Xxx Sexual Pleasure Stories – क्लास मे मिस्ट्री, Hindi Sex Story
मेरा नाम अनामिका है।
ये कहानी 2014 मे शुरू हुई जब मै 11वी मे पढ़ने पटना गई मेरा नॉर्थ बिहार मे घर है।
मै वहां हॉस्टल मे रहती थी।
एक दिन केमेस्ट्री की क्लास का आईडी कार्ड खो गया तो मुझे अन्दर जाने नही दिया मै हॉस्टल आ गई और काफी उदास थी।
अगले दिन मेरे पापा का फोन आया कि मेरा आईडी कार्ड किसी अंशु नाम के लड़के को मिला है तो उसने फोन किया है। मै उससे जा कर ले लूं। पापा ने उसका नम्बर दिया मुझे मैने कॉल कर दिया।
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दरअसल मेरे कार्ड पर मेरे पापा का नम्बर है।
मैने उससे बात की तो उसने बताया कि मुझे क्लास के बाहर गिरा मिला था पहले वो ऑफिस मे जमा करने गया तो ऑफिस वालों ने कहा कि छोड़ दो लापरवाही की सजा तो मिलनी चाहिए इसलिए मैने कॉल कर दिया।
अब मै उससे मिल कर आईडी कार्ड लेती हूं।
मै उसे पहचान जाती हूं वो मेरे ही क्लास मे पढ़ता था।
उसे ज्यादा तर दिन टीचर बोर्ड पर बुलाते थे और सवाल पूछते थे वो सभी सवाल बता देता था उसे सारे एलिमेंट्स के नाम और एटोमिक नंबर, एटोमिक मास याद थे।
मै: आप मेरे ही बैच मे हैं ना तो उस दिन क्यों नही दिया जब मुझे क्लास से लौटा दिया था।
अंशु: मैने देखा ही नही था लौटते हुए और मै आपको पहचानता भी नही था।
मै: अरे आप मुझे नही पहचानते मै आपके ही बैच मे पढ़ती हूं, आप बाईं साईड के पांचवीं बेंच पर रोज बैठते हैं ना, आप से रोज सर पूछते हैं। आपने मुझे देखा होगा पिछले मंडे को सर ने मुझसे पुछा था थोरियम का एटोमिक नंबर। मै आपके दाई रो मे तीसरी बेंच पर बैठती हूं।
अंशु: अरे 1400 के बैच मे किस किस को याद रखूं।
मै: आप जैसे लड़के मुझे जैसी चस्मा लगाने वाली लड़की को क्यों देखेंगे। आप तो सिर्फ खूबसूरत लड़कियों को देखते होंगे।
अंशु: (हंसते हुए)अरे नही, ऐसा नही है मै किसी भी लड़की को नही देखता, और चश्मा पहन आप बहुत सुन्दर दिख रही हैं बस ये मोटा वाला फ्रेम बदलवा लीजिए।
मै: अच्छा चलिए आपको कॉफी पिलाती हूं।
अंशु: अरे कोई बात नही, फिर कभी अभी मेरा क्लास है।
वो चला गया मेरा कार्ड दे कर।
अब मै उससे कभी कभी मिलने लगी कुछ देर क्लास से निकल गली मे साथ ही आते थे।
अब मै उसके साथ जा अपनी फ्रेम भी बदलवा ली उसने एक सेक्सी सा फ्रेम सेलेक्ट किया। मै उसमे बहुत खूबसूरत लग रही थी।
कुछ दिन उन्ही चला एक दिन मुझे डायरिया हो गया गर्मी के दिन मे।
मेरे हॉस्टल वालों ने मुझे एक क्लिनिक मे भर्ती कर दिया। लेकिन मेरे साथ कोई नही रुका मेरी सहेलियां भी नही अब रात हो गई तो मुझे डर लगने लगा मैने पापा को फोन किया, उन्हे आने वोला तो वे सुबह 12 बजे से पहले नही आ सकते थे क्योंकि मेरा घर काफी दूर है।
कुछ देर बाद अंशु आ गया।
अंशु: क्या हुआ तुम्हारे पापा ने फोन किया था कि तुम्हारी तबियत ठीक नहीं है।
मै: हां, मेरी तबियत ठीक नहीं है होस्टल वालों ने भर्ती कर दिया और चले गए, मुझे अकेले डर लग रहा है।
अंशु: कोई बात नही मै आ गया हुं तुम आराम से सो जाओ।
अब मुझे थोड़ा डर कम हुआ वो मेरे पास बैठा रहा और कुर्सी लगा कुछ पढ़ता रहा मै सो गई।
सुबह उठी तो वो अपना सर बेड पर रख सो रहा था।
कुछ देर मे उठ गया उसकी आंखें बोझिल लग रही थीं शायद वो रात भर पढाई कर रहा था।
कुछ देर मे उसने कुछ जूस ला कर दिया मुझे ब्रश कराया मुझे दवाई दी।
क्लिनिक वालों ने मुझे 2 बजे डिश चार्ज करने को राजी हुए।
मेरे पापा 12 बजे आ गए अंशु से मिले फिर हॉस्टल चले गए और शायद हॉस्टल वालों से झगड़ा कर लिया।
अब वो आए तो मुझे डिस्चार्ज कराया और बोले कि अब हॉस्टल मे नही रहोगी।
मैने भी बोल दिया कि खाना खराब देते हैं।
अब पापा ने बोला कि तुम्हारे लिए रूम खोज देता हूं।
तब मै अंशु के ही फ्लोर पे उसके बगल वाले फ्लैट में अपनी एक रूम पार्टनर के साथ रहने लगी।
अंशु 1 बीएचके मे अकेले ही रहता था।
ये घर उसी का था नीचे सारे रेंटर थे उसके परिवार वाले गांव मे रहते थे।
मै भी उसके घर पर 1बीएचके मे रहने लगी।
अब कुछ दिन सेटल करने के लिए पापा हमारे साथ रहे वो अंशु के साथ रहते और मै और मेरी दोस्त अपने रूम मे।
अब युंही दिन बीतते गए मेरी बहुत सहेलियों के बीएफ थे तो मै भी सोची की बना लूं।
वैसे तो काफी लड़के मेरे पे ट्राई मारते थे लेकिन मुझे बदमाश लड़के पसन्द नही है।
पता नही क्यों सारी लड़कियां बदमाश लड़कों से पटती हैं, फिर वो इन्हें चिट करते हैं या कुछ गलत करते हैं तो ये रोती है।
लेकिन मै सबसे अलग थी मुझे सीधा लड़का पसंद आता है।
अब मै सोचने लगी कि कौन है सीधा।
तब मुझे अंशु ही सबसे सीधा लगा, वो ना लडकियों को देखता था, ना उनसे कोई मतलब रखता था , वो पढ़ने मे भी तेज था और रोज सुबह जिम जाता था काफी हैंडसम भी था।
मै उसे अदंर ही अंदर पसन्द करने लगी। लेकिन बोलने की हिम्मत नही हो रही थी।
मै अब उसके रूम मे ज्यादा समय बिताने लगी उसके रूम और मेरे रूम का गेट कुछ ही दुर पर था।
मै उसके रूम मे पढ़ने जाती कभी उसके लिए खाना बना देती कभी उसके कपड़े धो देती वो मना करता लेकिन मै कर देती।
उन्ही दिन गुजर रहे थे मै उसे अब और चाहने लगी अब मेरे से बर्दास्त नही होता था ऊपर से मै कुछ दिन पहले अपने घर गई तो वहां अपनी बहन को इस साईट की स्टोरियां पढ़ते देख ली।
वो मुझसे बड़ी है तो मै कुछ नही बोली, लेकिन अब मै भी पढ़ने लगी थी तो मेरी चूदास बढ़ गई अब मेरी बूर मे खुजली बढ़ गई। मुझे अब रातों को नींद नहीं आती थी।
मेरे बर्दास्त से अब बाहर हो रहा था।
एक दिन हम तीनो क्लास से वापस आए तो लाइट नही थी कुछ देर पता करने पर पता चला कि अब कल ही लाइट आएगी।
मेरी रूममेट अपनी किसी रिश्तेदार के यहां चली गई।
अब मै और अंशु ही थे दिन तो जैसे तैसे कट गई लेकिन गर्मी की रात मुश्किल थी कटनी बिना लाईट के।
हम दोनो ने मिलकर खाना बनाया और खा लिया अब वो पढ़ने लगा इमरजेंसी लाइट मे।
11 बजेमै अपने कमरे मे थी मैने सोचा इस आपदा को अवसर मे बदला जाए।
मै अब उससे किसी भी हालत मे रिझाना चाहती थी।
अब मैने सिर्फ पैंट और टी शर्ट पहन लिया ।
मेरा इमरजेंसी लाइट बंद हो गया था पुरा अंधेरा था कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।
मै मोबाइल ले उसके रूम का दरवाजा नॉक करती हूं।
अंशु:(दरवाजा खोला) क्या हुआ।
मै: मुझे अंधेरे मे डर लगता है तो क्या मै यहां सो जाऊं?
अंशु: हां अन्दर आ जाओ।
उसका भी इमरजेंसी लाइट बंद हो गया था वो बेड पर लेट गया मै भी उसके बेड पर लेट गई उसका गदा काफी मुलायम था।
वो पीठ के बल लेटा था मै बाईं करबट ले लेटी थी उसकी ओर मुंह कर।
कुछ देर बाद मैने अपना एक पैर उसके जांघ पर रख दिया और हाथ से उसके टी शर्ट को उठा उसके पेट से ऊपर कर दिया गर्मी इतनी थी कि हम दोनो को बहुत पसीना आ रहा था उसकी पसीने की खुस्बू मुझे बहुत अच्छी लग रही थी।
अब मैने अपनी छोटी छोटी चूंचियां को उसके शरीर से सटा दिया और अपना हाथ उसके पेट पर फिराने लगी।
उसने मेरी ओर देखा और मुझे दोनों हाथों से पकड़ अपने आगोश मे भर जोर से दबा दिया मेरी हड्डियां चटक गई और चट चट की आवाज़ हुई मेरी आह निकल गई। वो कुछ नही कर रहा था सिर्फ
वो मेरे बालों को सहलाने लगा मुझे इतना अच्छा लगा कि मुझे नींद आ गई।
अब सुबह जल्दी मेरी नींद खुली तो मै उसके बांहों मे ही सो रही थी। वो सो रहा था। उसके हाथ पे मेरा सर था।
उसके पैन्ट मे लन्ड टेंट बनाए हुए था।
मै अपनी हाथ बढ़ा उसे छूना चाहती थी लेकिन मेरे हाथ कांपने लगते हैं।
मेरी हिम्मत नही हुई उसे छूने की ,। तब मै अपनी चूत पर हाथ रखती हुं।
ओह ये क्या मेरे पीरियड आ गए थे मेरे पैन्ट मे दाग लग गया था।
मै जल्दी से उठती हूं और उसी के बाथरुम मे जा फ्रेस हो नहा लेती हूं और टॉवेल लपेट आ जाती हूं।
बाहर निकल देखती हूं वो हॉल मे टेबल पर बैठा है और मुझे देख रहा है।
मै सिर्फ टॉवल लपेट रखी थी जो मेरे बूब्स से जांघों तक ढके हुए था।
वो मेरी ओर बढ़ने लगा मै खड़ी हुई थी।
मेरे दिमाग मे पता नही क्या क्या चल रहा था।
मै सोच रही थी अब ये मेरे टॉवल हटा मुझे प्यार करेगा, अगर नही हटाया तो क्या मै हटा दूं, या गलती से टॉवल गिरने का नाटक करती हूं। ओह कितना मजा आएगा लेकिन ओह मेरी किस्मत मै तो पीरियड में हूं, क्या मै पीरियड में चुदवा लूं, अरे अगर उसने पहल कर दिया तो मै पीरियड में चुदवा ही लूंगी।
लेकिन उसने कुछ नही किया और मेरे पास आ मुझे चश्मा पहना दिया।
अंशु:(हंसते हुए) भीगे बाल और चश्मा काफी सेक्सी लगते हैं।
वो पहली बार इस तरह बोला था। मै शर्मा गई कुछ बोलना चाहती थी तभी लाइट आ गई वो खुश हो गया और पानी चालू करने नीचे चला गया।
मै भी अपने रूम मे आ गई और कपड़े पहन ली हम खाना बना खा क्लास चले गए।
अब मेरी रूममेट भी आ गई।
अब उन्ही दिन कट गए अब मेरे से बर्दास्त नही हो रहा था।
अब बरसात आ गई।
एक दिन 13, अगस्त को क्लास से निकलते ही बहुत बारिश होने लगी हम सभी भीग गए ।
रूम पर आए तो मेरी रूममेट अपने रिश्तेदार के यहां चली गई।
दिन भर हम पढाई करते हैं तो कभी खाना खाते हैं बारिश नही रुकती है। लाइट भी कभी आ रही थी कभी जा रही थी।
इसलिए आज हम जल्दी खाना बना कर रात को खा लिए।
अब मै अपने कमरे मे बैठ सोच रही थी आज ये मौका जाने नही दूंगी आज मौसम भी सुहाना है उसदिन तो गर्मी थी और उसदिन मैने टी शर्ट, पैंट पहना था तो हो सकता है मुझसे लड़के वाली फिलिंग आ रही होगी तभी उसने कुछ नही किया।
अब मै बाथरूम जा नहा ली बाल मैने साफ कर लिए अच्छे से अब बाहर आ सेक्सी सी ब्रा पैंटी पहनी और नाईटी पहन ली जो जांघों तक ही थी खुद को आइयेने मे देखा इतनी सुन्दर लग रही थी मै आज की पत्थर को भी पिघला देती। मै खुदको देख शर्मा गई।
मैने सोचा इस तरह मुझे देख आज तो वो कुछ ना कुछ करेगा जरुर।
तभी लाइट चली गई मै अपनी किस्मत पर रोने लगी।
फिर मैने खुद को मजबूत बनाया और उसके रूम मे जाने की सोची।
10 बज गए थे मै उसके रूम मे गई वो सोने वाला था लाइट कटी थी इमरजेंसी लाइट भी बन्द था। बारिश हो रही थी बिजली कड़क रही थी।
मै: अंधेरे मे मुझे डर लगता है तो क्या मै यहां सो जाऊं?
अंशु: अरे आ जाओ।
मै अंधेरे मे बड़ी अदा के साथ उसके पास गई और बेड पर लेट गई वो पीठ के बल लेटा था मै भी पीठ के बल लेट गई कुछ देर मे मेरी सांसे तेज होने लगी तो मैने उसकी तरफ मुंह कर लिया और एक पैर उसके जांघ पर रख दिया और हाथ उसके सीने पर रख सहलाने लगी कुछ देर बाद।
अंशु: क्या कर रही हो?
मैने उसके होंठों पर ऊंगली रख दी और होंठ सहलाने लगी कुछ देर मे उसने मेरी उंगलिया चूम ली मै खुश हो गई।
अब उसने मेरी तरफ मुंह कर लिया।
अंशु: क्या कर रही हो?
मै कुछ नही बोली मेरी सांसें भारी हो गई थी।
मैने उसके गाल पर हाथ रख दिया कुछ देर मे उसने भी गाल पर हाथ रख दिया मेरे होंठ उसके होंठों से कुछ इंच ही दूर थे मेरी धड़कन तेज हो गई।
मेरे होंठ कांप रहे थे उसके पता नहीं अंधेरे मे मुझे कुछ दिख नही रहा था।
अब उसने मेरे कांपते होंठों पर अपने होंठ रख दिया मै एक दम सुन्य मे चली गई तभी बिजली कड़की मै उससे चिपक गई उसने मुझे अपनी आगोश मे भर लिया अब मेरी तंद्रा टूटी।
मै अब उसके होंठ चूसने लगी वो भी चूसने लगा मै जोर जोर से चूस रही थी लग रहा था मै जन्मों की प्यासी हूं।
मै उसके गाल गर्दन कान सभी जगह चूसने लगे वो भी चुसने लगा हम दोनो की उटेजना बढ़ गई थी कभीमेरा आधा शरीर उसके ऊपर तो कभी उसका आधा शरीर मेरे ऊपर होता।
हम बहुत देर तक किस करते रहे तभी लाइट आ जाती है हम एक दूसरे को देखने लगे मै उजाले मे उसे देख शर्मा गई और अपना चेहरा छुपा लिया।
वो उठ कर जाने लगा मुझे लगा क्या हो गया।
मैने उसका हाथ पकड़ लिया।
अंशु: चश्मा तो पहन ले पागल।
वो मुझे खड़ा करता है और मेरे रूम से चश्मा ला मुझे पहनाता है और मेरे कमर मे हाथ डाल मुझे डांस की तरह घुमा देता है।
अंशु: तुझे पता है ऐसे ड्रेस मे चश्मा पहने तू बॉम्ब लगती है।
मै शर्मा जाती हूं।
वो मुझे घुमा घूमा डांस करता है। मुझे नही लगता था वो इतना रोमेंटिक होगा।
कुछ देर बाद मै उसके होठों को चूसने लगी।
वो मेरे मूंह मे जीभ फिरा रहा था अब गले गर्दन कान सीने सब जगह चूस रहा था।
अब मै उसका टी शर्ट उतार उसके सीने को चूमने लगी उसने भी मेरी नाईटी उतार मेरे मौसमी जैसे चूंचे पर चुसने लगा मेरी आह निकल गई।
अब उसनेमेरी ब्रा खोल दी और चूंचे चुसने लगा कभी निप्पल चूसता तो कभी पुरे बोबे को मुंह मे भरने की कोशिश करता । वो वैक्यूम की तरह चूस रहा था। मै मजे मे झूलने लगी मेरी आंखें बन्द हो जाती।
अब वो नीचे बैठते हुएमेरे पेट नाभि को चूसने लगा मेरे पेडू को चूसने लगा।
अब उसने बड़े ही अदा के साथ मुझे कमर से पकड़ कर बेड पर लिटा दिया और किस करने लगा वो ऊपर से चूमते हुए नीचे जाने लगा पेडू तक चूस कर वो रूक गया और मेरे तलबों को पकड़ सहलाने लगा उसे चुसने लगा मेरी उंगलियों को चूसने लगा।
मुझे गुदगुदी हो रही थी और मजे से मेरी जान निकल रही थी।
अब वो पैरों को चूमते हुए ऊपर आने लगा और मेरी जांघों को चूसने लगा मेरी आह निकल जाती मेरी जांघ की नसें फड़ फड़ा गई।
अब उसने बड़े ही अदा के साथ मेरी सेक्सी पैन्टी को मुंह मे भर लिया और उतारने लगा मै शर्म से पानी पानी हो गई।
अब उसने मेरी बूर को बड़े गौर से देखना शुरू किया मै शर्मा गई वो बहुत देर तक देखता रहा। अब मुझसे रहा नही गया।
मै: क्या देख रहे हो?
उसने अचानक मेरी बूर पर जीभ फिरा दी मै सिहर उठी मेरी आह निकल गई।
अब उसने मेरी बूर पर चूमना शुरू किया फिर धीरे धीरे चूसने लगा कुछ देर मे वो पूरा मुंह खोल चूसने लगा मै अचानक अकड़ गई मेरी जांघें कांपने लगी और मैं झड़ गई।
उसके मुंह पर मेरा रस लगा था मै जोर जोर से सांसे ले रही थी। उसने मेरी बूर चाट साफ कर दिया।
कुछ देर मे मै शान्त हुईं तो वो मेरे ऊपर आ मुझे किस करने लगा और मेरे चूंचे सहलाने लगा।
मै उसके पैन्ट में हाथ डाल दी मेरे कांपते हाथों से उसके लन्ड को पकड़ ली उसका लन्ड गर्म था। वो बहुत हार्ड हो रखा था और बडा और मोटा था।
अब अपने पैरों मे फसा उसके पैन्ट को उतार दी।
उसके लन्ड के स्किन को पीछे कर दी वो सिसक उठा।
अब मै उसे अपने ऊपर खींच उसके लन्ड को बूर पर रख दिया मेरी सिसकारी निकल गई।
वो भी सिसक उठा।
मेरी बूर एक दम गीली हो गई थी।
वो मुझे किस करते हुए लन्ड घिसता रहा मै उसके पीठ पर हाथ फेरने लगी।
उसने हल्का सा लन्ड दबा दिया मेरी आह निकल गई उसने मेरे गले को चूसना शुरु किया और हल्का सा धक्का लगा दिया मेरी चीख निकल गई उसने मेरे होंठ चूसना शुरु किया कुछ देर वो वैसे ही रहा और किस करता रहा।
जब मुझे अच्छा लगने लगा तो उसने हल्के हल्के कमर हिला चोदने लगा मुझे थोड़ा अच्छा लग रहा था कुछ देर बाद उसने मेरे होंठ भींच एक धक्का दिया और मेरी आँखें बाहर आने को हो गई मेरी दर्द से जान निकलने वाली थी मेरी आंखों से आसूं आ गए ।
मै काफी बर्दास्त कर रही थी। वो मेरे होंठ छोड़मेरे आसूं पीने लगता है मेरे गाल गले कान चूसने लगा।
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी बूर मे गर्म शरिया डाला हुआ है।
थोडी देर मे मुझे थोड़ा राहत मिली।
मै अब अपने पैर उसके कमर पर लपेट ली और उसके गले मे बांहे डाल उसे किस करने लगी वो अब हल्के हल्के चोदने लगा मुझे हल्का दर्द हो रहा था लेकिन मीठा मीठा मै आह आह करने लगी।
उसके लन्ड को मेरी बूर जकड़े हुए थी वो धीरे धीरे चोदता रहा मुझे अब मजा आने लगा।
मै मजे ले चुदवाने लगी कभी उसके होंठ चूसती कभी उसके जीभ तो कभी उसके गाल गर्दन को चूसती थी।
वो मेरे चूंचे सहलाते हुए मुझे चोद रहा था मुझे काफी मजा आ रहा था।
अब मेरे पैर कांपने लगे मेरी जांघ की नसें फड़ फड़ा गई मैने उसको बांहों मे जकड़ लिया कुछ देर मे मै कांपते हुए झड़ गई मेरा पूरा शरीर हल्का सा लग रहा था
कुछ देर मे मै शान्त हो गई अब मै उसे चूमने लगी मेरे रस से उसका लन्ड भीग कर चिकना हो गया था अब मैं फिर से कमर उठाने लगी वो मेरी कमर पकड़ चोदने लगा मुझे काफी मजा आ रहा था मै उसे चूमे जा रही थी आह आह कर रही थी।
उसको कस कर पकड़ लिया और फिर झड़ गई अब वो भी झड़ने वाला था तो उसने लन्ड बाहर निकाल लिया और मेरी बूर पर झड़ गया।
कुछ देर बाद हम दोनो शान्त हुए उसने टॉवेल से हम दोनो को साफ किया मै उसके गले लग गई वो मुझे अपनी आगोश मे ले सो गया।
भोर मे बारिश की वजह से ठंड लगने लगी तो मै उठ गई मै बाथरूम जाने लगी तो मेरी बूर दर्द कर रहा था और चलने मे नही बन रहा था। फिर भी मै जैसे तैसे चली गई और वापस आ एक चादर ओढ़ उससे चिपक कर सो गई।
अब सुबह हुई तो उसने मुझे किस कर उठाया उसने पैंट पहन लिया था और मै नंगी ही थी मै शर्मा गई।
मै उठने लगी तो बूर मे दर्द हुआ।
अंशु: दर्द हो रहा है।?
मै;(शर्माते हुए) हां !
वो गर्म पानी ले आया और मेरी बूर पर कपड़े से सेंकने लगा मुझे अच्छा लग रहा था।
कुछ देर मे क्लास से मैसेज आया कि बारिश की वजह से क्लास 4 दिन बन्द रहेगी।
अब मै उठ कर अपने कपड़े पहनने लगी तो उसने मुझे कपड़े पहना दिए मेरी नजर बेडशीट पर गई तो देखा उस पर खून लगा था मै उसे ले बाथरूम मे ले जा धो दी।
अब हमने फ्रेस हो नहा लिया और मिलकर खाना बनाया और खा लिया।
मै काफी शर्मा रही थी।
अब वो पढ़ाई करने को बोला हम पढ़ने लगे।
वो कुछ पुराने क्लास का रिवीजन कर रहा था मैने कहा इतनी पिछले का क्यों पढ़ रहे हो तो वोमुझसे सवाल पुछने लगा।
मुझे याद नही था तो उसने मुझे याद कराया।
अब हम पढ़ाई करते सो गए बारिश अभी भी हो रही थी अब रात को भी हम खाना खा पढ़ाई करते हैं और मै उसके साथ ही सो गई।
अब भोर मे मुझे ठंड लगने लगी तो मै उससे चिपक गई मैने देखा उसका लन्ड एक दम खड़ा था मेरी बूर मे खुजली होने लगी।
मै उसके पैन्ट को निचे कर लन्ड को पकड़ सहलाने लगी उसकी स्किन नीचे कर उसके सुपाड़े को छू दी उसकी नींद खुल गई।
अब मै उसे किस करने लगी वो भी मुझे चुसने लगा हम बहुत देर किस करते रहे अब उसने मेरी नाईटी उतार दी और मेरे ब्रा उतार चूंचे चूसने लगा मै भी उसका टी शर्ट उतार दी और उसके सीने को चूमने लगी वो मेरी पैंटी मे हाथ डाल मेरे बूर के दरार में उंगली फेरने लगा मेरी आह निकल गई।
अब उसने पैन्टी उतार मेरी बूर मे लन्ड घुसा दिया मेरी आह निकल गई धीरे धीरे उसने पुरा लन्ड मेरी बूर मे उतार दिया मै अपने होठ काटने लगी और दर्द बर्दास्त कर ली।
अब मुझे मजा आने लगा तो मै गान्ड उचकाने लगी।
वो मुझे चोदने लगा मै आह आह करने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था मेरी बूर पानी छोड़ तर हो गई थी अब उसने अपनी कमर को गोल गोल घुमा कर चोदने लगा मेरी आह निकल गई इतना मजा आया की मै बता नही सकती मै झड़ गई वो चोदता रहा कुछ देर मे मै फिर झड़ गई वो तब भी चोदता रहा बहुत देर बाद वो झड़ा तब तक मै 4 बार झड़ चुकी थी।
भोर मे चुदाई करने का अलग मजा आ रहा था ।
अब हम चिपक कर सो गए चादर ओढ़ कर।
अब सुबह मै 8 बजे उठी वो नहा चुका था तो मै भी नहा ली और हमने खाना बना खा लिया और पढ़ने लगे।
कुछ देर मे उसने मुझसे कल याद करवाया था वो पुछने लगा मै कुछ कुछ गलत बताती तो वो मेरे चूतड पर मारता मेरी आह निकल जाती मुझे मजा आ रहा था तो मैंने जान बूझकर कुछ गलत बता रही थी वो गान्ड पर मार रहा था।
अब उसे शक हो गया कि मै मजे ले रही हूं तो उसने पैंट नीचे मेरी चूतड पर काटने लगा उसे चूसने लगा मेरी आह निकल जाती।
अब ऐसे ही हम मस्ती करते रहे।
चार दिन कैसे निकल गए पता ही नही चला फिर हमारे क्लास शुरू हो गए और मेरी रूममेट भी आ गई।
अब हमारी चुदाई बन्द हो गई बस कभी कभी अकेले मे मै उसे चूम लेती।
अब एक महीना से ज्यादा हो गया था हमारी चुदाई हुऐ। मेरा मन करने लगा।
उसी दौरान मैने एक स्कूल गर्ल की चुदाई की कहानी पढ़ी। मेरा भी मन करने लगा स्कूल ड्रेस में चुदने का लेकिन मौका नही मिल रहा था रूममेट मेरी हमेशा साथ रहती थी।
एक दिन सैटरडे को वो अपने परिवार के यहां चली गई मै खुश हो गई ।
अब रात को मै अपनी पुरानी स्कूल ड्रेस निकाली और पहन ली मुझे काफी छोटी हो रही थी मैने चश्मा लगाया और उसके रूम मे चली गई।
वो मुझे देख बहुत खुश हुआ और बोला की काफी सेक्सी लग रही हो।
उसने मुझे बांहों मे भर लिया।
मैने उसे भी स्कूल ड्रेस जैसा पहनने को बोली उसने पहन लिया।
अब मै उसके पास गई और उसके टाई को पकड़ खींच लिया और किस करने लगी।
उसने मेरी गान्ड पकड़ मुझे गोद मे उठा लिया और हम किस करने लगे।
अब मै उसका शर्ट खोल दी और उसके सीने को चूसने लगी अब उसने मेरे शर्ट खोल मेरे बोबे को ब्रा से अलग कर मेरे चूंचे चूसने लगा मेरी आह निकल गई मै मजे मे दोहरी हो गई।
अब वो मेरे पेट नाभि को चूसने लगा अब उसने स्कर्ट ऊपर कर मेरी पैन्टी अपने दांतों से उतार दिया ।
अब उसने मुझे बेड के किनारे बैठा दिया और नीचे बैठ बूर चाटने लगा मै सी सी आवाज निकालने लगी।
वो पूरी जीभ फिरा बूर चाट रहा था कुछ देर मे मै झड़ गई।
अब मै उसे लिटा उसके ऊपर चढ़ उसे किस करने लगी उसका पैन्ट चड्डी उतार उसके लन्ड को पकड़ लिया उसका लन्ड एक दम कड़क हो गया था मै उसपर बैठने लगी उसने मेरी कमर पकड़ लिया मै धीरे धीरे लन्ड पर बैठ गई । उसकी आह निकल गई।
मै अपने होठ भींच बैठी रही कुछ देर मे मुझे अच्छा लगने लगा तो मै ऊपर नीचे होने लगी अब मुझे मजा आ रहा था मै उसके सीने पर लेट गई और उसे किस करते हुए अपनी गाड़ उठा उसे चोदने लगी वो मेरी गान्ड को दबा रहा था।
कुछ देर मे मै झड़ गई तो मै रूक गई और उसे ऊपर आने बोला उसने डॉगी स्टाइल मे चोदना शुरू किया फिर मेरी एक टांग कंधे पर रख चोदने लगा अब मुझे गोद मे उठा चोदने लगा अब उसने मुझे लिटा दिया और चोदने लगा कुछ देर मे हम साथ ही झड़ गए।
अब हम सो गए।
सन्डे को भी हमने सेक्स किया जब तक मेरी रूममेट नही आई तब तक।
अब उन्ही दिन कट गए रूममेट होती तो मुझे सेक्स करने का मौका नही मिलता।
अब 2015 आ गया था।
एक दिन हम क्लास मे थे वो मेरे बाई तरफ बेंच पर बैठा था।
अचानक भूकम्प आ गया सब कुछ हिलने लगा क्लास मे टीचर नही थे तो सभी सीढ़ियों की तरफ भागने लगे मै भी भागने की सोची तो बेंच मे फंस गिर गई, अंशु मेरे ऊपर आ बेंच पकड़ लिया नही तो सारे लोग मेरे ऊपर से निकल जाते अब अंशु के ऊपर चढ़ कर सारे
भागने लगे चारों तरफ अफरा तफरी मच गई भूकंप तो कुछ ही सेकंड का था लेकिन अफरा तफरी आधे घंटे से ज्यादा चली।
जब तक लोग शान्त नही हुए वो मुझे अपने नीचे छुपाए था।
अब वो हटा तो उसके हाथ पर बेंच गिरने से चोट लग गई थी मेरा चश्मा टूट गया था अंशु को जहां तहां चोट आई थी मेरी रूममेट को भी चोट आई थी।
अब हम नीचे आने लगे तो सीढ़ी पर बहुत बच्चे चोटिल थे। बहुत सारे स्टाफ भी चोटिल हुए धक्का मुक्की मे।
उन लोगो ने 3 दिन की छुट्टी कर दी।
अब हम रूम पर आ गए मेरी रूममेट अपने रिश्तेदार के यहां चली गई।
अब मै अंशु के हाथ को सेंक देती हूं।
अब तीन दिन हमे रोकने वाला कोई नही था और मेरे पीरियड्स भी एक दिन पहले बन्द हुए थे।
जब आप लोग भूकंप से डर इधर उधर भाग रहे थे तो हम चुदाई कर रहे थे। कुछ सेकंड का भूकंप सीने मे रोमांच भर देता था बूर मे लन्ड लिए जब अचानक बेड हिलने लगे और पंखा हिलने लगे तो लगता आह क्या दुनिया है। हमने खुब चुदाई करी भूकंप के समय सारा माल मै बूर मे लेती रही उसका गर्म रस मेरी बूर को अंदर तक तर कर देता था।
सच कहूं तो चुदाई मे जब तक पानी अदंर नही निकलता मजा अधूरा है।
अब यूंही दिन निकल गए और हमारे क्लास खत्म हो गए।
अब मै अपने घर आ गई वो अपने गांव चला गया हमारी बात होती थी। मुझे उसकी बहुत याद आती थी।
एक दिन उसने बताया कि उसका एक्जाम मेरे जिले मे है तो मैने उसे अपने घर बुला लिया पापा ने कहा तो वो आ गया।
वो सुबह 7 बजे आ गया अगले दिन उसका एक्जाम था ।
मैने उसे अपने परिवार से मिलाया।
मेरे घर मे मम्मी पापा मेरी बड़ी बहन और एक छोटा भाई है।
सभी उससे मिल काफी खुश हुए।
वो रात भर सफर कर आया था तो खाना खा वो सो गया।
अब शाम को मै उसे अपने शहर घुमाने ले गई मेरी बहन भी थी हमने खुब मस्ती की।
अब रात को वो मेरे भाई के साथ सो गया मै मेरी बहन के साथ सो गई।
अगले दिन वो एग्जाम देने चला गया।
अब एग्जाम देकर आया तो जाने को बोलने लगा तो पापा ने कहा कि अरे अभी कुछ दिन रुको घूमो फिरो।
मम्मी ने भी कहा तो वो रुक गया।
अब शाम को मै उससे अकेले मे बैठ बात कर रही थी तो उसने कहा कि।
अंशु: तुम्हारी दीदी और पापा को बात करते नही देखा उन दोनो मे झगड़ा है क्या?
मै: नही, मुझे नही पता लेकिन दीदी की जबसे शादी ठीक हुई है तब से ही वो सबसे कम बोलती है।
अब उसने दीदी से अकेले मे कुछ बात की, फिर उसने बताया कि दीदी को लडका पसन्द नही है और वो डर से पापा को नही बोल रही है।
अब रात को पापा दुकान से घर आए तो पता नही अंशु ने उनसे क्या कहा अकेले मे ले जाकर कि वो निचे आए और दीदी को गले लगा कर कहा की अगर तुझे लड़का नही पसन्द था तो तूने बताया क्यों नही, मै तेरी शादी ऐसे घर मे कैसे कर दूं जिसे तुम पसंद नही करती।
दीदी रोने लगी।
अब दीदी काफी खुश थी।
मुझे अब अंशु से और प्यार हो गया था।
अगले दिन मम्मी पापा और अंशु बात करते हैं अंशु एक तस्वीर दिखाता है दीदी को दीदी उसे पसंद कर लेती है फिर दीदी को मम्मी पापा अंशु साथ ले जाते हैं और लड़के से मिल आ जाते हैं।
दीदी को लड़का पसंद आता है।
अब वो उनसे फोन पर बातें करने लगी।
अब अंशु चला जाता है हमे चुदाई का मौका नही मिला।
अब कुछ दिन बाद लड़के वाले दीदी को रिंग देने आने वाले थे।
लडका नही आता है, कुछ लोग आते हैं और उनके साथ अंशु भी आता है।
अब सारी रस्म होती है लड़की को रिंग पहनाने को पंडित बोलता है की लड़के का भाई ही पहना देगा।
कुछ देर मे अंशु रिंग ले उठता है मै चौंक जाती हूं क्या ये मेरे जीजा का भाई है वो रिंग पहना देता है दीदी भी चौंक जाती है। मुझे कुछ समझ नही आ रहा था।
अब सभी लोग खाना खा जाने लगते हैं तो मै इशारे से अंशु को बुलाती हूं।
वो मुसकुराते हुए आता है।
मै; क्या हो रहा है यहां क्या सच मे तुम लड़के के भाई हो।?
अंशु: हां।
मै: अपने भाई हो या दूर के।
अंशु: सगा भाई, अब तू मेरी साली बनेगी (मेरे कमर पर चूंटी काट लेता है और जाने लगता है)
तभी दीदी आ जाती है और अंशु से बात करने लगी।
दीदी:तुमने पहले क्यो नही बताया की तुम भाई हो उनके।
अंशु: अगर पहले बता देता तो हो सकता है आप पर हां कहने का प्रेशर होता।
दीदी हंसने लगी और उसे गले लगा लिया।
अब वो जाने लगा तो दीदी ने उसे रोक लिया।
अब सभी चले गए और अंशु रुक गया।
अब रात को खाना खा हम बात करने लगे मैने पापा से पुछा तो उन्होने बताया कि मुझे तेरी मम्मी और अंशु को सिर्फ पता था कि वाणी की शादी अंशु के भाई से ठीक हुई है।
अब मै अंशु और दीदी दीदी के रुम मे बैठे बाते कर रहे थे दीदी उससे जीजा के बारे मे पुछ रही थी।
तभी दीदी ने जीजा को कॉल किया और उनसे कहा कि आपने भी नही बताया कि अंशु आपका भाई है।
उन्होने कहा कि अंशु ने मना किया था।
अब हम सोने जाने लगे।
अंशु मेरे भाई के साथ सो गया और मै दीदी के साथ।
रात मे दीदी काफी देर फोन पर जीजा से बात कर रही थी तो मुझे नींद नही आ रही थी मै गुस्सा होने का नाटक करती हूं।
तो दीदी मुझे कहीं और सोने को कहती हैं।
मै मन ही मन खुश हो गई।
अब मै उठ कर अपने भाई के रुम मे आती हूं और अंशु को चुपके से उठा छत पर ले जाती हूं।
मै छत पर ले जा उसे सीने से लगा लेती हूं।
अंशु: आह छोड़िए जी क्या कर रही हैं आप? आप हमारी होने वाली भाभी की बहन हैं, ये सब हमारे रिश्ते मे ठीक नही लगता।
मै:( उसके निप्पल को काटते हुए) अच्छा भाभी के देवर, अब अपनी भाभी से नजर हटाओ और मुझ पर थोड़ा ध्यान लगाओ।
मै उसे किस करने लगी मै बहुत दिन की प्यासी थी तो मै जोर जोर से चूस रही थी अब मै उसका टी शर्ट उठा उसके सीने को चूसने लगी उसके गर्दन गले को चूसने लगी अब वो मेरे गाल कान गले गर्दन सब जगह चूमने चाटने लगा अब मै टी शर्ट उठा उसे अपने चूंचे चुस्वाने लगी मेरी आह निकल जाती थी।
अब मै उसका पैन्ट उतार अपनी भी पैंट उतार देती हूं और उसके लन्ड को पकड़ लेती हूं और वो नीचे बैठ मेरी बूर चाटने लगा मेरी आह निकल जाती है।
वो मेरे पैर को अपने कंधे पर रख घुटने के बल बैठा था और बूर चूस रहा था मै उसके बाल सहला रही थी।
कुछ देर मे मेरी बूर फड़फड़ाने लगी और मै झड़ गई।
उसे खड़ा कर किस करने लगी।
अब उसने मेरी एक टांग हल्का उठा मेरी बूर मे लन्ड पेल दिया मेरी सिसकारी निकल गई अब वो हल्के हल्के चोदने लगा मुझे मजा आ रहा था अब उसने गोद मे उठा चोदना शुरू किया मै उसे किस करते हुए चुदवा रही थी 20 मिनट बाद हम दोनो झड़ गए और किस कर कपड़े पहन नीचे आ सो गए।
अगले दिन अंशु चला गया।
कुछ दिन बाद मेरे पापा भाई और कुछ रिश्तेदार अंशु के यहां रस्म के लिए गए। मै भी जाना चाहती थी लेकिन मुझे नही ले गए।
अब उनकी शादी अगले साल होनी थी।
अब मुझे अंशु से मिले 3 महिने हो गए थे मै मिलना चाहती थी।
फिर मेरे दिमाग मे आइडिया आया। मैने एक फेक एडमिट कार्ड बनाया और उसका सेंटर अंशु के गांव वाले जिले का मुख्यालय बिहारशरीफ दे दिया। मैने तारीख उस दिन चुना जब मेरे पीरियड खत्म होने वाले हों।
अब वो मेरे घर से बहुत दूर है तो दीदी ने कहा कि तू अंशु के यहां चली जा वो तूझे एग्जाम दिला देगा।
अब अंशु मुझे ले जाने को आ गया।
हमारी बस रात8 बजे की थी मै खुश थी की उसके घर जाऊंगी खुब चुदवाऊंगी।
लेकिन मेरी किस्मत खराब थी मेरा भाई भी जाने को बोलने लगा उसका स्कूल का एग्जाम खत्म हो गया था तो मम्मी बोली कि उसे भी साथ ले जाऊं।
अब हम तीनो एसी स्लीपर कोच मे बैठ गए।
मै मेरा भाई एक केविन मे थे और अंशु दूसरे केविन मे।
मै बस मे चुदाई करना चाहती थी लेकिन हो नही पाई।
अब हम उसके गांव पहुंचे सभी से मिले उसका घर बहुत बड़ा था क्योंकि मेरा जीजा बिल्डर थे।
उनके घर मे अंशु, मेरे जीजा, उनके मम्मी पापा, दादा, दादी सब थे उनकी बहनों की शादी हो चुकी थी तो वो ससुराल थीं।
अब रात को सोने की बारी आई तो वहा बहुत कमरे थे तो सब अलग अलग कमरे मे सोने वाले थे।
मैने इशारे से अंशु को बोला की मुझे अकेले सोने मे डर लगता है।
अब रात को वो मेरे कमरे मे आ जाता है और हम जम कर चुदाई करते हैं।
अब सुबह मेरा एग्जाम था तो अंशु मुझे ले 4 व्हीलर से एग्जाम सेंटर पर चलने लगा।
मैने रास्ते मे उसे बताया कि मैने झूठ बोला था मेरा कोई एक्जाम नही है।
तो उसने गाड़ी रोक दी और मुझे गोद मे लिटा मेरी चूतड पर मारने लगा।
वो थोड़ा नाराज हुआ लेकिन मैने उसे मना लिया और किस करने लगी ।
मैने कार मे चुदाई करने को बोला तो उसने गाड़ी शुनशान जगह खड़ी कर दी।
मैने जींस टॉप पहन रखा था तो उसने टॉप के 3 बटन खोल मेरी ब्रा हटा दी और मेरे चूंचे चूसने लगा मुझे काफी मजा आ रहा था। उसने हाथ मेरी जींस मे डाल दिया और बूर सहलाने लगा मेरी आह निकल गई मैने उसका जींस खोल घुटनो पर कर दी अब हम पीछे के सीट पर आ गए मै अपना पूरा जींस खोल दी और पैंटी को साइड कर उसके कड़क लन्ड पर बैठ गई और चुदने लगी मेरी आह निकल जाती।
कुछ देर मे उसने मुझे घुटनो पर झुका दिया और पीछे से मेरी गान्ड सहलाते हुए मेरी चूतड पर चुसने काटने लगा अब उसने बूर मे लन्ड घुसा चोदना शुरू किया मेरी आह निकल गई और कुछ देर मे मै झड़ गई।
वो अब मुझे लिटा कर चोदने लगा कुछ देर मे वो झड़ने वाला था तो मैंने उसे अदंर ही निकालने को कहा वो कस कर चोदने लगा और मेरी बूर मे गर्म पानी छोड़ दिया उसके रस को फील कर मै भी झड़ गई।
हम कुछ देर वैसे ही पड़े रहे फिर खुद को साफ कर हम शहर घूमने लगे और शाम को घर आ गए।
अब अगले दिन जीजा ने हमे कुछ दिन रुकने को कहा।
अब उस दिन हम राजगीर घूमने निकल गए।
बहुत मस्ती की सबने।
अब अगले दिन अंशु मुझे अपने आम के बाग मे ले गया मेरा भाई नही आया।
सिर्फ मै और अंशु ही थे वहां काफी सन्नाटा था बहुत सारे पेड़ थे एक पेड़ के पास जा हम किस करने लगे।
उसने मेरे स्कर्ट मे सर घुसा दिया और मेरी बूर चूसने लगा खुले मे बूर चुदवाने में एक अलग ही आनंद आ रहा था।
अब खड़े हो उसने अपना लन्ड निकाला और स्कर्ट उठा मेरी बूर मे लन्ड पेल दिया और चोदने लगा मुझे काफ़ी मजा आ रहा था हल्की हल्की हवा चल रही थी आम के मंजर की खुशबू आ रही थी।
अब उसने गमछा बिछा मुझे लिटा दिया और मुझे किस करते हुए चोदने लगा मै मजे से दोहरा हो गई।
वो जोर जोर से चोदते हुए मेरे अदंर ही झड़ गया मै दो बार झड़ चुकी थी।
कल मुझे जाना था तो मै दो बार और चुदवाली मै चुदवा कर मस्त हो गई थी।
अब अगले दिन अंशु हमे ले घर आ गया और अगले दिन वापस चला गया।
घर आते ही मम्मी पापा बोले कि तेरी भी शादी करा देते हैं मै डर गई। फिर दीदी बोली की अंशु के घर से फोन आया था उनकी मम्मी अंशु की शादी तुमसे करना चाहती हैं।
मै काफी खुश हो गई।
अब हम चारों की शादी एक ही मण्डप मे हो गई।
मै और दीदी शादी कर ससुराल आ गए।
सुहाग रात मे अंशु ने मुझे खूब चोदा मै जम कर चुदाई का मजा ली।
अगले दिन दीदी को चलने मे थोड़ी दिक्कत हो रही थी मै समझ गई कि ये पहली बार चुदाई हैं।
दीदी ने मुझसे पूछा कि तुझे दर्द नही हो रहा क्या मुझे तो बहुत दर्द हो रहा है।
मै क्या बोलती कि मै तीन साल से चुद रही हुं। टीटीतो मैने बोला हो रहा है लेकिन मै बर्दास्त कर रही हुं।। मैने दीदी को पेंकिलर दिया और उन्हें बूर की सिंकाईं करने
बोला।
दीदी: तुने सिंकाई कर ली।
मेरे मुंह से गलती से निकल गया।
मै: हां, अंशु ने कर दी।
दीदी शर्मा गई।
अब मै रोज चुदाती वो भी जम कर शादी कर मै और दीदी बहुत खुश थे।
कुछ महिने बाद अंशु का बीटेक मे एडमिशन हो गया लेकिन मेरा रिज़ल्ट नही आया था। वो गुस्सा हो गया।
मै उसे मनाने गई तो बहुत देर वो नही माना।
फिर साड़ी उठा मेरी पैंटी उतार मेरी गान्ड पर मारने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर वो मेरी बूर चाटने लगा मेरे चूतड पर काटने लगा और मुझसे वादा करवाया कि अगली बार मेरा रिजल्ट होना चाहिए।
मेरी बूर मे उसका लन्ड था मै उसे किस करते हुए वादा करती हूं कि अगली बार मेरा रिजल्ट पक्का होगा।
कुछ दिन बाद हम दोनो खड़गपुर आ गए उसका एडमिशन हो गया।
अब वो दिन मे कॉलेज जाता और रात मे मुझे पढ़ाता।
पहले एक चैप्टर पढ़ाता फिर किसी दिन उससे रिलेटेड सवाल पूछता मेरा टेस्ट लेता अगर टेस्ट मे अच्छे नम्बर आते तो उस दिन जम कर चुदाई करते
खराब नंबर आने पर चुदाई बन्द हफ्तों के लिए जब तक अच्छे नंबर ना आ जाए।
मै भी चुदाई कराने के लिए खूब पढ़ती।
अगले साल मेरा भी एडमिशन उसी कॉलेज में हो गया।
अब हम जम कर चुदाई करते हैं।
दीदी को एक बेटी हो गई है।
अब हम जॉब करते हैं कुछ साल बाद हम अपना स्टार्ट अप शुरु करेगें उसके बाद बच्चे प्लान करेंगे।
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