Sleeper Bus Mein Biwi Chudai Aur Pregnant Ho Gai
हैलो दोस्तो
उदयपुर का रहने वाला हूं, मेरा नाम सुनील है मेरी उम्र 28 साल है, मेरी शादी को दो साल हो चुके थे। मेरी वाइफ का नाम पूजा है, उसकी उम्र 25 साल है, वह बेहद खूबसूरत और खुले स्वभाव की है, उसकी हाइट 5.5 इंच, रंग गोरा, और वह V शेप वाली curvy बॉडी की है, उसके बूब्स 34D वह पतली कमर और बड़ी गांड वाली सेक्सी दिखने वाली कमाल की खूबसूरत है।
मेरी पिछली कहानी पढ़े : Dost Ki Bibi Ki Chudai
बस में बीवी चुदाई की कहानी
दोस्तो हम दोनो ने काफी सारे फॉर्म भर रखे थे और competitive exams की तयारी कर रहे थे। शादी के बाद हम दोनो ने खूब चुदाई की, हर एक पोज ट्राई किया और सेक्स के मामले में बिलकुल खुल गए। कभी कभी पोर्न देख कर, कभी कहानी पढ़कर, हम दोनो दूसरों के बारे में भी बाते करते थे, मेरा लन्ड 5 इंच लंबा और 2.5 मोटा है, मेरी वाइफ कभी कभी पोर्न वागेरा में बड़े लंड को देख कर फुल गर्म हो जाती और कहती थी की बड़े लंड से चुदवाने पर कैसा लगता होगा, ये वो ।
मैं भी उसकी बातें सुनकर कभी कभी सोचने लगता, की पूजा को शायद बड़े लंड देखकर उनसे चुदवाने की इच्छा होती है।
एक दिन मेने बातों बातों में पूछ लिया की अगर तुम्हे मोका मिल तो तुम कैसे लंड से चुदवाना चाहोगी, तो वह बोली रहने दो। फिर मेरे एक दो बार पूछने पर उसने बताया की, वह मुझसे थोड़े बड़े लंड से चुदवाना चाहेगी। मेने भी कह दिया, की कभी मोका आए तो चुदवा लेना, मैं मना नही करूंगा पर मेरी गैर मौजूदगी में वो ऐसा नहीं करेगी।
तो उसने मुझे डांटा की पागल हो गए हो क्या, मुझे नही करना ये सब, मुझे तुम ही पसंद हो बस। तो मैने उससे कहा की तुम तो मेरी बीवी ही हो, जब चाहो चुद लेना, लेकिन फिर भी अगर कभी मोका मिला तो तुम ट्राई कर सकती हो, बस ऐसे ही लाइफ चलती रही और हम दोनो पढ़ाई करते रहे और exam देते रहे।
तो बात अब से 1 साल पहले की है, जब 15 December को हमारी एक exam डेट आई थी और सेंटर जयपुर आया था, हमे exam देने जयपुर जाना था, तो मैने बस के टिकट बुक करने के लिए travels वालों को कॉल किया, तो exam बड़ा होने के कारण सब बस almost फुल थी, बड़ी मुस्किल से एक AC बस में डबल स्लीपर खाली मिला, वह काफी अच्छी बस थी तो स्लीपर काफी महंगा था, पर जैसे तैसे हमे तो जाना ही था, तो मैने 3 दिन बाद 14 तारीख नाइट का स्लीपर बुक कर लिया।
अगले दिन ही मेरी एक बुआ के लड़के नरेश का कॉल आया, वह मेरा हम उम्र ही था और उसका डाइवोर्स हो चुका था, पास के ही एक बड़े से कस्बे में रहता था, वह दूसरी शादी से पहले नौकरी लगने की जिद पकड़े हुए था। उसने भी exam का फॉर्म भर रखा था और उसका सेंटर भी जयपुर ही आया था। उसने कहा की यार आप लोगो ने कोई स्लीपर सीट वगेरा बुक करवा ली है क्या? उसे तो किसी भी बस में स्लीपर नही मिला, सब बस फूल बता रहे है, और ठंड भी कड़के की पड रही है, क्या करूं।
मेने कहा की हां हमे भी बड़ी मुस्किल से एक डबल स्लीपर मिला वो भी बहुत महंगा।
अगले दिन बुआ का कॉल आया, की नरेश को कोई सीट नही मिली, वह गुजारिश करने लगी की अगर तुम तीनो एक स्लीपर में बैठ के जैसे तैसे जा सको, तो वह बस वाले से बात करके एक टिकट बनवा लेगा।
बुआ के इतना रिक्वेस्ट करने और exam की प्रोब्लम को देखते हुए मैं भी क्या करता, मेने हां कह दी।
मेने पूजा को बताया तो वो परेशान सी हुई की सारी रात बैठ कर कैसे जायेंगे, अगले दिन exam भी है, ये वो
पर मेने उसे समझाया की ओर कोई इलाज नहीं बचा और exam भी जरूरी है तो हम जैसे तैसे एडजेस्ट कर लेंगे।
अगले दिन रात को 10 बजे की बस थी हम दोनो त्यार होकर 9.30 ही बस ऑफिस पहुंच गए। मैं लोअर, शर्ट और ओवर कॉट में था। तो पूजा ने वन पीस नाइट ड्रेस पहन रखी थी, जो पीछे से फुल चैन से बंद होती थी और ऊपर फुल ओवर कॉट पहना हुआ था। हम दोनो समान रखने के बाद स्लीपर में चढ़ कर बैठ गए। बस AC थी और black कांच से बंद होने वाले बड़े बड़े स्लीपर केबिन थे, इसलिए पूजा ने एक बड़ा सा कंबल निकाला और ओवर कॉट को उतार कर स्लीपर में कंबल ओढ़कर लेट गई, मुझे बस में जी घबराने की शिकायत है, तो मैंने बाहर कांच की साइड लेटने को कहा, की अगर जी घबराया और वोमेटिंग हुई तो आसानी होगी, तो वह इधर खिसक गई और मुझे विंडो साइड लेटने दिया।
राइट 10 बजे बस चल पड़ी, हम दोनो बातें कर रहे थे की थोड़ी देर आराम से सो लेते है फिर करीब एक घंट बाद तो नरेश भी बस में चढ़ जायेगा, तब जगह काम बचेगी। और हम सो गए।
करीब 1 घंटे बाद बस नरेश के कस्बे पहुंच गई थी, बस रुकने के थोड़ी देर बाद ही नरेश बस में चढ़ गया, उसकी हाइट मुझसे थोड़ी ज्यादा थी और वो हैल्थ में भी मुझसे थोड़ा मजबूत और हटा कट्टा था।
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वह हमे ढूंढते हुए हमारे स्लीपर के पास आ पहुंचा, मेने और पूजा ने उससे हाय हेलो करके उसे ऊपर आने को कहां।
तो उसने बोला की वाह बस तो AC है और स्लीपर भी काफी बड़ा है उसमे तो हम सब आराम से जा सकते है। पूजा चुप चाप लेटी रही। मेने भी कहा की हां केबिन तो कभी बड़े है इसके।
अब बस चल पड़ी थी, तभी नरेश ने मुस्कुराकर पूजा को घूरते हुए कहा की पूजा आप बहुत खूबसूरत लग रही हो, तो वह थोड़ा सरमाने का नाटक करने लगी, तो मैंने बोला की कमीने पूजा नही, भाभी बोल भाभी। और हम सब हंसने लगे, थोड़ी देर खुलने के बाद हम दोनो अपना कंबल ओढ़कर लेट गए और वह अपनी एक चद्दर ओढ़े बैठा हुआ था। थोड़ी देर चलने के बाद हल्की हल्की सर्दी महसूस हो रही थी, तो मैने नरेश से कहा की चाहे तो वह लेट सकता है, तो पूजा ने भी कहा की हां आपको सर्दी लगेगी और पूरी रात बैठ कर कैसे जाओगे, हमे तो नींद आ रही थी, इसलिए हम तो पहले से लेट है, आप भी अपनी चादर ओढ़कर लेट जाओ, इतना कहने के बाद पूजा ने नरेश के लिए जगह बनाते हुए, मेरी ओर मुंह किया और थोड़ा मेरी ओर खिसक कर लेट गई।
थोड़ी देर बाद नरेश भी पूजा के बगल में सीधा लेट गया और अपनी चद्दर ओढ़ ली, बस फूल स्पीड से चल रही थी।
थोड़ी देर बाद मैने बस की हल्की हल्दी ग्रीन रोशनी में देखा, कि पूजा अभी तक जग रही थी, और ना ही मुझे नींद आ रही थी। अब मेने पूजा धीरे से एक किस की ओर उसके बूब्स की निपल पकड़ते हुए धीरे से उसे छेड़ा, तो वह मुंह मेरे कान के पास लाकर फुसफुसाई की मान जाओ नही तो मैं गरम हो जाऊंगी ऐसे तो, तो मैने भी धीरे से उसके कान में बोला की तो क्या हुआ आज तो दोनो साइड बाहर ही बाहर है।
तो उसने धीरे से मेरे मुंह पे थप्पड़ मारा और बोला की चुप रहो तुम, तो मैने बोला देख लो नरेश का डायवोर्स होए हुए 3 साल हो गए। वह तड़फ रहा होगा और तुम भी आज नाइटी में ही हो, तो उसने मेरे गाल पे धीरे से थप्पड़ मारा और बोला सो जाओ।थोड़ी देर बाद टूटी फूटी रोड आने की वजह से बस थोड़ा हिलने डुलने लगी थी, नरेश भी पूजा तरफ करवट लेकर सोने लगा, अब पूजा की गांड उसके लंड के ठीक सामने थी, बस बीच में कंबल और उसकी चादर थे।
पूजा ने मुझे इशारा करते हुए कहा की उसने करवट बदल ली और कहा की वो मेरे बिलकुल पास ही लेता है, मेने उसके कान में कहा की कुछ नही तुम बस सो जाओ चुप चाप, मैं भी सो रहा हु। रोड टूटी फूटी है, और वैसे भी सारी रात कोई एक पोज में नही सोता।
मेने कहा मुझे नींद तो नही आ रही है , लेकिन मेने पूजा के फोन पे एक msz किया, की मैं तो सो रहा हु, और आज तुमने दे भी दी तो एक डायवोर्सी का भला हो जायेगा, इसलिए गुड नाईट।थोड़ी देर बाद पूजा ने एटिट्यूड वाला स्माइली के साथ गुड नाइट रिप्लाई कर दिया, रात के करीब 12 बज रखे थे, मैं सोने का नाटक करने लगा।करीब आधे घंटे नाटक करने के बाद मैने धीरे से कंबल से मुंह बाहर निकला और देखा की नरेश कहा सो रहा है तो मैं हैरान रह गया, नरेश ने अपनी आधी चादर हमारे कंबल पर डाल रखी थी और वह पूजा से सट कर हमारे कंबल में घुस रखा था। पूजा भी सोने का नाटक कर रही थी।
मैं फिर से सोने का नाटक कर लेट गया।
लगभग आधे घंटे बाद बस जोर से हिली तो मुझे कुछ हार्ड सा महसूस हुए मेने धरे से हाथ हिला विला कर महसूस किया तो पता चल की नरेश के हाथ पूजा की नाइटी के अंदर उसके बूब्स पर थे। मुझे सारा मामला समझ में आ गया, की मुझे सोया हुआ समझ कर खेल चालू हो चुका है।
थोड़ी देर बाद पूजा ने भी थोड़ी सी करवट लेते हुए अपने आप को पीछे धकेल दिया और घुटने थोड़े मोड़ कर मेरी ओर निकल लिए। थोड़ी देर बाद मेने अपने एक हाथ से धीरे से घुटना छुआ तो पता चला अब घुटने नंगे थे, शायद नरेश ने उसकी नाइटी पीछे से खोल रखी थी और जांघो तक ऊपर चढ़ा रखी थी।
तभी पूजा की सांसे तेज तेज सुनाई देने लगी मुझे पूरा यकीन हो गया था की मामला टाइट हो रहा है, और आज ये साली चुदेगी ही।थोड़ी देर बाद मैं धीरे धीरे करवट लेते हुए पूजा की ओर मुंह करने की कोसिस करने लगा, मेरा मुंह कंबल के बाहर था और पूजा व नरेश पूरी तरह कंबल के अंदर थे। मैं ऊपर से पूजा और नरेश को देखने की कोशिश कर रहा था, मैं हैरान रह गया नरेश कभी कभी पूजा के पीछे ढके से मार रहा था और पूजा की सांसे अब फुल गरम हो गई थी, जो मैं कंबल के अंदर ही महसूस कर रहा था।
थोड़ी देर बाद मेने धीरे धीरे पूजा के बूब्स को चेक करना चाहा की वहा के हाल क्या है तो पता चला की पूजा की नाइटी अब ऊपर की साइड से पूरी आगे की तरफ उतार गई थी और उसके बूब्स लगभग नंगे हो चुके थे… मेने जैसे ही उन्हे टच करके पता करना चाहा पूजा को पता चल चुका था की मैं जाग रहा हु।
उसने तुरंत मेरे हाथ को अपने दोनो हाथो से पकड़ लिया और अपने मुंह में दांतो के नीचे दबा लिया।
मुझे समझ आ गया था की वह अब मुझे चुप रहने को बोल रही है। मैं भी चुप चाप लेता रहा और धीरे से मुंह कंबल के अंदर किया।
पूजा अब फुल गरम हो चुकी थी पर मैं ये नहीं समझ पा रहा था की, नरेश ने अपना लोड़ा अंदर डाल दिया या नहीं, और अगर डाल दिया तो मुझे पता क्यों नही पता चला, और झटके तेज क्यों नही हुए, क्योंकि पूजा कुछ ज्यादा हिल नही रही थी अभी तक। तो मेने सोचा की अगर डाल दिया है, तो शायद उसका लंड बहुत ही छोटा सा होगा, जिसका पता भी नही चला होगा।
तभी पूजा मेरी अंगुलियों को किस कर रही थी और अचानक उसकी सांसों में एक झटका सा लगा और उसके मुंह से एक जोर की सिसकी निकल गई और वह मेरे हाथो से अपना मुंह बंद करने लगी।
अब मुझे पता लग गया था की, नरेश का लंड छोटा नही, बल्कि अब नरेश ने अपना लोड़ा उसकी चिकनी चूत में डाला है । अब वह जोर जोर की सिसकी लेते हुए मेरे हाथ को जोर से पकड़े हुए थी।
मेने फिर से अपना मुंह कंबल के बाहर निकला और उन्हे देखने की कोशिश करने लगा।
बस में चुदाई की कहानी
नरेश अब थोड़ा जोर जोर से हिलने लगा था और पूजा भी कभी कभी पीछे की ओर धक्का दे रही थी।
कंबल से ऊपर से ही दोनो की चुदाई का साफ साफ नजारा दिख रहा था, अब मेने कंबल के अंदर मुंह किया तो कंबल अंदर से उबल रहा था पूजा की सिसकियां और उसकी चूत से हल्की हल्की छप छप जैसी आवाज आ रही थी, कभी कभी बीच बीच में नरेश के झटके से दोनो के चुतडे टकराने की आवाज भी आ रही थी।
तभी बस बिलकुल धीरे हो गई और उन्होंने हिलना बंद कर दिया, शायद बस कोई दूसरी रोड पर चढ़ रही थी। थोड़ी देर बाद ही बस फिर से स्पीड पकड़ने लगी और शायद फिर से कोई टूटी फूटी रोड आ गई थी तो बस खूब हिल डुल रही थी।
फिर क्या था पूजा नरेश का काम अब अपने आप बस ही कर रही थी, करीब आधे घंटे तक नरेश ने पूजा को खूब जमकर चोदा और फिर पूजा जोर जोर से सांसें और सिसकियां लेने लगी और बीच बीच में नरेश की आवाजे भी आ रही थी फिर कुछ जोर के झटके लगे तो पूजा की आह निकल गई, मैं हक्का बक्का था की आखिर ये क्या हो रहा है, मुझे यकीन हो गया था, की आज ये साला तो चोद चोद कर फाड़ देगा आज इसकी भोसड़ी।
मेने फिर से मुंह कंबल के बाहर निकाल लिया और देखने लगा,
तभी थोड़ी देर जोर जोर के झटको के बाद एक जोर का झटका लगा, पूजा की आह निकल गई और फिर एक दो जोर जोर के झटके मारकर नरेश पूजा के बिलकुल चिपक गया, और अब पूजा ने भी मेरे हाथ को जोर से दबाकर मेरे हाथ पे मुंह रखकर लेट गई।
मैं देखता रहा फिर करीब 4,5 मिनट ऐसे ही चिपके रहने के बाद नरेश अलग होने लगा, तो मैं भी उनके हिलने के साथ साथ करवट लेकर दूसरी ओर मुंह करके सोने लगा।
उस दिन दिल और गांड सब जल गई पर करता तो करता क्या शुरू करने का मोका भी मेने ही दिया था ।
2,3 घंटे पछताने के बाद मुझे नींद आ गई।
सुबह नरेश ने ही उठाया था, वह नीचे खड़ा था स्लीपर के पास और हाथ लगाकर बोला की जयपुर आ गया है और उसका सेंटर यहां से नजदीक है तो वह उतार रहा है।
जब वह चला गया और बस वापस चलने लगी तो मैने पूजा की ओर देखा तो वह चुद चुद कर बुरी तरह थक कर सो रही थी, मैने देखा की उसका गाल भी लाल हो रखा था शायद उसने रात को चूसा होगा।
फिर मैने उसे उठाया की जयपुर आ गया उठ जाओ तो वह उठ भी नही पा रही थी बस पड़ी पड़ी थकी सी थोड़ी सी बशर्म सी मुस्कान के साथ सो रही थी।
फिर मैने रात के बारे में कोई बात न करते हुए नीचे उतर गया और समान पैक करने के बाद वह भी नीचे आ गई। उसको सेंटर छोड़ने के बाद मैं भी exam देने गया और फिर हम उसी रात एक बस से घर आ रहे थे, तब मेने पूछा की exam कैसा हुआ।
तो उसने थोड़ा मुस्कुराते और शरमाते हुए मुझे छेड़ने के अंदाज से पूछा कोनसा ?
मेरी तो वैसे भी जली पड़ी थी तो मैने कहा की साली रण्डी रात भर सी सी ओह आह करके चुद रही थी वो वाला ही बता दे।
वो हंस दी।
फिर मैने पूछा की यार जब मुझे पता चला था, तब तो काम शुरू हो रखा था ऑलमोस्ट।
तो उसने बताया की मेने ऐसा सोचा भी नही था और मुझे तो नींद आ गई थी, पर फिर धीरे धीरे बस हिली तो मुझे उसके लंड लंड ने ही जगाया था। उसका लुंड मेरे पिछवाड़े पे एक दम सही जगह पे घिस रहा था बार बार। फिर मैं भी वैसे ही लेटी रही और बस के हर झटके के साथ रगड़ रगड़ कर उसने मेरी चूत पानी पानी कर दी, फिर उसने धीर धीरे पता नही कैसे मेरी चैन खोल दी, जब थोड़ी चैन खुल गई तब मुझे पता चला, फिर भी मैं और वो वैसे ही लेटे रहे।
फिर थोड़ी देर बाद उसने धीरे से एक हाथ मुझे रखा और धीरे धीरे मेरे बूब्स की ओर ले जाने लगा,
तब तक उसके लंड ने घिस घिस के मेरी चूत में आग लगा दी थी, और मैं उसे रोक नही पा रही थी,
फिर वह मेरे बूब्स दबाने लगा , फिर जब वह मेरी पीठ पर किस करने लगा, तब मैने धीरे से हाथ से नीचे से महसूस करना चाहा तो पता चला की वो नंगा हो रखा था और अपना नंगा लंड मेरी नाइटी के ऊपर से रगड़ रगड़ के मेरी नाईटी गीली कर रखी थी, फिर जैसे ही मेरा हाथ वहा गया, तो उसने अपना लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया, उसका लंड इतना बड़ा और लंबा था की क्या ही बताऊं, मेरे तो होश ही उड़ गए, मैं हकी बकी कुछ सोच नही पा रही थी की अब मै क्या बोलूं, फिर तो उसके हौसले बढ़ गए और उसने मेरी नाइटी ऊपर करके मेरी पैंटी भी अपने पैरो की सहायता से निकल दी।
और अब वह मेरे बूब्स दबा रहा था और उसका लुंड मेरी चूत पर बस के हर झटके के साथ फिसल फिसल कर आग लगा रहा था, मैं इतनी गरम कभी नही हुई थी, इसलिए मुझे तो होश ही नहीं था कुछ, फिर तुमने छुआ तो मैने तुम्हे पकड़ लिया।
ये कहानी सुन कर मेरी ओर जले जा रही थी। फिर जलते जलते मैने पूछा की एक बात बताओ सच्ची सच्ची की उसका कैसा था , कितना बड़ा था, कितना लंबा था, और उसने कैसा चोदा तुम्हे फिर।
तो पूजा ने बताया की उसका लगभग 8,9 इंच लंबा और करीब 3 इंच मोटा था, वो करीब एक घंटे तक अपना लंड मेरी चूत पे रगड़ रहा था, मेरी चूत में आग लग गई थी, इसलिए शायद मैं सहन कर गई वरना तो मैं मर ही जाति।
और जब उसने पहली बार डाला तो मेरी जान ही निकल गई थी पर तुम्हे पता न चले इसलिए वह धीरे धीरे कर रहा था, इसलिए शायद सहन हो गया। और सुनील मैं तुम्हे क्या बताऊं साला बे लगाम घोड़ा था, उसने ऐसा चोदा, ऐसा चोदा की चूत ही फाड़ दी।
ये सब सुन सुन कर मेरी जल जल कर राख हो गई, फिर मेने पूजा को कहा की दिखाओ तो, तो उसने स्लीपर में ही अपनी चूत दिखाई तो अभी तक उसकी चूत सूजी हुई थी और एक दम लाल लाल हो रखी थी।
उस दिन हम घर पहुंच गए, और अगले दिन किसी की डेथ हो गई थी तो मुझे 2,4 दिन के लिए बाहर जाना पड़ गया, फिर जब मैं वापस आया तो अगले दिन अचानक पूजा को वोमेटिग होने लगी, तो मैने पूछा की क्या हुआ।
तो उसने बोला की आप एक काम करो वो प्रांग्नेंशी किट लाओ, तो मैने कहा की हम तो प्रोटेक्शन उसे करते है तो हमे क्या डर।
तभी उसने जो बताया, तो मेरी गांड में आग ही लग गई। उसने कहा की उस सांड ने उस दिन चोद चोद के फाड़ दी थी, मुझे तो होश ही नहीं था और उसने जड़ तक तो अंदर डाल कर छोड़ था, और फिर अंदर डाले डाले 10 मिनट तक पड़ा रहा, एमएमआई बहुत थक गई थी, उसका लंड मेरी छाती तक अंदर पड़ा रहा था शायद उसी से गड़बड़ न हो गई हो।
मैं भाग कर गया और एक किट ले आया।
जब अगले दिन सुबह फर्स्ट यूरीन चेक किया तो पता चला की पूजा प्रेग्नेंट हो चुकी थी।
थैंक्स
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