मामी की जोरदार चूत और गांड चुदाई

Mami Ki Choot aur Gand Choda

मामी की जोरदार चूत और गांड चुदाई

मेरा नाम रणवीर है, मैं ऑडियो सेक्स स्टोरी का बहुत शौकीन हूँ, पर अपने carrier के प्रति जागरूक भी, मैं पढ़ाई में ठीक हूँ, इसलिए एक नियम बना रखा है कि दिन में सिर्फ एक कहानी ही पढ़नी है और बाकी समय अपनी studies पर concentrate करना है। मैं कहानी पर आने से पहले अपने बारे में थोड़ा बता देता हूँ मैं 22 साल का गठीला नवजवान युवक हूँ, जिम जाना और रोज़ 1 घंटा जॉगिंग करना मेरे लाइफ का बेहद जरूरी हिस्सा है जो मैं कभी नहीं छोड़ता और खूब पसीना बहाता हूँ।

मैं आज अपनी एक सच्ची कहानी आप सबसे शेयर करना चाहता हूँ। यह अब से कुछ दिनों पहले की बात है, मामी बचपन से ही मुझे बहुत चाहती हैं और बहुत स्नेह भी करती हैं, वो एक बेहद सेक्सी और आकर्षक जिस्म की 42 वर्ष की महिला हैं, मेरे मामा एक MLC मैं Vice-President के पद पर हैं और अक्सर टूर पर बाहर जाया करते हैं, उनकी एक बेटी अभी हाल ही में Australia गयी है MS करने के लिए। तो जब मेरी छुट्टियां लगीं तो मामी मुझे लखनऊ से अपने घर बनारस ले आईं यह कहकर कि तेरे मामा को 20 दिनों के लिए जर्मनी जाना है कोई ट्रेनिंग organise करने के लिए, उनकी छोटी बेटी जो 12th में पढ़ती है वो सुबह से शाम तक tuition में ही busy रहती है। हमारे सम्बद्ध ही ऐसे थे कि ममी-पापा ने इसकी इजाजत देने में जरा भी देरी नही की, और मैं उनके साथ बनारस आ गया।

दो-तीन दिन तो ऐसे ही बीत गए पता ही नही चला। रोज़ मैं सुबह पांच बजे उठकर जॉगिंग पर जाता और फिर बरामदे में तेल की मालिश करता 100 दंड बैठक लगाता, pushups व अन्य तरह की exercise करता करीब 1 घंटा, फिर मामी बादाम वाला दूध देती वो पीकर मैं नहाने चला जाता। सुबह के सारे कार्यक्रम वैसे ही चलते जैसे मैं अपने घर पर करता था। bed tea के समय सभी से बात चीत होती फिर सभी अपने-अपने कामों में व्यस्त हो जाते।

एक दिन की बात है, मामा जा चुके थे, उनकी बेटी ने भी tuition पर निकलते समय बाय बोल कर निकल गयी, मैं बरामदे में रोज़ की तरह व्यायाम में मशगूल था, मामी बाथरूम में स्नान के लिए जाने लगीं तो मुझे देखती हुईं गयीं ..कुछ अजीब सा लगा कि “मामी ने मुझे ऐसे क्यों देखा” मन ही मन सोच रहा था, तभी मेरी नज़र अपने सफेद निक्कर की तरफ गयी तो मैं भी चोंक गया, चूंकि आज मैंने लंगोट नहीं पहना था तो मेरा हथियार काफी ज्यादा निक्कर से उभार के रूप में नज़र आ रहा था “कल से ध्यान रखना होगा कि लंगोट के बिना exercise के समय न रहूँ” यह सोचकर मैं फिर अपनी exercise में व्यस्त हो गया, तभी मामी ने आवाज़ लगाई “रणवी”, मैं दौड़कर बाथरूम की तरफ गया। मामी अंदर से बोल रहीं थीं “रणवी प्लीज मुझे टॉवल ला दोगे मेरे कमरे से”। मैं टॉवल देने गया तो उन्होंने दरवाज़ा थोड़ा खोल कर अंदर से बोला “अंदर आकर टांग दो”। मैं अंदर घूंटी पर टांग कर उनकी तरफ बिना देखे जाने लगा तो वो बोलपंडी “जरा पीठ में साबुन लगा दो” अब मैं उनके पास गया तो उन्होंने साबुन पकड़ा कर पीठ करके खड़ी हो गईं।

सफेद पेटीकोट जो कि उन्होंने ऊपर तक बांधा हुआ था गीला होने के कारण उनका सारा बदन पारदर्शी हो सब कुछ दिखा रहा था, उनका सेक्सी बदन और उनकी रेखाएं मुझे आकर्षित कर रहीं थीं। नितंबों को देखकर मेरा दिमाग चकरा रहा था, गांड की रेखा बहुत स्पष्ट थी जो दोनों चूतड़ों को बहुत आकर्षक रूप दे कर दो भागों में बटतीं हुई साफ-साफ नजर आ रहीं थी। मेरा लंड फनफना उठा था 9 इंच लंबा और 4 इंच मोटा पूरा आकार ले चुका था। मामी ने बोला “ऊपर से लगा”, तुरंत जैसे मैं होश मे आया और हड़बड़ाकर गर्दन से साबुन लगाने लगा, मामी ने पेटीकोट थोड़ा नीचे खिसका दिया और पूरी पीठ पर अच्छे से लगने को कहा, मैंने वैसा ही किया, मेरे हाथ कांप रहे थे, फिर उन्होंने पेटीकोट को और नीचे करदिया, इशारा साफ था कि और नीचे लगाओ, अब मैं मजबूर था उनकी गांड पर साबुन लगाने के लिए, हिम्मत करके मैंने साबुन मला तो उन्होंने पेटीकोट छोड़ दिया और वो पैरों पर नीचे जा गिरा, मामी बोलीं नीचे पैरों पर भी लगादे, मैंने वैसा ही किया। इस बार वो कहने लगीं “पीछे से ही मेरे पेट पर लगा दो”।

अबतक मैं बहुत गर्म हो चुका था, मेरा लंड अपने पूरे तनाव पर था। मैने जैसे ही उनके पेट पर साबुन लगाना शुरू किया तो आगे खिसने की वजह से मेरा लंड उनकी गांड की दरारों में चुभने लगा, मामी भी गरम हो रहीं थीं, अब मैं उनसे चिपक कर पेट के सारे हिस्से में साबुन लगाने लगा उसी बीच मेरा हाथ उनके बड़े-बड़े मममों पर फिरने लगा तो तुरंत ही मामी के निप्पल कड़क हो गए और ऊपर की ओर उठ गए, उनके मुंह से एक सिसकारी फूट पड़ी मैं समझ गया कि मामी को मज़ा आ रहा है।अब मैंने उनकी पूर्ण स्वीकृति जान कर उनके पैरों से ऊपर आता गया फिर उनकी जांघों पर साबुन लगा ही रहा था कि मामी ने अपने दोनों हाथों से मेरे हाथों को जोर से पकड़कर ऊपर की ओर लेजाकर अपनी चूत पर टिका दिया।

अब मैं निश्चिन्त होकर उनकी चूत पर मलते हुए चूत की फाँकों की गहराईओं में साबुन लगाता लगाता दो उंगलियों को अंदर तक घुसेड़ने लगा वो मचल पड़ी, दोनों जांघे मजबूती से टाइट करलीं और जोर जोर से आहें भरने लगीं, कह रहीं थीं तुम बहुत अच्छे हो रणवी, बहुत मजबूत हो, तुम्हें पाना चाहतीं हूँ, मुझे चोदो, प्लीज मुझे यहीं लिटाकर चोद दो…. कहते कहते ही पलट पड़ीं और मेरी छाती को चूमने लगीं, मेरे होंठों को मुह में लेकर पीने लगीं, फौरन ही मेरा निक्कर निकाल दिया और हैरानी से लंड को देखा “वाह क्या सुंदर, क्या शानदार, इतना बड़ा, भारीभरकम लंड है, मैंने तो कभी कल्पना भी नहीं की थी कि इतना बड़ा मोटा और ताकतवर लंड भी होता होगा किसी का। एक झटके से हाथ में ले लिया और बिना देर किए मुह में लेकर चूसने का प्रयास करने लगीं पर सिर्फ मोटा चमचमाता सुपाडा ही मुह में गया और वो उसीको चाटना चूसना शुरू करदिया इस बार मुझसे रहा नही गया, मैं गमगमाने लगा आह, ओह आह ओह कर उनके बाल पकड़कर उनके सर को अंदर की ओर दबाने लगा जिस कारण मेरा लंड थोड़ा उनके मुह में ठुंस गया। वो बहुत तेजी से मेरा लंड हिला हिला कर चूसने लगीं और ऊँह ऊँह कर रहीं थीं। जैसे ही उन्होंने लंड को बाहर निकाला, मैने उन्हें ऊपर खींच कर ऊपर उठाया और उनके कड़क उठे हुए एक निप्पल को मुह में लेलिया और दूसरे मम्मे को मसलने लगा, मेरी इस हरकत से वो गुमगुमने लगीं आह, ओह…. रणवी मुझे चोद दो, घुसेड़ दो अपने भारीभरकम लोडे को फाड़ दो मेरी चूत, मैंने जैसे ही एक हाथ उनकी चूत पर रखा, चूत जल रही थी और तत्काल ही वो झड़ गयीं, चूत बहुत सारा पानी छोड़ रही थी।

मैने उनकी चूत चाटने लगा, वो वहीं पर जमीन पर लेट गयीं और मेरा मुह अपनी चूत में जोरों से घुसेड़ने का असफल प्रयास करने लगीं, चूत की फाँकों को अलग करके मैं अंदर का पानी चाटने लगा, जीभ को कड़ा करके उसकी गहराईओं में अंदर डालने लगा। आग लग चुकी थी उनकी चूत में, मेरा सर अंदर की ओर धंसा धंसा कर गांड भी उठा उठा कर झटके मारने लगीं, उनके मुह से जोर जोर से निकल रहा था “अब लंड घुसा दे, चोद डाल, फाड़ दे इस चूत को। ऑफ… ओह… अब नहीं सहा जा रहा रणवी…करो मुझे। मैं भी बेसब्र हो रहा था। एक झटके से मैने मामी के दोनों पैरों को अपने कंधों का सहारा दिया, अपनी पोजीशन ली और उनकी फाँकों को खोल कर लंड को बीच में रख कर उनके पिंक दाने को अगूंठे से सहलाने और मसलने लगा, चूत से और पानी निकला, मैने सही मौका जानकर एक जोरदार झटका दिया पर लंड फिसल गया, चूत इतने मोटे लंड को लेने को तैयार नहीं थी, दो उंगलियां डाल कर अंदर-बाहर करने लगा, उंगलियों को अदंर तक घुसेड़ घुसेड़ कर चोदने लगा, जब लगा कि अब शायद जगह चौड़ी हुई होगी तो फिर लंड को निशाने पर टिकाया और मामी के दर्द की परवाह किये बगैर जोरदार धक्का मार दिया, मामी की चीख निकल गयी वो पीछे भागने लगीं पर मैने अपने दोनों हाथ उनके कंधों के ऊपर से जमीन पर रखे हुए थे तो सुपड़ा अंदर चला गया, मामी बिलबिलाने लगी, मैने एक और धक्का मारा और लगातार मरता गया, थोड़ी देर बाद मेरा पूरा लंड मामी की चूत निगल चुकी थी, अब मैन लगातार धकों की बौछार करदी, 10 मिनट तक बिना रूके धक्के पे धक्का दिए जा रहा था। अब मामी को भी मज़ा आने लगा था वो अपने जोर से गांड उठा उठा कर मरवा रही थी, और बोल रही थी “और पेल, और पेल रणवी, फाड़ दे इसे, तेरा लंड बहुत बड़ा है, बहुत मोटा है, तुझमे बहुत ताकत है, तूने कमाल कर दिया, यह चुदाई मैं कभी तस्सवुर भी नही कर सकती, क्या लंड है। और जोर से और जोर से। इस बीच वो कई बार झड़ चुकी थी। अब मेरी बारी थी, मैंने अब राजधानी की स्पीड पकड़ ली थी।

अब मेरी बारी थी, मैंने अब राजधानी की स्पीड पकड़ ली थी। मामी ने मुझे अब दोनों टांगों व हाथों से लपेट कर जकड़ लिया था और अब फिर चरम सीमा पर थी, मैं भी झड़ने वाला था। एक जोरदार ठिठरन के साथ हम दोनों एकसाथ झड़ गए, मेरा पंप अपने पूरे चरम पर लावा उगलने लगा इतना गरम और गाढ़ा कि वो चूत के बाहर तक आने लगा, करीब 3 मिनट तक मेरा ढेर सारा पानी निकलता जा रहा था। वास्तव में मुझे भी इतना असीमित मज़ा पहली बार इस चूत को मारने में आया था। थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही चिपके लेटे रहे। फिर हमने अपना लंड बाहर निकाला तो मामी की चूत का रस व मेरा पानी बहुत ज्यादा मात्रा में बाहर आ रहा था। मामी बोली “इतना सारा”। अब हम बाहर आने लगे तो उन्होंने हमारे साथ ही स्नान पूरा किया और हम बाहर आ गए। मामी बोली ऐसा मज़ा मुझे कभी नही मिला। मामी का बुरा हाल हो चुका था, चलने में भी थोड़ी तकलीफ हो रही थी, पर उन्होंने इसकी कोई परवाह न की।

में उनकी गोल गोल गांड से मोहित हो चुका था, और अब शर्म भी खत्म हो चुकी थी, तो मैंने उनसे उनकी गांड मारने की बात कह दी। वो कुछ सोचने लगीं फिर उनका जवाब था “अभी हमारे पास पूरा दिन पड़ा है, संगीता तो 4 बजे ट्यूशन से आती है”।

आप को यह हमारी सच्ची कहानी कैसी लगी जरूर बताएं। में हमेशा आपको अपनी शत प्रतिशत सच्ची कहानी ही सुनाऊंगा, ये मेरा वादा है।

मैंने मामी की गांड कैसे मारी, अगली कहानी में बताऊंगा : researchunit@rediffmail.com

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