदी: देख काजल, आज कल जमाना बहुत खराब है, तुझे ये सब नही करना चाहिए अगर किसी को पता चल गया तो कितनी बदनामी होगी सोचा है।
मै कुछ नही बोली।
दीदी: अरे ये सब करना ही है तो शादी के बाद करना जिन्दगी भर तो यहीं करना है। बोल तो तेरी शादी करा दूं पापा से बोल कर किसी अच्छे लड़के से।
मै कुछ नही बोली।
दीदी: वैसे वो लड़का कौन था कैसा है।
मैने उन्हे बताया कि मेरा दोस्त है और आर्मी मे है।
3 दिन बाद मम्मी और किरायेदार लोग किसी धाम जाने वाले थे दीदी भी जाने वाली थी लेकिन उसके एक शाम पहले वो मना कर दी।
मै: आपने मना क्यों कर दिया जाने को।
दीदी: सबके जाने के बाद तू कहीं अपने दोस्त को ना बुला ले इसलिए मै नही जा रही।
मै; अब वो कभी नही आएगा।
दीदी: क्यों क्या हुआ?
मै: मैने उसे शादी मे अटेंड होने के लिए बुलाया था और उसके साथ ये सब हो गया। वो नही चाहता था करना लेकिन मैने उससे जबरदस्ती करवाई।
दीदी: वैसे था तो दमदार देखने मे काफी सुन्दर चेहरे पर तेज बॉडी भी थी।
दिल करता है एक बार उससे और करा लूं। कही तूझे उससे प्यार तो नही है।
मै रोने लगी।
दीदी: अरे रो क्यों रही हो लगता है प्यार है उससे। क्या तुमने उसे बताया।
मै: वो प्यार व्यार नही मानता।
दीदी: तो तेरी शादी की बात करूं उससे।
मै: नही ऐसा कभी भी नही करना।
दीदी: क्यों?
मै: अगर उसने मना कर दिया तो मै मर जाऊंगी।
ठीक है तुम उसे एक बार बुला कर तो देखो कहना मैने बुलाया है।
मै:एक शर्त पर बुलाऊँगी।
दीदी; क्या?
मै: मुझे उसके जैसा भांजा या भांजी देना होगा उससे करवा कर।
दीदी: पागल है क्या? किसी को पता चल गया तो जानती है क्या होगा।
मै: मुझे कुछ नहीं पता, बस मुझे उसके जैसा भांजा, भांजी चाहिए ।
दीदी: अरे किसी को पता चल गया तो?
मै: किसी को पता नही चलेगा, देख तेरा पति सन्डे को आया था तुम लोगो ने किया था ना।
दीदी: हां किया था।
मै: प्रोटेक्शन यूज किया था?
दीदी: नही, उसके एक दिन पहले मेरा पीरियड खत्म हुआ था तो मैने ऐसे ही करने दिया।
मै: वही तो अब कल तू उससे करवा लेती है तो किसे पता चलेगा और तेरी शादी को दो साल हो गए हैं मम्मी पापा भी तो नाती नातिन की आस लगाए बैठे हैं और मुझे लगता है तेरे पति से कुछ नही होने वाला उसे अभी से वियाग्रा की जरूरत होती है।
और मै नही चाहती की मेरी बहन के बच्चे तेरे पति जैसे हों।
तू नही चाहती की तेरा बेटा अंशु जैसा सुन्दर सुशील हो।
दीदी अब मान जाती हैं।
अब मै अंशु को फोन कर आखरी बार मिलने के लिए बुला लेती हुं।
पहले तो वो नही आने को बोला लेकिन फिर मै उसे मना लेती हूं।
सभी सुबह 8 बजे ही जाने वाले थे लेकिन गए 10 बजे। वो आ गया दीदी ने पहले ही मुझे मना कर दिया था कि मै नही चुदवा सकती।
दीदी अभी नहा रही थीं तभी वो आ गया मै उसे चुपके से अन्दर ले आई।
मैने उससे उसका हाल चाल लिया और सीधा ही किस करने लगी।
वो भी मुझे गोद मे उठा मेरी गान्ड दबाते हुए किस करने लगा।
हम बहुत देर तक किस करते रहे हमारी सांसे तेज हो गई तो हम अलग हुए।
अब वो मेरे गर्दन गले कान चुसने लगा मेरे सीने को चूसने लगा।
तभी बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़ बंद हो गई मै समझ गई कि दीदी नहा चुकी है।
हम अलग हुए दीदी पेटी कोट अपने बूब्स पर बांध बाहर निकली और अचानक अंशु को देख शर्मा गई और अपने कमरे मे चली गई।
अंशु: इन्हे क्या हुआ।
मै: दरअसल दीदी को तुम्हरा वो पसंद आ गया है तो वो तुमसे एक बार और करवाना चाहती हैं।
अंशु: यार तुम भी ना क्या समझती हो मुझे।
मै उसे मनाने लगी।
अंशु: ठीक है उन्होंने मेरी उस दिन मदद की तो अब मुझे भी करना चाहिए।
अब मै उसे दीदी के कमरे मे जाने बोलती हूं और खुद छुप कर देखने लगी।
दीदी अभी पेटी कोट मे ही अपने हाथ पैर पर बॉडी लोशन लगा रही थीं।
वो सीधे पीछे से जा दीदी के बाजू को पकड़ लेता है दीदी डर जाती है फिर मुस्कुराने लगती है।
वो उसके गर्दन को चूसने लगता है और अपना हाथ आगे कर उसके बोंबो को पेटी कोट के ऊपर से ही पकड़ लेता है दीदी मदहोश हो रही थी, वो आईने के सामने खड़े थे तो मुझे आईने मे उनका आगे का बॉडी दिख रहा था और सामने से अंशु का पीठ।
अब उसने उनके बालों को खोल दिया और उन्हें सूंघने लगा अब वो उन्हे घुमा देता है और उनके होंठों को चूसने चाटने लगा उनके गाल, कान गर्दन गला सभी जगह चूसा उसने दीदी मदहोश होने लगी।
तभी उसने पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया और उनका पेटी कोट सीधा उनके पैरों में गिरा दीदी पूरी नंगी हो गई मै पहली बार उन्हें नंगी देख रही थी मेरी आंखें फटी की फटी रह गई।
दीदी नीचे झुक अपना पेटी कोट उठाने लगी तो अंशु ने उन्हें पकड़ उनके होठ चुसने लगा।
कुछ देर बाद वो किस करते हुए उनका गान्ड दबाने लगा उन्हे मसलने लगा फिर दीदी ने उसके गले में हाथ डाल दिया तो उसने उन्हे उठा कर किस करने लगा।
अब कुछ देर बाद वो किस करते हुए नीचे बैठने लगा उनके गले से होते हुए उनके सीने को चूमने लगा अब वो उनके बड़े बड़े बूब्स चूसने लगा जोर जोर से पीने लगा उनके क्लीवेज चूसता कभी निप्पल चूसता तो कभी पुरे बोबे को चूसता।
अब वो नीचे आते हुए उनके पेट और नाभि को चूसने लगा अब वो उनके पेडू को चूमने लगा वो उसके बाल सहलाने लगी। अब उसने उसके चूत पर मूंह लगा दिया वो सिहर उठी आह आह करने लगी। वो अब पूरी चूत को चाटने लगा कुछ देर बाद दीदी के पैर कांपने लगे और वो आ आ करने लगी मै समझ गई कि वो झड़ गई।
अब कुछ देर वो दोनों किस करते हैं और अब दीदी उसके सारे कपड़े उतार देती है।
और उसके सीने को चूमने लगी।
अब वो नीचे बैठ उसका लन्ड चूसने लगी कुछ देर बाद अंशु उसे खड़ा करता है और बेड पर बिठा उनके पैर ऊपर कर अपना लन्ड घुसा देता है दीदी आह कर उठी और आंखें बन्द कर चुदवाने लगी।
कुछ देर में वो तेज चोदने को कहने लगी वो तेज तेज चोदने लगा कुछ देर में पच पच की आवाज आने लगी और मेरे सामने आज उनका चूतड बूर लन्ड आंड सब दिख रहा था तो मुझे उसके लन्ड पर सफेद सा लिस लीसा पदार्थ दिखा तोमै समझ गई कि दीदी झाड़ चुकी हैं।
अब वो हल्के हल्के चोदने लगा कुछ देर में तेज चोदने लगा और पुछा कहां निकालू तो दीदी ने अपना पैर उसके कमर पर लपेट लिया और उसे अंदर ही निकलने बोला 25 ,30 धक्के जोर से लगा वो अंदर ही झड़ गया।
कुछ देर वो वैसे ही पड़े रहे कुछ देर बाद उसने लन्ड दीदी के बूर से निकाला तो उनकी बूर से उसका माल निकल रहा था।
अब वो लेट गए और फिर किस करने लगे और एक बार और चुदाई करने लगे इस बार चुदाई करते हुए उसने दीदी के कान मे कुछ कहा तो दीदी मुस्कुरा उठी।
अब वो जोर जोर से चोदते हुए अन्दर ही झड़ गया।
कुछ देर वो दोनों किस करते रहे और फिर गर्म हो चुदाई करने लगे मेरा दिमाग खराब होने लगा मै भी चुदना चाहती थी। कुछ देर बाद आंधी आ गई।
दीदी:(चुदते हुए ही चिलाई) काजल लगता है आंधी आ गई है तू जा कर कपड़े उठा ले छत से।
मै कुछ नही बोली और ना ही गई।
दीदी:(उठते हुए) लगता है सो गई तुम थोड़ा रुको मै कपड़े उठा लाती हूं।
मै जल्दी से भाग नीचे के ही कमरे मे सोने का नाटक करती हूं। कुछ मिनट बाद मुझे सीढ़ियों पर उसके पायल की आवाज़ सुनाई दी मै जल्दी से उठी और अपना सलवार खोल स्कर्ट पहन ली और पैन्टी भी खोल दी और सीधा दीदी के रुम मे चली गई वो अपने कमर पर टॉवेल रख लेटा था बेड पर मैने अपनी बूर पर थूक लगाया और सीधा उसका टॉवेल हटा उसके लन्ड पर बैठने लगीं वो मुझे देख खुश हो गया और मुझे लिटा किस करने लगा।
मै: इतना टाईम नही है उसके आने के पहले मुझे चोद दो।
वो मेरे होंठों पर होंठ रख चुसने लगा मेरे बोबे कपड़े उतार मसलने लगा और अब स्कर्ट उतार मेरी बूर चाटने लगा मै आह आह करने लगी।
मेरी बूर तो उनकी चुदाई देख कर ही पानी पानी हो रखी थी उसके चूसने से तो बिल बिला उठी अब उसने लन्ड मेरी बूर पर रख घिसने लगा मैने कहा जल्दी करो।
अब उसने सुपाड़ा घुसा दिया मेरी आह निकल गई वो मेरे ऊपर लेट मेरे होंठ को पिचका कर चूमने लगा अब बोबे दबाने लगा उन्हे मसलने लगा मेरी आह निकल गई।
अब उसने धक्का देकर आधा लन्ड घुसा दिया और उतने से ही चोदना शुरू किया।
अब मुझे मजा आ रहा था तभी उसने पुरा लन्ड घुसा दिया मेरी चीख उसके होंठों में दब कर रह गई वो अब मेरे गर्दन को चूसते हुए हल्के हल्के चोदने लगा मै अब मजा लेने लगी तभी दीदी के पायल की आवाज़ आई मैने उसे छोड़ने बोला तो उसने मुझे कहा कि दीदी भीग गई होगी तो पहले बाथरूम जाएगी।
तब मै भी बिना डरे चुदाई का मजा लेने लगीं मेरी आंखें बन्द हो गई।
अब वो मेरा हाथ पकड़ चूमने लगा मै आंखें बन्द किए हुए उसके चुदाई को एन्जॉय करने लगी तभी उसने मेरी उंगली मे कुछ पहना दिया मैने आंख खोला तो एक रिंग था तभी दीदी भी ताली बजाते हुए अदंर आ गई हंसने लगी। उन्होने नाईटी डाल रखा था।
दीदी: पहली बार किसी ने एंगेजमेंट रिंग चुदाई करते हुए पहनाई होगी।
अंशु: काजल बेबी क्या तुम मुझसे शादी करोगी।
मै उसके गले से लिपट गई और रोने लगी मेरा गला भर आया था खुशी के मारे।
उसका लन्ड अभी भी मेरी चूत में था वो हल्के हल्के चोद भी रहा था।
मै उसे किस करने लगी कुछ देर में मैं झड़ गई तो वो भी बाहर निकल झड़ गया।
अब हम तीनो बेड पर लेट गए और बातें करने लगे उसने दीदी को भी नंगा कर दिया था।
मै: एक बात बताओ तुम कुछ देर पहले दीदी के कान मे क्या बोल रहे थे।
अंशु: उनसे हमारी शादी की परमिशन मांग रहा था।
मै तो उस दिन ही परपोज करने वाला था लेकिन तुमने मौका ही नही दिया आते ही किस करने लगी फिर खाने को ले आई खाने के बाद मुझे कुछ होने लगा उसके बाद वो सब हो गया।
दीदी हंसने लगी।
दीदी: लेकिन आज जब तुम्हे पता था कि तुम इसे परपोज करने वाले हो तो मुझे क्यों चोदा अब सारी जिन्दगी मै सोचती रहूंगी कि मैने अपनी बहन के पति से चुदाई करवाई है।
अंशु: मै आज आया ही था शादी की बात करने, लेकिन जब आया तो आप नहा रही थीं और इसने मुझे बोल दिया कि आप मुझसे आखरी बार चुदवाना चाहती हैं, अगर मै मना कर देता तो मै सोचता रहता जिन्दगी भर कि मेरी बीबी की बड़ी बहन मुझसे चुदना चाहती थी और आप वही सोचती रहती, वैसे पहले भी तो हम कर ही चूके हैं।
दीदी: वो मैने तुम्हारी मदद करने के लिए किया था।
अंशु: लेकिन आज आपको पेटीकोट में देख मेरा भी दिल किया कि चलो एक बार और सही। अब सब कुछ ट्रास्परेंट है किसी को कुछ छुपाने की जरुरत नही है।
अब हम सभी हंसने लगे और वो दीदी को फिर चोदने लगा।
दीदी: तू कैसे चोदता है कितनी बार झड़ चुका है पर तेरा तो बैठने का नाम ही नही लेता।
वो जोर जोर से चोदते हुए झड़ गया अदंर ही।
अब हमारी शादी हो गई अब हम जम कर चुदाई करते हैं मै उसके साथ ड्यूटी पर चली गई और खुब मस्ती की हमने कभी कभी घर जाती हूं तो दीदी भी मौका देख चुदाई कर लेती है।
अब दीदी के दो बच्चे हैं दोनों अंशु की तरह सुन्दर हैं उनकी आंखें तो बिल्कुल अंशु की तरह है।
कभी छुट्टी मे जाते हैं तो अपने उस किराए वाले रूम पर भी चले जाते हैं मकान मालकिन हमे देख खूब खुश होती हैं और हमे बिना एक दिन रोके आने नही देती हम उनके यहां रुक अपने पुराने दिनों मे वापस चले जाते हैं और खुब मस्ती करते हैं अब हमारे भी बच्चे आने वाले हैं।
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कहानी पूरी पढ़ने के लिए धन्यवाद। पहली बार चुदाई की कहानियाँ कैसी लगी, मुझे ईमेल करके जरूर बताइएगा : lovesingh171099@gmail.com
खड़े लन्ड को मेरा प्रणाम और गीली चूत को मेरे पति का नमस्कार।