मम्मी की चूत का भोसड़ा बनवाया

मम्मी की चूत का भोसड़ा बनवाया
मम्मी की चूत का भोसड़ा बनवाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सचिन है और में आगरा के एक कॉलेज में दूसरे साल की अपनी पढ़ाई कर रहा हूँ, वैसे मेरा घर मुंबई में है। मेरे पापा एक सॉफ्टवेर इंजीनियर है और वो सिंगापुर में नौकरी करते है, मेरी माँ का अपना एक बुटीक है और मेरे पापा 6-7 महीनों में दो तीन दिन के लिए घर पर आते है। दोस्तों मेरी माँ मुंबई में अकेली रहती है और वो बहुत खुले विचारों की है, मेरी माँ का फिगर बहुत मस्त है और उनके बूब्स 36 कमर 30 और कूल्हे 38 इंच के है, मम्मी की लम्बाई 5.6 इंच है और माँ का वजन 55 किलो है और मेरी माँ की उम्र 37 साल है। दोस्तों में और मेरे कुछ दोस्त हमारे होस्टल में एक दिन एक ब्लूफिल्म की सीडी ले आए। वो फिल्म माँ बेटे की चुदाई पर थी, उस फिल्म में एक माँ अपने बेटे और उसके दोस्त से अपनी चूत को चुदवाती है। फिर हम सभी वो सब देखकर एक प्लान बनाने लगे कि हम सब अपनी अपनी माँ को मिलकर इस सेमेस्टर की छुट्टियों में जरुर चोदेंगे, हम 7 दोस्त है जिनमें से 4 आगरा के है और एक जयपुर और 1 दिल्ली का है। अब सबसे पहले हम सभी ने अपने आगरा वाले दोस्तों की माँ को मिलकर बहुत जमकर चोदा। फिर मेरे दोस्तों ने मेरी माँ को चोदने का प्लान बनाया, मेरी माँ उन सभी की माँ से ज्यादा सुंदर है और में यह बात भी जानता था कि मेरी माँ बड़ी आसानी से चुदने के लिए मान जाएगी, क्योंकि मेरी मम्मी की चुदाई 6-7 महीनों में 1-2 दिन होती, इसलिए मम्मी की चूत हमेशा प्यासी ही रहती होगी और वो भी अपनी चुदाई के लिए तरसती होगी।

फिर हम सभी 7 दोस्त मुंबई में मेरे घर पर पहुंच गये। मैंने अपने घर की घंटी बजाई तो बहुत देर इंतजार करने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला तो मेरा एक दोस्त दोबारा अपनी एक ऊँगली से दरवाजे को खटखटाने लगा और तभी अचानक से दरवाजा खुल गया और मेरे दोस्त की उंगली मेरी मम्मी की नाभि में घुस गई और माँ के मुहं से उई की आवाज़ निकल गयी, क्योंकि माँ ने आकर दरवाजा खोल दिया और फिर मेरे दोस्त ने शरमाते हुए माँ की नाभि से उंगली को बाहर निकाल लिया, मेरी मम्मी ज्यादातर साड़ी पहनती है और उनकी नाभि हमेशा बाहर निकली रहती है। फिर हम सब लोग मेरे रूम में आ गये तो मेरे दोस्त ने अपनी उंगली मुझे सुंघाई उसकी उंगली से मम्मी की नाभि की महक आ रही थी और मेरे दोस्त बोल रहे थे, वाह क्या पटाका माल है, क्यो रे तूने कभी आंटी को नहीं चोदा? तो मैंने बोला कि मन तो बहुत करता था, लेकिन कभी ऐसा कोई मौका हाथ ही नहीं लगा।
फिर में हम सबके लिए कोल्ड ड्रिंक्स लेकर मेरे कमरे में ले आई और अब कोई उनके गुलाबी होंठो को देख रहा था तो कोई उनकी गोल और गहरी नाभि को तो कोई माँ के तने हुए बूब्स को अपनी आखें फाड़ फाड़कर देख रहा था। फिर मैंने अपने दोस्तों का परिचय मेरी माँ से करवाया और मैंने अपने सभी दोस्तों के नाम माँ को बताए और में बोला कि यह बाबा, जीतू, विपुल, नितिन, नीतू, चेतन, अजय है और फिर हम सभी बातें करने लगे। माँ ने पूछा तुम्हारे पेपर कैसे हुए? तो मैंने कहा कि हर बार की तरह बहुत अच्छे हो गए और हम सभी यहाँ पर अपनी छुट्टियाँ मनाने आए है। तभी बाबा ने कहा कि आंटी आपकी बुटीक कैसी चल रही है? तो माँ बोली इस बार कुछ बिक्री ज्यादा रही है और जीतू ने पूछा आंटी आपकी बुटीक में क्या क्या आईटम मिलता है? माँ बोली ज्यादातर औरतो के आईटम है, उनके अंदरगारमेंट्स, ज्वलेरी, लॅडीस गारमेंट्स। फिर अगले दिन मुझे और मेरे 5 दोस्तों को एक काम से तीन दिन के लिए पुणे जाना था, इसलिए बाबा और जीतू माँ के साथ घर पर रुक गये, वो तीनों हमे ट्रेन में छोड़कर घर आ गए, जब वो घर जा रहे थे तो मैंने कहा कि जीतू कहीं चुदाई ना कर दे? फिर जीतू बोला फ़िक्र मत यार चूत को फाड़ देंगे। उसके बाद तीसरे दिन में और मेरे 5 दोस्त पुणे से लौट आए, लेकिन माँ अभी सो रही थी, बाबा और जीतू ने बताया कि इन दो दिनों में तेरी माँ ने बहुत जमकर अपनी चूत को चुदवाया है और फिर उन्होंने वो सारी कहानी हमे बता दी। फिर वो लोग बोले उस दिन हम तुम सभी को ट्रेन में छोड़कर घर पर आ गए और माँ हमारे लिए खाना बनाने लगी। उस दिन बहुत गरमी थी तो माँ ने अपने सारे गहने उतार दिए और वो किचन में खाना बनाने लगी और इधर मेरे दोस्त मम्मी की चुदाई का प्लान बना रहे थे और माँ भी यह सभी बातें महसूस कर रही थी और फिर माँ ने जीतू को आवाज़ लगाई कि किचन में ऊपर रखे डब्बे को उतार दे तो उसने अपनी तरफ से बहुत बार कोशिश की, लेकिन वो डब्बा नहीं उतरा और तभी उसने माँ से कहा कि वो उनको ऊपर उठाता है और वो डब्बा उतार ले। फिर माँ बोली कि ठीक है और फिर जीतू में मम्मी को पेट की तरफ से पकड़कर ऊपर उठा दिया, इससे मम्मी की गहरी नाभि जीतू के मुहं तक आ गई और मम्मी की नाभि की महक जीतू की नाक में जा रही थी और मम्मी की नाभि की महक जीतू को बिल्कुल पागल कर रही थी तो जीतू ने मम्मी की नाभि पर अपने होंठ चला दिए और उसने माँ की नाभि का चुंबन ले लिया और मम्मी ने भी अपनी नाभि को अंदर खींच लिया, जिससे जीतू ने मम्मी की वो हरकत कोई भी विरोध ना होते हुए देख उनकी नाभि को चूस लिया।
फिर जीतू ने माँ को नीचे उतार दिया और तभी मम्मी ने हंसते हुए उससे कहा कि चल अब हट बदमाश मुझे खाना बनाना दे और जब खाना बन गया, तब वो दोनों सेंटर टेबल पर आ गये और माँ खाना लगाने लगी। मम्मी के दोनों हाथों में दो सब्जियो से भरे हुए कटोरे लगे हुए थे। तभी बाबा बोला कि आंटी क्या आप सलाद में डालने के लिए नींबू नहीं लाई। फिर माँ हंसते हुए बोली कि मेरी नाभि से निकाल लो तो बाबा समझ नहीं पाया और उसने देखा कि मम्मी की नाभि में नींबू घुसा हुआ था। तब माँ बोली कि मेरे दोनों हाथों में यह कटोरिया थी, इसलिए मैंने यह नीबू अपनी नाभि में फंसा लिया, प्लीज तुम ही निकाल लो। फिर बाबा माँ की नाभि से नींबू निकालने लगा, लेकिन वो नींबू बहुत टाईट हो गया था, इसलिए बाबा की उंगलियां माँ की नाभि से नींबू नहीं निकाल पाई। फिर जीतू ने माँ से कहा कि आंटी आप इधर आइए, में यह चाकू आपकी नाभि में डालकर नींबू निकाल देता हूँ और जीतू ने मम्मी की नाभि से वो नींबू बाहर निकाल दिया। फिर वो तीनों खाना खाते हुए बातें करने लगे और अब मम्मी भी उनके साथ बहुत ज्यादा खुल गई और वो बाबा से कहने लगी कि क्यों आज तक तुमने किसी लड़की के जिस्म को भी नहीं छुआ? तो बाबा हंसने लगा और बोला नहीं आंटी ऐसी कोई बात नहीं। फिर माँ बोली कि तो फिर मेरी नाभि को छूते समय तुम्हारे हाथ क्यों काँप रहे थे? यह बात सुनकर वो तीनो हंसने लगे। फिर उस रात को ज्यादा गरमी हो गई और मम्मी ने ए.सी. चला दिया। फिर भी गरमी थी, इसलिए वो जीतू और बाबा से बोली कि बहुत गरमी है, इसलिए में तो नहाने जा रही हूँ और वो नहाने चली गई, मम्मी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और माँ नंगी होकर अपनी चूत के बाल साफ करने लगी, मेरे दोनों दोस्त दरवाजे के एक छेद से सब देख रहे थे। उसके बाद मम्मी के बाहर निकलने से पहले वो दोनों वापस आ गए। फिर मम्मी अपने रूम में गई और उन्होंने जालीदार ब्रा और पेंटी पहनी और फिर माँ ने अपनी नाभि में मालिश की और एक चैन को पहन लिया और फिर वो अपनी मस्त जवानी को कांच में देखने लगी और वो जैसे ही पलटी और उनका एक पैर फिसल गया। उनके चिल्लाने की आवाज़ को सुनकर मेरे दोनों दोस्त ऊपर उनके कमरे में आ गये और माँ को लेकर वो नीचे ड्रॉयिंग रूम में आ गये, जीतू ने माँ की कमर पर मूव लगाई और माँ कुछ देर में सही हो गई। उसके बाद माँ ने जीतू से फ्रिज में रखी बियर लाने को कहा और फिर जीतू तीन गिलासो में बियर ला रहा था, थोड़ा सा असंतुलित हो जाने से कुछ बियर माँ के गोरे पेट पर गिर गई और उस बियर ने माँ की नाभि को भर दिया। फिर माँ जीतू से बोली कि जाओ कपड़ा लेकर आओ वरना मेरी पेंटी में इसका दाग लग जाएगा और जीतू कपड़ा लेने चला गया, लेकिन पास में लेटे हुए बाबा ने माँ की नाभि से उस बियर को चूस लिया और वो लगातार उनकी नाभि को चूसता रहा और माँ के मुहं से हल्की सी सिसकियाँ निकलने लगी और फिर जीतू आ गया। फिर माँ बोली अब कपड़े की ज़रूरत नहीं है, बाबा ने मेरी नाभि में भरी बियर को चूस लिया। फिर बाबा बोला देखा तू तो आंटी की नाभि को अपने हाथों से छू पाया और मैंने तो इसको चूम भी लिया और चूस भी लिया। तब जीतू बोला कि बेटे हम भी तुम्हारे उस्ताद है, हमने तो आंटी की नाभि को पहले ही किस कर लिया था और उन दोनों की बात सुनकर माँ हंसने लगी।
फिर बाबा ने टी.वी. को चालू किया तो टी.वी. पर डीवीडी की वजह से एक ब्लूफिल्म आ रही थी, जिसमें दो आदमी एक औरत को चोद रहे थे तो जीतू बोला आंटी हमे भी प्लीज जन्नत का सुख दे दो। फिर माँ बोली कि हाँ ले लो मेरे बच्चों, में तो बहुत सालों से प्यासी हूँ, आज तुम मेरी चूत को फाड़ दो। अब बाबा ने माँ की ब्रा और पेंटी को खोल दिया, जिसकी वजह से माँ अब उन दोनों के सामने पूरी नंगी पड़ी थी और बाबा माँ के बूब्स को चूसने लगा और जीतू माँ की चूत को और बाबा माँ के बूब्स की निप्पल को खींचकर चूस रहा था और वो कभी कभी माँ की निप्पल को अपने दांत से खींचता भी, लेकिन माँ बस यही कह रही थी, उफफ्फ्फ्फ़ हाँ फाड़ दो, मेरी चूत चीर दो और बाबा माँ के दोनों बूब्स को बारी बारी से अपने हाथों से मसल भी रहा था और वो माँ के बूब्स के निप्पल को ज़ोर ज़ोर से मसल भी रहा था और इधर जीतू माँ की चूत को चाट रहा था, वो माँ की चूत की पंखुड़ियों को अपने दांतों से खींचता और मम्मी की चूत को चूस रहा था। कुछ देर बाद उसने माँ की चूत में दो उँगलियों को डाल दिया और अब वो ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा और अब उसने सही मौका देखकर मम्मी की चूत में अपना लंड डाल दिया, जिसकी वजह से माँ की एक जोरदार चीख निकल गई। अब वो अपना लंड माँ की चूत में अंदर बाहर करने लगा और माँ मोन करने लगी उफफ्फ्फ्फ़ हाँ और डालो और ज़ोर से, मुझे चुदना बहुत अच्छा लगता है और अंदर जाने दो उूह्ह्हह्ह्ह् प्लीज सससस्स धीरे में मर गई और धीरे आईईईई मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है। फिर जीतू ने अपनी चुदाई की रफ़्तार को बढ़ा दिया। फिर माँ उससे बोली ऊऊहह आहहहह अब मज़ा आ रहा है और चोद ज़ोर से चोद, फाड़ दे इस हसीन चूत को ऊऊुउउइईई तुमने मुझे जन्नत पहुंचा दिया, में झड़ गई रे। फिर थोड़ी देर बाद बाबा बोला कि आंटी चलिए ना एक बार दोबारा हो जाए। फिर माँ बोली कि चल तू भी चोद ले तो बाबा बोला कि आंटी आपने क्या सुंदर चूत के दर्शन कराए है? में खुश होकर बोली कि फ्रिज में कुछ रबड़ी रखी है, जीतू रबड़ी ले आ और वो तुरंत ले आया और फिर बाबा ने रबड़ी में अपना लंड डुबोकर माँ के बूब्स पर रबड़ी लगाई और नाभि को भी रबड़ी से भर दिया और उसने माँ की चूत पर भी रबड़ी को लगा दिया। उसके बाद बाबा माँ की मीठी चूत को चूसने लगा और जीतू माँ के बूब्स पर लगी रबड़ी को चूस रहा था और फिर बाबा ने माँ की नाभि में भरी रबड़ी में अपनी एक उंगली को डाल दिया और माँ की नाभि में अपनी उंगली से भरने लगा और फिर उसने माँ की नाभि को चूस लिया। फिर चिकनी चूत को एक बार फिर से चाटा और उसके बहाने उसने दाँत भी गड़ा दिया और वो ज़ोर से मचल उठी। उसके बाद वो बोला कि सारी रबड़ी अब खत्म हो गयी, चलो अब में जैसे बोलती हूँ तुम ठीक वैसा ही करो। अब तुम मेरी चूत को शांत करो और मुझे मस्ती दो। फिर बाबा उठा और माँ को फिर से चाटने लगा और उनकी चूत में अपनी उंगली को डालने लगा, आह्ह्ह्हह्ह वाह कितनी टाईट है ऊउूउउ अरे अब बाबा ने माँ के पैर अपने कंधो पर रखे और उसने अपना उठा हुआ लंड बाहर निकालकर माँ की चूत पर फेरने लगा। फिर मेरी माँ उससे बोली कि जल्दी से अंदर कर दे, इसको बाबा ने अपने लंड को माँ की चूत पर लगाया और ज़ोर से माँ को एक झटका दे दिया और बाबा का लंड गप से फिसलकर अंदर तक चला गया और माँ बोली कि ऊऊईईईई माँ उईईई में उूउउ तेरा बहुत बड़ा है, इसके ज़ोर से झटके मार, मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर बाबा अपने झटके और बढ़ाने लगा, जिसकी वजह से माँ और ज़ोर से चिल्ला रही थी, वाह क्या बात है आह्ह्ह्ह ऊऊईईईईइ मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है, वो भी अब नीचे से अपनी कमर को हिलाकर बाबा का साथ दे रही थी तो बाबा बोला आज रबड़ी की चूत है ना इसलिए चुदाई में मज़ा आ रहा है। तभी बाबा ने ज़ोर से झटका मारा तो मुहं से आवाज़ निकल रही थी उूउउंम आईईईईईईई और बाबा भी झटके मारने लगा आअहह मेरे राजा मर गई रे चोद रे चोद उईईईईईई माँ फट गई रे वो भी पूरा पूरा मज़ा ले रही थी, आह्ह्ह्हह्ह क्या बात है आाशश ओह्ह्ह्ह और ज़ोर ज़ोर से लगाओ बहुत मज़ा आ रहा है। फिर बाबा भी पूरी ताक़त से लंड को भीतर ठोकने लगा और वो ज़ोर से चिल्लाई फट गयी रे मेरी चूत। अब बाबा का वीर्य अब निकलने वाला था, तो मम्मी ने बोला कि वीर्य को अंदर ही टपका दो कुछ नहीं होगा, उसने कसकर पकड़ लिया और एकदम से स्पीड को तेज कर दिया और वीर्य को रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन फिर 5 मिनट में एकदम से बहुत सारा वीर्य मम्मी की चूत के अंदर निकल गया और फिर पूरी रात उन दोनों ने मेरी माँ की चुदाई की और 2 बजे वो सो गया। बाबा और जीतू के कुछ जानने वाले मुंबई में ही रहते थे, अगली सुबह बाबा और जीतू ने प्लान बनाया कि वो आंटी को अपने जान-पहचान वालों से भी चुदवाएँगे।
अब जीतू बोला कि आंटी मेरे एक अंकल यहाँ अंधेरी में रहते है, तो माँ बोली कि उनका परिवार कहाँ है? तो जीतू बोला कि वो तो आगरा में है। फिर माँ बोली तो क्या वो अकेले रहते है तो जीतू बोला नहीं उनके तीन दोस्त भी है और बाबा बोला कि मेरा भी एक चचेरा भाई यहाँ पर अपने दोस्तों के साथ कांदीवली में रहता है, वो यहाँ से पड़ाई कर रहा है और फिर वो दोनों बोले कि आंटी क्या आप हमे वहां पर मिलवा लाएँगी। फिर माँ बोली कि चलो आज कहीं एक जगह चलते है तो बाबा और जीतू में बहस होने लगी कि मम्मी किसके साथ जाएँगी और तब माँ बोली टॉस कर लो, जो भी जीता उसके साथ चलेंगे और टॉस जीतू ने जीत लिया। अब मम्मी ने गुलाबी रंग की जालीदार साड़ी पहनी और जीतू के साथ वो चल दी। फिर बाबा बोला वाह क्या मस्त माल लग रही हो आंटी? क्योंकि माँ ने हमेशा की तरह अपनी साड़ी को नाभि से नीचे बांधी थी और माँ की नाभि में एक गुलाबी कलर का मोती घुसा था। फिर बाबा ने मम्मी के होंठो पर एक जोरदार चुंबन लिया और बोला आंटी जल्दी आना मम्मी के जाते ही बाबा ने अपने चचेरे भाई को कॉल किया कि कल तेरे रूम पर में एक माल को लाऊंगा, तेरे जितने भी दोस्तों को चूत चाहिए तू उनको बता देना। फिर कुछ देर बाद बाबा के भाई ने बताया कि कुल 4 लोग है तो बाबा बोला कि ठीक है। उधर वो दोनों जीतू के अंकल के यहाँ शाम के 7 बजे पहुंच गये, जीतू ने भी अंकल को पहले ही बता दिया था कि एक सेक्सी आंटी की चूत की चुदाई में आपसे करवाऊंगा। जीतू ने माँ को सबसे मिलवाया तो जीतू बोला कि यह मेरे अंकल कमल है और यह उनके दोस्त अनिल, अभी और मोहित है। फिर शाम को 7.30 बजे कुछ कोल्ड ड्रिंक के समय जीतू ने मम्मी की कोल्ड ड्रिंक में हल्के नशे की गोली मिला रखी थी और कुछ देर बाद माँ को मदहोशी छाने लगी तो उन्हें कुछ शक होने लगा तो वो वहां से उठकर बालकनी में आ गई और पीछे पीछे जीतू भी आ गया। फिर माँ बोली कि जीतू तुमने मेरी कोल्ड ड्रिंक में कुछ मिलाया था और तुम मुझे यहाँ पर चुदवाने लाए हो क्या?
फिर जीतू हंसने लगा और माँ भी उसके बाद बोली मेरे राजा तुमको मेरी चूत का बहुत ख्याल है और माँ हंसती हुई जीतू के संग अंदर आ गई और अंदर वो चारो माँ के जिस्म को घूर रहे थे, लगता था महीनों से चूत नहीं मिली और फिर माँ ड्रॉयिंग रूम में ज़मीन पर पड़े बिस्तर पर लेट गई और वो भी वहां पर आ गए और माँ के चारो तरफ बैठ गये, उनमें से एक ने माँ की साड़ी पेटीकोट और ब्लाउज उतार दिया। अब मम्मी के जिस्म पर केवल ब्रा और पेंटी थी। तभी जीतू बोला अंकल मैंने कहा था ना बहुत मस्त माल है और उसके बाद उन्होंने माँ की ब्रा और पेंटी को भी उतार दिया और वो माँ के बूब्स और चूत से खेलने लगे। उनमें से दो तो मम्मी के बूब्स को मसल रहे थे और एक माँ की चूत को मसल रहा था। अब जीतू बोला कि कमल अंकल आंटी की नाभि से यह मोती निकाल दो, इनकी नाभि बहुत मस्त है और बहुत गहरी भी है, इसको चूसने में बहुत मज़ा आता है। फिर कमल अंकल ने आंटी की नाभि से वो मोती बाहर निकाल दिया। उसके बाद वो माँ की नाभि को चूसने लगे, जीतू ने मम्मी की नाभि को शरबत से भर दिया और बोला कि अब चूसो आंटी की नाभि। फिर उन्होंने माँ की चूत को चूसना शुरू किया और माँ की चूत पर अपना लंड सटा दिया और इस बीच माँ ऊऊुउइईई अहह्ह्हह करने लगी, उन्होंने चूत में अपना लंड डाल दिया और धक्के मारने शुरू किए, उनका पूरा लंड माँ की चूत में घुस गया था और वो माँ की चूत के नीचे जाकर धक्के मार रहा था, जिसकी वजह से माँ के मुहं से ऊओउउइईई की आवाज़े निकल रही थी और उसने अपनी आखें बंद कर ली थी। तभी अचानक से वो बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगे और थोड़ी देर में उसने अपना पूरा गरम वीर्य माँ की चूत में छोड़ दिया और अब बारी मोहित की थी। मोहित ने मम्मी की चूत को कपड़े से साफ किया और फिर उसने माँ की चूत में अपनी जीभ को डाल दिया और वो चूत को चूसने लगा और 3-4 मिनट तक चूत को चूसता रहा। फिर माँ बोली अह्ह्ह्ह यह कैसा नशा है? में मर गई अरे अरे ओह्ह्ह्हह हाँ और अंदर और अंदर हाँ में मर जाऊंगी रे माँ बोली कि तू अब जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दे। फिर मोहित ने माँ के दोनों पैरों को ऊपर की तरफ उठाया और नीचे एक तकिया लगाया और लंड को चूत में धीरे से डाल दिया, चूत बहुत मुलायम और खुली हुई थी और आधा लंड डालकर मोहित ने पूछा क्यों अब ठीक है? मम्मी ने कहा कि दर्द हो रहा है। फिर मोहित ने थोड़ा सा लंड बाहर निकालकर अंदर बाहर करना शुरू किया, जिसकी वजह से मम्मी को मज़ा आने लगा और वो अपने कूल्हे उठाने लगी। तभी मोहित ने अचानक से अपना पूरा लंड अंदर घुसा दिया, जिसकी वजह से वो ज़ोर से चिल्लाई, आईईईईईई माँ फट गयी रे मेरी चूत क्या घुसाया है दूसरी ही बॉल पर छक्का मार दिया रे? मोहित ने उनकी मस्ती को देखते हुए अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और माँ को मज़ा आने लगा तो वो बोल उठी और ज़ोर से डाल फाड़ डाल, क्या मस्त चोदता है, ऐसा मज़ा तो पहली रात को भी नहीं आया और माँ बोली कि मेरी चूत का तो आज भोसड़ा बनेगा, क्योंकि मेरी चूत बहुत तंग है और मम्मी झड़ गयी। फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद माँ बोली कि आज लगता है कि चूत पूरी तरह से फट जाएगी और फिर अनिल बोला कि भाभी अब मेरी बारी है। माँ बोली कि हाँ में तैयार हूँ और फिर वो अपने दोनों हाथों से माँ के बूब्स को मसल रहा था और पेट पर लेटकर मम्मी की नाभि को चूस रहा था और 5-6 मिनट तक नाभि को चूसने के बाद उसने माँ की चूत को मसलना शुरू किया और मसल मसलकर माँ की चूत को लाल कर दिया। तब मम्मी बोली कि प्लीज अब चोद दो मुझे। दोस्तों उसका तना हुआ लंड एकदम माँ की चूत के छेद पर था और वो चोदने को तैयार होने लगा और माँ कहने लगी उफफ्फ्फ्फ़ माँ में मर गई, यह क्या हो रहा है ओफफफ्फ़ अब और सहन नहीं होता, प्लीज अब डाल दे मेरे राजा। फिर उसने पूछा क्या डालूं मेरी जान? वो बोली कि तेरा मोटा लंड डाल दे मेरी चूत में और इसे फाड़ दे। फिर वो बोला ले यह डाल दिया और अब बताना कितना चाहिए नहीं तो यह चूत फट जाएगी, अनिल ने आधा ही डाला था और माँ बोली बस, तो अनिल लंड को अंदर बाहर करने लगा और कुछ देर बाद उसने एक साथ अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया तो मम्मी उूईईईईई फट गईईई और माँ की चूत की ऐसी घिसाई की जिससे चूत का पानी निकल गया और अनिल ने अपने वीर्य से माँ की नाभि को भर दिया और फिर एक उंगली नाभि में डालकर नाभि की मालिश करने लगा।
अब कमल चाचा की बारी थी। फिर अनिल और मोहित माँ के बूब्स को मसलने लगे और कमल चाचा आंटी की चूत की मालिश करने लगे, वो माँ की चूत की फांको को अपने हाथों से मसल रहे थे और माँ के मुहं से ऊऊऊऊऊऊ ओह्ह्ह हाँ ऐसे ही अब थोड़ा ज़ोर से और तेज की आवाज़ आने लगी और फिर कमल अंकल ने अपना तना हुआ मोटा लंड मम्मी की चूत से रगड़ने लगे और फिर अंकल ने अपने लंड को पकड़कर मम्मी की चूत पर चाबुक की तरह मारने लगे जैसे ही अंकल का हथियार माँ की चूत से टकराता पटकककक पटकककक की आवाज़ आती और कुछ देर में मम्मी की चूत लाल पड़ गई। फिर माँ बोली कि प्लीज अब डाल दो मेरे राजा मुझे और मत तरसाओ चीर दो इस चूत को, फाड़ दो मेरी भोसड़ी को, कमल अंकल बोले कि भाभी जी आज आपकी कुतिया यानी चूत को तो फाड़ दूंगा, तो माँ हंसने लगी और बोली कि चूत के नसीब में एक दिन फटना ही लिखा है, चलो अब फाड़ दो तुम मेरी चूत को। फिर वो भी तैयार हो गए थे और उन्होंने अपना लंड माँ की चूत पर रखकर धक्का लगाया, लेकिन वो नहीं घुसा तो उन्होंने धीरे से अपने लंड के टोपे को चूत में घुसाया और फिर पूरी जान से एक झटका मारा और उनका पूरा लंड माँ की चूत में डाल दिया और वो चीखने लगी और थोड़ी देर में माँ का दर्द गायब हो गया और अब माँ को भी मज़ा आने लगा। फिर माँ ने अपनी कमर को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया और अंकल अपने लंड को अंदर बाहर करने लगे और माँ ने भी जोरदार धक्का देना शुरू कर दिया और जब अंकल का लंड माँ की चूत में होता तो वो उसे कसकर पकड़ लेती और अपनी चूत को सिकोड़ लेती। अंकल ने भी पूरी जान से धक्का मारा और मम्मी की लंड से पकड़ छूट गई और लंड माँ की चूत की गहराई तक चला गया और वो पूरा कमरा चुदाई की आवाज़ से भर गया था, आहहह ऊओऊऊहह हाँ मेरे राजा मर गई रे उईईईईईई माँ फट गई रे और कुछ देर लंड माँ की चूत में अंदर गया और बाहर निकला और फिर ढेर सारा वीर्य माँ की चूत में निकल गया और फिर कुछ देर तक अंकल माँ के ऊपर ही लेते रहे और फिर वो हट गये और कहने लगे कि वाह मज़ा आ गया मेरी रानी। अब मम्मी कह रही थी कि मुझे भी बहुत मज़ा आया और फिर माँ उठकर नहाने चली गई और जीतू भी बाथरूम में चला गया और उसने मम्मी के बूब्स चूत पर साबुन लगाकर बहुत मालिश की उसके बाद वो मम्मी को नहलाने लगा, वो माँ की चूत पर पानी की धार मार रहा था। फिर कुछ ही देर में मम्मी की चूत एक बार फिर से खिल उठी और इधर जीतू का लंड भी तन गया। फिर माँ बोली कैसे इसको तड़पा रहा है? वो बोली कि चल इधर आ उसके बाद उन्होंने जीतू का लंड भी अपनी चूत में ले लिया और अंकल ने माँ की चूत को बहुत खोल दिया था, इसलिए अब जीतू का लंड भी बड़े आराम से माँ की चूत में आ गया और वो कब झड़ गया मम्मी को पता भी नहीं चला। फिर उसके बाद माँ और जीतू नहाकर बाथरूम से बाहर आ गए और माँ ने अपने कपड़े पहने और फिर हम सभी खाना खाने को टेबल पर बैठ गये। उसके कुछ देर बाद माहोल रंगीन हो गया और खाना खाने के बाद हम लोग वहां से आने को तैयार हुए। फिर कमल अंकल माँ के बूब्स को दबाते हुए बोले कि अब जल्दी आना मेरी जान मुझे तुम्हारी बहुत याद आएगी और तब माँ बोली कि हाँ मेरे राजा हम दोबारा जरुर मिलेंगे और फिर अंकल माँ की नाभि की गोलाई पर अपनी उंगली फेरने लगे, जिसकी वजह से माँ उूउईई उउस्स्सुससू करने लगी और वो बोली कि प्लीज अब जाने दो। फिर अंकल बोले कि हाँ ठीक है, लेकिन में पहले आपकी नाभि का मोती तो लगा दूँ और अंकल ने इतना कहते हुए माँ की नाभि में वो मोती जड़ दिया, जिससे बहुत खुश होकर माँ ने भी अंकल के होंठो को चूम लिया। उसके कुछ देर बाद मम्मी और जीतू घर के चल दिए और वो वहां पर पहुंचते ही सो गए, क्योंकि माँ और जीतू दोनों ही उस चुदाई की वजह से बहुत थक गये थे।
फिर अगली सुबह 12 बजे माँ की नींद खुल गई और वो उठकर फ्रेश होने चली गई। फिर थोड़ी देर बाद माँ नीचे आई तो उन्होंने नारंगी रंग की साड़ी पहन रखी थी और उन्होंने अपने पल्लू की गोल रस्सी को पीछे की तरफ डाल रखी थी, जिससे माँ के बूब्स की पहाड़ियाँ अलग अलग बटी हुई थी और वो दिखने में बहुत सुंदर आकर्षक लग रही थी और मम्मी के गोरे पेट, पतली कमर के बीचो बीच गोल और गहरी नाभि पर एक काले रंग का टेटू लगा था, जो उनके गोरे और मखमली जिस्म और भी ज्यादा निखार रहा था। अब बाबा मम्मी को देखते हुए बोला वाह क्या बाला की सुन्दरता है तो माँ उसके मुहं से अपनी तारीफ को सुनकर मुस्कुराने लगी। अब माँ ने और उन दोनों ने एक साथ लंच किया। उसके बाद बाबा बोला कि चले आंटी तो माँ उससे पूछने लगी क्या तुम भी मेरी चुदाई करवाओगे? तो बाबा और जीतू माँ की उस बात को सुनकर हंस दिए और उनके साथ साथ मम्मी भी हंसने लगी।
फिर बाबा बोला कि आंटी हम थोड़ा सा मज़ा मस्ती करेंगे, आपको बहुत मज़ा आएगा। फिर माँ पूछने लगी क्यों थोड़ा सा या पूरा? तो बाबा बोला कि पूरा तो माँ बोली कि फिर तो ठीक है। अब बाबा और मम्मी बाबा के दोस्तों के यहाँ पर पहुंच गए। वहां पर मुझ सहित 5 लोग थे और वो सब के सब चूत लेने के लिए बड़े बेकरार थे, वो सभी माँ को बहुत जमकर चोदने वाले थे, उनको इस दिन का बहुत इंतजार था। फिर वो लिफ्ट से उनके फ्लेट तक पहुंच गये और अब बाबा ने अपना एक हाथ तो मम्मी की कमर में डाल दिया और अंगूठे के पास वाली उंगली को उसने मम्मी की नाभि में घुसा दिया, जिसकी वजह से मम्मी के पेट पर एकदम से गुदगुदी होने से मम्मी ने अपनी नाभि को अंदर खींच लिया और वो हंसते हुए बोली कि बाबा तुम भी ना बड़े वो हो और तभी दरवाजा खुल गया। फिर बाबा मम्मी संग संग कमरे के अंदर चले गये, वहां पर सभी लोग माँ की जवानी को घूर रहे थे। कोई उनके कसे, तने हुए बूब्स को देख रहा था तो कोई माँ की नाभि में घुसी हुई बाबा की उंगली और फिर तभी बाबा ने माँ की नाभि से अपनी उंगली को बाहर निकाल लिया और वो अपनी ऊँगली को माँ की नाभि की गोलाई पर घुमाने लगा और मम्मी भी उनके पेट पर गुदगुदी होने की वजह से अपने पेट को अंदर बाहर कर रही थी। फिर कुछ देर बाद बाबा ने मम्मी से सभी लोगों का परिचय करवाया तो वो बोला कि यह मेरा चचेरा भाई राज है, यह राजीव, यह दिनेश और यह कुमार है। माँ ने सब लोगों से हाए कहा और उसके बाद बाबा ने माँ की नाभि से अपनी उंगली को जैसे ही बाहर निकाला तो तभी उन सभी की निगाहे माँ के गोरे पेट और पतली कमर के बीच में बने उस गोल गहरे गड्ढे पर चली गई और उन सभी के लंड कुछ ही सेकिंड में तनकर खड़े हो गये। फिर राज ने कहा कि वाह आंटी क्या सेक्सी जिस्म है आपका और अब राजीव बोला चूम लो इस गहरी नाभि को, तो बाबा बोला दोस्तों यह जवानी का मदहोश कर देने वाला जाम आज शाम तक आप लोगों के लिए और वो सभी हंस दिए। उसके बाद उन सभी ने ठंडी बियर पी। उसके कुछ देर बाद कुमार ने मम्मी के गोरे जिस्म से उनकी साड़ी, पेटीकोट, ब्लाउज को उनके गरम जिस्म से अलग कर दिया और अब दिनेश ब्रा के ऊपर से ही मम्मी के बूब्स को दबाने, चूसने लगा और उसके बाद वो सभी आगे बढ़कर एक एक करके माँ के नंगे जिस्म से खेलने लगे और फिर धीरे धीरे माँ बिल्कुल नंगी हो गई। अब उन पाँचो ने माँ को एक गोल सेंटर टेबल पर लेटा दिया और वो खुद उसके चारो तरफ खड़े हो गये और उनके अपने सामने पटककर घूर घूरकर देखने लगे। फिर बाबा ने उसकी नाभि में भरी बियर को अपने होंठो से चूस लिया और कुमार माँ की नाभि से खेलने लगा, बाबा मम्मी के एक बूब्स को और दिनेश उनके दूसरे बूब्स को चूसने लगा और राज माँ की चूत को और राजीव ने अपना लंड माँ के मुहं में दे दिया। दोस्तों इस तरह से उन लोगों की वजह से मम्मी के पूरे जिस्म को आनंद की प्राप्ति हो रही थी। बाबा और दिनेश मम्मी के बूब्स को बुरी तरह से मसल रहे थे, वो कभी बूब्स पर दाँत गढ़ा देते तो कभी बूब्स की निप्पल को उंगलियों से मसल देते और उधर राज माँ की चूत के होंठो की पप्पी ले रहा था तो कभी वो उनकी चूत में अपनी एक उंगली को पूरा अंदर डाल देता और फिर वो अपनी जीभ से चूत को कुत्ते की तरह चाट रहा था और राजीव का लंड भी माँ बहुत मज़े से पूरे जोश से चूस रही थी और कुमार माँ की नाभि को बुरी तरह से चूस रहा था।
अब राज ने अपना लंड माँ की चूत से सटा दिया और उसने एक ज़ोर से धक्का देकर अपने लंड को चूत के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से मम्मी के भी मुहं से आउुुउउईईईई माँ मर गई की सिसकियाँ निकलने लगी और वो दर्द से एकदम मचल उठी और अब राज ने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए, लेकिन उसने कुछ ही देर बाद अचानक से अपने धक्कों की स्पीड को बढ़ा दिया, जिसकी वजह से अब मम्मी की आअहह उहह्ह्ह्ह ऊईईईईइ माँ मर गई प्लीज थोड़ा धीरे करो मुझ पर थोड़ा सा तरस खाओ की आवाज बढ़ती ही जा रही थी, लेकिन थोड़ी ही देर बाद राज के लंड का पानी माँ की चूत में निकल गया और अब राजीव ने उसके हटते ही माँ के दोनों पैरों को पकड़कर अपनी तरफ कर लिया। अब दिनेश और कुमार ने माँ के एक एक पैर को अपनी तरफ खींचकर पूरा खोल दिया, जिसकी वजह से अब माँ की फूली हुई चूत कुमार के लंड से पूरी सट गई और उसने पहले ही बार में एक जोरदार धक्का देकर अपना लंड पूरा का पूरा माँ की चूत में ठोक दिया और अब वो अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। फिर मम्मी जोश में आकर उससे कह रही थी, उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह्ह हाँ फाड़ दे मेरी चूत को आईईईई मेरी चूत को अपने लंड की ताकत दिखा, ऊउईईईईईईइ माँ हाँ पूरा अंदर तक जाने दे। अब बाबा और दिनेश माँ के बूब्स को अपने दोनों हाथों से मसलने लगे, जिसकी वजह से माँ अब सातवें आसमान पर थी और वो अपनी मस्त चुदाई का आनंद ले रही थी, शशसीईईई आह्ह्ह्हह क्या बात है हाँ और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ, वाह मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा है। अब कुमार भी उनकी बातें सुनकर जोश में आकर अपनी पूरी ताक़त से लंड को भीतर ठोकने लगा, वो चुदाई पूरी स्पीड पर थी और कुछ देर बाद कुमार भी माँ की चूत में ही झड़ गया और कुमार के झड़ते ही राजीव ने अपना लंड हाथ में लेकर मम्मी की गीली गरम चूत पर सटा दिया और उसने जैसे ही उनकी चूत में अपना लंड डालना शुरू किया तो उन्होंने ज़ोर से चीखना शुरू कर दिया, ओह्ह्ह्हहह अहह्ह्ह्हह्ह नहीं प्लीज मुझको अब छोड़ दो, लेकिन बाबा कह रहा था राजीव घुसा दे पूरा लंड अंदर तुझे फिर कभी यह मौका मिले ना मिले, तू तो जमकर चुदाई कर और अब वो ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चोदे जा रहा था।
अब उसकी धक्के देने की स्पीड बहुत तेज हो गयी थी और माँ की आवाज़े भी तेज आ रही थी, उनकी योनि में ऐसा लग रहा था जैसे कि कोई थप्पड़ मार रहा हो और उनकी गांड पूरी तरह से कांप रही थी, वो आगे पीछे हो रही थी, म्‍म्म्ममममममम ओह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह्ह्हहह और फिर उसने माँ को कसकर पकड़ लिया और माँ उससे बोल रही थी, ओह्ह्ह्हह्ह में मर गयी, वो ज़ोर से चिल्लाई ऊओउउउइई रे मार दिया ओफफफ्फ़ और राजीव ने थोड़ी देर धक्के देने के बाद में अपना वीर्य माँ की चूत में डाल दिया। तभी तुरंत ही दिनेश ने माँ के पैरों को अपनी तरफ खींच लिया। फिर माँ बोली प्लीज थोड़ी देर रुक जाओ, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन दिनेश बोला बस आंटी दस मिनट और सहन कर लो, उसके बाद आपको भी बड़ा मज़ा आएगा और इतना कहते हुए उसने माँ के दोनों पैरों को ऊपर हवा में उठा दिया और बाबा ने पैरों को पकड़ लिया, इससे माँ की फूली हुई गीली चूत उनके दोनों पैरों के बीच में सिकुड़ गई और दिनेश ने अपना मोटा लंड माँ की चूत पर सटा दिया। अभी भी माँ की चूत बहुत टाईट थी, जिसकी वजह से बड़ी मुश्किल से दिनेश ने अपना लंड माँ की चूत में डाला और उसका लंड माँ की चूत की खाल को जकड़ते हुए अंदर घुस रहा था और माँ भी चूत को टाईट कर रही थी, लेकिन एक ही तगड़े झटके में पूरा लंड माँ की चूत में घुस गया। उसके बाद दिनेश ने अपने लंड को माँ की चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
फिर मम्मी बोल रही थी ऊऊओह्ह्ह्ह ष्हह्ह्ह्हह बड़ा दर्द हो रहा है उफ्फ्फ्फफ् तुम बड़े बेरहम हो, आज तुम लोगों ने एक एक करके मेरी चूत का बेंड बजा दिया, लेकिन अब मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है, हाँ थोड़ा और ज़ोर से चोद और ज़ोर से फाड़ दे फाड़ दे मेरी चूत को ऊऊऊ हहाऐईयईईईईई उूुउउइईई ऊओहअहह्ा ईइसस्सस्स और कुछ देर बाद दिनेश का भी पानी निकल गया और वो भी मेरी माँ की चूत में झड़ गया था। अब बाबा बोला कि आंटी अब में आपको चोदूंगा तो माँ बोली कि हाँ चल तू भी चोद ले और फिर बाबा ने कुमार से माँ के दोनों पैर पकड़ने के लिए कहा और कुमार ने माँ के पैरों को मम्मी के सर की तरफ करके फैला दिया, इससे माँ की चूत पूरी तरह से खुल गई और उनकी चूत सूजकर फूल गई थी और वो पूरी लाल भी पड़ गई थी, चूत से बहुत सारा वीर्य बहकर बाहर निकल रहा था। अब बाबा ने भी अपना लंड मम्मी की गीली चूत पर सटा दिया और वो अपने लंड से चूत को रगड़ने लगा, जिसकी वजह से माँ कुछ ही देर में एक बार फिर से उत्तेजित हो गई और अब वो बाबा से बोली कि डाल दे मेरी चूत में अपना लंड, अब तू किसका इंतजार करता है? फिर बाबा ने अपना लंड एक जोरदार धक्का देकर माँ की चूत में डाल दिया और उसका लंड माँ की भोसड़ी में अंदर बाहर होने लगा। कुछ देर बाद माँ भी नीचे से अपने कूल्हों को उछाल उछालकर बाबा के लंड को अपनी चूत में निगल रही थी और वो अपनी चुदाई का पूरा पूरा मज़ा ले रही थी, आह्ह्ह्ह उुह्ह्ह्ह प्लीज सस्ससस्स धीरे में मर गई, आह्ह्ह्हह्ह और धीरे आईईईईई मज़ा आ रहा है। फिर माँ बोली ऊऊऊहह आआहह अब मज़ा आ रहा है और ज़ोर से धक्के देकर चोदो, ज़ोर से चोद, फाड़ दे इस हसीन चूत को कसम से तूने मुझे बड़ा मस्त कर दिया है, वाह क्या मज़ा आया, ऐसा मुझे आज तक कभी नहीं आया। फिर बाबा अब और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और फिर बाबा का भी पानी निकल गया और फिर माँ नहाने चली गई और रात का खाना खाकर जल्दी 7 बजे ही सो गई और अगले दिन जब 11 बजे उठी तो बाबा का कज़िन और उसके कुछ दोस्त तब तक कॉलेज जा चुके थे और फिर वो उठी और उठकर फ्रेश होने के बाद वो लोग घर के लिए चल दिए और रास्ते में उन्होंने नाश्ता किया और फिर घर पर पहुंचकर 1 बजे वो दोबारा से सो गई। फिर बाबा जीतू से बोला कि हमने कल आंटी की चूत को फाड़ दिया और यह सब हुआ इन दो दिनों में और कल से वो बस आराम ही कर रही है, इस बैचारी की चूत में बहुत दर्द हो रहा है, इसलिए वो आराम कर रही और मैंने देखा कि माँ हमारी बातें सुन रही थी और वो भी कुछ देर बाद नीचे आ गई और वो बोली क्या इसलिए तुम सब यहाँ पर आए थे? तो मैंने बोला कि मम्मी में तुम्हारी चूत को ऐसे तड़पते हुए नहीं देख सकता, इसलिए में अपने सारे दोस्तों के साथ यहाँ पर आ गया और इनको भी आपको चोदने का मौका मिला और आपको भी अपनी चूत को शांत करने का सही सामान मिल गया, जिसकी हम सभी को बहुत ज्यादा जरूरत थी, वो अब पूरी हो चुकी है। फिर मम्मी कहने लगी कि कल तुम सभी को दोबारा चूत मिलेगी और वो इतना कहकर उठकर फ्रेश होने चली गई। हम लोग भी उनकी बात सुनकर बहुत खुश थे, लेकिन थक भी बहुत गये थे, इसलिए हम फ्रेश होकर लंच करके सो गये ।।
4.4/5 - (45 votes)

error: Content is protected !!