Antarvasna – ससुर बहु के बिच घमासान चुदाई की कहानियाँ

Antarvasna – ससुर बहू की चुदाई की कहानी, Sasur Bahu Ki Chudai Ki Kahani अंतरवासना सेक्स कहानी

दोस्तों ये मेरी पहली अन्तर्वासना की कहानी है मुझे आशा है की Antarvasna Hindi Story इस को आप पसंद करेंगे, अब अपनी कहानी पर आते है

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मेरे ससुर और मेरे बिच – Antarvasna Ki Story

मेरे प्यारे दोस्तों Sexstorian पर आपका स्वागत है. ये मेरी दूसरी कहानी है इस वेबसाइट पर, मुझे बहूत ही ज्यादा हॉट और सेक्सी कहानी पढनी होती है तो मैं इस वेबसाइट पर आता हु, में एक गर्मागर्म देसी सेक्सी कहानी लेकर आया हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को यह बहुत पसंद आएगीआज मैं आपके लिए एक बहूत ही हॉट और मस्त चुदाई की कहानी लेके आया हु। विनोद की पत्नी सावित्री की मौत 2 साल पहले हो गयी थी। अब वो पैतलिश साल का एक असंतुष्ट आदमी था

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और अपने लौड़ा की गरमी निकालने के लिए नई बूर की तलाश में था। उसका एक बेटा रविश और एक बेटी दीपा थी। बेटी की शादी गौतम के साथ हो चुकी थी जो कि फौज में काम करता था। गौतम की पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में थी और दीपा से अलग रहने पर मज़बूर था। दीपा 19 साल की जवान औरत थी।। गोरी चिट्टी, गदराया हुआ बदन, भारी गांड , भरी हुई चूचियाँ, मोटे होंठ, लंबा कद और कसरती जांघे। कई बार तो सहदेव अपनी ही बेटी के जिस्म की कल्पना से उत्तेजित हो चुका था। वो एक ही शहर में होते हुए भी अपनी बेटी से कम ही मिलता क्योंकि वो नहीं चाहता था कि उसका हाथ अपनी ही बेटी पर लगकर इस पवित्र रिश्ते को तोड़ डाले।

रविश ने भी अपनी प्रेमिका मोनिका से शादी करके घर बसा लिया था। मोनिका एक साँवली 20 साल की लड़की थी।। बिल्कुल स्लिम, सेक्सी आँखें, लंबी टाँगें और भरा हुआ जिस्म। मोनिका की ज़िद थी कि वो अलग घर में रहेगी।। तो रविश ने अलग घर ले लिया था। विनोद अब अकेलेपन का शिकार हो रहा था कि अचानक एक दिन उसकी बहू मोनिका का फोन आया और वो बोली कि पापा जी आप यहाँ पर चले आइए।।

मुझे आपकी ज़रूरत है। रविश ने मुझे धोखा दिया है और में आपके बेटे से तलाक़ चाहती हूँ।। आप अभी चले आये पापा जी।आप ये कहानी Sexstorian.com पर पड़ रहे है। तभी विनोद जल्दी से अपने बेटे के घर पहुँचा तो देखा कि मोनिका ने रो रो रोकर अपना बुरा हाल कर लिया था। फिर विनोद उसके पास आया और पूछने लगा कि बेटी क्या हुआ? रोना बंद करो अब और मुझे पूरी बात बताओ बेटी।। तू घबरा नहीं।।

तेरे पापा जी हैं ना? शाबाश बेटी मुझे सारी बात बताओ? लेकिन मोनिका कुछ नहीं बोली बल्कि उसने तस्वीरों का एक लिफ़ाफ़ा अपने ससुर की तरफ बढ़ा दिया। फिर विनोद ने एक नज़र जब तस्वीरों पर डाली तो हक्का बक्का रह गया। रविश क़िसी पराई औरत को चोद रहा था और उसकी हर तस्वीर साफ थी और एक तस्वीर में वो औरत रविश का लौड़ा चूस रही थी तो दूसरी में रविश उसकी गांड चाट रहा था, बूर चूम रहा था और तस्वीरें बिल्कुल साफ थी और उस औरत की शक्ल भी जानी पहचानी लग रही थी। वो औरत भी बहुत सेक्सी थी। गोरी, गदराया हुआ बदन, 25-26 साल की हसीना थी। फिर विनोद बोला कि बेटी यह औरत कौन है? कब से चल रहा है ये सब कुछ?

फिर मोनिका बोली कि पापा जी क्या आप नहीं जानते इस औरत को? ये रीना है।। मेरी भाभी जिसको आपके बेटे ने फंसाया हुआ है। आपका बेटा मुझसे और मेरी सग़ी भाभी से शारीरिक संबंध बनाए हुए है। तभी विनोद कहने लगा कि यह शरम की बात है उसको मर जाना चाहिए।। जो अपनी बहन समान भाभी को चोद रहा है और दिन रात उसके साथ चिपका रहता है। तभी मोनिका बोली कि हाँ पापा जी और में यहाँ करवटें बदलती रहती हूँ। तभी विनोद की नज़र अब अपनी बहू के रोते हुए चेहरे पर से ऊपर नीचे होते हुए सीने पर जा रुकी। मोनिका का कमीज़ बहुत नीचे गले का था और उसके सीने का उभार आधे से अधिक बाहर खनक रहा था। तभी बूब्स की गहरी घाटी देखकर ससुर का दिल बहक उठा और विनोद जानता था

कि जब औरत के साथ बेवफ़ाई हो रही हो तो वो गुस्से और जलन में कुछ भी कर सकती है। इस वक्त उसकी बहू को कोई भी ज़रा सी हमदर्दी जता कर चोद सकता था और अगर कोई भी चोद सकता था तो फिर विनोद क्यों नहीं? और ऐसा माल बाहर वाले के हाथ क्यों लगे? और बेटे की पत्नी उसके बाप के काम क्यों ना आए?आप ये कहानी Sexstorian पर पढ़ रहे है। फिर विनोद बोला कि बेटी घबरा मत।। में हूँ ना तेरी हर तरह की मदद के लिए। बोलो कितने पैसे चाहिए तुझे।। दस लाख, बीस लाख।।

में तुझे इतना धन दूँगा कि तुझे कोई कमी ना रहेगी और कभी रविश के आगे हाथ नहीं फैलने पड़ेंगे। बस तुम मेरे घर की इज़्ज़त रख लो और रविश की बात किसी से मत कहना और तुझे जब भी किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझे बुला लेना। सहदेव ने कहा और अपनी बहू को बाहों में भर लिया। रोती हुई बहू उसके सीने से चिपक गयी और जब मोनिका का गरम जिस्म ससुर के साथ लिपटा तो एक करंट उसके जिस्म में दौड़ गया जिसका सीधा असर उसके लौड़ा पर हुआ। तभी 45 साल के आदमी में पूरा जोश भर गया और उसने अपनी बहू को सीने से भींच लिया और उसके गालों को सहलाने लगा।

उधर जवान बहू ने जब इतने दिनों के बाद आदमी के जिस्म को स्पर्श किया तो उसकी बूर में भी एक आग सी मच गयी और वो एक मिनट के लिए भूल गयी कि विनोद उसका पति नहीं बल्कि पति का बाप था। विनोद ने बहू को गले से लगाया हुआ था और फिर वो सोफे पर बैठ गया और मोनिका उसकी गोद में। जब अपने ससुर के लौड़ा की चुभन बहू के बूरड़ पर होने लगी तो बहू भी रोमांचित हो उठी और वैसे भी ससुर ने पैसे देने का वादा तो कर लिया था। अब उसकी जिस्मानी ज़रूरतों की बात थी तो वो सोचने लगी कि क्यों ना रविश से बदला लेने के लिए उसके बाप को ही अपने जाल में फंसा लूँ?

पापा जी का लौड़ा तो बहुत मोटा ताज़ा महसूस हो रहा है।। अगर मदारचोद रविश ने मेरी भाभी को फंसाया है तो क्यों ना में उसके बाप को अपना पालतू चोदू आदमी बना लूँ? और वैसे भी बुजुर्ग आसानी से पट जाते हैं और फिर औरत को एक जानदार लौड़ा तो चाहिए ही। अब तरकीब लगानी है कि ससुर जी को कैसे लाईन पर लाया जाए? और उसके लिए खुल जाना बहुत ज़रूरी है।आप ये कहानी Sexstorian.com पर पड़ रहे है। तभी मोनिका अपनी स्कीम पर मुस्कुरा उठी और कहने लगी कि मेरे प्यारे पापा जी, आप कितना ख्याल रखते हैं अपनी बहू का? में आपकी बात मानूँगी और घर की बात बाहर नहीं जाने दूँगी।।

यह बात कहते हुए उसने प्यार से अपने ससुर के होंठों को चूम लिया। विनोद भी औरतों के मामले में बहुत समझदार था और जनता था कि उसकी बहू को चोदने में कोई मुश्किल नहीं आएगी। तभी उसका लौड़ा उसकी बहू के बूरड़ में घुसने लगा तो बहू भी शरारत से बोली कि पापा जी ये क्या चुभ रहा है मुझे? शायद कोई सख्त चीज़ मेरे कूल्हों में चुभ रही है। फिर विनोद बड़ी बेशर्मी से हंस कर बोला कि बेटी तुझे धन के साथ साथ इसकी भी बहुत ज़रूरत पड़ेगी।। धन बिना तो तू रह लेगी लेकिन लौड़ा के बिना रहना बहुत मुश्किल होगा।। मेरी प्यारी बेटी को इसकी ज़रूरत बहुत रहेगी और बेटे का तो ले चुकी है अब अपने पापा जी का भी लेकर देख लो और अगर तुझे खुश ना कर सका तो जिसको मर्ज़ी अपना यार बना लेना।

तभी विनोद का हाथ सीधा बहू की बूब्स पर जा टिका और बहू मुस्कुरा पड़ी और उसने अपने ससुर के लौड़ा पर हाथ रखा तो लौड़ा फूंकार उठा। पेंट में तंबू बन चुका था। तभी मोनिका समझ गयी थी कि अब बेटे के बाद बाप को ही अपना पति मान लेने में भलाई है। फिर विनोद ने बहू के सर पर हाथ फैरते हुए कहा कि रानी बेटी अब ज़िप भी खोल दो ना और देख लो अपने पापा जी का हथियार और अपने कपड़े उतार फेंको और मुझे भी अपना खज़ाना दिखा दो। तभी बहू ने झट से ज़िप खोल दी और पापा जी की अंडरवियर नीचे सरकाते हुए लौड़ा को अपने हाथों में ले लिया और कहने लगी कि पापा जी आपका लौड़ा तो आग की तरह दहक रहा है।।

लगता है माँ जी के जाने के बाद से यह बेचारा प्यासा है। खैर अब में आ गयी हूँ इसका ख्याल रखने के लिए। ये बहुत बैचेन हो रहा है अपनी बहू को देख कर। फिर विनोद ने भी अब अपना हाथ कमीज़ के गले में डालकर मोनिका की बूब्स भींच ली और उसके निप्पल को मसलने लगा। तभी जल्दी जल्दी दोनों प्यासे जिस्म नंगे होने को बेकरार हो रहे थे और बहू ने ससुर की पेंट नीचे सरका दी और उसके लौड़ा को किस करने लगी। फिर विनोद बोला कि बेटी तेरे पापा जी का कैला कैसा है स्वाद पसंद आया? लेकिन बहू तो बस कैला खाने में मग्न हो चुकी थी। फिर मोनिका बोली कि पापा जी मेरा मन तो कैले के साथ आपके आंड भी खा जाने को कर रहा है।। कितने भारी हो चुके है यह आंड।।

इनका पूरा रस मुझे दे दो आज पापा जी प्लीज।आप ये कहानी Sexstorian.com पर पड़ रहे है। तभी विनोद बोला कि इनका रस तुझे मिल जाएगा लेकिन उसके लिए तुमको पूरा नंगा होना पड़ेगा और अपने पापा जी को अपने जिस्म का हर अंग दिखना पड़ेगा ताकि तेरे पापा जी तुझे प्यार कर सकें। अपनी बेटी के अंग अंग को चूम सकें, सहला सकें और अपना बना सकें। बेटी आज मुझे अपने जिस्म की खूबसूरती दिखा दो। मुझे तो कल्पना करने से ही उतेज्ना हो रही है। मेरी रानी बेटी।। आज तेरी फिर से सुहागरात होने वाली है

अपने पापा जी के साथ। आज हम दो जिस्म एक जान हो जाने वाले हैं। बेटी क्या घर में विस्की है? लेकिन मुझे अपनी किस्मत पर विश्वास नहीं हो रहा।। अपनी रानी बेटी को आज नागन रूप में देखकर कहीं में मर ना जाऊ? में अपना मन मज़बूत करने के लिए दो घूँट पी लूँ तो बहुत अच्छा होगा। आज मेरी अप्सरा जैसी बेटी मेरी हो जाएगी बेटी तुम कपड़े उतार लो और ज़रा विस्की ले आना मोनिका मुस्कुराती हुई उठी और दूसरे रूम में चली गयी।

फिर 10 मिनट के बाद जब वो लौटी तो केवल काली पेंटी और ब्रा में थी और विनोद पूरी तरह से नंगा था। वो अपने लौड़ा को मुठिया रहा था और वासना भरी नज़र से मोनिका को घूर रहा था और मोनिका का सांवला जिस्म देखकर उसका लौड़ा आसमान की तरफ उठा हुआ था। कसी हुई पेंटी में उसकी बहू की बूर उभरी हुई थी और बूब्स तो ब्रा को फाड़कर बाहर आने को उतावली हो रही थी।

मोनिका के हाथ में ट्रे थी जिसमे दारू की बॉटल रखी हुई थी जो उसने टेबल पर रखी और पापा जी के लिए पेक बनाने लगी। तभी सहदेव ने अपना एक हाथ आगे बड़ाकर उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और वो मचल गयी।। लेकिन मुस्कुरा पड़ी। पापा जी ने अपनी बहू की बूब्स को मसल दिया और बोली कि बेटी क्या मेरा बेटा भी तेरी बूब्स को इतना प्यार करता है? इसको चूसता है? और बेटी तुम भी तो एक पेक पी लो।। अपने लिए भी पेक बनाओ।आप ये कहानी Sexstorian.com पर पड़ रहे है।

तभी मोनिका पहले झिझकी लेकिन फिर दूसरे ग्लास में दारू डालने लगी और जब पेक बन गये तो सहदेव ने बहू को गोद में बैठा लिया और अपने हाथ से पिलाने लगा। फिर वो कहने लगी कि पापा जी जब में पी लेती हूँ तो मेरी कामुकता बहुत बड़ जाती है और में अपने होश में नहीं रहती। तभी विनोद मुस्कुरा कर बोला कि बेटी आज होश में रहने की ज़रूरत भी नहीं है और मुझे ज़रा अपने दूध पी लेने दो। ऐसी कड़क बूब्स मैंने आज तक नहीं देखी है और विनोद वो बूब्स चूसने लगा।। जिसको कभी उसका बेटा चूसा रहा था। तभी ग्लास ख़त्म हुआ तो विनोद मस्ती में भर गया और उसने अपनी बहू को अपने सामने खड़ा किया और अपने होंठ उसकी फूली हुई बूर पर रख दिए और पेंटी के ऊपर से ही किस करने लगा।

मोनिका कहने लगी कि पापा जी क्या एसे ही करते रहोगे या फिर बेटिंग भी करोगे? मैंने आपके लिए पिच से घास साफ कर रखी है दिखाऊँ क्या? विनोद जोर से हंस पड़ा। क्योंकि चुदाई में बेशर्मी बहुत ज़रूरी होती है और उसकी लौड़ा की प्यासी बहू बेशर्म हो रही थी। वो कहने लगा कि बेटी मेरा लौड़ा कैसा लगा? और में भी देखता हूँ कि तेरा पिच तैयार है।। सेंचुरी बनाने के लिए या नहीं?

पिच से खुश्बू तो बहुत बढ़िया आ रही है और यह कहते हुए उसने पेंटी की इलास्टिक को बहू के कूल्हों से नीचे सरका दिया और तभी कसे हुए बूरड़ नंगे हो उठे और शेव की हुई बूर विनोद के सामने मुस्कुरा उठी। विनोद ने धीरे से पेंटी को बहू की कसी हुई जांघों से नीचे गिरा दिया और अपने बेटे की पत्नी की बूर को प्यार से निहारने लगा। बूर के उभरे हुए होंठ मानो आदमी के स्पर्श के लिए तरस गये हों। फिर विनोद ने एक सिसकी भरकर अपना हाथ बूर पर फैरा और फिर अपने होंठ बूर पर रख दिए। बूर मानो आग में दहक रही हो। फिर मोनिका कहने लगी कि ओह पापा जी मेरे प्यारे पापा जी क्यों आग भड़का रहे हो? इस प्यासी बूर की प्यास बुझा दो ना।। प्लीज। अब आप ही इस जवान बूर के मालिक हो।।

इसको चूसो, चाटो, चोदो, लेकिन अब देर मत करो पापा जी।। में मरी जा रही हूँ। फिर विनोद ने बहू के बूरड़ कसकर थाम लिए और जलती हुई बूर में जीभ घुसाकर चूसने लगा। जवान बूर के नमकीन रस की धारा ने उसकी जीभ का स्वागत किया जिसको विनोद पीने लगा। आप ये कहानी Sexstorian.com पर पड़ रहे है। बहू ने अपनी जांघे खोल दी जिससे ससुर के मुहं को चूसने में आसानी हो और कामुक ससुर किसी कुत्ते की तरह बूर चूसने लगा और उधर मोनिका की वासना भड़की हुई थी और वो अपने ससुर के लौड़ा को चूसने के लिए उतावली और गरम हो रही थी।तभी मोनिका कहने लगी कि पापा जी मुझे बिस्तर पर ले चलो।। मुझे भी आपका कैला खाना है आपके बेटे को तो मेरी परवाह नहीं है।।

उस बहनचोद ने तो मेरी भाभी को ही मेरी सौतन बना रखा है। आप मुझे चोदकर रविश की माँ का दर्जा दे दो पापा जी।। प्लीज। उधर विनोद बहू की बूर से मुहं हटाने वाला नहीं था।। लेकिन बहू का कहा भी टाल नहीं सकता था। तभी कामुक ससुर ने अपनी नग्न बहू के जिस्म को बाहों में उठाया और अपने बेटे के बिस्तर पर ले गया। बहू का नंगा जिस्म बिस्तर पर फैला हुआ देखकर विनोद नंगा हो गया और इतनी सेक्सी औरत तो उसकी सग़ी बेटी भी होती तो आज वो उसको भी चोद देता। विनोद अपनी बहू पर उल्टी दिशा में लेट गया था तो उसका लौड़ा बहू के मुहं के सामने था और बहू की बूर पर उसका मुहं झुक गया। मोनिका समझ गयी कि उसे क्या करना है। उसने दोनों हाथों में ससुर जी का लौड़ा थाम लिया और उस आग के शोले को मुहं में भर लिया और मोनिका विनोद के सूपाड़े को चाटने लगी। लौड़ा को चूसते हुए उस पर दाँत से भी काटने लगी और अंडकोष को मसलने लगी।

उधर ससुर भी अपनी जीभ बहू की बूर की गहराई में मुहं घुसाकर चुदाई करने लगा। दोनों कामुक जिस्म मुहं से चुदाई करते हुए सिसकियाँ भरने लगे।। आहह उूुुउफ आआहह… तभी सहदेव को लगा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो जल्दी ही झड़ जाएगा। इसलिए उसने बहू को अपने आप से अलग कर लिया और उसने बहू को लेटा लिया और उसकी जांघों को खोल कर ऊपर उठा दिया। फिर उसने अपना सुपाड़ा मोनिका की बूर पर टिकाया और बूर पर रगड़ने लगा और मोनिका सिसकियाँ भरने लगी और कहने लगी कि उफफफफफ्फ़ अहह पापा जी क्यों इतना तरसा रहे हो? डाल दो ना और वो कराह उठी।।

पापा जी चोद डालो अपनी बहू को।। आपकी बहू की बूर मस्ती से भरी पड़ी है।। मसल डालो अपनी बेटी की प्यासी बूर को और जो काम आपका बेटा ना कर सका आज आप कर डालो। पापा जी अब जल्दी से चोदना शुरू करो।। मेरी बूर जल रही है। तभी सहदेव ने अपना सुपाडा मोनिका की बूर पर टिकाया और बूर पर रगड़ने लगा। उफफफफफ्फ़ पापा जी।। क्यों तरसा रहे हो? डाल दो ना प्लीज कहते हुए बहू ने ससुर के लौड़ा को अपनी दहकती हुई बूर पर रखकर बूरड़ ऊपर उछाल दिए और लोहे जैसा लौड़ा बूर में समाता चला गया। ऊऊऊऊऊऊऊऊहह।। आआअहह।। मर गयी।। में माँ डाल दो पापा जी।। शाबाश पापा जी चोद डालो मुझे।। मेरी बूर जल रही है। आप ये कहानी Sexstorian.com पर पड़ रहे है। तभी मोनिका की बूर से इतना पानी बह रहा था कि लौड़ा आसानी से बूर की गहराई में उतर गया और बहू ने अपनी टाँगें पापा जी की कमर पर कस दी और वो अपनी गांड उछालने लगी। ससुर बहू की साँस भी बहुत भारी हो चुकी थी

और दोनों कामुक सिसकियाँ भर रहे थे। तभी सहदेव ने बहु की बूब्स को ज़ोर से मसलते हुए धक्कों की स्पीड बढ़ा डाली और लौड़ा फ़चा फ़च बूर के अंदर बाहर होने लगा। फिर सहदेव ने बहू के निप्पल चूसना शुरू किया तो वो बेकाबू हो गयी और पागलों की तरह चुदवाने लगी। वाह! पापा जी वाह चोद डालिए मुझे।। चोद डालो अपनी बहू की बूर।। चोदो अपनी बेटी को पापा जी।। आह्ह पापा जी।फिर पापा जी ने भी जोश में आकर धक्के और तेज़ कर दिए और इतनी जवान बूर सहदेव ने आज तक नहीं चोदी थी। ऐसा बढ़िया माल उसे मिला भी तो अपने ही घर में और उत्तेजना में उसने बहू के निप्पल को काट लिया तो बहू चिल्ला उठी आआआअहह ऊऊऊऊओह ईईईईईईी माँआआ। बहू पूरी तरह से होश खो चुकी थी

मदहोश हो होकर अपने ससुर की चुदाई का मज़ा ले रही थी। पूरा कमरा कामुक सिसकियों से गूँज रहा था। मुझे मार डाला आपने पापा जी आआअहह में जन्नत में पहुँच गयी। तभी सहदेव ने अपना लौड़ा बहू की बूर की गहराईयों में उतार दिया और पागलों की तरह चोदने लगा और बहू ससुर चुदाई के परम आनंद में डूब चुके थे ससुर का लौड़ा तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था और बहू की बूर की दीवारों ने उसको जकड़ रखा था। तभी बहू ने बिखरती साँसों के बीच कहा अह्ह्ह मर गयी में। मेरे राजा पापा जी चोदो मुझे और ज़ोर से मेरे पापा जी आज मेरी बूर की तृप्ति कर डालो।। आज मुझे निहाल कर दो अपने मूसल लौड़ा के साथ मुझे चोद दो मेरे पापा जी।। मेरी बूर किसी भी वक्त पानी छोड़ सकती है।

फिर विनोद का भी समय नज़दीक ही पहुँच चुका था और वो बहू को जकड़ कर अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदाई में लग गया और कमरे में फ़चा फ़च की आवाज़ें गूँज रहीं थी। उसने पूरे ज़ोर से धक्के मारते हुए कहा कि बहु मेरी रानी बेटी चुदवा ले मुझसे। अब ज़ोर लगा कर मेरा लौड़ा भी झड़ने के पास ही है।। ले लो इसको अपनी बूर की गहराई में मेरा लौड़ा अब तेरी बूर में अपना पानी छोड़ने वाला है। मेरी रानी बेटी तेरी बूर ग़ज़ब की टाईट है।। में सदा ही तेरी बूर को चोदने का वादा करता हूँ।। मेरी रानी लो में झड़ा शीहहह।। मेरी बेटी मेरा लौड़ा तेरी बूर में पानी छोड़ रहा है। मेरा रस समा रहा है तेरी प्यारी बूर में में झड़ा आआह्ह्ह्ह और इसके साथ ही उसके लौड़ा ने और मोनिका की बूर ने एक साथ पानी छोड़ना शुरू कर दिया और दोनों निढाल होकर एक दूसरे से लिपट कर सो गये। दोस्तों इस तरह ससुर और बहू की चुदाई की शुरुआत हुई।। जो कि आज तक भी जारी है।कैसी लगी ससुर और बहू की चुदाई स्टोरी, Sexstorian.com पर, आशा करता हु की मैं जल्द ही एक और बहूत ही हॉट चुदाई की कहानी लेके आने बाला हु.

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तो प्यारे मित्रो कैसी लगी मेरी ये:  Antarvasna Story- ससुर बहू की चुदाई की कहानी, अंतरवासना सेक्स कहानी मुझे जरूर बताये.

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